‘ज़िंदगी और मौत किसी के हाथ में नहीं है, अगर कुछ हमारे वश में है तो वह है खुश रहना’. ‘पता है, मेरी धड़कनों को तुम्हारी आदत लग गई है, जब तुम पास आते हो तो यह ठीक से चलने लगता है’. ये कुछ डायलॉग हैं दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा के. दिल बेचारा में सुशांत हंसता है, दूसरों को हंसाता है और एक कैंसर पेशेंट को जीने का हौसला देता है और आखिर में वह खुद सबको छोड़ कर चला जाता है. दिल वाकई बेचारा होता है, जिसके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है और आखिर में बच जाती हैं तो बस यादें. इन सारें भावों को समेटे सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी निशानी दिल बेचारा का ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस फिल्म में सुशांत के साथ संजना संघी और सैफ अली खान भी हैं. दिल बेचारा के ट्रेलर का सुशांत के करोड़ों फैंस को बेसब्री से इंतजार था और आज सुबह से ट्विटर पर #DilBecharaTrailer ट्रेंड कर रहा है. दिल बेचारा 24 जुलाई को डिज्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है, जिसे आप फ्री में देख सकते हैं.
दिल बेचारा का ट्रेलर देखने के लिए लाखों-करोड़ों लोगों की तरह ही मैं भी सुबह से 4 बजने का इंतजार कर रहा था. हॉटस्टार और फॉक्स स्टूडियो हिंदी ने दोपहर में समय की जानकारी दी कि दिल बेचारा का ट्रेलर शाम 4 बजे यूट्यूब पर प्रीमियर होगा. नम आंखों और बुझे हौसले से फिल्म का ट्रेलर देखना शुरू किया. सुशांत सिंह करीब 2 मिनट 55 सेकेंड जेहन मे घूमते रहे. हंसते हुए लाखों लोगों को हंसाते तो रोते हुए लाखों आंखों को नम करते संजना संधी के साथ एआर रहमान के ‘दिल बेचारा, फ्रेंडजोन का मारा’ धुन पर थिरकते दिखे. दिल बेचारा का ट्रेलर देख आपको बहुत सी फिल्मों की याद आएगी, लेकिन जैसा दर्द आप इसमें महसूस करेंगे, शायद आपने कभी नहीं किया होगा. जमशेदपुर जैसे छोटे शहर से होते हुए पैरिस तक के खूबसूरत लोकेशंस आपकी आंखों में कैद हो जाते हैं. ऊपर से एआर रहमान की धुन, आपके मन को सुकून पहुंचाते हैं.
आप लोगों में से कई ने अमेरिकी उपन्यासकार John Green के फेमस नोवेल...
‘ज़िंदगी और मौत किसी के हाथ में नहीं है, अगर कुछ हमारे वश में है तो वह है खुश रहना’. ‘पता है, मेरी धड़कनों को तुम्हारी आदत लग गई है, जब तुम पास आते हो तो यह ठीक से चलने लगता है’. ये कुछ डायलॉग हैं दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा के. दिल बेचारा में सुशांत हंसता है, दूसरों को हंसाता है और एक कैंसर पेशेंट को जीने का हौसला देता है और आखिर में वह खुद सबको छोड़ कर चला जाता है. दिल वाकई बेचारा होता है, जिसके साथ कभी भी कुछ भी हो सकता है और आखिर में बच जाती हैं तो बस यादें. इन सारें भावों को समेटे सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी निशानी दिल बेचारा का ट्रेलर रिलीज हो गया है. इस फिल्म में सुशांत के साथ संजना संघी और सैफ अली खान भी हैं. दिल बेचारा के ट्रेलर का सुशांत के करोड़ों फैंस को बेसब्री से इंतजार था और आज सुबह से ट्विटर पर #DilBecharaTrailer ट्रेंड कर रहा है. दिल बेचारा 24 जुलाई को डिज्नी+हॉटस्टार पर रिलीज हो रही है, जिसे आप फ्री में देख सकते हैं.
दिल बेचारा का ट्रेलर देखने के लिए लाखों-करोड़ों लोगों की तरह ही मैं भी सुबह से 4 बजने का इंतजार कर रहा था. हॉटस्टार और फॉक्स स्टूडियो हिंदी ने दोपहर में समय की जानकारी दी कि दिल बेचारा का ट्रेलर शाम 4 बजे यूट्यूब पर प्रीमियर होगा. नम आंखों और बुझे हौसले से फिल्म का ट्रेलर देखना शुरू किया. सुशांत सिंह करीब 2 मिनट 55 सेकेंड जेहन मे घूमते रहे. हंसते हुए लाखों लोगों को हंसाते तो रोते हुए लाखों आंखों को नम करते संजना संधी के साथ एआर रहमान के ‘दिल बेचारा, फ्रेंडजोन का मारा’ धुन पर थिरकते दिखे. दिल बेचारा का ट्रेलर देख आपको बहुत सी फिल्मों की याद आएगी, लेकिन जैसा दर्द आप इसमें महसूस करेंगे, शायद आपने कभी नहीं किया होगा. जमशेदपुर जैसे छोटे शहर से होते हुए पैरिस तक के खूबसूरत लोकेशंस आपकी आंखों में कैद हो जाते हैं. ऊपर से एआर रहमान की धुन, आपके मन को सुकून पहुंचाते हैं.
