फेम गेम वेब सीरीज (Fame Game Web Series) बॉलीवुड के डार्क साइड और एक अभिनेत्री की जिदंगी की असलियत के ताने-बाने को बुनती है. एक अभिनेत्री जो दशकों से दर्शकों के दिलों पर राज करती है. जिसका नाम अनामिका है जो बनना कुछ और चाहती थी लेकिन उसकी मां चाहती थीं कि वह हीरोइन बने ताकि सभी घरवालों की जिंदगी सेट हो जाए.
उस अभिनेत्री की उम्र हो गई है लेकिन उसके पास प्रतिभा है, खूबसूरती है और सबसे ज्यादा उसके पास दिमाग है. जो अपना नाम बनाए रखने के लिए गम में होते हुए भी लोगों के सामने मुस्कुराती है. जो क्रेजी फैन से छुटकारा पाने के लिए और अपनी नीजि जिंदगी को छिपाने के लिए उसकी पिटाई तक करवाती है. जो किसी से बेपनाह मुहब्बत करती है लेकिन अपनी आदर्श हीरोइन वाली छवि को बनाए रखने के लिए समाज के सामने उसे अपनाने की हिम्मत नहीं करती. जिसका बेटा गे है और बेटी खुद को बदसूरत समझती है.
फेम गेम में क्लासिक ब्यूटी माधुरी को देखकर पता नहीं क्यों मधुबाला के आकर्षण की याद आती है. माधुरी की आंखों में पल में आसू आ जाता है तो पल में कातिलाना मुस्कुराहट जिसे देखकर कुछ पल के लिए दर्शक सच में सब भूल जाते हैं. माधुरी का अभिनय देखने के बाद यह महसूस होता है कि ऐसी क्या है जो हम बॉलीवुड में मिस करते हैं. क्यों आजकल की एक्ट्रेस लाख मेहनत करने के बाद भी वो छाप नहीं छोड़ पातीं जो 90 की दशक तक की हीरोइनों ने छोड़ा है.
क्यों नेपोटिज्म इस समय में ही बहस का मुद्दा बना है. इस फिल्म को देखकर आप यह तो समझ सकते हैं कि क्यों लोग बॉलीवुड फिल्में चोरी से देख आते हैं और उसी फिल्म के किसी सोशल मीडिया पोस्ट में धीरे से बायकॉट बॉलीवुड लिख देते हैं. वैसे...
फेम गेम वेब सीरीज (Fame Game Web Series) बॉलीवुड के डार्क साइड और एक अभिनेत्री की जिदंगी की असलियत के ताने-बाने को बुनती है. एक अभिनेत्री जो दशकों से दर्शकों के दिलों पर राज करती है. जिसका नाम अनामिका है जो बनना कुछ और चाहती थी लेकिन उसकी मां चाहती थीं कि वह हीरोइन बने ताकि सभी घरवालों की जिंदगी सेट हो जाए.
उस अभिनेत्री की उम्र हो गई है लेकिन उसके पास प्रतिभा है, खूबसूरती है और सबसे ज्यादा उसके पास दिमाग है. जो अपना नाम बनाए रखने के लिए गम में होते हुए भी लोगों के सामने मुस्कुराती है. जो क्रेजी फैन से छुटकारा पाने के लिए और अपनी नीजि जिंदगी को छिपाने के लिए उसकी पिटाई तक करवाती है. जो किसी से बेपनाह मुहब्बत करती है लेकिन अपनी आदर्श हीरोइन वाली छवि को बनाए रखने के लिए समाज के सामने उसे अपनाने की हिम्मत नहीं करती. जिसका बेटा गे है और बेटी खुद को बदसूरत समझती है.
फेम गेम में क्लासिक ब्यूटी माधुरी को देखकर पता नहीं क्यों मधुबाला के आकर्षण की याद आती है. माधुरी की आंखों में पल में आसू आ जाता है तो पल में कातिलाना मुस्कुराहट जिसे देखकर कुछ पल के लिए दर्शक सच में सब भूल जाते हैं. माधुरी का अभिनय देखने के बाद यह महसूस होता है कि ऐसी क्या है जो हम बॉलीवुड में मिस करते हैं. क्यों आजकल की एक्ट्रेस लाख मेहनत करने के बाद भी वो छाप नहीं छोड़ पातीं जो 90 की दशक तक की हीरोइनों ने छोड़ा है.
क्यों नेपोटिज्म इस समय में ही बहस का मुद्दा बना है. इस फिल्म को देखकर आप यह तो समझ सकते हैं कि क्यों लोग बॉलीवुड फिल्में चोरी से देख आते हैं और उसी फिल्म के किसी सोशल मीडिया पोस्ट में धीरे से बायकॉट बॉलीवुड लिख देते हैं. वैसे बायकॉट बॉलीवुड उन्हीं फिल्मों में अधिकतर लिखी जाती हैं जिनमें स्टार किड्स रहते हैं. सुशांत सिंह राजपूत के गुजर जाने के बाद लोगों के मन में बॉलीवुड को लेकर जो दबा हुआ गुबार था वो बहार आ गया. बॉलीवुड अपने देश से अलग तो है नहीं और ना ही साउथ का सिनेमा...तो फिर लोगों को इतनी चिढ़ क्यों है?
वैसे यह बायकॉट सभी बॉलीवुड अभिनेताओं और अभिनेत्रियों के लिए नहीं है. यह उनके लिए है जो नेपोटिज्म को बढ़ावा देते हैं और स्टार किड्स के लिए है जिसे सच में अभिनय नहीं आता. असल में 'फेम गेम' फिल्म को बॉलीवुड की असलियत से जोड़कर देखा जा रहा है. बहुत ज्यादा नहीं लेकिन काफी हद बॉलीवुड की कहानी सामने दिख रही है.
एक सीन में अनामिका का पति कहता है कि एक्टर के हाथ-पैर लटक रहे हैं, उम्र हो गई है लेकिन हीरोइन बेटी की उम्र की चाहिए. एक सीन में मनीष खन्ना अपने ही घर के स्वीमिंग पूल में डिप्रेशन की वजह से सुसाइड कर लेते है. मनीष का पत्नी से तलाक हो गया है, उसके पास पैसा है, घर है, फॉर्म हाउस है, वह सुपर स्टार है लेकिन जिंदगी में अकेला है. यह सीन कहीं ना कहीं सुशांत सिंह की याद दिलाती है.
वहीं फेम गेम का एक सीन काफी ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें माधुरी दीक्षित एक यंग एक्ट्रेस से बात-चीत करती दिख रही हैं. वह नई एक्ट्रेस खुद को और अपनी मां को माधुरी का फैन बताती है और उनकी उम्र होने का एहसास करती है. इसके बाद माधुरी जो तंज कसती हैं इसे लोग स्टारकिड्स से जोड़कर देख रहे हैं.
दरअसल सीरीज के एक सीन में अनामिका आनंद (माधुरी दीक्षित) एक इवेंट में जाती हैं. जहां एक्टर जसलीन का किरदार निभा रहीं पूजा भामरा उनकी तारीफों के पुल बांध रही होती हैं. जसलीन बताती हैं कि वो अनामिका की कितनी बड़ी फैन हैं और बचपन से ही उनकी फिल्में देख बड़ी हुई हैं. इसके बाद जसलीन, अनामिका का हाथ अपने सिर के ऊपर रखती हैं और उन्हें आशीर्वाद देने के लिए कहती हैं. जबकि दोनों एक्ट्रेस हैं, यह सीन बताता है कि बॉलीवुड में हीरोइनों के करियर की कितनी उम्र होती है.
जसलीन के इस रिएक्शन से अनामिका भी हैरान रह जाती हैं. वे हंसने लहती हैं और कटाक्ष करते हुए कहती हैं, 'तुम्हे असल में मेरे आशीर्वाद की भी जरूरत नहीं है. तुम यंग स्टार्स के पास आजकल पीआर, स्टाइलिस्ट, ट्रेनर्स सबकुछ होता है. देखा जाए तो तुम्हें टैलेंट की जरूरत भी नहीं है...मेरा आशीर्वाद तो छोड़ ही दो.' इतना सुनने के बाद जसलीन सन्न रह जाती हैं.
लोगों का कहना है कि राइटर ने बिना नाम लिए बॉलीवुड पर कटाक्ष किया है. वैसे एक बात तो तय है कि बॉलीवुड की बुराई करने के लिए भी बॉलीवुड में रहना जरूरी है. इस वेब सीरीज को देखने के बाद लोग कह रहे हैं कि पहली बार किसी ने बॉलीवुड को खुद को ही ट्रोल किया है. एक का कहना है कि, 'वाह वाह वाह माधुरी और उनके डायलॉग्स लिखने वाले के लिए स्टेंडिंग ओवेशन'.
फिलहाल यह फिल्म चर्चा में बनी हुई है, कैसे एक एक्ट्रेस की जिंदगी पर्दे पर खुश रह कर कट जाती है जबकि वह असलियत में अपने परिवार, अपने बच्चों में ही परेशान है. उसे ऊपर जिम्मेदारियों वह बोझ है जिसके वह सब कर करती है जो उसे नहीं करना चाहिए था. उसे अपने बच्चों की जिंदगी सवांरनी है, उसे आजाद होना है, वह नहीं जानती कि उसे क्या चाहिए, उसका पति उसे परेशान करता है, मां को अपने चिंता है...
माधुरी इस फिस्ल में सफल अभिनेत्री बनने के कुछ रूल बताती हैं इस रूल को आप सुनते ही बॉलीवुड से जोड़ सकते हैं. मुझे तो यह पहली सीरीज मिली जिसेमें किसी गाना है और अभिनेत्री का डांस भी. तो अगर आप माधुरी की अदाकारी के दिवाने हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं...
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