बिग बॉस (bigg boss 15) देखना जैसे कोई गुनाह हो गया है, भाई. स्नेहा ने मीसा को फोन करते ही अपनी सारी भड़ास निकाल दी. अरे क्या हुआ? तेरा मूड क्यों इतना गर्म है? मत पूछ यार, आज कॉलेज में सबको पता चला कि मैं बिग बॉस देखती हूं, इतना सुनकर तो सबने मुंह ही सड़ा लिया, जैसे मैंने कोई गुनाह कर दिया हो. जबकि उन सबको अबतक के एपिसोड की सारी जानकारी थी. मैंने देखा है कि वे कैसे हेडफोन लगाकर एक कोने में बैठकर बिग बॉस देखते हैं लेकिन जब मैंने आज के एपिसोड के बारे में बात की तो उन्होंने ऐसे रिएक्ट किया जैसे मैं कितनी बुरी लड़की हूं...
ये सिर्फ स्नेहा की कहानी नहीं है. जब हम मेट्रो में ट्रेवल करते हैं और उस वक्त कोई मोबाइल में बिग बॉस देखता नजर आ जाए तो लोग उसे घूरने लगते हैं. क्या सिर्फ बिग बॉस देख लेने भर से कोई बुरा इंसान बन जाता है? यह तो अपनी-अपनी च्वाइस है. आखिर लोग किस आधार पर बिग बॉस देखने वाले को जज करते हैं? वे तो अपने एंटरटेनमेंट के लिए देखता हैं बस. ऐसे तो हम क्राइम फिल्में भी देखते हैं तो क्या हम हत्यारा बन जाते हैं?
आजकल ओटीटी पर कौन सी ऐसी सीरीज है जिसमें न्यूडिटी और अश्लीलता ना हो. ये तो यही वाली बात है कि चिकन खाएंगे लेकिन बिना लहसुन, प्याज के सिर्फ हींग, जीरा और हरी धनिया डालकर. वैसे लोग नेट का रिचार्ज कराकर एक कोना पकड़कर क्या मोबाइल में भक्ति वीडियो देखते हैं? माने बस पूछ रहे हैं...
आपसे किसी ने पूछा है कि क्या आप बिग बॉस देखते हैं? आपके जवाब पर उसका रिएक्शन तो आपको याद ही होगा. आपने अगर कहा होगा, नहीं देखता तो उसने हंसकर जरूर जवाब दिया होगा अरे मैं भी दूर ही रहता हूं. भले ही देखने वाले छिप-छिपकर मोबाइल में बिग बॉस देखते हों लेकिन पूछो तो उनका जवाब बड़ा ही मजेदार...
बिग बॉस (bigg boss 15) देखना जैसे कोई गुनाह हो गया है, भाई. स्नेहा ने मीसा को फोन करते ही अपनी सारी भड़ास निकाल दी. अरे क्या हुआ? तेरा मूड क्यों इतना गर्म है? मत पूछ यार, आज कॉलेज में सबको पता चला कि मैं बिग बॉस देखती हूं, इतना सुनकर तो सबने मुंह ही सड़ा लिया, जैसे मैंने कोई गुनाह कर दिया हो. जबकि उन सबको अबतक के एपिसोड की सारी जानकारी थी. मैंने देखा है कि वे कैसे हेडफोन लगाकर एक कोने में बैठकर बिग बॉस देखते हैं लेकिन जब मैंने आज के एपिसोड के बारे में बात की तो उन्होंने ऐसे रिएक्ट किया जैसे मैं कितनी बुरी लड़की हूं...
ये सिर्फ स्नेहा की कहानी नहीं है. जब हम मेट्रो में ट्रेवल करते हैं और उस वक्त कोई मोबाइल में बिग बॉस देखता नजर आ जाए तो लोग उसे घूरने लगते हैं. क्या सिर्फ बिग बॉस देख लेने भर से कोई बुरा इंसान बन जाता है? यह तो अपनी-अपनी च्वाइस है. आखिर लोग किस आधार पर बिग बॉस देखने वाले को जज करते हैं? वे तो अपने एंटरटेनमेंट के लिए देखता हैं बस. ऐसे तो हम क्राइम फिल्में भी देखते हैं तो क्या हम हत्यारा बन जाते हैं?
आजकल ओटीटी पर कौन सी ऐसी सीरीज है जिसमें न्यूडिटी और अश्लीलता ना हो. ये तो यही वाली बात है कि चिकन खाएंगे लेकिन बिना लहसुन, प्याज के सिर्फ हींग, जीरा और हरी धनिया डालकर. वैसे लोग नेट का रिचार्ज कराकर एक कोना पकड़कर क्या मोबाइल में भक्ति वीडियो देखते हैं? माने बस पूछ रहे हैं...
