'अच्छे दिन अब आने वाले हैं' ये नारा था मोदी के 2014 कैंपेन का. वो समय था जब पूरे हिंदुस्तान में अच्छे दिन का नारा गूंज गया था और इसके बाद ही नरेंद्र मोदी ने पूर्ण बहुमत हासिल कर सरकार बना ली थी. ये नारा लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा था लेकिन जब से मोदी सरकार बनी है तब से लेकर अब तक सरकार के 4 साल के कार्यकाल में कई बार मोदी जी से पूछा जा चुका है कि आखिर अच्छे दिन कब आएंगे.
इस तर्ज पर Fanney Khan फिल्म में भी यही पूछा गया. फन्ने खां जिसमें अनिल कपूर, एशवर्या राय और राजकुमार राव हैं उस फिल्म में एक गाना था, 'अच्छे दिन कब आएंगे'. जी हां, टैक्सी ड्रायवर अनिल कपूर ये पूछ रहे थे कि आखिर 'अच्छे दिन कब आएंगे'. लेकिन शायद फिल्म बनाने वालों को ये मंजूर नहीं हुआ और उन्हें लगा कि ये गाना फिल्म के लिए सही नहीं है.
10 दिन पहले इस गाने को रिलीज किया गया था और इस गाने को लेकर लोगों ने मोदी को आड़े हाथों लिया.
'मेरे अच्छे दिन कब आएंगे' ये गाना फिल्म में अनिल कपूर की व्यथा को दिखा रहा था. इस गाने की टोन बहुत ही अच्छी है.
जैसे ही ये गाना रिलीज हुआ उसके थोड़े समय बाद ही इसे ट्रोल करना शुरू कर दिया गया. कई कांग्रेस के पेज पर इस गाने को डाल दिया गया और इसे लोगों ने भयंकर ट्रोल करना शुरू कर दिया. एक उदाहरण आपके सामने है.
यहां तक की यूट्यूब में भी लोगों ने कमेंट्स में पूछना शुरू कर दिया कि आखिर अच्छे दिन कब आएंगे.
यूट्यूब पर अच्छे दिन गाने पर किए गए कमेंट्स
लोग गाने की तो तारीफ कर रहे थे, लेकिन लोग मोदी को ट्रोल भी कर रहे थे और अच्छे दिन कब आएंगे पूछ भी रहे थे.
यूट्यूब पर अच्छे दिन गाने पर किए गए कमेंट्स
आखिर ये होता भी क्यों न. अच्छे दिन की बात है तो मोदी का नाम तो आना ही थी. लेकिन फिल्म बनाने वालों को लगा कि ये गलत हो रहा है. इसके पीछे क्या राजनीति है ये तो नहीं पता. कुछ मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट के अनुसार अच्छे दिन कब आएंगे गाने को लेकर निर्माताओं को कुछ कॉल्स भी आ गए. अब सच क्या है इसके बारे में तो नहीं पता, लेकिन फिल्म का गाना जरूर बदल गया है.
अब फिल्म का गाना 'अच्छे दिन आ गए रे' हो गया है.
अब ये गाना सैड मूड से बदलकर हैप्पी मूड का हो गया है. 'अच्छे दिन कब आएंगे' गाना एक टैक्सी ड्रायवर की व्यथा बता रहा था कि उसके दिन सही नहीं चल रहे हैं, लेकिन अब तो गाने का पूरा सेंस ही बदल दिया गया है. अब नया अच्छे दिन आ गए रे गाना टैक्सी ड्रायवर की खुशी दिखा रहा है.
इस गाने का राजनीतिकरण तो हो रहा था, इसे ट्रोल भी किया जा रहा था, लेकिन एक बात सोचने वाली है कि क्या वाकई फिल्म निर्माता एक कांट्रोवर्सी से इतना डर गए कि गाने की फील ही बदल दी और सीन को बदल ही दिया गया?
हालांकि, निर्माताओं का कहना है कि अच्छे दिन का हैप्पी वर्जन हमेशा से फिल्म का हिस्सा था, लेकिन फिर भी उसके सैड वर्जन को हटाना कुछ सही नहीं लगा. डायरेक्टर अतुल मांजरेकर का कहना है कि उनका ये गाना बिना वजह ही राजनीतिक मोड़ ले रहा था और वो ये नहीं चाहते थे.
खैर पुराना गाना अभी भी यूट्यूब पर मौजूद है, साथ ही कई अन्य सोशल मीडिया पेज और एप्स पर भी मौजूद है. ये गाना पहले ही वायरल हो चुका है और अब देखना ये है कि क्या इसे पूरी तरह से सोशल मीडिया से हटाया जाएगा या नहीं. ये भी हो सकता है कि फिल्म में ये गाना हो और इस गाने को लेकर जितनी भी बातें चल रही हैं वो गलत हों, लेकिन फिलहाल तो यही लग रहा है कि गाने को बदला गया है.
सरकार की तरफ से इस गाने को लेकर प्रेशर आया है या नहीं इसके बारे में तो नहीं पता पर इतना जरूर समझ आ गया है कि फिल्म इंडस्ट्री डर में तो रहती है. राजनीतिकरण का डर ही है शायद जिसने इस गाने को बदल दिया. बात चाहें जो भी हो, लेकिन यकीनन मोदी राज में अच्छे दिन को लेकर कोई गाना बिना बवाल के तो नहीं बनाया जा सकता.
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