साउथ सिनेमा की शानदार कामयाबी देखने के बाद भी लगता है बॉलीवुड को सबक नहीं मिल पाया है. तभी साउथ सिनेमा जहां फ्रेश कंटेंट के जरिए पूरे देश में तहलका मचा रहा है, वहीं बॉलीवुड अभी फॉर्मूला बेस्ड फिल्में बनाने में लगा हुआ है. वैसे भी बॉलीवुड में एक चलन है, जो फॉर्मूला एक बार हिट हो जाता है, उस पर बनने वाली फिल्मों की फेहरिस्त लंबी हो जाती है. जैसे कि एक वक्त रोमांटिक फिल्मों का दौर था. उसके बाद देशभक्ति और धार्मिक फिल्मों का दौर आया, फिर ऐतिहासिक और बायोपिक फिल्में बनने लगी हैं. कई फिल्म मेकर्स का भी अपना एक सेट फॉर्मूला है. वो ज्यादातर उसी पर आधारित फिल्में बनाना पसंद करते हैं. जैसे कि निर्माता, निर्देशक और अभिनेता फरहान अख्तर, जिन्होंने पिछले साल अपनी नई फिल्म 'जी ले जरा' का ऐलान किया था, जो कि तीन महिलाओं की कहानी पर आधारित है, जिनकी जिंदगी की परतें एक रोड ट्रिप के जरिए खोली जाती हैं. कुछ इसी तरह की एक फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू भी लेकर आ रही हैं, जिसका नाम 'धक धक' है. हालांकि, इस फिल्म में वो अभिनय नहीं कर रही हैं, बल्कि निर्माता की भूमिका में हैं.
साउथ सिनेमा की शानदार कामयाबी देखने के बाद भी लगता है बॉलीवुड को सबक नहीं मिल पाया है. तभी साउथ सिनेमा जहां फ्रेश कंटेंट के जरिए पूरे देश में तहलका मचा रहा है, वहीं बॉलीवुड अभी फॉर्मूला बेस्ड फिल्में बनाने में लगा हुआ है. वैसे भी बॉलीवुड में एक चलन है, जो फॉर्मूला एक बार हिट हो जाता है, उस पर बनने वाली फिल्मों की फेहरिस्त लंबी हो जाती है. जैसे कि एक वक्त रोमांटिक फिल्मों का दौर था. उसके बाद देशभक्ति और धार्मिक फिल्मों का दौर आया, फिर ऐतिहासिक और बायोपिक फिल्में बनने लगी हैं. कई फिल्म मेकर्स का भी अपना एक सेट फॉर्मूला है. वो ज्यादातर उसी पर आधारित फिल्में बनाना पसंद करते हैं. जैसे कि निर्माता, निर्देशक और अभिनेता फरहान अख्तर, जिन्होंने पिछले साल अपनी नई फिल्म 'जी ले जरा' का ऐलान किया था, जो कि तीन महिलाओं की कहानी पर आधारित है, जिनकी जिंदगी की परतें एक रोड ट्रिप के जरिए खोली जाती हैं. कुछ इसी तरह की एक फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू भी लेकर आ रही हैं, जिसका नाम 'धक धक' है. हालांकि, इस फिल्म में वो अभिनय नहीं कर रही हैं, बल्कि निर्माता की भूमिका में हैं.
फिल्म 'धक-धक' चार महिलाओं की एक दिल को छू लेने वाली कहानी है, जो अपने रोजमर्रा की जिंदगी से बाहर निकलकर बाइक से एक यात्रा पर जाती हैं. इस यात्रा के जरिए चारों महिलाएं अपने आप को ढूंढने निकली हैं. इस दौरान एक ऐसा मुकाम हासिल करती हैं, जो उनकी जिंदगी को पूरी तरह से बदल देता है. आजाद पसंद इन महिलाओं के किरदार में फातिमा सना शेख, रत्ना पाठक शाह, दीया मिर्जा और संजना सांघी नजर आने वाली हैं. फिल्म के बारे में तापसी पन्नू का कहना है, "आउटसाइडर्स फिल्म्स में हमारा लक्ष्य ऐसी फिल्मों का निर्माण करना है, जिनका कोई मतलब हो और इसके साथ ही मनोरंजक भी हो. हमने इस फिल्म से दर्शकों को एक ऐसा अनुभव देने का प्रयास किया है, जो उन्होंने शायद ही कभी स्क्रीन पर देखा होगा. धक धक ऐसी चार महिलाओं की कहानी बताती है, जो महसूस करती हैं कि स्वतंत्रता सबका अधिकार है और उसे कभी नहीं छोड़ना चाहिए. 'चश्मे बद्दूर', 'शाबाश मिट्ठू' और अब 'धक धक' तक फिल्म इंडस्ट्री में मेरे अब तक के सफर में वायकॉम 18 स्टूडियोज का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है. वायकॉम 18 स्टूडियोज और अजीत के रूप में, हमारे पास एक ऐसा साथी है, जिसकी अलग-अलग सिनेमा के लिए एक अलग सोच है. मुझे यकीन है कि हमारी यह सवारी एक बढ़िया सफर में बदलेगी."
फिल्म की चारों महिला किरदार अपनी बाइक से सबसे ऊंची मोटरेबल रोड पर पहुंच कर इतिहास कायम करने में सफल होती हैं. यहां से पूरी दुनिया को महिला सशक्तिकरण का मजबूत संदेश देती हैं. जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड अपने देश हिंदुस्तान ने ही बनाई है. इसका नाम माणा पास रोड है. यह रोड उत्तरखंड के चमोली-गढ़वाल जिले में चीन सीमा के पास 19,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस दर्रे से ही चीन में स्थित मानसरोवर और कैलाश पर्वत जाने का रास्ता भी है. इस रोड को बनाने का श्रेय सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को जाता है. इस सड़क की वास्तविक स्थिति को ऐसे समझ सकते हैं कि यह माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप से भी ऊंचा है. तिब्बत में उत्तरी बेस 16,900 फीट की ऊंचाई पर है, जबकि नेपाल में दक्षिण बेस कैंप 17,598 फीट पर स्थित है. माउंट एवरेस्ट का शिखर 29,000 फीट से थोड़ा ज्यादा ऊंचा है. दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड पर बाइक से चढ़ने का रिकॉर्ड गुवाहाटी की रहने वाली मीनाक्षी दास के नाम पर है, जिन्होंने अपने पति के साथ ये दुर्गम ड्राइव किया था.
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