2012 में निर्देशक सुजॉय घोष ने एक फिल्म बनाई थी- 'कहानी'. जिसमें विद्या बालन प्रेगनेंट बनी थीं. इस फिल्म में एक किरदार ऐसा था जिसे इस फिल्म की सफलता का बराबर का हकदार माना जाता है. वो किरदार था एक कॉन्ट्रैक्ट किलर बॉब बिस्वास (Bob Biswas) का. इस किरदार को बंगाली सिनेमा के जाने माने एक्टर शाश्वत चटर्जी ने निभाया. ये शाश्वत की अदाकारी का ही कमाल था कि दर्शक बॉब बिस्वास के नाम से खौफ खाते हैं. 7 साल बाद सुजॉय इसी फिल्म का प्रीक्वल लेकर आ रहे हैं. जो फिल्म कहानी के बॉब बिस्वास पर ही केंद्रित होगा. लेकिन इस बार इस किरदार में शाश्वत चटर्जी नहीं बल्कि अभिषेक बच्चन होंगे. इस फिल्म को शाहरुख खान का रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्रड्यूस कर रहा है. शुक्रवार को अभिषेक ने फिल्म की शूटिंग भी शुरू कर दी है. हालांकि जब से लोगों को पता चला है कि शाश्वत चटर्जी बॉब बिस्वास के रोल में नजर नहीं आने वाले तब से लोग इस बात को लेकर अपना नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि जिस परफैक्शन के साथ शाश्वत चटर्जी ने बॉब का रोल निभाया, वैसा अभिषेक निभा पाएंगे.
असल में ये किरदार जितना खौफनाक था उतना ही मासूम भी लगता था. बॉब एक इन्श्योसेंस एजेंट था और उसके सामान्य और क्यूट से चेहरे को देखकर कोई ये नहीं कह सकता था कि वो एक कॉन्ट्रैक्ट किलर होगा. लेकिन बॉब बिस्वास ने लोगों की अंदर तक हिलाकर रख दिया था. हर कत्ल से पहले बॉब कहता- नोमोस्कार...एक मिनट और अपने शिकार को खत्म कर देता था. ये नोमोस्कार बहुत समय तक चर्चा में रहा था. बॉब बिस्वास फिल्म में कुछ ही देर के लिए आया, लेकिन छाप छोड़ने के लिए उतना समय काफी था. इसीलिए सुजॉय दोबारा सिर्फ बॉब बिस्वास पर ही फिल्म बनाने को मजबूर हुए. कि आखिर...
2012 में निर्देशक सुजॉय घोष ने एक फिल्म बनाई थी- 'कहानी'. जिसमें विद्या बालन प्रेगनेंट बनी थीं. इस फिल्म में एक किरदार ऐसा था जिसे इस फिल्म की सफलता का बराबर का हकदार माना जाता है. वो किरदार था एक कॉन्ट्रैक्ट किलर बॉब बिस्वास (Bob Biswas) का. इस किरदार को बंगाली सिनेमा के जाने माने एक्टर शाश्वत चटर्जी ने निभाया. ये शाश्वत की अदाकारी का ही कमाल था कि दर्शक बॉब बिस्वास के नाम से खौफ खाते हैं. 7 साल बाद सुजॉय इसी फिल्म का प्रीक्वल लेकर आ रहे हैं. जो फिल्म कहानी के बॉब बिस्वास पर ही केंद्रित होगा. लेकिन इस बार इस किरदार में शाश्वत चटर्जी नहीं बल्कि अभिषेक बच्चन होंगे. इस फिल्म को शाहरुख खान का रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्रड्यूस कर रहा है. शुक्रवार को अभिषेक ने फिल्म की शूटिंग भी शुरू कर दी है. हालांकि जब से लोगों को पता चला है कि शाश्वत चटर्जी बॉब बिस्वास के रोल में नजर नहीं आने वाले तब से लोग इस बात को लेकर अपना नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं. क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि जिस परफैक्शन के साथ शाश्वत चटर्जी ने बॉब का रोल निभाया, वैसा अभिषेक निभा पाएंगे.
असल में ये किरदार जितना खौफनाक था उतना ही मासूम भी लगता था. बॉब एक इन्श्योसेंस एजेंट था और उसके सामान्य और क्यूट से चेहरे को देखकर कोई ये नहीं कह सकता था कि वो एक कॉन्ट्रैक्ट किलर होगा. लेकिन बॉब बिस्वास ने लोगों की अंदर तक हिलाकर रख दिया था. हर कत्ल से पहले बॉब कहता- नोमोस्कार...एक मिनट और अपने शिकार को खत्म कर देता था. ये नोमोस्कार बहुत समय तक चर्चा में रहा था. बॉब बिस्वास फिल्म में कुछ ही देर के लिए आया, लेकिन छाप छोड़ने के लिए उतना समय काफी था. इसीलिए सुजॉय दोबारा सिर्फ बॉब बिस्वास पर ही फिल्म बनाने को मजबूर हुए. कि आखिर बॉब बिस्वास बॉब बिस्वास बना कैसे.
