आज से करीब 16 साल पहले जब यशराज फिल्म्स की बंटी और बबली आई थी तब इसने दो बड़ी वजहों से बहुतायत लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. पहली वजह तो वह मादक गाना है जिसपर ऐश्वर्या राय संग अमिताभ और अभिषेक बच्चन ने डांस किया था. और दूसरा वह विवाद जिसमें फिल्म के जरिए बसपा चीफ मायावती पर आरोप लगाने और उनका मजाक उड़ाने की बातें हुईं. 16 साल बाद फिल्म की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इसका दूसरा पार्ट इसी महीने आने वाला है. यशराज फिल्म्स ने बंटी और बबली की कामयाबी को दोहराने के लिए दूसरा पार्ट बनाया है. रानी मुखर्जी दूसरे पार्ट में अहम भूमिका में हैं.
हालांकि इस बार उनके अपोजिट सैफ अली खान हैं. साथ ही सिद्धांत चतुर्वेदी और शरवरी वाग की नई जोड़ी को भी कहानी में शामिल किया गया है. सिद्धांत गली बॉय में दिखे थे. लोगों ने उन्हें इनसाइड एज जैसी स्पोर्ट्स सीरीज में भी तेज गेंदबाज के रूप में देखा होगा. दूसरे पार्ट का निर्देशन वरुण शर्मा ने किया है. कुल मिलाकर रानी मुखर्जी को छोड़ दें तो दूसरे पार्ट की लगभग समूची स्टारकास्ट फ्रेश है. पंकज त्रिपाठी, यशपाल शर्मा और असरानी जैसे दिग्गज कलाकार हैं. हिंदी फ़िल्में पसंद करने वाले जिन दर्शकों ने भी पहला पार्ट देखा है निश्चित ही उनकी नजरें दूसरे पार्ट पर भी होगी. और इसकी वजहें हैं. लोग ना जाने कितनी चीजें दूसरे पार्ट में खोज सकते हैं.
अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड करियर के दोनों फेज में कई दमदार भूमिकाएं निभाई हैं. मगर बंटी और बबली में एक उम्रदराज हुल्लड़बाज पुलिस अफसर की उनकी भूमिका बिल्कुल अलग ही है. जिन्होंने देखा है उन्हें तो याद होगा कि अमिताभ की टाइमिंग कितनी लाजवाब है. उनके हिस्से खूब सारे कॉमिक सीन और उम्दा संवाद आए थे. बंटी और बबली में अमिताभ को देखने वाले हैरान थे. हैरान इस बात पर भी थे कि ये वही अमिताभ हैं. जबकि उन्होंने इससे बहुत पहले लगभग मिलती जुलती भूमिका गोविंदा के साथ बड़े मियां छोटे मियां में निभाई थी. वहां भी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग थी. लेकिन बंटी और बबली में big बी को देखें तो यह उस समय उनकी इमेज के...
आज से करीब 16 साल पहले जब यशराज फिल्म्स की बंटी और बबली आई थी तब इसने दो बड़ी वजहों से बहुतायत लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा था. पहली वजह तो वह मादक गाना है जिसपर ऐश्वर्या राय संग अमिताभ और अभिषेक बच्चन ने डांस किया था. और दूसरा वह विवाद जिसमें फिल्म के जरिए बसपा चीफ मायावती पर आरोप लगाने और उनका मजाक उड़ाने की बातें हुईं. 16 साल बाद फिल्म की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इसका दूसरा पार्ट इसी महीने आने वाला है. यशराज फिल्म्स ने बंटी और बबली की कामयाबी को दोहराने के लिए दूसरा पार्ट बनाया है. रानी मुखर्जी दूसरे पार्ट में अहम भूमिका में हैं.
हालांकि इस बार उनके अपोजिट सैफ अली खान हैं. साथ ही सिद्धांत चतुर्वेदी और शरवरी वाग की नई जोड़ी को भी कहानी में शामिल किया गया है. सिद्धांत गली बॉय में दिखे थे. लोगों ने उन्हें इनसाइड एज जैसी स्पोर्ट्स सीरीज में भी तेज गेंदबाज के रूप में देखा होगा. दूसरे पार्ट का निर्देशन वरुण शर्मा ने किया है. कुल मिलाकर रानी मुखर्जी को छोड़ दें तो दूसरे पार्ट की लगभग समूची स्टारकास्ट फ्रेश है. पंकज त्रिपाठी, यशपाल शर्मा और असरानी जैसे दिग्गज कलाकार हैं. हिंदी फ़िल्में पसंद करने वाले जिन दर्शकों ने भी पहला पार्ट देखा है निश्चित ही उनकी नजरें दूसरे पार्ट पर भी होगी. और इसकी वजहें हैं. लोग ना जाने कितनी चीजें दूसरे पार्ट में खोज सकते हैं.
अमिताभ बच्चन ने बॉलीवुड करियर के दोनों फेज में कई दमदार भूमिकाएं निभाई हैं. मगर बंटी और बबली में एक उम्रदराज हुल्लड़बाज पुलिस अफसर की उनकी भूमिका बिल्कुल अलग ही है. जिन्होंने देखा है उन्हें तो याद होगा कि अमिताभ की टाइमिंग कितनी लाजवाब है. उनके हिस्से खूब सारे कॉमिक सीन और उम्दा संवाद आए थे. बंटी और बबली में अमिताभ को देखने वाले हैरान थे. हैरान इस बात पर भी थे कि ये वही अमिताभ हैं. जबकि उन्होंने इससे बहुत पहले लगभग मिलती जुलती भूमिका गोविंदा के साथ बड़े मियां छोटे मियां में निभाई थी. वहां भी जबरदस्त कॉमिक टाइमिंग थी. लेकिन बंटी और बबली में big बी को देखें तो यह उस समय उनकी इमेज के हिसाब से बहुत बोल्ड कही जा सकती है. खासकर ऐश्वर्या राय के साथ कजरारे गाना- जो आगे जाकर उनकी बहू बनती हैं.