आप लोगों में से कई ने अमेरिकी उपन्यासकार John Green के फेमस नोवेल The Fault in Our Stars को पढ़ा होगा. कास्टिंग डायरेक्टर से फिल्म डायरेक्टर बने मुकेश छाबड़ा की फिल्म दिल बेचारा इसी उपन्यास पर आधारित है. शशांक खेतान और सुप्रतिम सेनगुप्ता ने दिल बेचारा की स्टोरी और स्क्रीनप्ले लिखा है. दिल बेचारा का ट्रेलर देखते हुए इसके दो मुख्य किरदार Kizie और Manny की भूमिका में सुशांत और संजना संघी को देख अब्बास टायरवाला की फिल्म जाने तू या जाने ना की याद आती है. शायद इसकी सबसे बड़ी वजह दिल बेचारा का म्यूजिक है, जिसे एआर रहमान ने दिया है.
कॉलेज लाइफ, दोस्ती और प्यार के बीच दर्द
दिल बेचारा कहानी है एक ऐसे लड़के की, जो पूर्व में एक गंभीर बीमारी से बच चुका है. उस बीमारी ने लड़के को हंसना और खुश रहना सीखा दिया, जो इस डायलॉग पर विश्वास करता है कि क्या पता कल हो ना हो!. कॉलेज में उस लड़के की मुलाकात एक लड़की से होती है, जो कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही है. लड़के को उस लड़की के प्रति आकर्षण होता है और वह बहाने बना-बनाकर उसके पास जाने की कोशिश करता है. धीरे-धीरे दोनों की नजदीकी बढ़ती है. वह हंसमुख और बिंदास लड़का उस कैंसर पीड़ित लड़की में अपनी खुशी ढूंढने लगता है. इस बीच उस लड़की की तबीयत काफी बिगड़ जाती है. लड़का काफी परेशान होता है और लड़की की आखिरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए उसे पैरिस ले जाता है, जहां उसे एहसास होता है कि वो दोनों एक-दूसरे से प्यार करने लगे हैं. यही लड़का है सुशांत और लड़की है किज़ी बासु यानी संजना संघी.
जमदेशपुर से पैरिस की मार्मिक यात्रा
दिल बेचारा कहानी है दोस्ती, प्यार, दर्द, आंसू और ‘दो जिस्म एक जान’ के धागों में बंधे एक रिश्ते की, जो एक दिन एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं. मुकेश छाबड़ा ने बेहद खूबसूरती से जॉन ग्रीन के वर्ल्ड फेमस उपन्यास को फिल्म की शक्ल दी है. झारखंड के जमशेदपुर जैसे छोटे शहरों की इस प्रेम कहानी को पैरिस तक ले जाने और इसके बीच प्यार, दर्द, कैंसर और मौत जैसी हकीकत से रूबरू कराती यह फिल्म सुशांत की आखिरी फिल्मी निशानी है, जिसे उनके करोड़ों फैंस दिल में सहेजकर रखेंगे. मुकेश छाबड़ा की फिल्म दिल बेचारा के साथ सबसे खास बात यह है कि इसमें एआर रहमान ने म्यूजिक दिया है. मुझ जैसे हजारों लोगों को दिल बेचारा के म्यूजिक रिलीज का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि देखना है कि एआर रहमान दर्द में लिपटी इस कॉलेज लाइफ स्टोरी को किस तरह संगीतबद्ध कर लोगों के सामने पेश करते हैं.
संजना संघी की मासूमियत और सुशांत का भोलापन
दिल बेचारा में सुशांत सिंह राजपूत के साथ संजना संघी प्रमुख भूमिका में हैं. संजना ने कैंसर पेशेंट किज़ी का किरदार निभाया है. यकीन मानें, संजना को देखकर कहीं से नहीं लग रहा है कि दिल बेचारा उनकी पहली फिल्म है. स्क्रीन प्रजेंस, बड़ी बोतली आंखें और अपनी आवाज के जादू से कभी-कभी वह सुशांत पर भारी पड़ती दिखती हैं. सुशांत को आप जितनी बार देखते हैं, आपकी आंखें नम हो जाती हैं और लगता है कि इस हंसते चेहरे ने न जाने कितने दर्द अपने अंदर समेट रखा है कि उसे खाली करने के लिए ये दुनिया छोटी पड़ गई और सुशांत अपनी फेवरेट तारों की दुनिया में चले गए.
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