आपसे किसी ने पूछा है कि क्या आप बिग बॉस देखते हैं? आपके जवाब पर उसका रिएक्शन तो आपको याद ही होगा. आपने अगर कहा होगा, नहीं देखता तो उसने हंसकर जरूर जवाब दिया होगा अरे मैं भी दूर ही रहता हूं. भले ही देखने वाले छिप-छिपकर मोबाइल में बिग बॉस देखते हों लेकिन पूछो तो उनका जवाब बड़ा ही मजेदार होता है. हालांकि कई लोग सच में नहीं देखते...
वैसे अगर कोई देखता नहीं है तो फिर टीआरपी इतनी हाई कैसे हो जाती है? क्या असल जिंदगी में लोग दूध के धुले हैं? बिग बॉस में लड़ाई-झगड़े होते हैं क्या वे रियल लाइफ में नहीं होते? हालांकि यह सच है कि अश्लीलता नहीं परोसी जानी चाहिए और ना ही अब बिग बॉस पहले जैसे रियल रह गया है. कई लोग इस वजह से भी अब शो नहीं देखते.
देखिए कुछ साथियों से जब हमने पूछा कि क्या आप बिग बॉस देखते हैं तो उनका जवाब क्या रहा?
रीना का कहना है कि मैं तो बिग बॉस की फैन हूं और में ये शो सिर्फ अपने मनोरंजन के लिए देखती हूं. इससे मेरी नीजि जिंदगी से कोई वास्ता नहीं है. हालांकि जब ये बात मेरे ऑफिस के लोगों को पता चली तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि मैं ये शो सच में देखती हूं. ऐसा लगता है कि ये शो देखने वाले को अपने जवाब के साथ एक सफाईनामा लेकर चलना चाहिए.
वहीं मीना कहती हैं कि नहीं देखती, क्योंकि सब लोग बहुत खराब लगते हैं. लोग अपनी जिंदगी मैं वैसे ही परशान हैं फिर अब टीवी शो पर भी कलेश देखने का मन नहीं करता.
दूसरी और सरिता भी ये शो नहीं देखती. उसे लगता है कि बिना वजह सब चिल्ला-चिल्ला कर लड़ते रहते हैं. कभी गलती से देख लूं तो बहुत चिढ़ होती है. कहने को तो ये रियलिटी शो है लेकिन अब सब स्क्रिप्टेड रहता है, बस सब ड्रामा है.
दिया कहती हैं कि मैं बिगबॉस बिल्कुल भी देखना पसंद नहीं करती, क्योंकि इसमें अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है. पूरी निजी ज़िंदगी को लोगों के सामने खोल कर रख दिया जाता है. एक टीवी शो जिसमें मारपीट तक की नौबत आ जाए, एक दूसरे पर खूब आरोप लगाये जाए, ऐसे प्रोग्राम को देखने से क्या फायदा? इसमें विजेता की जीत किस आधार पर होता है? यह तो समझ से परे है.
निया का कहना है कि मैं नई देखती. बकवास लगता एकदम समय की बर्बादी है. एंटरटेनमेंट भी नहीं होता. इसे अच्छा तो कई पुरानी सीरीज ही देख लूं.
राजीव का कहना है कि नही मैं बिग बॉस नहीं देखता. बिग बॉस में मनोरंजन के नाम पर लड़ाई झगड़े, गालियां और एक हद तक सिर्फ नंगापन दिखा रहे हैं. जिसमे मनोरंजन गायब है. जिसे अपने परिवार के साथ आप बिल्कुल नहीं देख सकते. आज के समय में जहां हम एकल जीवन की ओर बढ़ते जा रहे है, बिग बॉस उसे बढ़ने में और हमारी संस्कृति और सोच को मिटाकर खुला नंगापन को बढ़ावा देने का काम कर रहा है.
वैसे कई लोगों को यह शो बहुत पसंद है. कई को इसके पहले के सीजन पसंद हैं लेकिन वर्तमान वाले नहीं. कुछ तो बात है जो हर तरफ लोग इसके खिलाफ होते जा रहे हैं...मेकर्स तो शायद इन बातों पर ध्यान देना चाहिए. वैसे जिन्हें यह शो पसंद है वे एक एपिसोड भी मिस नहीं करना चाहते. वैसे इस बारे में आपकी क्या राय है?
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.