कजरारे की लोकप्रियता का कोई जवाब नहीं. ये गाना आज भी शादियों-पार्टियों में अनिवार्य तौर पर बजाया जाता है. यह फिल्म में शामिल इकलौता आइटम नंबर था जिसने लोकप्रियता के तमाम रिकॉर्ड धवस्त कर दिए थे. यशराज के यूट्यूब चैनल पर जाकर देखने से पता चलता है कि गाने को अब तक 190 मिलियन बार सुना गया है. ऐश्वर्या का मदहोश कर देने वाला डांस. और उनके साथ बॉलीवुड का वह लिविंग लीजेंड नाच रहा था जिसने समकालीन अभिनेताओं के मुकाबले अपने करियर में शायद सबसे कम कमर मटकाई हो. अमिताभ का डांस छोडिए- उनकी भाव भंगिमाए ही इतनी मादक दिखती हैं कि क्या ही कहा जाए. इस गाने में अमिताभ और ऐश्वर्या के बीच भंगिमाओं के जरिए जो शैतानी भरा संवाद है वह किसी रोमांटिक कविता की तरह ही है.
अमिताभ मुंह में बीड़ी सुलगाए गले में चेकदार गमछा लपेटे दिखते हैं. उन्हें अपनी उम्र का संकोच नहीं है बल्कि युवाओं (अभिषेक) की नाकामी पर अफसोस करते दिखते हैं. और जैसे जता रहे हों- "देखो मेरी तरह, ऐसे." सबसे ख़ूबसूरत और मादक नर्तकी के रूप में ऐश्वर्या बूढ़े अमिताभ पर फ़िदा हैं. लेकिन वो खूसट उसे भाव नहीं दे रहा बल्कि उनकी तमाम मनुहार को झिड़क रहा है. ऐश्वर्या किसी अप्सरा की तरह मदहोश होकर नाच रही हैं, लेकिन अपनी ही दुनिया में मस्त अमिताभ की भंगिमाएं उन्हें खारिज ही करती रहती हैं. अभिषेक भाव लेने की कोशिश करते हैं पर ऐश्वर्या उन्हें बिना देखे ही झिड़क देती हैं. उनकी नजरें तो उस "उम्रदराज नैजवान" पर है जिसकी भूमिका अमिताभ बच्चन निभा रहे हैं.
16 साल पहले फिल्म में जब ये गाना बजता था- जोश में आकर ना जाने कितने दर्शकों ने सीट से उठकर सिनेमाघर में ही डांस किया होगा. जिन्होंने तब उत्तर भारत के किसी थियेटर में फिल्म देखी होगी उन्हें मालूम है कि उस वक्त गाने ने सिनेमाघरों में कैसा माहौल बना दिया था. उस दौरान गाने को अश्लील भी कहा गया. अच्छी बात थी कि तब ऐश्वर्या-अभिषेक की शादी नहीं हुई थी और उनके रिलेशनशिप की भी बहुत पुख्ता खबरें बाहर नहीं आ पाई थीं. वर्ना इस गाने पर लोग पता नहीं किस किस तरह बातें करते.
कजरारे गाना नीचे देख सकते हैं:-
पहले हिस्से में ठगी के कई मजेदार किस्से थे. हालांकि यही किस्से उस वक्त इत्तेफाकन मिलती-जुलती चीजों की वजह से विवाद में भी आ गए थे. फिल्म में प्रतिमा काजी ने फूलमती नाम की एक महिला नेता का किरदार भी निभाया था. उनका लुक कुछ-कुछ बसपा चीफ मायावती की जैसा दिखता था. मायावती तब यूपी की सियासत के केंद्र में थीं और उनपर भ्रष्टाचार के कथित आरोप भी लगते थे. तब कई आरोपों के जरिए उनकी जाति पर भी निशाने साढ़े गए थे. कुछ कुछ वैसे ही जैसे आरक्षण का विरोध करने वाले मूर्ख यह दावा करते रहते हैं कि- रिजर्वेशन की वजह से डॉक्टर बनने वाले लोग ऑपरेशन के दौरान मरीज के पेट में सर्जिकल औजार छोड़ देते हैं. खैर, फिल्म के एक सीक्वेंस रानी मुखर्जी मंत्री के रूप में अभिषेक बच्चन के जरिए एक विदेशी को ताजमहल लीज पर दे देती हैं. इसके बदले दोनों मोटी रकम वसूलते हैं. सीक्वेंस को मायावती के साथ जोड़ा गया था. स्वाभाविक है कि लोगों ने विरोध भी किया होगा.
कुल मिलाकर पहले पार्ट में दर्शकों के मनोरंजन के लिए कॉमिक टाइमिंग की भरमार थी. दूसरे पार्ट में इन चीजों की भरपाई किस तरह होगी इस बारे में अभी तो कुछ दावे से कहा नहीं जा सकता. पहला पार्ट कई वजहों से हमेशा एक बेंचमार्क की तरह रहेगा. वो भले ही कोई महान फिल्म नहीं थी, मगर एक उम्र के दर्शकों को उससे मिले मनोरंजक अनुभव को खारिज नहीं किया जा सकता. बंटी और बबली 2 हमेशा पहले पार्ट की वजह से कसौटी पर रहेगी. देखते हैं यशराज ने दूसरे हिस्से को ज्यादा मनोरंजक बनाने के लिए क्या कुछ किया है. कहीं ऐसा ना हो कि फिल्म देखते हुए दर्शक बार-बार पहले पार्ट को मिस करें.
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