जब कोई शादी करता है तो यही सोचता है कि इस शख्स से साथ पूरी लाइफ बितानी है. कोई भी दूसरी शादी के बारे में नहीं सोचता. सात जन्म के साथ का ही ख्याल करता है ना की तलाक का. मगर कभी-कभी हमारी जिंदगी में वो सारी घटनाएं होती हैं जिनकी हम कभी कल्पना नहीं करते.
शादी के बाद हमारी कोशिश यही रहती है कि यह रिश्ता ना टूटे, क्योंकि हमारे ऊपर परिवार और समाज सभी का प्रेशर रहता है. लेकिन तब क्या जब साथ रहते हुए प्यार कम और टकराव ज्यादा होने लगे. आपस में तालमेल ना बैठे और छोटी-छोटी बातों पर होने वाली बहस बड़े झगड़े का रूप लेने लगे. रोज-रोज के लड़ाई-झगड़ों का असर हमारी लाइफ पर होने लगे. कभी-कभी तो इंसान मानसिक रूप से बीमार हो जाता है. ऐसे में साथ रहने से अच्छा है अलग हो जाना.
जब दो लोग अलग होते हैं तो वे पति-पत्नी होते हैं, लेकिन अलग होने के बाद पत्नी को लोग सिर्फ महिला के तौर पर न देखकर तलाकशुदा महिला के रूप में देखने लगते हैं. समाज के लोग तलाक का दोष महिला के माथे गढ़ देते हैं. लोगों का मानना होता है कि किस मियां-बीवी में झगड़े नहीं होते. आजकल की महिलाएं पति को पैरों के नीचे रखना चाहती हैं. पति को कुछ समझती ही नहीं होगी, इसलिए पति ने छोड़ दिया.
इसके बाद अगर महिला दूसरी बार शादी करने की सोच ले तब तो खैर नहीं. सीधे लोग कैरेक्टर पर ही सवाल उठा देते हैं. हालांकि कई ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने दूसरी बार शादी की है और वे खुश हैंं लेकिन इसमें भी लोगों का मानना है कि वो तो हीरोइन हैं, एक साधारण महिला के लिए तो जैसे यह पाप है.
हां यह बात अलग है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस को भी ट्रोलर्स का सामना...
जब कोई शादी करता है तो यही सोचता है कि इस शख्स से साथ पूरी लाइफ बितानी है. कोई भी दूसरी शादी के बारे में नहीं सोचता. सात जन्म के साथ का ही ख्याल करता है ना की तलाक का. मगर कभी-कभी हमारी जिंदगी में वो सारी घटनाएं होती हैं जिनकी हम कभी कल्पना नहीं करते.
शादी के बाद हमारी कोशिश यही रहती है कि यह रिश्ता ना टूटे, क्योंकि हमारे ऊपर परिवार और समाज सभी का प्रेशर रहता है. लेकिन तब क्या जब साथ रहते हुए प्यार कम और टकराव ज्यादा होने लगे. आपस में तालमेल ना बैठे और छोटी-छोटी बातों पर होने वाली बहस बड़े झगड़े का रूप लेने लगे. रोज-रोज के लड़ाई-झगड़ों का असर हमारी लाइफ पर होने लगे. कभी-कभी तो इंसान मानसिक रूप से बीमार हो जाता है. ऐसे में साथ रहने से अच्छा है अलग हो जाना.
जब दो लोग अलग होते हैं तो वे पति-पत्नी होते हैं, लेकिन अलग होने के बाद पत्नी को लोग सिर्फ महिला के तौर पर न देखकर तलाकशुदा महिला के रूप में देखने लगते हैं. समाज के लोग तलाक का दोष महिला के माथे गढ़ देते हैं. लोगों का मानना होता है कि किस मियां-बीवी में झगड़े नहीं होते. आजकल की महिलाएं पति को पैरों के नीचे रखना चाहती हैं. पति को कुछ समझती ही नहीं होगी, इसलिए पति ने छोड़ दिया.
इसके बाद अगर महिला दूसरी बार शादी करने की सोच ले तब तो खैर नहीं. सीधे लोग कैरेक्टर पर ही सवाल उठा देते हैं. हालांकि कई ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने दूसरी बार शादी की है और वे खुश हैंं लेकिन इसमें भी लोगों का मानना है कि वो तो हीरोइन हैं, एक साधारण महिला के लिए तो जैसे यह पाप है.
