एक वक्त था जब लोग बॉलीवुड के हीरो और हीरोइनों के दीवाने होते थे. उनकी फिल्में देखना, उनके जैसे कपड़े पहनना और हेयरस्टाइल बनाना फैशन में होता था. फिल्मी कलाकार लोगों के आइकन हुआ करते थे. कई लोग तो उन्हें भगवान तक मानते थे. लेकिन समय के साथ सबकुछ बदलने लगा है. जैसे-जैसे लोगों के सामने बॉलीवुड का घिनौना चेहरा आ रहा है, उनकी आसक्ति कम होती जा रही है. फिल्मी दुनिया में अब गिने-चुने कलाकार रह गए होंगे, जिनका दामन पाक-साफ होगा, वरना अधिकतर नामचीन चेहरे किसी न किसी जांच एजेंसी की जद में आ ही गए हैं. कई सितारों के खिलाफ जांच चल रही है.
फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर पहले के मुकाबले इनकम टैक्स से लेकर इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट तक की कार्रवाइयां बढ़ गई हैं. इन सबकी शुरूआत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से हुई है. एक्टर की मौत ने मायानगरी की उस गंदगी को सामने ला दिया, जो किसी को दिख नहीं रही थी. लेकिन उसके शिकार सैकड़ों लोग हो रहे थे. खासकर बाहर से आने वाले टैलेंट, जो बॉलीवुड मठाधीशों के रहमो-करम पर रहने को मजबूर थे. अब यहां दो तरह के सवाल सामने आ रहे हैं, पहला ये कि क्या इन पर पहले कार्रवाई नहीं होती थी. दूसरा ये कि क्या इनको जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है?
आइए पहले बॉलीवुड के दामन पर दाग लगाने वाले मामलों के बारे में जानते हैं...
1- ड्रग्स केस
मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्मयी मौत के बाद से जिस तरह से सीबीआई, एनसीबी और ईडी जैसी एजेंसियों ने जांच के दौरान एक के बाद एक खुलासे किए, उससे बॉलीवुड के चेहरे से सफेद पर्दा हट गया. इस केस में सबसे ज्यादा एक्टिव रहा...
एक वक्त था जब लोग बॉलीवुड के हीरो और हीरोइनों के दीवाने होते थे. उनकी फिल्में देखना, उनके जैसे कपड़े पहनना और हेयरस्टाइल बनाना फैशन में होता था. फिल्मी कलाकार लोगों के आइकन हुआ करते थे. कई लोग तो उन्हें भगवान तक मानते थे. लेकिन समय के साथ सबकुछ बदलने लगा है. जैसे-जैसे लोगों के सामने बॉलीवुड का घिनौना चेहरा आ रहा है, उनकी आसक्ति कम होती जा रही है. फिल्मी दुनिया में अब गिने-चुने कलाकार रह गए होंगे, जिनका दामन पाक-साफ होगा, वरना अधिकतर नामचीन चेहरे किसी न किसी जांच एजेंसी की जद में आ ही गए हैं. कई सितारों के खिलाफ जांच चल रही है.
फिल्म इंडस्ट्री के लोगों पर पहले के मुकाबले इनकम टैक्स से लेकर इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट तक की कार्रवाइयां बढ़ गई हैं. इन सबकी शुरूआत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के बाद से हुई है. एक्टर की मौत ने मायानगरी की उस गंदगी को सामने ला दिया, जो किसी को दिख नहीं रही थी. लेकिन उसके शिकार सैकड़ों लोग हो रहे थे. खासकर बाहर से आने वाले टैलेंट, जो बॉलीवुड मठाधीशों के रहमो-करम पर रहने को मजबूर थे. अब यहां दो तरह के सवाल सामने आ रहे हैं, पहला ये कि क्या इन पर पहले कार्रवाई नहीं होती थी. दूसरा ये कि क्या इनको जानबूझकर टारगेट किया जा रहा है?
आइए पहले बॉलीवुड के दामन पर दाग लगाने वाले मामलों के बारे में जानते हैं...
1- ड्रग्स केस
मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्मयी मौत के बाद से जिस तरह से सीबीआई, एनसीबी और ईडी जैसी एजेंसियों ने जांच के दौरान एक के बाद एक खुलासे किए, उससे बॉलीवुड के चेहरे से सफेद पर्दा हट गया. इस केस में सबसे ज्यादा एक्टिव रहा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी. इसने ऐसे-ऐसे खुलासे किए, जिसके जानने के बाद बॉलीवुड के कुछ चेहरों से घिन्न आने लगी. एजेंसी ने खुलासा किया कि किस तरह से फिल्म इंडस्ट्री नशाखोरी के जाल में बुरी तरह से जकड़ चुकी है. दीपिका पादुकोण, श्रद्धा कपूर, सारा अली खान से लेकर भारती सिंह, एजाज खान जैसे कलाकार नशे के दलदल में फंसे हुए हैं. हालही में क्रूज डर्ग्स केस में गिरफ्तार किए गए सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का नाम आने के बाद तो ऐसा लगा कि वही पाक-साफ बचा हुआ है, जिसका इस केस में अभी तक नाम नहीं आया है. क्योंकि छोटे से लेकर बड़े सितारे तक या उनके बच्चों तक हर कोई कोकिन, चरस जैसे सूखे नशे की लत का शिकार है. ड्रग्स केस ने बॉलीवुड की साख पर सबसे ज्यादा बट्टा लगाया है. मायानगरी की ग्लैमरस छवि के पीछे छिपे काले चेहरे को सामने ला दिया है.
