बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को उनके अतरंगी ड्रेस सेंस, अजीबो-गरीब स्टाइल और भरपूर एनर्जी के लिए जाना जाता है. एयरपोर्ट से लेकर किसी फिल्म के इवेंट तक, उनको हमेशा सबसे अलग हरकतें करते हुए देखा जाता है. शायद चर्चा में बने रहने के लिए ये उनकी अपनी आदत है. इन सबके बावजूद रणवीर सिंह के सितारे पिछले कुछ वक्त से गर्दिश में चल रहे हैं. उनकी लगातार फ्लॉप हो रही फिल्में उनके स्टारडम को संकट में डाल चुकी हैं. रोहित शेट्टी की फिल्म 'सर्कस' से उनको बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. इसकी बड़ी वजह, खुद रोहित शेट्टी हैं. एक्शन और कॉमेडी कैटेगरी की फिल्मों में उनकी आज भी कोई सानी नहीं है. दर्शकों को भी लग रहा था कि साल के आखिरी महीने में रिलीज हो रही उनकी फिल्म के जरिए मनोरंजन होगा. लेकिन हर किसी की उम्मीदों पर पानी फिर गया. 'सर्कस' इस साल की डिजास्टर फिल्मों की सूची में शामिल होने जा रही है.
फिल्म 'सर्कस' के फ्लॉप होने से रोहित शेट्टी पर तो उतना असर नहीं पड़ेगा, लेकिन रणवीर सिंह के करियर के लिए मुश्किल जरूर खड़ी होगी. क्योंकि अभिनेता की एक के बाद एक तीन फिल्में फ्लॉप हो चुकी हैं. इनमें 'सर्कस' के साथ '83' और 'जयेशभाई जोरदार' जैसी फिल्मों का नाम शामिल है. इसमें '83' बड़े बजट की फिल्म थी. कबीर खान के निर्देशन में बनी इस स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म की लागत करीब 250 करोड़ रुपए थी. लेकिन इसकी कमाई 150 करोड़ रुपए के पार भी नहीं जा पाई. यहां तक कि फिल्म के बारे में समीक्षकों और दर्शकों की नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली. इस मेगा बजट फिल्म से रणवीर को भरोसा था कि उनका करियर एक नए मुकाम पर जाएगा. उन्होंने अपने किरदार के लिए मेहनत भी बहुत ज्यादा की थी. लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. इसके साथ ये भ्रम भी टूट गया कि स्टारडम की बदौलत फिल्म हिट हो सकती है.
बॉलीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को उनके अतरंगी ड्रेस सेंस, अजीबो-गरीब स्टाइल और भरपूर एनर्जी के लिए जाना जाता है. एयरपोर्ट से लेकर किसी फिल्म के इवेंट तक, उनको हमेशा सबसे अलग हरकतें करते हुए देखा जाता है. शायद चर्चा में बने रहने के लिए ये उनकी अपनी आदत है. इन सबके बावजूद रणवीर सिंह के सितारे पिछले कुछ वक्त से गर्दिश में चल रहे हैं. उनकी लगातार फ्लॉप हो रही फिल्में उनके स्टारडम को संकट में डाल चुकी हैं. रोहित शेट्टी की फिल्म 'सर्कस' से उनको बहुत ज्यादा उम्मीदें थीं. इसकी बड़ी वजह, खुद रोहित शेट्टी हैं. एक्शन और कॉमेडी कैटेगरी की फिल्मों में उनकी आज भी कोई सानी नहीं है. दर्शकों को भी लग रहा था कि साल के आखिरी महीने में रिलीज हो रही उनकी फिल्म के जरिए मनोरंजन होगा. लेकिन हर किसी की उम्मीदों पर पानी फिर गया. 'सर्कस' इस साल की डिजास्टर फिल्मों की सूची में शामिल होने जा रही है.
फिल्म 'सर्कस' के फ्लॉप होने से रोहित शेट्टी पर तो उतना असर नहीं पड़ेगा, लेकिन रणवीर सिंह के करियर के लिए मुश्किल जरूर खड़ी होगी. क्योंकि अभिनेता की एक के बाद एक तीन फिल्में फ्लॉप हो चुकी हैं. इनमें 'सर्कस' के साथ '83' और 'जयेशभाई जोरदार' जैसी फिल्मों का नाम शामिल है. इसमें '83' बड़े बजट की फिल्म थी. कबीर खान के निर्देशन में बनी इस स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म की लागत करीब 250 करोड़ रुपए थी. लेकिन इसकी कमाई 150 करोड़ रुपए के पार भी नहीं जा पाई. यहां तक कि फिल्म के बारे में समीक्षकों और दर्शकों की नकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली. इस मेगा बजट फिल्म से रणवीर को भरोसा था कि उनका करियर एक नए मुकाम पर जाएगा. उन्होंने अपने किरदार के लिए मेहनत भी बहुत ज्यादा की थी. लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. इसके साथ ये भ्रम भी टूट गया कि स्टारडम की बदौलत फिल्म हिट हो सकती है.
