बच्चों के बीच 'बार्बी' डॉल हमेशा से मशहूर रही है. हर बच्चे के बचपन का हिस्सा रही है. 9 मार्च, 1959 को पहली बार इसे बाजार में लॉन्च किया गया था. उसके करीब 60 साल बाद अब बार्बी डॉल अब रूपहले पर्दे पर जीवंत हो उठी है. इस नया जीवन देने का काम ग्रेटा गेरविग ने किया है, जो कि 'नाइट्स एंड वीकेंड्स', 'लेडी बर्ड' और 'लिटिल वुमन' जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हैं. उनकी नई फिल्म 'बार्बी' दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में मार्गो रॉबी, रायन गोसलिंग, विल फेरेल और एम्मा मैकी लीड रोल में हैं. फिल्म को पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है. हालांकि, कुछ लोग इस पर एडल्ट होने का आरोप लगाकर इसकी बुराई भी कर रहे हैं. ऐसे में फिल्म के बारे में दर्शकों और समीक्षकों की क्या राय है, आइए इसे जानते हैं.
सोशल मीडिया पर अजीत अय्यर ने फिल्म 'बार्बी' को पांच स्टार देते हुए लिखा है, ''ये फिल्म एक प्यारी गुड़िया को जीवंत करती है जो सभी उम्र के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. एक प्रतिभाशाली टीम द्वारा निर्देशित, यह फिल्म एक दिल छू लेने वाली कहानी बुनते हुए बार्बी के कालातीत आकर्षण का सार अपनाती है, जो दर्शकों को प्रेरित करती है, उनका मनोरंजन करती है.'' दूसरे यूजर हैतवी शाह लिखते हैं, ''बार्बी अपने साथ रिलीज हुई फिल्म 'ओपेनहाइमर' बहुत बेहतर है. हालांकि मुझे शुरू में इतना यकीन नहीं था. लेकिन फिल्म देखने के बाद आवाक रह गया. निर्देशन से लेकर सिनेमैटोग्राफी तक इसक हर पक्ष मजबूत है. यह बहुत मजेदार और मनोरंजक है. बार्बी डॉल जिसके साथ हमने बचपन बिताया है, उसे पर्दे पर लाइव देखना बहुत रोमांचक था. हर उम्र के लोगों के ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आने वाली है.''
बच्चों के बीच 'बार्बी' डॉल हमेशा से मशहूर रही है. हर बच्चे के बचपन का हिस्सा रही है. 9 मार्च, 1959 को पहली बार इसे बाजार में लॉन्च किया गया था. उसके करीब 60 साल बाद अब बार्बी डॉल अब रूपहले पर्दे पर जीवंत हो उठी है. इस नया जीवन देने का काम ग्रेटा गेरविग ने किया है, जो कि 'नाइट्स एंड वीकेंड्स', 'लेडी बर्ड' और 'लिटिल वुमन' जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन कर चुकी हैं. उनकी नई फिल्म 'बार्बी' दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म में मार्गो रॉबी, रायन गोसलिंग, विल फेरेल और एम्मा मैकी लीड रोल में हैं. फिल्म को पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है. हालांकि, कुछ लोग इस पर एडल्ट होने का आरोप लगाकर इसकी बुराई भी कर रहे हैं. ऐसे में फिल्म के बारे में दर्शकों और समीक्षकों की क्या राय है, आइए इसे जानते हैं.
सोशल मीडिया पर अजीत अय्यर ने फिल्म 'बार्बी' को पांच स्टार देते हुए लिखा है, ''ये फिल्म एक प्यारी गुड़िया को जीवंत करती है जो सभी उम्र के दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है. एक प्रतिभाशाली टीम द्वारा निर्देशित, यह फिल्म एक दिल छू लेने वाली कहानी बुनते हुए बार्बी के कालातीत आकर्षण का सार अपनाती है, जो दर्शकों को प्रेरित करती है, उनका मनोरंजन करती है.'' दूसरे यूजर हैतवी शाह लिखते हैं, ''बार्बी अपने साथ रिलीज हुई फिल्म 'ओपेनहाइमर' बहुत बेहतर है. हालांकि मुझे शुरू में इतना यकीन नहीं था. लेकिन फिल्म देखने के बाद आवाक रह गया. निर्देशन से लेकर सिनेमैटोग्राफी तक इसक हर पक्ष मजबूत है. यह बहुत मजेदार और मनोरंजक है. बार्बी डॉल जिसके साथ हमने बचपन बिताया है, उसे पर्दे पर लाइव देखना बहुत रोमांचक था. हर उम्र के लोगों के ये फिल्म बहुत ज्यादा पसंद आने वाली है.''
फिल्म पत्रकार प्रियंका सिंह लिखती हैं, ''बच्चों की पसंदीदा रही बार्बी की दुनिया को उन पर बने खिलौने के जरिए जाना जाता है. बार्बी की दुनिया गुलाबी है. गुड़िया पर फिल्म बनाने का आइडिया ही बेहद रचनात्मक है. एक प्लास्टिक की गुड़िया कैसे अपनी दुनिया से निकलकर इंसानी भावनाओं को समझती है, उस सफर को मार्गो रॉबी ने बखूबी दर्शाया है. केन को भले ही गुड़िया की दुनिया में दमदार जगह न मिली हो, लेकिन इस फिल्म में केन का नजरिया भी दिखाया गया है. रायन गोसलिंग ने केन को शिद्दत से निभाया है. खिलौना कंपनी के मालिक के रोल में विल फैरेल हंसाते हैं. वियर्ड बार्बी के रोल में केट मैकिनन उन बार्बी डॉल का प्रतिनिधित्व करती हैं, जिनके चेहरे पर रंग लगाकर, उनके हाथ-पैर खिंचकर बच्चे खेलते हैं. फिल्म में बार्बी की वह डॉल भी दिखेंगी, जो अब मार्केट में नजर नहीं आती हैं.''