रियल लाइफ के serial killer जिपर किसी को यकीन नहीं हुआ
फिल्मों की कहानी तो कहानी है, कोरी कल्पना है. लेकिन इस काल्पनिक किरदार ने फिल्म में लोगों को न सिर्फ चौंकाया बल्कि डराया भी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिल्मों के बाहर भी ऐसे कई कातिल और सीरियल किलर हुए हैं जिन्हें देखकर किसी को भी यकीन नहीं हुआ था कि वो इतने खतरनाक थे. मिलते हैं ऐसे ही कुछ बॉब बिस्वास से जिनपर विश्वास नहीं होगा.
सायनाइड मोहन-
प्राइमरी स्कूल के एक टीचर मोहन कुमार को साइनाइड मोहन के नाम से जाना जाता है. वो लड़कियों को साथ संबंध बनाता और उन्हें गर्भनिरोधक गोलियां खाने को देता था. लेकिन वो गोलियां असल में साइनाइड की गोलियां थीं. 2005-09 तक उसने 20 महिलाओं की हत्या की थी. दिसंबर 2013 में उसे फांसी दे दी गई.
2. देवेन्द्र शर्मा-
पेशे से देवेन्द्र एक आयुर्वेदिक डॉक्टर था लेकिन ज्यादा पैसा पाने के लिए वो कार चोरी करके उन्हें बेच देता था और इसके लिए उसे खून भी करना पड़े तो कर देता था. 2002-04 में उसने यूपी, गुणगांव और राजस्थान के इलाकों से कारें चुराईं और करीब 30-40 ड्राइवरों की हत्याएं कीं.2008 में उसे फांसी हो गई.
3. सायनाइड मल्लिका-
बेंगलोर की 45 साल की महिला केडी केमपम्मा ने 1999-2007 तक 6 महिलाओं की हत्या की. ये उन महिलाओं को अपना शिकार बनाती थी जो जिंदगी में किसी न किसी समस्या से जूझ रही थीं. वो महिलाओं को बताती कि वो पूजा पाठ करने में माहिर है. और उन्हें पूजा अनुष्ठान पर गहने पहनकर आने को कहती. जब महिला वहां आतीं तो ये उन्हें साइनाइड देकर मार डालती. इसीलिए साइनाइड मल्लिका नाम पड़ा. ये महिला उम्रकैद की सजा काट रही है.
4. रमन राघव-
1960 के दशक में रमन राघव ने मुंबई और आस-पास के इलाकों में सैकड़ो हत्याएं की थीं. इसपर बॉलीवुड में एक फिल्म भी बनी है. पकड़े जाने पर इसने 41 हत्याएं स्वीकार की थीं. इसे मौत की सजा दी गई, लेकिन पकड़े जाने पर उसे schizophrenia नाम बीमारी थी. 1995 में इसकी मौत किडनी फेलियर से हुई.
5. जयशंकर-
जयशंकर पर 30 बलात्कार और 15 हत्याओं का आरोप है. एक बार गिरफ्तार होने पर वह जेल तोड़कर भाग गया था, फिर उसे दोबारा गिरफ्तार किया गया. वो महिलाओं को ही अपना शिकार बनाता था और छुरे से हत्या करता था. 2006 से 2009 तक तमिलनाडु और कर्नाटक में उसने करीब 20 अपराध किए थे जिसपर मुकदमा चल रहा है.
6. दरबारा सिंह-
1975 में पठानकोट के एयर फोर्स स्टेशन का अधिकारी दरबारा सिंह को 'बेबी किलर' के नाम से जाना जाता है. वो बच्चों को टॉफी का लालच देकर उन्हें फंसाता और फिर यौन शोषण कर उन्हें मार देता था. उसने करीब 17 मासूमों को अपना शिकार बनाया था जो मुख्य रूप से प्रवासी मजदूर के बच्चे थे. दरबारा का कहना था कि उसे प्रवासी मजदूरों से नफरत थी, इसीलिए वह उनको मारता था. 7 जनवरी 2008 को इस सीरियल किलर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
7. अमरदीप सदा
बिहार के बेगूसराय के रहने वाले अमरदीप को दुनिया का सबसे कम उम्र का सीरियल किलर माना जाता है. उसने 8 साल की उम्र में इसने तीन हत्या की थीं. उसने अपनी 6 महीने की सगी बहन तक की हत्या करके लाश खेत में दबा दी थी. इसके अलावा उसने गांव के ही दो और बच्चों की हत्या की. उसका कहना था कि लोगों को मारने में उसे मजा आता है.
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