2022 बॉलीवुड बायकॉट मुहिम के लिए याद किया जाएगा. इस साल लोगों ने बॉलीवुड की हर फिल्म का बहिष्कार और विरोध किया है. ऐसे दौर में एक पुराने सामाजिक मुद्दे पर आधारित फिल्म 'जयेशभाई जोरदार' रिलीज की गई. लोगों ने इस फिल्म को सिरे से नकार दिया. करीब 100 करोड़ रुपए की लागत में बनी इस फिल्म को 20 करोड़ का कलेक्शन करने में भी पसीने छूट गए. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिजास्टर साबित हुई. इसके बावजूद पूरी एनर्जी के साथ रणवीर सिंह फिल्म 'सर्कस' के प्रमोशन में जुट गए. उनको क्या हर किसी को लग रहा था कि ये फिल्म ब्लॉकबस्टर होगी, लेकिन इसके ठीक उलट डिजास्टर होने की ओर है. करीब 150 करोड़ रुपए की लागत में बनी ये फिल्म अभी तक 30 करोड़ रुपए का कलेक्शन ही कर पाई है. कमाई का ट्रेंड देखते हुए कहा जा सकता है कि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म का 50 करोड़ रुपए तक कलेक्शन हो पाएगा.
देखा जाए तो साल 2013 से लेकर 2021 के पहले क्वार्टर तक, यानी करीब सात साल रणवीर सिंह के लिए स्वर्णिम काल रहा है. इस दौरान रिलीज हुई उनकी कई फिल्में सुपरहिट रही हैं. इसमें 'लुटेरे' (2013), 'राम-लीला' (2013), 'गुंडे' (2014), 'बाजीराव मस्तानी' (2015), 'बेफीक्रे' (2016), 'पद्मावत' (2018), 'सिंबा' (2018), 'गली बॉय' (2019) और 'सूर्यवंशी' (2021) जैसी फिल्में शामिल हैं. 2010 में यशराज बैनर के तले बनी फिल्म 'बैंड बाजा बारात' से बॉलीवुड डेब्यू करने वाले रणवीर सिंह के परफॉर्मेंस की सराहना हुई थी. उस वक्त अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाने के लिए उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ लंबा समय बिताया था. इसके बाद 2013 में रिलीज हुई फिल्म 'लुटेरे' ने उनको नई पहचान दी. इसमें उनके साथ सोनाक्षी सिंहा की एक्टिंग की भी तारीफ हुई थी. सेमी हिट रही ये फिल्म रणवीर के करियर के लिए फायदेमंद रही.
संजय लीला भंसाली जैसे दिग्गज फिल्म मेकर की नजरों में वो आ गए. भंसाली ने उनको लेकर फिल्म 'गोलियों की रासलीला राम-लीला' बनाई. इसमें रणवीर के अपोजिट दीपिका पादुकोण को कास्ट किया गया. दोनों की बेहतरीन केमिस्ट्री ने फिल्म में समां बांध दिया. तमाम विवादों के बावजूद ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई. 88 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म ने 218 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था. इसके बाद भंसाली ने रणवीर और दीपिका को लेकर 'बाजीराव मस्तानी' (2015) और 'पद्मावत' (2018) फिल्म बनाई, जिससे दोनों के सितारे बुलंदियों पर पहुंच गए. दोनों ही फिल्मों ने बेहतरीन बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया. इसी बीच 50 करोड़ रुपए की लागत में बनी फिल्म 'गुंडे' (2014) ने 130 करोड़ रुपए और 70 करोड़ रुपए में बनी 'बेफीक्रे' (2016) ने 103 करोड़ रुपए कमाई करके रणवीर के करियर को एक नए मुकाम पर पहुंचा दिया.
इन फिल्मों की सफलता कहें या फिर समय का फेर, रणवीर सिंह धीरे-धीरे ओवरएक्टिंग के शिकार होते गए हैं. उनकी हर फिल्म में एक तरह की एक्टिंग देखने को मिलने लगी है. भंसाली की पाठशाला में उन्होंने एक्टिंग के जो गुर सीखे थे, वो उन्होंने बहुत जल्दी भुला दिया. एक्टर से कॉमेडियन बन गए हैं. ऊपर से स्टाइल आइकन बनने के चक्कर में ओवर एक्सपोज भी हो गए हैं. हर जगह अतरंगी कपड़ों और अजीबो-गरीब स्टाइल में नजर आने की वजह से लोग अब उनको गंभीरता से कम लेते हैं. इन सबका उनके स्टारडम पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है. इस वक्त बॉलीवुड के जिस तरह के हालात हैं, उसमें जब आमिर खान जैसे गंभीर और बेहतरीन एक्टर की फिल्में फ्लॉप हो सकती हैं, तो रणवीर किस खेत की मूली हैं. आने वाले समय में उनके पास एक फिल्म 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' है, जो करण जौहर बना रहे हैं. ऐसे में इस फिल्म के हश्र के बारे में समझा जा सकता है.
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