अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में बहुत ज्यादा चर्चा की जा रही है. इस फिल्म को कोई हिट बता रहा है, तो कोई फ्लॉप करार दे रहा है. फिल्म के मेकर्स की माने तो इसने वर्ल्डवाइड अबतक 360 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर लिया है. किसी हिंदी फिल्म की कमाई के लिहाज से ये बहुत बड़ा आंकड़ा है. इस साल रिलीज हुई फिल्मों में सबसे ज्यादा है. लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या फिल्म का मेगा बजट है. ये फिल्म 410 करोड़ रुपए के बजट में बनी है. ऐसे में एक पक्ष का कहना है कि जब फिल्म अपनी लागत ही नहीं निकाल पाई है, तो इसे हिट कैसे मान लिया जाए? दूसरे पक्ष का कहना है कि फिल्म जबतक थियेटर में चल रही, तबतक इंतजार किया जाना चाहिए. फिल्म को फ्लॉप घोषित करने के लिए उतावला नहीं होना चाहिए. वैसे भी फिल्मों की कमाई का गणित अलग होता है.
अयान मुखर्जी के निर्देशन में बनी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के बारे में बहुत ज्यादा चर्चा की जा रही है. इस फिल्म को कोई हिट बता रहा है, तो कोई फ्लॉप करार दे रहा है. फिल्म के मेकर्स की माने तो इसने वर्ल्डवाइड अबतक 360 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कर लिया है. किसी हिंदी फिल्म की कमाई के लिहाज से ये बहुत बड़ा आंकड़ा है. इस साल रिलीज हुई फिल्मों में सबसे ज्यादा है. लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या फिल्म का मेगा बजट है. ये फिल्म 410 करोड़ रुपए के बजट में बनी है. ऐसे में एक पक्ष का कहना है कि जब फिल्म अपनी लागत ही नहीं निकाल पाई है, तो इसे हिट कैसे मान लिया जाए? दूसरे पक्ष का कहना है कि फिल्म जबतक थियेटर में चल रही, तबतक इंतजार किया जाना चाहिए. फिल्म को फ्लॉप घोषित करने के लिए उतावला नहीं होना चाहिए. वैसे भी फिल्मों की कमाई का गणित अलग होता है.
उदाहरण के लिए 'ब्रह्मास्त्र' को कुल 9000 स्क्रीन पर रिलीज किया गया है. इसमें 5000 स्क्रीन इंडिया में, तो 4000 स्क्रीन ओवरसीज में है. फिल्म ने रिलीज के बाद 10 दिनों में 360 करोड़ रुपए का ग्रास कलेक्शन किया है. इसमें इंडियन बॉक्स ऑफिस पर ग्रास कलेक्शन 260 करोड़ रुपए और ओवरसीज ग्रास कलेक्शन 100 करोड़ रुपए है. यदि नेट कलेक्शन की बात करें तो फिल्म ने इतने ही दिनों में 220 करोड़ रुपए इंडियन बॉक्स ऑफिस से कमाए हैं. वहीं, 80 करोड़ रुपए नेट ओवरसीज कलेक्शन है. इस तरह फिल्म का कुल नेट कलेक्शन 300 करोड़ रुपए बताया जा रहा है. सही मायने में फिल्म इंडस्ट्री की असली कमाई किसी मूवी का नेट कलेक्शन ही होता है. क्योंकि इसमें किसी तरह का मनोरंजन या सेवा कर शामिल नहीं होता है. ये पैसा सीधे फिल्म मेकर्स के पास जाता है. अब यहां सबसे मुश्किल ये है कि दो समान कमाई करने वाली फिल्मों की तुलना एक साथ कैसे की जाए.
यहां उदाहरण के लिए 'ब्रह्मास्त्र' और 'द कश्मीर फाइल्स' को एक साथ लिया जा सकता है. विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' चार महीने पहले ही रिलीज हुई थी. 15 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने 340 करोड़ रुपए ग्रास और 290 करोड़ रुपए नेट कलेक्शन किया था. इस तरह से देखा जाए तो 'ब्रह्मास्त्र' का कलेक्शन 'द कश्मीर फाइल्स' से ज्यादा हो चुका है. लेकिन क्या 'ब्रह्मास्त्र' को हिट माना जा सकता है? यदि दोनों फिल्मों के बजट से तुलना करेंगे तो देखेंगे कि 'ब्रह्मास्त्र' जहां 410 करोड़ रुपए के मेगा बजट में बनी है, तो वहीं 'द कश्मीर फाइल्स' महज 15 करोड़ रुपए में बनी है. दोनों की कमाई भले ही आसपास है, लेकिन बजट में बहुत अंतर है. ऐसे में 'द कश्मीर फाइल्स' को ब्लॉकबस्टर कहा जा सकता है, लेकिन ज्यादा कलेक्शन होने के बावजूद 'ब्रह्मास्त्र' को अभी हिट नहीं माना जा सकता है. इसे हिट होने के लिए कम से कम 411 करोड़ रुपए कमाने होंगे.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि 'ब्रह्मास्त्र' अभी हिट नहीं हुई है. लेकिन कमाई का जो ट्रेंड दिख रहा है, उसके अनुसार फिल्म थियेटर से बाहर होने से पहले अपनी लैंडिंग कास्ट की रिकवरी कर लेगी. लैंडिंग कास्ट प्रोड्यूसर के द्वारा होने वाला कुल खर्च होता है. इसके बाद फिल्म के ओटीटी राइट्स, सैटेलाइट राइट्स और म्युजिक राइट्स से करीब 200 से 250 करोड़ रुपए की कमाई हो सकती है. इस तरह फिल्म की कुल कमाई 600 करोड़ के पार जा सकती है. ऐसी स्थिति में फिल्म को हिट माना जा सकता है. वैसे कई केस में ऐसा भी देखा गया है कि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई, लेकिन उसने अपनी बजट से बहुत ज्यादा कमाई कर ली. उदाहरण के लिए 40 करोड़ रुपए के बजट में बनी धर्मेंद्र और सनी देओल की फिल्म 'यमला, पगला दीवाना 2' ने 34 करोड़ रुपए का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया था. इस तरह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो गई, लेकिन राइट्स बेचकर फिल्म ने 48 करोड़ रुपए कमा लिए. इस तरह फ्लॉप होने के बावजूद फिल्म फायदे में रही थी. 'ब्रह्मास्त्र' के बारे में भी किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इंतजार किया जाना चाहिए.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.