बॉलीवुड के मुकाबले साउथ सिनेमा का क्रेज इस वक्त बहुत ज्यादा है. लोग साउथ की फिल्मों को इतना देख रहे है कि उनकी कमाई रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए जा रही है. इस वक्त बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी', साउथ के सुपरस्टार अजित कुमार की फिल्म 'वलिमै' और पवन कल्याण की फिल्म 'भीमला नायक' सिनेमाघरों में रिलीज की गई है. इसमें साउथ की दोनों फिल्मों की कमाई देखकर फिल्मी पंडित हैरान हैं. अजित कुमार की 'वलिमै' रिलीज के तीसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है.
इसने केवल तमिलनाडु में अब तक 81.25 करोड़ रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही पवन कल्याण की फिल्म 'भीमला नायक' ने भी रिलीज के दूसरे दिन 62 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है. वहीं 'गंगूबाई काठियावाड़ी' रिलीज के दूसरे दिन 13.32 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस तरह फिल्म ने दो दिन में 23 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है. कमाई के ये आंकड़े देखकर समझ में आ सकता है कि साउथ सिनेमा का लोगों के बीच क्या क्रेज है.
आइए जानते हैं कि साउथ सिनेमा की बंपर कमाई की असली वजह क्या है?
- वर्ल्ड वाइड मूवी रिलीज
राजामौली की प्रभास स्टारर फिल्म 'बाहुबली' की बंपर सफलता देखने के बाद साउथ सिनेमा के मेकर्स ने पैन इंडिया फिल्मों को रिलीज करने की योजना पर काम शुरू कर दिया था. उसके बाद जितनी भी बड़े बजट की फिल्में बनीं उनको तमिल, तेलुगू, कन्नड और मलयालम के साथ हिंदी में भी बड़े पैमाने पर रिलीज किया गया. इसका सकारात्मक असर देखने को मिला. अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'पुष्पा' इसका सबसे ताजा तरीन उदाहरण है. इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 350 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, जिसमें केवल हिंदी पट्टी से 106 करोड़ की कमाई हुई है.
इसी तरह अजित कुमार की...
बॉलीवुड के मुकाबले साउथ सिनेमा का क्रेज इस वक्त बहुत ज्यादा है. लोग साउथ की फिल्मों को इतना देख रहे है कि उनकी कमाई रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बनाए जा रही है. इस वक्त बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी', साउथ के सुपरस्टार अजित कुमार की फिल्म 'वलिमै' और पवन कल्याण की फिल्म 'भीमला नायक' सिनेमाघरों में रिलीज की गई है. इसमें साउथ की दोनों फिल्मों की कमाई देखकर फिल्मी पंडित हैरान हैं. अजित कुमार की 'वलिमै' रिलीज के तीसरे दिन बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है.
इसने केवल तमिलनाडु में अब तक 81.25 करोड़ रुपए की कमाई की है. इसके साथ ही पवन कल्याण की फिल्म 'भीमला नायक' ने भी रिलीज के दूसरे दिन 62 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है. वहीं 'गंगूबाई काठियावाड़ी' रिलीज के दूसरे दिन 13.32 करोड़ रुपए की कमाई की है. इस तरह फिल्म ने दो दिन में 23 करोड़ रुपए का बिजनेस किया है. कमाई के ये आंकड़े देखकर समझ में आ सकता है कि साउथ सिनेमा का लोगों के बीच क्या क्रेज है.
आइए जानते हैं कि साउथ सिनेमा की बंपर कमाई की असली वजह क्या है?
- वर्ल्ड वाइड मूवी रिलीज
राजामौली की प्रभास स्टारर फिल्म 'बाहुबली' की बंपर सफलता देखने के बाद साउथ सिनेमा के मेकर्स ने पैन इंडिया फिल्मों को रिलीज करने की योजना पर काम शुरू कर दिया था. उसके बाद जितनी भी बड़े बजट की फिल्में बनीं उनको तमिल, तेलुगू, कन्नड और मलयालम के साथ हिंदी में भी बड़े पैमाने पर रिलीज किया गया. इसका सकारात्मक असर देखने को मिला. अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना की फिल्म 'पुष्पा' इसका सबसे ताजा तरीन उदाहरण है. इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 350 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है, जिसमें केवल हिंदी पट्टी से 106 करोड़ की कमाई हुई है.
इसी तरह अजित कुमार की 'वलिमै' को भी पैन इंडिया रिलीज किया गया है. साउथ की फिल्मों की सबसे ज्यादा कमाई तमिलनाडू, आंध्रा, मैसूर और निजाम सर्किट से होती है. इसमें अब बॉम्बे, दिल्ली, ईस्ट और सेंट्रल सर्किट की कमाई भी जुड़ गई है. इसके विपरीत बॉलीवुड के मेकर्स अभी अपनी फिल्मों को पैन इंडिया रिलीज करने की योजना पर ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से उनकी कमाई कम हो रही है.
