कोरोना महामारी की वजह से दिलचस्प चीजें दिख रही हैं. दिल्ली समेत कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अभी देश के तमाम हिस्सों में सिनेमाघर चालू हैं. बावजूद टिकट खिड़की पर दर्शकों के ना आने की आशंका में जनवरी में रिलीज होने वाली लगभग सभी फिल्मों को टाल दिया गया है. फरवरी में भी जो फ़िल्में शेड्यूल हैं उनके टलने की आशंका बनी हुई. उधर, अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) ऐसे ही माहौल में पुष्पा: द राइज (Pushpa: The rise movie) के बाद एक और फिल्म रिलीज करने जा रहे हैं. जब निर्माताओं ने भरोसा छोड़ दिया अल्लू अर्जुन और उनके निर्माता इसे बड़े मौके की तरह लपकते नजर आ रहे हैं.
अल्लू अर्जुन तेलुगु स्टार हैं. उनकी फिल्म आला वैकुंठपुरमुलु (Ala Vaikunthapurramuloo) को तेलुगु में ही बनाया गया है, लेकिन अब इसे बड़े पैमाने पर रिलीज करने की योजना है. इसे हिंदी में डब करके इसी महीने रिपब्लिक डे वीकएंड पर 26 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा. 26 जनवरी को 'कश्मीर फाइल्स' शेड्यूल थी जिसे टाल दिया गया है. रिपब्लिक डे वीक में अक्षय कुमार की पृथ्वीराज, उससे पहले प्रभास की राधेश्याम, जूनियर एनटीआर और रामचरण की आरआरआर और शाहिद कपूर की जर्सी को भी टाल दिया गया था.
क्यों अल्लू की फिल्म रिलीज हो रही, फायदा क्या है?
आला वैकुंठपुरमुलु को रिलीज करने के पीछे निश्चित ही पुष्पा की रिकॉर्डतोड़ सफलता को भुनाना है. पुष्पा विपरीत हालात में रिलीज हुई थी. उसके सामने हॉलीवुड की 'स्पाइडरमैन: नो वे होम' और हिंदी की बड़ी स्पोर्ट्स ड्रामा 83 थी. मगर पुष्पा जिसे हिंदी समेत कई भाषाओं इमं रिलीज किया गया था बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. फिल्म के हिंदी वर्जन ने भी जमकर कारोबार किया. जनवरी के दूसरे हफ्ते...
कोरोना महामारी की वजह से दिलचस्प चीजें दिख रही हैं. दिल्ली समेत कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अभी देश के तमाम हिस्सों में सिनेमाघर चालू हैं. बावजूद टिकट खिड़की पर दर्शकों के ना आने की आशंका में जनवरी में रिलीज होने वाली लगभग सभी फिल्मों को टाल दिया गया है. फरवरी में भी जो फ़िल्में शेड्यूल हैं उनके टलने की आशंका बनी हुई. उधर, अल्लू अर्जुन (Allu Arjun) ऐसे ही माहौल में पुष्पा: द राइज (Pushpa: The rise movie) के बाद एक और फिल्म रिलीज करने जा रहे हैं. जब निर्माताओं ने भरोसा छोड़ दिया अल्लू अर्जुन और उनके निर्माता इसे बड़े मौके की तरह लपकते नजर आ रहे हैं.
अल्लू अर्जुन तेलुगु स्टार हैं. उनकी फिल्म आला वैकुंठपुरमुलु (Ala Vaikunthapurramuloo) को तेलुगु में ही बनाया गया है, लेकिन अब इसे बड़े पैमाने पर रिलीज करने की योजना है. इसे हिंदी में डब करके इसी महीने रिपब्लिक डे वीकएंड पर 26 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा. 26 जनवरी को 'कश्मीर फाइल्स' शेड्यूल थी जिसे टाल दिया गया है. रिपब्लिक डे वीक में अक्षय कुमार की पृथ्वीराज, उससे पहले प्रभास की राधेश्याम, जूनियर एनटीआर और रामचरण की आरआरआर और शाहिद कपूर की जर्सी को भी टाल दिया गया था.
क्यों अल्लू की फिल्म रिलीज हो रही, फायदा क्या है?
