शादियों में अक्सर हमने पुरूष पुजारी को ही देखा है. कुछ काम ऐसे हैं जिनमें पुरूषों को ही अव्वल और महिलाओं को कमजोर माना जाता है. जैसे महिला कोई भारी सामान नहीं उठा सकती. यहां तक की पुरूषों को महिलाओं के नाम से ताना दिया जाता है. लड़की हो क्या? लड़की जैसे क्यों रो रहे हो?
आज भले की कई क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, काम कर रही हैं लेकिन अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें मान ही लिया गया है कि महिलाओं के लिए यह बना ही नहीं है. ऐसा ही एक क्षेत्र है पूजा और पुजारी का. मैनें तो आजतक किसी महिला पुजारी को पूजा करवाते हुए नहीं देखा.
एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट दिया मिर्जा और वैभव की शादी (Dia Mirza wedding with Vaibhav Rekhi) की चारों तरफ चर्चा हो रही है. अपनी शादी में दिया मिर्जा ने ऐसा कदम उठाया है जिससे हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है. दरअसल, दीया ने 15 फरवरी को बिजनेसमैंन वैभव के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी की. यह शादी एक महिला पुजारी ने करवाई. इसलिए यह शादी सिंपल होकर भी अनोखी हो गई. शादी की तस्वीरों में महिला पुजारी को रस्में करवाते हुए देखा जा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं, दिया ने सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को शेयर कर महिला पुजारी का परिचय करवाया है और उन्हें थैंक यू भी बोला है.
फैंस को दिया का यह तरीका काफी पंसद आया है. यूजर्स ने कहा कि सही मायने में फेमिनिज्म तो यह है. दीया ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर बुजुर्ग महिला पुजारी की तारीफ करते हुए लिखा कि, ‘हमारी शादी सकुशल संपन्न कराने के लिए धन्यवाद शीला अट्टा. यह गर्व की बात है कि, हम साथ में आगे बढ़ सकते हैं. इसके साथ ही दिया ने एक प्यारी सी तस्वीर शेयर की है. ऐसी तस्वीर शायद कम ही...
शादियों में अक्सर हमने पुरूष पुजारी को ही देखा है. कुछ काम ऐसे हैं जिनमें पुरूषों को ही अव्वल और महिलाओं को कमजोर माना जाता है. जैसे महिला कोई भारी सामान नहीं उठा सकती. यहां तक की पुरूषों को महिलाओं के नाम से ताना दिया जाता है. लड़की हो क्या? लड़की जैसे क्यों रो रहे हो?
आज भले की कई क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही हैं, काम कर रही हैं लेकिन अभी भी कई ऐसे क्षेत्र हैं जिन्हें मान ही लिया गया है कि महिलाओं के लिए यह बना ही नहीं है. ऐसा ही एक क्षेत्र है पूजा और पुजारी का. मैनें तो आजतक किसी महिला पुजारी को पूजा करवाते हुए नहीं देखा.
एक्ट्रेस और एक्टिविस्ट दिया मिर्जा और वैभव की शादी (Dia Mirza wedding with Vaibhav Rekhi) की चारों तरफ चर्चा हो रही है. अपनी शादी में दिया मिर्जा ने ऐसा कदम उठाया है जिससे हर तरफ उनकी तारीफ हो रही है. दरअसल, दीया ने 15 फरवरी को बिजनेसमैंन वैभव के साथ हिंदू रीति-रिवाज से शादी की. यह शादी एक महिला पुजारी ने करवाई. इसलिए यह शादी सिंपल होकर भी अनोखी हो गई. शादी की तस्वीरों में महिला पुजारी को रस्में करवाते हुए देखा जा सकता है. सिर्फ इतना ही नहीं, दिया ने सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों को शेयर कर महिला पुजारी का परिचय करवाया है और उन्हें थैंक यू भी बोला है.
