हिमांक गौर द्वारा निर्देशित और रोहित राज द्वारा निर्मित मशहूर यूट्यूबर भुवन बाम की वेब सीरीज 'ढिंढोरा' बीबी की वाइंस यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो चुकी है. अपने अलग-अलग रोचक किरदारों के जरिए लोगों को रोमांचित करने वाले भुवन बाम इस बार कॉमेडी और एंटरटेमेंट के साथ सोशल सटायर भी कर रहे हैं. इस सीरीज में एक आम आदमी की यात्रा की कहानी है, जिसमें उसके साथ कुछ घटनाएं होती हैं. इसके बाद वह व्यक्ति और उससे जुड़े सभी लोग घटना पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, इसे एक दिलचस्प अंदाज में दिखाया गया है. 8 एपिसोड की इस सीरीज में भुवन अपने यूट्यूब चैनल बीबी की वाइंस के सभी 9 किरदारों के साथ नजर आ रहे हैं.
इस वेब सीरीज के टाइटल 'ढिंढोरा' का अर्थ है 'ढोल पीटना', 'डुग्गी बजाकर की गई घोषणा' या मुनादी होती है. वेब सीरीज का टाइटल सही मायने इस वेब सीरीज का प्रतिनिधित्व करता है. इसकी कहानी भुवन नामक किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मशहूर सिंगर बनने की ख्वाहिश लिए कॉलेज में पढ़ता है. मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाले उसके पिता बबलू (भुवन बाम) और मां जानकी (भुवन बाम) किसी तरह से घर चला रहे होते हैं. हर वक्त पैसे की तंगी रहती है, जिसकी वजह से उनकी इच्छानुसार चीजें नहीं हो पातीं. बबलू को लगता है कि उनका प्रमोशन हो जाए, तो सैलरी बढ़ जाएगी, उसके बाद परिवार की हालत भी सुधर जाएगी.
यही ख्वाब लिए बबलू जी अपने ऑफिस जाते हैं. उनका बॉस (इश्तियाक खान) उनको अपने केबिन में बुलाता है. बबलू को लगता है कि आज बॉस खुश है, उनका प्रमोशन होना और सैलरी बढ़ना पक्का है. लेकिन अंदर जाने के बाद पता चलता है कि बॉस ने उनकी सैलरी कम कर दी है. उसका कहना है कि सीनियर के पास काम ही क्या होता है, जो...
हिमांक गौर द्वारा निर्देशित और रोहित राज द्वारा निर्मित मशहूर यूट्यूबर भुवन बाम की वेब सीरीज 'ढिंढोरा' बीबी की वाइंस यूट्यूब चैनल पर रिलीज हो चुकी है. अपने अलग-अलग रोचक किरदारों के जरिए लोगों को रोमांचित करने वाले भुवन बाम इस बार कॉमेडी और एंटरटेमेंट के साथ सोशल सटायर भी कर रहे हैं. इस सीरीज में एक आम आदमी की यात्रा की कहानी है, जिसमें उसके साथ कुछ घटनाएं होती हैं. इसके बाद वह व्यक्ति और उससे जुड़े सभी लोग घटना पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं, इसे एक दिलचस्प अंदाज में दिखाया गया है. 8 एपिसोड की इस सीरीज में भुवन अपने यूट्यूब चैनल बीबी की वाइंस के सभी 9 किरदारों के साथ नजर आ रहे हैं.
इस वेब सीरीज के टाइटल 'ढिंढोरा' का अर्थ है 'ढोल पीटना', 'डुग्गी बजाकर की गई घोषणा' या मुनादी होती है. वेब सीरीज का टाइटल सही मायने इस वेब सीरीज का प्रतिनिधित्व करता है. इसकी कहानी भुवन नामक किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक मशहूर सिंगर बनने की ख्वाहिश लिए कॉलेज में पढ़ता है. मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाले उसके पिता बबलू (भुवन बाम) और मां जानकी (भुवन बाम) किसी तरह से घर चला रहे होते हैं. हर वक्त पैसे की तंगी रहती है, जिसकी वजह से उनकी इच्छानुसार चीजें नहीं हो पातीं. बबलू को लगता है कि उनका प्रमोशन हो जाए, तो सैलरी बढ़ जाएगी, उसके बाद परिवार की हालत भी सुधर जाएगी.
यही ख्वाब लिए बबलू जी अपने ऑफिस जाते हैं. उनका बॉस (इश्तियाक खान) उनको अपने केबिन में बुलाता है. बबलू को लगता है कि आज बॉस खुश है, उनका प्रमोशन होना और सैलरी बढ़ना पक्का है. लेकिन अंदर जाने के बाद पता चलता है कि बॉस ने उनकी सैलरी कम कर दी है. उसका कहना है कि सीनियर के पास काम ही क्या होता है, जो उन्हें ज्यादा सैलरी दी जाए. बहुत ही निराश और हताश बबलू घर के लिए निकलते हैं. रास्ते में उनको एक लॉटरी वाला (अंकूर पाठक) मिलता है, जो उनसे लॉटरी लेने के लिए कहता है. पहले तो मना करते हैं, लेकिन बाद में बबलू लॉटरी खरीद लेते हैं. उनकी किस्मत चमक उठती है, क्योंकि लॉटरी लग जाती है.