हां यह बात अलग है कि बॉलीवुड एक्ट्रेस को भी ट्रोलर्स का सामना करना पड़ता है. एक शादी टूटने के बाद दूसरी शादी निभाने के लिए महिलाओं के ऊपर दबाव बन जाता है. क्योंकि लोगों का मानना होता है कि तलाकशुदा रिश्ते निभाने में कमजोर होते हैं. कुछ लोग तो यह भी कह देते हैं कि तलाकशुदा महिलाएं सेल्फिश होती हैं. कुल मिलाकर लोगों को ताना मारने का मौका मिल जाता है. तलाकशुदा महिलाओं को लेकर लोगों ने एक सोच का दायरा बना लिया है. जैसे ऐसी महिलाएं दोबारा प्यार नहीं कर सकती. तलाक होने का मतलब कि उनके मान-सम्मान में कमी हो जाती है.
ऐसे में दिया मिर्जा ने शादी की बात करके सभी को चौंका दिया है. दिया मिर्जा 15 फरवरी को बिजनेस मैन वैभव रेखी संग शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं. लेकिन लोग उनको उनके पहले पति की याद दिलाने पर तुले हुए हैं. जिस रिश्ते भूलकर वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ रही हैं. दिया की फर्स्ट लव स्टोरी के बारे में लोग जानना चाह रहे हैं. लोग उनकी पहली शादी और तलाक के बारे में जानना चाह रहे हैं. इसी से समझ आता है कि लोगों की मानसिकता क्या है. जब तलाक की खबर आई थी तब भी लोगों ने दिया को ट्रोल किया था.
लगभग सभी को पता है कि साहिल सांगा दिया की लाइफ में क्या मायने रखते थे. जिस इंसान के साथ जिंदगी के 11 साल बिताए हों उसे भूलकर आगे बढ़ने के लिए दिया को बधाई. बाकी तो बोलने वाले बोलते ही रहेंगे लेकिन अब महिलाएं अपना कदम मजबूती से आगे बढ़ा रही हैं.
दीया मिर्जा की पहली बार साहिल संग मुलाकात 2009 में हुई थी. दरअसल, तब साहिल दिया को फिल्म की स्क्रिप्ट सुनाने गए थे. 5 साल तक दोनों ने एक-दूसरे से दिल की बात नहीं कही. इसके बाद साहिल ने दिया को फिल्मी स्टाइल में न्यूयॉर्क के Brooklyn Bridge पर अपने प्यार का इजहार किया था. लेकिन प्यार में हर किसी को मंजिल नहीं मिलती. अक्टूबर, 2014 में हुई यह शादी 2019 में टूट गई.
जिसका सामना दिया ने बड़ी हिम्मत और समझदारी से किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर बताया था कि 11 साल के बाद हम आपसी सहमति से अलग हो रहे हैं. हम आगे भी एक-दूसरे का सम्मान करेंगे और दोस्त रहेंगे. लेकिन लोगों को यह बात समझ ही नहीं आती कि शादी में परेशानियां आ जाएं तो एक महिला अलग हो सकती है. वह अकेले भी रह सकती है और दूसरी शादी भी कर सकती है.
तलाकशुदा महिला जब शादी की बात करती है तो सबसे पहले घरवाले ही मना कर देते हैं. आस-पड़ोस के लोगों को गॉसिप के लिए एक नया टॉपिक मिल जाता है. उसे बुरी औरत समझा जाता है. जो रिवाजों के हिसाब से लोगों ने तय किया होता है. जबकि सोच में तो वह महिला होती है जो एक शादी टूटने के बाद दोबारा रिस्क ले रही होती है, कि फ्यूचर में सब कैसा होगा.
समाज जल्दी इस बात को पचा नहीं पाता और कैरेक्टर सर्टिफिकेट बांटने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है, लेकिन दिया, जैसी महिलाओं ने लोगों की सोच के दायरे को छोड़कर अपनी नई दुनिया बनाई है. जहां महिलाएं अपने लिए खुद फैसला ले सकती हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.