पिछले कुछ दिनों से बॉलीवुड में ऐसी फिल्में बन रही हैं जो आम जिंदगी की समस्या को लेकर सामने आ रही हैं और बेहद टैलेंटेड एक्टर्स के साथ कुछ नए सब्जेक्ट पर फिल्में बन रही हैं. कहने को तो ये फिल्में नए सब्जेक्ट पर हैं पर असल में ये हमारे समाज के बहुत पुराने रिवाजों, रूढ़ीवादी सोच, मान्यताओं और अंधविश्वासों को लेकर बन रही हैं जिन्हें कॉमेडी के रूप में दिखाया जाता है. इसमें हिंदी मीडियम, स्त्री, विक्की डोनर जैसी फिल्में शामिल हैं और अब इसी कड़ी में एक फिल्म और आ रही है. वो है आयुष्मान खुराना की 'बधाई हो'. इस फिल्म का टॉपिक बहुत अनूठा है. फिल्म में आयुष्मान खुराना की मम्मी यानी नीना गुप्ता प्रेग्नेंट हो जाती हैं.
जी हां, एक जवान लड़के की मां प्रेग्नेंट हो जाती है. फिल्म का ट्रेलर शुरू होता है गिरिराज राव के डायलॉग से जो अपने परिवार को बता रहे हैं कि उनके घर में एक मेहमान आने वाला है. एक छोटा मेहमान.
आयुष्मान के परिवार में एक भाई है, एक दादी और मम्मी-पापा. आयुष्मान की एक गर्लफ्रेंड भी हैं जो सनाया मल्होत्रा (दंगल की बबिता फोगट) हैं. उनकी मां है शीबा चड्ढा. सभी किरदार एक बेहतरीन कहानी कह रहे हैं. ट्रेलर में कई पंच लाइन हैं और शर्मिंदा मां-बाप और बेटे के किरदार में नीना गुप्ता, गिरिराज राव और आयुष्मान खुराना बेहद अच्छे लग रहे हैं. फिल्म एक लाइट कॉमेडी लग रही है जिसमें समाज की एक बेहद गंभीर समस्या को दिखाया गया है.
आयुष्मान अपनी गर्लफ्रेंड के साथ इंटिमेट हो रहे होते हैं और कहते उनसे पूछते हैं, 'तू ही बता यार, ये भी कोई मम्मी पापा के करने की चीज़ है?' आयुष्मान खीजे हुए से दिखते हैं. उनकी गर्लफ्रेंड की मम्मी भी आयुष्मान के परिवार को सर्कस कहती हैं. ट्रेलर...
पिछले कुछ दिनों से बॉलीवुड में ऐसी फिल्में बन रही हैं जो आम जिंदगी की समस्या को लेकर सामने आ रही हैं और बेहद टैलेंटेड एक्टर्स के साथ कुछ नए सब्जेक्ट पर फिल्में बन रही हैं. कहने को तो ये फिल्में नए सब्जेक्ट पर हैं पर असल में ये हमारे समाज के बहुत पुराने रिवाजों, रूढ़ीवादी सोच, मान्यताओं और अंधविश्वासों को लेकर बन रही हैं जिन्हें कॉमेडी के रूप में दिखाया जाता है. इसमें हिंदी मीडियम, स्त्री, विक्की डोनर जैसी फिल्में शामिल हैं और अब इसी कड़ी में एक फिल्म और आ रही है. वो है आयुष्मान खुराना की 'बधाई हो'. इस फिल्म का टॉपिक बहुत अनूठा है. फिल्म में आयुष्मान खुराना की मम्मी यानी नीना गुप्ता प्रेग्नेंट हो जाती हैं.
जी हां, एक जवान लड़के की मां प्रेग्नेंट हो जाती है. फिल्म का ट्रेलर शुरू होता है गिरिराज राव के डायलॉग से जो अपने परिवार को बता रहे हैं कि उनके घर में एक मेहमान आने वाला है. एक छोटा मेहमान.