फैंस को दिया का यह तरीका काफी पंसद आया है. यूजर्स ने कहा कि सही मायने में फेमिनिज्म तो यह है. दीया ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर बुजुर्ग महिला पुजारी की तारीफ करते हुए लिखा कि, ‘हमारी शादी सकुशल संपन्न कराने के लिए धन्यवाद शीला अट्टा. यह गर्व की बात है कि, हम साथ में आगे बढ़ सकते हैं. इसके साथ ही दिया ने एक प्यारी सी तस्वीर शेयर की है. ऐसी तस्वीर शायद कम ही दिखती है. शादियों में लाखों का खर्चा होता है ताकि डेकोरेशन अच्छा हो, फोटोग्राफर अच्छा हो, जिससे फोटो अच्छी आए और शादी के एलबम को यादगार बनाया जा सके. जबकि रियल मायने में यह होती है अच्छी तस्वीर और यादगार शादी, जिसकी मिसाल दिया ने पेश की है.
कल्पना कीजिए हवन-पूजन करवाते हुए वह महिला पुजारी कितनी अच्छी दिख रही होंगी, आत्मविश्वास से लबरेज. चेहरे पर तेज के साथ उनको अपने होने का एहसास हो रहा होगा. साथ ही वह नारी शक्ति की परिभाषा गढ़ रही होंगी. इसके लिए दिया बधाई की पात्र हैं, उन्होंने शेयर की हुई तस्वीर के साथ राइज़ अप, जेनरेशन इक्वेलिटी जैसे हैशटैग का उपयोग किया है.
जिसपर यूज़र्स ने भर-भरकर प्यार जताया है. एक ने लिखा है बेहद प्यारी तस्वीर. शीला जी को बहुत प्यार और आदर. वहीं दूसरे ने लिखा है नारीवाद जिंदाबाद, बहुत शुभकामनाएं. अक्सर लोगों को लगता है कि क्या नारीवाद पुरूषों का विरोध करने का एक जरिया है. जबकि सही नारीवाद सोच में समान अधिकारों की बात होती है ना कि विरोध की. नारीवाद का मतलब हर बात पर हाय-तौबा मचाने का नहीं है और ना ही यह शराब, सिगरेट और पहनावे तक सीमित है. यह शायद शो कॉल्ड फेमिनिज्म की देन है जो लोग नारीवाद के असली मायने को समझ नहीं पाते. ऐसा भी नहीं है कि सभी पुरूष महिलाओं को खुद से कम समझते हैं या फिर उनका सम्मान नहीं करते. तो फिर यह पुरूष विरोधी कैसे हो सकता है.
दिया मिर्जा की शादी उनके अपार्टमेंट में ही हुई. जिसमें कुछ करीबी लोगों को ही बुलाया गया था. जो बिना फालतू खर्चों के संपन्न हुआ. इस शादी में प्लास्टिक का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया गया. वहीं दिया ने अपने इंस्टा पर एक लंबी पोस्ट लिख कर बताया है कि कैसे उनकी शादी सही मायने में स्पेशल रही. दिया की शादी वहीं हुई जहां वे 17 साल से रह रह रही हैं यानी उनके घर में. साथ ही दिया की शादी में कन्या दान और बिदाई की रस्म भी नहीं हुई.
महिला पुजारी के बारे में उनकी एक दोस्त ने बताया था. दिया मिर्जा ने इसकी पूरी कहानी बताई है कि बचपन की दोस्त अनन्या की शादी में शीला गट्टा को एक पुजारी के रूप में देखा था. इसतरह उनकी दोस्त ने महिला पुजारी के रूप में शीला गट्टा को लाकर शादी का तोहफ़ा दिया. दिया मिर्जा को उम्मीद है कि बाकी लोग भी ऐसा करेंगे. हालांकि दिया और वैभव दोनों की यह दूसरी शादी है, लेकिन एक्टिविस्ट एक्ट्रेस दिया ने दूसरी बार शादी करके और महिला पुजारी को इसका हिस्सा बनाकर सच में प्रेरणा स्रोत काम किया है.
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