- जबरदस्त फैन फॉलोइंग
साउथ सिनेमा के सुपरस्टार्स की जबरदस्त फैन फॉलोइंग होती है. उनके फैंस उनको भगवान की तरह पूजते हैं. उनके लिए जान की बाजी तक लगा देते हैं. सिनेमा देखना उनके लिए मनोरंजन से ज्यादा अपने भगवान की पूजा जैसा होता है. यही वजह है कि जब किसी सुपरस्टार की फिल्म सिनेमाघरों पर रिलीज होती है, तो उत्सव जैसा माहौल बन जाता है. लोग अपने चहेते स्टार की फिल्म के लिए एक दिन पहले से ही लाइन लगा कर टिकट के लिए खड़े हो जाते हैं. इसका उदाहरण हाल ही में रिलीज हुई अजित कुमार की 'वलिमै' और पवन कल्याण की 'भीमला नायक' के साथ भी हो रहा है.
गुरुवार को अजित की वलिमै रिलीज हुई और शुक्रवार को पवन कल्याण की भीमला नायक. दोनों ही फिल्मों के लिए फैंस में जबरदस्त माहौल देखने को मिल रहा है. आलम ये है कि फैंस थिएटर में नोट, चिल्लर, कागज लुटा रहे हैं. वलिमै के पहले शो में फैंस ने थिएटर के अंदर ही आतिशबाजी शुरू कर दी. इतना ही नहीं फैंस अजित कुमार के बड़े-बड़े पोस्टर्स को भी दूध से नहलाते हुए भी नजर आए हैं.
- बॉलीवुड के प्रति लोगों की नफरत़
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से ही बड़ी संख्या में लोग बॉलीवु़ड से नफरत करने लगे हैं. उनका मानना है कि बॉलीवुड में करण जौहर और आदित्य चोपड़ा जैसे कुछ फिल्म मेकर्स की ही तूती बोलती है, जो नेपोटिज्म को बढ़ावा देते हैं. वो लोग फिल्म फर्टिनिटी के लोगों के बच्चों को ही आगे बढ़ाते हैं. उनको फिल्मों में काम देते हैं. यदि कोई आउट साइडर बॉलीवुड में अपनी जगह बनाने की कोशिश करता है, तो उसे सुशांत सिंह राजपूत की तरह मौत के घाट उतार दिया जाता है. इतना ही नहीं लोगों को ये भी लगता है कि स्टार किड्स ड्रग्स एडिक्ट हैं.
ऐसे में लोग उनकी फिल्में देखने से परहेज कर रहे हैं. खासकर आलिया भट्ट, दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और करण जौहर के जैसे सेलेब्स के प्रति लोगों का गुस्सा बहुत ज्यादा है. इसलिए उनकी फिल्मों को बायकॉट करके साउथ सिनेमा को तरहीज दी जा रही है. इसके साउथ सिनेमा के स्टार्स का अपने फैंस के साथ सीधा कनेक्शन है. इसमें उनकी सकारात्मक छवि अहम भूमिका निभा रही है.
- वर्ल्ड क्लास सिनेमा
इसके कोई दो राय नहीं है कि साउथ की फिल्म इंडस्ट्री में वर्ल्ड क्लास सिनेमा बनाया जाता है. चाहे पहले रिलीज हो चुकी 'बाहुबली' जैसी फिल्में हो या फिर आने वाली आरआरआर और आदिपुरुष जैसी फिल्में, इनमें एक्शन और टेक्नीक के लिहाज से देखें, तो बॉलीवुड में ऐसी फिल्में कभी नहीं बनी हैं. बॉलीवुड वही घिसे-पीटे फॉर्म्यूला बेस्ड फिल्में बनाने में यकीन रखता है, जिसे देखकर दर्शक बोर हो गए हैं. कुछ फिल्म मेकर अच्छा करने की कोशिश भी करते हैं, तो उनकी संख्या बहुत कम है. इस वक्त रिलीज हुई फिल्म 'वलिमै' में ही एक्शन को देख लीजिए.
बाइक दौड़ाते अजित कुमार कहर बरपा रहे हैं. वैसे बहुत कम लोग जानते हैं कि वो अपनी वास्तविक जिंदगी में भी इंटरनेशनल लेवल के रेसर हैं. उन्होंने मुंबई, चेन्नई और दिल्ली जैसे कई रेसिंग सर्किट में ड्राइविंग की है. वो उन चुनिंदा भारतीयों में से हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल फॉर्मूला चैंपियनशिप में हिस्सा लिया है. उन्होंने साल 2003 फॉर्मूला एशिया बीएमडब्ल्यू चैंपियनशिप में रेसिंग की थी. बॉलीवुड में ऐसा टैलेंट विरले दिखता है.
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