कबीर खान को पाकिस्तान के मार्केटिंग एसोसिएशन ने अपनी सालाना कॉन्फ्रेंस MARCON में बतौर वक्ता आमंत्रित किया था. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने को लेकर वे बेहद उत्साहित थे. लेकिन पाकिस्तान में उनका जिस तरह से इस्तकबाल हुई, वे चौंक गए. पहले तो उनकी होटल के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. फिर कराची से रवाना होने के लिए जब वे एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां लोगों ने उन्हें घेर लिया. और इसका वीडियो जबरदस्त वायरल हो गया...
उनके कार से बाहर आते ही करीब 10-15 लोगों ने शेम शेम के नारे लगाए. फिर कुछ लोग कहने लगे कि 'आप पाकिस्तान पर जिस तरह फिल्में बनाते हैं, वैसे ही रॉ और हिंदुस्तान पर क्यों नहीं बनाते जो पाकिस्तान में खून खराबा करता है. वहां हिंदुस्तान में सारे मुसलमान मार दिए. हिंदुस्तान पर लानत हो, पाकिस्तान जिंदाबाद.' गुस्साए लोग यहीं नहीं रुके. एक व्यक्ति ने अपना जूता निकाल लिया, कहा- 'ये जूता मोदी के लिए है. हम लाल किले पर पाकिस्तानी झंडा फहराएंगे.'कबीर ने इस हमले के बाद बेहद संयम से काम लिया. वे खामोशी के साथ एयरपोर्ट के भीतर चले गए और फिर एक ट्वीट किया. दोनों मुल्कों की मीडिया के नाम-
अब सवाल ये है कि ये पाकिस्तानी कबीर खान से इतना क्यों चिढ़ रहे थे?
जवाब कबीर खान की फिल्मों में मिलता है-
1. फैंटम: एक भारतीय अधिकारी को कहते दिखाया गया है कि हम पाकिस्तान के लोगों पर अटैक नहीं कर रहे, हम सिर्फ टेररिस्टों को खत्म करना चाहते हैं. सैफ कहते हैं, ‘अमेरिका ने अंदर घुस कर ओसामा को मारा था, तो यह काम हम क्यों नहीं कर सकते?’अंत में वह कहते हैं, ‘उनके घर में घुस के मारेंगे.’
कबीर खान को पाकिस्तान के मार्केटिंग एसोसिएशन ने अपनी सालाना कॉन्फ्रेंस MARCON में बतौर वक्ता आमंत्रित किया था. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने को लेकर वे बेहद उत्साहित थे. लेकिन पाकिस्तान में उनका जिस तरह से इस्तकबाल हुई, वे चौंक गए. पहले तो उनकी होटल के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया. फिर कराची से रवाना होने के लिए जब वे एयरपोर्ट पहुंचे तो वहां लोगों ने उन्हें घेर लिया. और इसका वीडियो जबरदस्त वायरल हो गया... उनके कार से बाहर आते ही करीब 10-15 लोगों ने शेम शेम के नारे लगाए. फिर कुछ लोग कहने लगे कि 'आप पाकिस्तान पर जिस तरह फिल्में बनाते हैं, वैसे ही रॉ और हिंदुस्तान पर क्यों नहीं बनाते जो पाकिस्तान में खून खराबा करता है. वहां हिंदुस्तान में सारे मुसलमान मार दिए. हिंदुस्तान पर लानत हो, पाकिस्तान जिंदाबाद.' गुस्साए लोग यहीं नहीं रुके. एक व्यक्ति ने अपना जूता निकाल लिया, कहा- 'ये जूता मोदी के लिए है. हम लाल किले पर पाकिस्तानी झंडा फहराएंगे.'कबीर ने इस हमले के बाद बेहद संयम से काम लिया. वे खामोशी के साथ एयरपोर्ट के भीतर चले गए और फिर एक ट्वीट किया. दोनों मुल्कों की मीडिया के नाम- अब सवाल ये है कि ये पाकिस्तानी कबीर खान से इतना क्यों चिढ़ रहे थे? जवाब कबीर खान की फिल्मों में मिलता है- 1. फैंटम: एक भारतीय अधिकारी को कहते दिखाया गया है कि हम पाकिस्तान के लोगों पर अटैक नहीं कर रहे, हम सिर्फ टेररिस्टों को खत्म करना चाहते हैं. सैफ कहते हैं, ‘अमेरिका ने अंदर घुस कर ओसामा को मारा था, तो यह काम हम क्यों नहीं कर सकते?’अंत में वह कहते हैं, ‘उनके घर में घुस के मारेंगे.’ 2. काबुल एक्सप्रेस: जनवरी 2007 में इस फिल्म को बैन कर दिया. वहां की सरकार को एतराज था कि अल्पसंख्यक शिया हजारा समुदाय का फिल्मांकन बेहद नस्ली तरीके से किया गया है. इस समुदाय पर तालिबान के शासन में बहुत ज्यादतियां हुई थीं. फिल्म में पाकिस्तानी तालिबान को तालिबान से भी बदतर, डकैत और खतरनाक दिखाया गया. 3. बजरंगी भाईजान: फिल्म के एक डायलॉग में ओम पुरी सलमान से कहते हैं कि एक छोटा सा कश्मीर हमारे पास भी है. और यही बात पाकिस्तानियों को चुभ जाती है. इसके अलावा फिल्म में दिखाए गए हिंदू रीति रिवाजों को लेकर भी इस इस्लामी देश में विरोध था. ऐसे में कबीर खान की यह फिल्म रिलीज तो हुई लेकिन 12 कट के साथ. इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |