देश के पांच प्रमुख राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के आ गए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में मोदी-योगी की जोड़ी अपना कमाल दिखा रही है. यहां बीजेपी गठबंधन 250 से अधिक सीटें जीत रहा है. इसके साथ ही सपा गठबंधन 112, बीएसपी 1 और कांग्रेस 2 सीटें जीतते हुए नजर आ रहा है. इस तरह यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर लड़ाई अब एकतरफा बीजेपी के पक्ष में जा चुकी है. सातवें चरण की वोटिंग के बाद विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा दिखाए गए एग्जिट पोल में भी बीजेपी को एक नंबर की पार्टी बताया गया था. यूपी के 9 एग्जिट पोल में योगी को स्पष्ट बहुमत बताया गया था. इसमें बीजेपी को 250 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया था. ये आंकड़े लगभग सही होते दिख रहे हैं.
यूपी चुनाव में हमेशा की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में बाहुबली भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के नाम की चर्चा है. दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा बहुत पहले से ठोक रहे थे. राजा भैया ने तो इस बार 1.5 लाख पार का नारा दिया था. उनका ये दावा तो सच नहीं हुआ, लेकिन वो अपनी सीट से सातवीं बार चुनाव जरूर जीत गए हैं. हालांकि, समाजवादी पार्टी के गुलशन यादव से उनको कड़ी टक्कर भी मिली है. इसके साथ ही भदोही जिले की ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विजय मिश्रा और मल्हनी सीट से धनंजय सिंह अपने सीट से चुनाव हार गए हैं.
आइए चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे बाहुबलियों का हाल जानते हैं...
1. राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh)
विधानसभा सीट- कुण्डा
आगे- राजा भैया, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
पीछे- गुलशन यादव, समाजवादी...
देश के पांच प्रमुख राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के आ गए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में मोदी-योगी की जोड़ी अपना कमाल दिखा रही है. यहां बीजेपी गठबंधन 250 से अधिक सीटें जीत रहा है. इसके साथ ही सपा गठबंधन 112, बीएसपी 1 और कांग्रेस 2 सीटें जीतते हुए नजर आ रहा है. इस तरह यूपी की 403 विधानसभा सीटों पर लड़ाई अब एकतरफा बीजेपी के पक्ष में जा चुकी है. सातवें चरण की वोटिंग के बाद विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा दिखाए गए एग्जिट पोल में भी बीजेपी को एक नंबर की पार्टी बताया गया था. यूपी के 9 एग्जिट पोल में योगी को स्पष्ट बहुमत बताया गया था. इसमें बीजेपी को 250 सीटें मिलने का अनुमान बताया गया था. ये आंकड़े लगभग सही होते दिख रहे हैं.
यूपी चुनाव में हमेशा की तरह इस बार भी बड़ी संख्या में बाहुबली भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा चर्चित प्रतापगढ़ की कुंडा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के नाम की चर्चा है. दोनों अपनी-अपनी जीत का दावा बहुत पहले से ठोक रहे थे. राजा भैया ने तो इस बार 1.5 लाख पार का नारा दिया था. उनका ये दावा तो सच नहीं हुआ, लेकिन वो अपनी सीट से सातवीं बार चुनाव जरूर जीत गए हैं. हालांकि, समाजवादी पार्टी के गुलशन यादव से उनको कड़ी टक्कर भी मिली है. इसके साथ ही भदोही जिले की ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विजय मिश्रा और मल्हनी सीट से धनंजय सिंह अपने सीट से चुनाव हार गए हैं.
आइए चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे बाहुबलियों का हाल जानते हैं...
1. राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh)
विधानसभा सीट- कुण्डा
आगे- राजा भैया, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक
पीछे- गुलशन यादव, समाजवादी पार्टी
जीत- राजा भैया
प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया समाजवादी पार्टी के गुलशन यादव से करीब 30 हजार वोट से जीत चुके हैं. रात 8 बजे तक के आंकड़ों के अनुसार करीब 1 लाख वोट से राजा भैया एक नंबर पर रहे, जबकि गुलशन यादव 70 हजार वोटों के साथ उनसे पीछे रहे हैं. दोनों के बीच मुकाबला कड़ा बना हुआ था. वहीं इसी सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ रही सिंधुजा मिश्रा को 16 हजार वोट मिले हैं, जबकि बहुजन समाज पार्टी से मो. फहीम 3300 वोट हासिल हुए हैं.