2. कालाधन
बॉलीवुड में बनने वाली फिल्मों में हमेशा विदेशी निवेश होता रहा है. पहले अंडरवर्ल्ड का पैसा भी इसमें लगा करता था. 90 के दशक में बनने वाली अधिकांश फिल्मों में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम फंडिंग किया करता था. बड़े-बड़े सितारे उसकी महफीलों की शान हुआ करते थे. उसके दरबार में हाजिरी लगाया करते थे. यहां तक कि कई तो उसके आपराधिक व्यवसाय का हिस्सा भी थे. लेकिन समय के साथ सरकारें बदलीं, तो बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड का दखल कम हुआ. लेकिन कई फिल्मी सितारों की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता या उसमें सक्रिय लोगों से संबंध बने रहे. कई बार तो कुछ सितारे खुद भी इस तरह के मामले में फंस जाते हैं. जैसे इस वक्त फिल्म एक्ट्रेस नोरा फतेही और जैकलीन फर्नांडिस के साथ हुआ. उन दोनों से 200 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट पूछताछ कर रहा है. बताया जा रहा है कि सुकेश चंद्र शेखर नामक एक इंटरनेशनल ठग ने इन दोनों के साथ भी फिल्म फाइनेंस के नाम पर ठगी की है. नोरा फतेही से दिल्ली स्थित ईडी ऑफिस में पूछताछ हो चुकी है, जबकि जैकलीन फर्नांडिस से इस बाबत पूछताछ होने वाली है.
3. यौन शोषण
भारत के छोटे-छोटे गांवों और शहरों से हर साल हज़ारों लड़के-लड़कियां फ़िल्म स्टार बनने का सपना संजोए हुए मुंबई पहुंचते हैं. लेकिन कई लोगों के लिए मुंबई जाकर बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने का अनुभव एक बुरा सपना बनकर रह जाता है. यहां यौन शोषण का कुकृत्य बहुत पहले से हो रहा है. कभी रजामंदी से, कभी लालच देकर, तो कभी जोर-जबरदस्ती. जिसनें माना, उसकी किस्मत बन गई, जो नहीं माना वो साल-दर-साल मायानगरी की गलियों में धक्के खाता रहा. कास्टिंग काउच जैसे शब्द ऐसे मामलों के सामने आने के बाद प्रचलन में आए. इसका मतलब ये कि रोल दिलाने के नाम पर जिस्म का सौदा करना. मीटू मूवमेंट के सामने आने के बाद तो ऐस-ऐसे चेहरे सामने आए, जिन्हें देखकर लोग दंग रह गए. संस्कार के नाम पर जिन लोगों की समाज में कसमें खाई जाती थीं, ऐसे लोग भी रेप और छेड़खानी के केस में शामिल पाए गए. इसमें सबसे बड़ा नाम था, आलोकनाथ का. संस्कारी बाबू जी के नाम से मशहूर आलोकनाथ पर राइटर विनता नंदा ने जबरन शारीरिक संबंध बनाने का आरोप लगाया था. इसी तरह कई बड़े नाम दुनिया के सामने बेनकाब हुए थे.
4. टैक्स चोरी
सरकार को दिए जाने वाले टैक्स की चोरी तो हर आम-ओ-खास करता है, लेकिन येन-केन-प्रकारेण कानून के दायरे में रहकर लोग अपने टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं. लेकिन बिजनेस और बॉलीवुड से जुड़े लोग कई बार खुलेआम टैक्स की चोरी करते हैं और खुद को पाक-साफ बताते हैं. पहले के दिनों में आयकर विभाग उतना ज्यादा सक्रिय नहीं था. उसकी जद में ज्यादातर कमजोर लोग ही आते थे. लेकिन अब बिना लोगों की प्रोफाइल देखे, उनकी करतूत के हिसाब से आयकर विभाग की कार्रवाही हो रही है. हाल ही में फिल्म मेकर अनुराग कश्यप और एक्ट्रेस तापसी पन्नू के ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापों के बाद ये मामला सुर्खियों में आया था. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी CBDT ने बताया था कि कुल 370 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का मामला सामने आया है. यह टैक्स चोरी शेयर ट्रांजैक्शंस का अंडर वैल्यूएशन कर और फर्जी खर्चे दिखाकर हुई है. यहां तक कि तापसी के ठिकानों पर छापों के दौरान 5 करोड़ के कैश लेनदेन की रसीदें मिली थीं.
बॉलीवुड को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है, ऐसा कहने वालों के लिए ये मामले आंखें खोल देने वाले हैं. लोगों को समझना चाहिए कि बिना आग लगे कभी धुआं नहीं उठता है. इसलिए किसी भी सरकारी जांच एजेंसी की कार्रवाई को ये कहकर सिरे से नकार देना गलत है कि ये तो जानबूझ किया जा रहा है. आर्यन खान के मामले में भी कई तरीके से इस केस को नई दिशा देने की कोशिश की जा रही है. कुछ लोग ये कह रहे हैं कि आर्यन मुस्लिम हैं, इसलिए उनको निशाना बनाया जा रहा है. कुछ लोग कह रहे हैं कि उनके पिता शाहरुख खान के कई दोस्त कांग्रेस जैसी पार्टी में है, इसलिए उनको परेशान किया जा रहा है. लेकिन यहां कोई ये नहीं समझ पा रहा है कि यदि एनसीबी ने जानबूझकर आर्यन को फंसाया होता, तो मजिस्ट्रेट कोर्ट से लेक सेंशन कोर्ट तक उनको जमानत मिल चुकी होती, जो अभी तक नहीं मिल पाई है. इससे ये समझना चाहिए कि बिना किसी ठोस आधार के कोई भी जांच एजेंसी किसी को भी लंबे समय तक कठघरे में खड़ा नहीं रख सकती.
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