आयुष्मान के परिवार में एक भाई है, एक दादी और मम्मी-पापा. आयुष्मान की एक गर्लफ्रेंड भी हैं जो सनाया मल्होत्रा (दंगल की बबिता फोगट) हैं. उनकी मां है शीबा चड्ढा. सभी किरदार एक बेहतरीन कहानी कह रहे हैं. ट्रेलर में कई पंच लाइन हैं और शर्मिंदा मां-बाप और बेटे के किरदार में नीना गुप्ता, गिरिराज राव और आयुष्मान खुराना बेहद अच्छे लग रहे हैं. फिल्म एक लाइट कॉमेडी लग रही है जिसमें समाज की एक बेहद गंभीर समस्या को दिखाया गया है.
आयुष्मान अपनी गर्लफ्रेंड के साथ इंटिमेट हो रहे होते हैं और कहते उनसे पूछते हैं, 'तू ही बता यार, ये भी कोई मम्मी पापा के करने की चीज़ है?' आयुष्मान खीजे हुए से दिखते हैं. उनकी गर्लफ्रेंड की मम्मी भी आयुष्मान के परिवार को सर्कस कहती हैं. ट्रेलर में एक दादी मां भी हैं, सुरेखा सीकरी (वही बालिका वधु वाली दादी सा) जो अपने बेटे से झेंपते हुए कहती हैं कि , 'अब समझ आ रही, क्यों बहू का बदन टूटा करे है रोज सुबह.'
फिल्म का हर किरदार झेंप रहा है, कई लोग चुटकी ले रहे हैं और नीना गुप्ता और गिरिराज राव अपनी सेक्स लाइफ को लेकर बुरा फील कर रहे हैं क्योंकि उनकी उम्र हो चुकी है. पर क्या वाकई एक उम्र के बाद सेक्स करना या बच्चों को जन्म देना गलत माना जाता है? क्या बड़ी उम्र में बच्चे को जन्म देना बेहद शर्मिंदगी का काम है?
चलिए इस बात के लिए एक उदाहरण देते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा उम्र में मां बनने का गिनीज रिकॉर्ड पंजाब की दलजिंदर कौर के नाम है. दलजिंदर ने IVF तकनीक का इस्तेमाल कर 72 साल की उम्र में एक बेटे को जन्म दिया.
पेंशन पाने की उम्र में उन्होंने एक बेटे को जन्म दिया और अपने बेटे को लेकर वो गर्व से कह चुकी हैं कि इसमें कोई शर्मिंदगी नहीं है. तो क्या दलजिंदर कौर को भी समाज की स्वीकृति का इंतजार करना चाहिए था?
हमारे देश में ये माना जाता है कि अगर एक जोड़ा 35 पार कर गया है तो उसकी सेक्स लाइफ तो होती ही नहीं है, उसे बच्चे पैदा करने का कोई अधिकार नहीं. क्या एक उम्र के बाद इंसान की इच्छाएं खत्म हो जाती हैं? इसका जवाब है नहीं. पर हां इच्छाएं समाज के दायरे में आकर दबा जरूर ली जाती हैं. इसे हमारे बड़े गलत मानते हैं, हमारे बच्चों के हिसाब से माता-पिता के लिए ये सब करना गलत है, लेकिन असल में ये सिर्फ मानव इच्छाएं ही हैं.
2017 में नीना गुप्ता और जैकी श्रॉफ की ही एक शॉर्ट फिल्म आई थी खुजली जिसमें एक मिडिल एज जोड़े की सेक्स लाइफ के बारे में बात की गई थी.
असल में यही है हमारे समाज की सच्चाई. किसी उम्र दराज जोड़े के लिए ये बहुत आम बात है कि पति-पत्नी को एक दूसरे के सानिध्य में अच्छा लगे, लेकिन इसे सामाजिक तौर पर सही नहीं माना जाता है.
खैर, अगर इस सबको छोड़ें और सिर्फ फिल्म 'बधाई हो' पर गौर करें तो यकीनन एक अच्छी एंटरटेनिंग फिल्म लग रही है. हां, जो ट्रेलर में झलक दिखाई गई है वो पूरी फिल्म में होनी चाहिए. सामाजिक सोच को दिखाने के साथ-साथ दर्शकों को हसाने में अगर ये ट्रेलर कामियाब हुआ है तो फिल्म से काफी उम्मीदें बंध गई हैं.
ये भी पढ़ें-
अगर 'खान' से ऊपर नहीं उठेगा बॉलीवुड तो ऑस्कर का सपना कैसे पूरा होगा?
10 फिल्में, जिनकी एक झलक समलैंगिकों के प्रति आपका नजरिया बदल देंगी
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.