फिल्म समीक्षक रेखा खाने फिल्म 'बार्बी' के बारे में लिखा है, ''निर्देशक के रूप में ग्रेटा गेरविग की स्टोरी टेलिंग की दाद देनी होगी. उन्होंने बार्बी, जो खूबसूरत है और किसी भी उपलब्धि को हासिल कर सकती है, वह डॉक्टर, वकील, नोबल पुरस्कार विजेता, एस्ट्रोनॉट सभी कुछ हो सकती है, मगर जब वह खुद को बदसूरत और अयोग्य समझने लगती है, तब उसके आंसू और इमोशंस को अपनी कहानी और कथ्यों के जरिए वे बहुत ही खूबसूरती से दिखा पाई हैं. बार्बी की दूसरी खूबी है, उसका रंग-बिरंगा सेट डिजाइन, जिसे बार्बी के फेवरेट गुलाबी कलर से निखारा गया है. ग्रेटा भले नारीवाद की पैरवी करती दिखती हैं, लेकिन फिल्म के मनोरंजन के पलों में कमी नहीं आने देती. उनके विचित्र किरदार भी समा बांधे रहते हैं. जब भी कहानी अपने मुद्दे के कारण गंभीर होती है, निर्देशक उसे गानों और कॉमिडी के पंचेज से बोझिल होने से बचा लेती है.''
फिल्म एक्ट्रेस जूही परमार 'बार्बी' में आपत्तिजनक शब्दों और दृश्यों के इस्तेमाल से नाराज हैं. उनका कहना है कि वो अपनी बेटी के साथ फिल्म देखने गई थी, लेकिन 15 मिनट बाद ही थियेटर से बाहर आ गईं. क्योंकि वो अपनी बेटी को इस तरीके का कंटेंट नहीं दिखाना चाहती थीं. उन्होंने लिखा है, ''आपमें से कई लोग मेरी बातों से आज शायद सहमत न हों, कुछ लोगों को ये सुनकर गुस्सा भी आ सकता है, लेकिन आज मैं एक पैरेंट होने के नाते आपके साथ बार्बी फिल्म के बारे में कुछ शेयर करना चाहती हूं. वो गलती न करें जो मैंने की है और प्लीज अपने बच्चों को बार्बी दिखाने न ले जाएं. आखिर बच्चों के लिए बार्बी का कॉन्सेप्ट क्यों खराब किया? क्या इस फिल्म को किसी ऐसे तरीके से नहीं बनाया जा सकता था कि बच्चे अपनी पूरी फैमिली के साथ फिल्म देख सकें. काश मैं अपने मन से इस फिल्म की मेमोरी मिटा पाती और उसी बार्बी के कॉन्सेप्ट पर विश्वास कर पाती जिसे मैं बचपन से अब तक देखते आई हूं. काश मैं ये फिल्म अपनी बेटी के साथ देख पाती जो बार्बी की फैन है.''
शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत का कहना है कि इस फिल्म के गाने और डांस बॉलीवुड लेवल के नहीं हैं. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, ''हम अक्सर कहते रहते हैं कि हॉलीवुड फिल्में ऐसी होती हैं, अच्छी होती हैं, लेकिन हॉलीवुड बॉलीवुड की तरह गानें नहीं बना सकता और न ही वैसा डांस परफॉर्म कर सकता है. बॉलीवुड सिंगर सोना महापात्रा ने लिखा है, ''मैं लंबे समय के बाद बहुत मन से फिल्म देखने गई थी, लेकिन थिएटर में बैठकर इतनी देर तक बार्बी देखना बेहद मुश्किल था. टेरिबल बार्बी के साथ-साथ थिएटर में कई रियल-लाइफ बार्बीज भी थीं जो जोर-जोर से बातें कर रही थीं. इनकी वजह से फिल्म देखना और भी मुश्किल हो गया था.'' टीवी एक्टर जय भानुशाली लिखते हैं, ''जनहित में जारी एक सूचना देना चाहता हूं और सूचना ये है कि आपलोगों ने अभी तक इंटरनेट पर कुछ न कुछ वीडियोज़ देख ही लिए होंगे, जहां पर थिएटर में सब पिंक पहनकर जा रहे हैं, बार्बी फिल्म देखने के लिए. उनमें से मैं भी एक था. ये सब देखकर मैंने सोचा कि क्यों न मैं ये संडे अपनी बेटी को लेकर बार्बी फिल्म देखने जाऊं लेकिन यकीन कीजिए दोस्तो, ये ब*सीर है. बचा रहा हूं आपको. आपके पैसे बचा रहा हूं, आपका मानसिक संतुलन बचा रहा हूं क्योंकि इससे बुरी फिल्म मैंने आज तक नहीं देखी.''
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.