आला वैकुंठपुरमुलु को रिलीज करने के पीछे निश्चित ही पुष्पा की रिकॉर्डतोड़ सफलता को भुनाना है. पुष्पा विपरीत हालात में रिलीज हुई थी. उसके सामने हॉलीवुड की 'स्पाइडरमैन: नो वे होम' और हिंदी की बड़ी स्पोर्ट्स ड्रामा 83 थी. मगर पुष्पा जिसे हिंदी समेत कई भाषाओं इमं रिलीज किया गया था बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. फिल्म के हिंदी वर्जन ने भी जमकर कारोबार किया. जनवरी के दूसरे हफ्ते में पुष्पा ने हर दिन डेढ़ करोड़ से साढ़े तीन करोड़ तक की कमाई फिल्म की सफलता का सबूत है. सिर्फ हिंदी वर्जन ने अब तक बॉक्स ऑफिस पर 82 करोड़ से ज्यादा कमाई करने में कामयाब हुई है जो बाहुबली के दोनों और रजनीकांत की फिल्मों हालिया फिल्मों के पार्ट के बाद साउथ की फिल्म का करिश्मा ही माना जाएगा.
बाद के हफ़्तों में पुष्पा की कमाई की वजह एक बड़ी वजह यह भी रही कि सिनेमाघरों में देखने के लिए कोई नई फिल्म ही नहीं थी. अल्लू की फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ बढ़िया रहा और दर्शक लगातार इसे देखने सिनेमाघरों पहुंच रहे. चूंकि इस वक्त भी सिनेमाघरों के पास दिखाने के लिए कोई नई फिल्म नहीं है ऐसे में अल्लू की आला वैकुंठपुरमुलु को सोलो रिलीज का जबरदस्त फायदा मिलने की उम्मीद है. पुष्पा का खुमार ताजा है और दर्शक अल्लू की फिल्म के प्रति अच्छे मनोरंजन की वजह से आकर्षित हो सकते हैं. यह आपदा में अवसर की तरह ही है. हिंदी से निर्माताओं को जो भी मुनाफा होगा वह एक बहुत बड़ा प्लस पॉइंट है.
पुष्पा को पैन इंडिया रिलीज के लिए बनाया गया था. लेकिन आला वैकुंठपुरमुलु को लेकर ऐसी योजना नहीं थी. हिंदी में डब करके रिलीज करने की कोशिश मौके पर चौका मारना ही नजर आ रहा है. वह भी उस स्थिति में जब कम से कम जनवरी और मध्य फरवरी तक सिनेमाघरों के पास दिखाने के लिए हिंदी फिल्म ही नहीं है. आशंका है कि मौजूदा हालात की वजह से फरवरी में भी हिंदी के निर्माता फ़िल्में रिलीज करने से बचे. वैसे मध्य फरवरी में जिन फिल्मों की रिलीज शेड्यूल है अभी उनके टलने को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं है. बॉलीवुड हंगामा की फरवरी रिलीज कैलेंडर में अब भी गंगूबाई काठियावाड़ी (18 फरवरी), विक्रांत रोना (24 फरवरी) और जयेश भाई जोरदार (25 फरवरी) को शेड्यूल दिख रही है.
तो क्या दूसरे निर्माताओं की झिझक ख़त्म कर सकते हैं अल्लू
इस बात की संभावना है कि अगर आला वैकुंठपुरमुलु को सिनेमाघर में दर्शक मिले और फिल्म ने उल्लेखनीय कमाई की तो यह दूसरे निर्माताओं को भी आकर्षित कर सकती है. हो सकता कि बड़े निर्माता रिलीज से बचें लेकिन बड़ी-बड़ी फिल्मों की भीड़ में कम बजट की फिल्मों के लिए यह अवसर बन सकता है. उन्हें सिनेमाघरों में फिल्म दिखाने के लिए किसी बड़ी फिल्म की चुनौती का सामना नहीं करना होगा और सोलो रिलीज का मौका मिलेगा जो सामान्य हालात में कभी आसान नहीं हो सकता था.
अभी भी सिनेमाघर खुले हैं. सिनेमाघरों को वहीं बंद किया गया है कि जहां कोरोना को लेकर ज्यादा खतरे की आशंका थी. खासकर महानगरों में. जबकि छोटे छोटे शहरों में सिनेमाघर कोरोना गाइडलाइन के साथ ऑपरेट हो रहे हैं. अचानक कोरोना महामारी की वजह से दर्जनों फ़िल्में रिलीज के लिए अटकी पड़ी हैं. छोटे बजट की फिल्मों के लिए तो लगभग विंडो खाली ही नहीं है. मौजूदा हालात में अल्लू का फ़ॉर्मूला सिनेमा उद्योग को नई राह दिखा सकता है.
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