2. धनंजय सिंह (Dhananjay Singh)
विधानसभा सीट- मल्हनी सीट
आगे- लकी यादव, समाजवादी पार्टी
पीछे- धनंजय सिंह, जनता दल यूनाइटेड
जीत- लकी यादव
जौनपुर की मल्हनी सीट पर बाहुबली धनंजय सिंह जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. समाजवादी पार्टी ने मौजूदा विधायक लकी यादव को टिकट दिया है. मुलायम सिंह यादव ने पूरे चुनाव में सिर्फ दो सभा की है. पहली अखिलेश यादव और दूसरी लकी यादव के लिए. लेकिन 8 बजे तक 98 हजार वोटों के साथ लकी यादव पहले नंबर पर रहे, जबकि 80 हजार वोटों के साथ बाहुबली धनंजय सिंह दूसरे नंबर पर रहे. हालांकि, ईवीएम खुलने के बाद धनंजय सिंह आगे हो गए थे. जबकि बैलेट पेपर काउंटिंग में लकी यादव आगे चल रहे थे.
3. विजय मिश्रा (Vijay Mishra)
विधानसभा सीट- ज्ञानपुर सीट
आगे- विपुल दुबे, बीजेपी+निषाद पार्टी
पीछे- रामकिशोर बिंद, समाजवादी पार्टी
जीत- विपुल दुबे
भदोही जिले ज्ञानपुर सीट से बाहुबली नेता विजय मिश्रा चुनाव जीतते रहे हैं. साल 2017 में निषाद पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. लेकिन चार बार के विधायक रहे विजय मिश्र को इस बार निषाद पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसके बावजूद वो प्रगतिशील मानव समाज पार्टी से चुनावी मैदान में हैं, वो भी जेल से. जबकि बीजेपी और निषाद पार्टी की तरफ से गठबंधन प्रत्याशी विपुल दुबे, सपा से पूर्व मंत्री रामकिशोर बिंद और कांग्रेस से सुरेश मिश्रा मैदान में हैं. रात 8 बजे तक 74 हजार वोटों के साथ बीजेपी गठबंधन प्रत्याशी विपुल दुबे पहले नंबर पर, जबकि 35 हजार वोटों के साथ बाहुबली विजय मिश्रा तीसरे नंबर पर रहे हैं. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी के रामकिशोर बिंद रहे हैं.
4. रमाकांत यादव (Ramakant Yadav)
विधानसभा सीट- फूलपुर पवई सीट
आगे- रमाकांत यादव, समाजवादी पार्टी
पीछे- रामसूरत, बीजेपी
जीत- रमाकांत यादव
आजमगढ़ जिले की फूलपुर पवई सीट पर सपा ने बाहुबली रमाकांत यादव को प्रत्याशी बनाया है. साल 2017 में यहां इनके बेटे अरुणकांत यादव बीजेपी से विधायक बने थे. रमाकांत के सपा से आने के कारण बीजेपी ने अरुणकांत को प्रत्याशी नहीं बनाया है. रात 8 बजे बजे तक रमाकांत यादव 51 हजार वोटों के साथ पहले नंबर पर रहते हुए चुनाव जीत गए हैं. बीजेपी के रामसूरत राजभर 37 हजार वोटों के साथ दूसरे नंबर पर, बहुजन समाज पार्टी के शकील अहमद 31 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे हैं. रमाकांत यादव शुरू से बढ़त बनाए हुए थे.
5. अब्बास अंसारी (Abbas Ansari)
विधानसभा सीट- मऊ सीट
आगे- अब्बास अंसारी, सुभासपा
पीछे- अशोक सिंह, बीजेपी
जीत- अब्बास अंसारी
इस बार मऊ सदर विधानसभा सीट पर लड़ाई दिलचस्प है. यहां जेल में बंद बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी मैदान में हैं. सपा गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ बीजेपी से अशोक सिंह ताल ठोक रहे हैं. बसपा के प्रदेश अध्यक्ष भीम राजभर भी इसी सीट से चुनाव मैदान में हैं. मऊ सदर से कांग्रेस के माधवेंद्र बहादुर सिंह की भी किस्मत का फैसला होना है. रात 8 बजे तक बजे तक एक लाख 23 हजार वोटों के साथ अब्बास अंसारी पहले नंबर पर रहते हुए चुनाव जीत गए हैं. 87 हजार वोटों के साथ अशोक सिंह दूसरे नंबर पर, 45 हजार वोटों के साथ बहुजन समाज पार्टी के भीम राजभर तीसरे नंबर पर रहे हैं. यह मुख्तार अंसारी की परंपरागत सीट है, जहां से वो लगातार जीतते रहे हैं.
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