2001 में ग़दर के बाद गिनी चुनी हिट फ़िल्में देने वाले सनी देओल ने आर बाल्की की 'चुप' के जरिये धमाकेदार वापसी की है. फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ है. जैसा ट्रेलर है, मालूम यही दे रहा है कि फिल्म में कुछ इस हद तक सस्पेंस का तड़का, मेकर्स की तरफ से लगाया गया है कि, फिल्म देखने के लिए थिएटर का रुख करने वाला दर्शक शायद ही अपने को 'चुप' रख पाए. 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' में दर्शकों को एंटरटेनमेंट का फुल डोज इसलिए भी मिलने वाला है. क्योंकि फिल्म में जहां तरफ सनी देओल का एक्शन है तो वहीं दुलकर सलमान, पूजा भट्ट और श्रेया धनवंतरी की भी एक्टिंग ऐसी है, जिसे देखकर दर्शकों को शायद ही बोरियत का एहसास हो. एक मिनट 58 सेकेंड के ट्रेलर को देखकर इतना जरूर कहा जाएगा कि बॉयकॉट बॉलीवुड वाले इस दौर में निर्माता निर्देशकों ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की है कि वो दर्शकों को निराश न करें.
ध्यान रहे, बीते कुछ वक़्त से बॉलीवुड पर लगातार यही आरोप लग रहे थे कि जो भी फ़िल्में आ रही हैं, चाहे उनका बजट और स्टार कास्ट कैसी भी क्यों न हो लेकिन कहानी के नाम पर उनमें ऐसा कोई एलिमेंट नहीं है जो दर्शकों को थियेटर की तरफ खींचे. ऐसे में जब हम 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' को देखते हैं तो फिल्म एक फुल ऑन मसाला एंटरटेनिंग फिल्म है.
क्या है फिल्म की कहानी
चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट : एक ऐसे आर्टिस्ट की कहानी है जिसे फिल्म में एक ख़ौफनाक सीरियल किलर बनते हुए दिखाया गया है. दिलचस्प ये कि कातिल सिर्फ और सिर्फ उन लोगों को अपना निशाना बनाता है और उनकी बेरहमी से हत्या करता है जो खुद को समाज द्वारा फिल्म क्रिटिक्स कहलाना पसंद करते हैं. फिल्म में जो एक चीज जो न केवल रौंगटे खड़े करती है बल्कि...
2001 में ग़दर के बाद गिनी चुनी हिट फ़िल्में देने वाले सनी देओल ने आर बाल्की की 'चुप' के जरिये धमाकेदार वापसी की है. फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ है. जैसा ट्रेलर है, मालूम यही दे रहा है कि फिल्म में कुछ इस हद तक सस्पेंस का तड़का, मेकर्स की तरफ से लगाया गया है कि, फिल्म देखने के लिए थिएटर का रुख करने वाला दर्शक शायद ही अपने को 'चुप' रख पाए. 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' में दर्शकों को एंटरटेनमेंट का फुल डोज इसलिए भी मिलने वाला है. क्योंकि फिल्म में जहां तरफ सनी देओल का एक्शन है तो वहीं दुलकर सलमान, पूजा भट्ट और श्रेया धनवंतरी की भी एक्टिंग ऐसी है, जिसे देखकर दर्शकों को शायद ही बोरियत का एहसास हो. एक मिनट 58 सेकेंड के ट्रेलर को देखकर इतना जरूर कहा जाएगा कि बॉयकॉट बॉलीवुड वाले इस दौर में निर्माता निर्देशकों ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की है कि वो दर्शकों को निराश न करें.
ध्यान रहे, बीते कुछ वक़्त से बॉलीवुड पर लगातार यही आरोप लग रहे थे कि जो भी फ़िल्में आ रही हैं, चाहे उनका बजट और स्टार कास्ट कैसी भी क्यों न हो लेकिन कहानी के नाम पर उनमें ऐसा कोई एलिमेंट नहीं है जो दर्शकों को थियेटर की तरफ खींचे. ऐसे में जब हम 'चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट' को देखते हैं तो फिल्म एक फुल ऑन मसाला एंटरटेनिंग फिल्म है.