वेब सीरीज 'ढिंढोरा' का पहला एपिसोड...
बबलू 11 करोड़ रुपए लॉटरी के जरिए जीतने के बाद खुशी से झूम उठते हैं. तुरंत अपनी पत्नी जानकी को फोन करके लॉटरी के बारे में बताते हैं. अपने बेटे भुवन को बताने के लिए उसके कॉलेज जाते हैं, लेकिन रास्ते में एक कार से उनका एक्सिडेंट हो जाता है. वो सड़क पर गिर जाते हैं. लोगों की भीड़ इकठ्ठी होती है, लेकिन कोई भी उनके लिए एंबुलेंस को कॉल नहीं करता. सभी लोग तमाशबीन बने खड़े होते हैं. वहीं कुछ लोग मोबाइल वीडियो बना रहे होते हैं, तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर लाइव कर रहे होते हैं. इसी बीच भुवन भी वहां पहुंच जाता है. अपने पिता को देखकर तुरंत उनको अस्पताल लेकर आता है. इलाज के बाद बबलू ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन उनकी यादाश्त चली जाती है. वो अपना सबकुछ भूल जाते हैं. यही से कहानी में रोमांचक मोड़ आता है, जिसे जानने के लिए वेब सीरीज देखनी होगी.
वेब सीरीज 'ढिंढोरा' के सीजन 1 का हर एपिसोड हर हफ्ते रिलीज किया जा रहा है. इसके अभी दो एपिसोड आम दर्शकों के लिए उपलब्ध हैं, लेकिन हमारी समीक्षा चार एपिसोड पर आधारित है. 15 से 20 मिनट के हर एपिसोड में कहानी तो एक ही है, लेकिन अलग-अलग मैसेज देने की कोशिश की गई है. भुवन बाम ने इस वेब सीरीज के जरिए केवल मस्ती-मजाक कॉमेडी नहीं की है, बल्कि सामाजिक ताने-बाने और लोगों के व्यवहार पर करारा व्यंग्य भी किया है. लग गई, बसी रोटी, नैनो ठग लेंगे और सस्ते शेरलॉक जैसे एपिसोड के शीर्षक यह बताने के लिए काफी हैं कि इनमें कंटेंट कैसा है, इस कंटेंट से कहानी कैसी बुनी गई है और इसका संदेश क्या है?
वेब सीरीज 'ढिंढोरा' का दूसरा एपिसोड...
इस वेब सीरीज की पटकथा भुवन बाम, अब्बास दलाल और हुसैन दलाल ने मिलकर लिखी है, जबकि कहानी भुवन बाम की है. पटकथा चौथे एपिसोड तक आते-आते अनुमानित हो जाती है, हालांकि संवाद अच्छे होने की वजह से दर्शकों का मन लगा रहता है. लेकिन बेवजह इसमें गाली-गलौच और अपशब्दों को इतना ज्यादा शामिल कर दिया गया है कि सारा मजा खराब हो जाता है. वरना इसे पूरे परिवार के साथ बैठकर ड्राइंग रूम में हंसते-खिलखिलाते देखा जा सकता था. लेकिन वेब सीरीज बनाने वालों को ये लगता है कि इसे लोग अपने मोबाइल पर अकेले ही देखेंगे. इसलिए प्राइवेसी के नाम पर कुछ ज्यादा ही फ्रीडम ले लेते हैं, जिससे कि बचना चाहिए.
जो लोग भुवन बम के बीबी की वाइन यूट्यूब चैनल को देखते रहे हैं, उनको उनके किरदारों के बारे में पहले से ही पता होगा. वैसे बताते चलें कि भुवन अपने सभी वीडियोज में कई तरह के किरदार खुद ही निभाते हैं. वो मां, बाप, बेटे, दोस्त हर किरदार में दर्शकों के सामने आते हैं. उनके कई किरदार तो बहुत लोकप्रिय भी हैं, जैसे उनकी मां जानकी, पिता बबलू, मामा टीटू से लेकर उनके दोस्तों भानछोड़दास, समीर फुद्दी और कॉलेज टीचर तक इस फेहरिस्त में शामिल हैं. इन्हीं लोकप्रिय किरदारों के साथ भुवन एक नई कहानी को लेकर दर्शकों के सामने आए हैं. इसके जरिए वो मनोरंजन करने में सफल रहते हैं. हालांकि, उनके कई किरदारों के लुक्स में परफेक्शन की कमी साफ नजर आती है, लेकिन वो कमी कॉमेडी पंच और किरदारों की कलाकारी के आगे नजर नहीं आती. कुल मिलाकर इसे एक बार देखा जा सकता है.
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