क्या है फिल्म की कहानी
चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट : एक ऐसे आर्टिस्ट की कहानी है जिसे फिल्म में एक ख़ौफनाक सीरियल किलर बनते हुए दिखाया गया है. दिलचस्प ये कि कातिल सिर्फ और सिर्फ उन लोगों को अपना निशाना बनाता है और उनकी बेरहमी से हत्या करता है जो खुद को समाज द्वारा फिल्म क्रिटिक्स कहलाना पसंद करते हैं. फिल्म में जो एक चीज जो न केवल रौंगटे खड़े करती है बल्कि कौतुहल का केंद्र है वो है सीरियल किलर द्वारा लोगों को मारने की टेक्नीक.
सीरियल किलर बिलकुल फिल्मीं अंदाज में अपने टारगेट को खोजता है उनकी बेरहमी से हत्या करता है और मारने के बाद उनकी लाश पर उन्हें स्टार्स देता है. फिल्म में यही स्टार्स हत्यारे के हुक मार्क हैं.
ट्रेलर देखें और उसपर गौर करें तो यही मिलता है कि चुप: रिवेंज ऑफ द आर्टिस्ट एक ऐसी फिल्म है जो सिनेमा के बैक ड्राप में है. साथ ही फिल्म मेंये भी दिखाया गया है कि कैसे आज के दौर में अपने रिव्यू और रेटिंग के नाम पर आज के क्रिटिक अच्छी भली फिल्मों को मृत्युशैया पर पहुंचा देते हैं. ट्रेलर में गुरुदत्त की मशहूर फिल्म कागज के फूल का भी जिक्र हुआ है. ध्यान रहे गुरुदत्त की कागज के फूल एक ऐसी फिल्म थी जो अपने वक़्त में फिल्म क्रिटिक्स के निशाने पर आई और फिल्म को लेकर कुछ इस हद तक आलोचना हुई कि एक एक्टर के रूप में गुरुदत्त डिप्रेशन में चले गए और बाद में उन्होंने कोई फिल्म नहीं बनाई.
बात अगर रोल की हो तो ट्रेलर बता रहा है कि फिल्म में सनी देओल एक ऐसे पुलिस ऑफिसर की भूमिका में है जो उन हत्याओं की गुत्थी सुलझा रहा है. जिनका सूत्रधार फिल्म क्रिटिक्स की निर्मम हत्या करने वाला सीरियल किलर है. वहीं दुल्कर एक ऐसे व्यक्ति हैं जिनके लिए सिनेमा ही सब कुछ है और जिसे हमेशा ही इस बात से ऐतराज है कि आखिर कैसे कुछ शब्दों के रिव्यू से फिल्म क्रिटिक्स निर्माता निर्देशकों की बरसों की मेहनत को मिटटी में मिला देते हैं.
ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि फिल्म में सिर्फ खून, हत्या और डेड बॉडी ही हैं. फिल्म में एक बेहद खूबसूरत लव स्टोरी भी है जो श्रेया धनवंतरी और दुलकर के बीच चलती हुई दिखाई दे रही है.
ट्रेलर देखने के बाद जो सबसे पहली बात हमारे दिमाग में आती है, वो ये कि ये एक अलग किस्म का ट्रेलर है. जो बहुत कुछ बयां तो कर ही रहा है. साथ ही इसमें दर्शकों को ध्यान में रखकर कई बड़े परिवर्तन इसलिए भी किये गए हैं ताकि ये लीक से हटकर दिखाई दे. ट्रेलर बता रहा है कि चाहे वो सिनेमेटोग्राफी हों या फिर म्यूजिक छोटी से छोटी डिटेल पर इसलिए भी काम किया गया है ताकि कहीं से भी ये गुंजाईश न रहे कि कल जब ये फिल्म रिलीज हो कोई सिर्फ ये कहकर इसका रिव्यू कर दे कि कहानी दमदार नहीं है.
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