इसमें कोई दो राय नहीं है कि संजय लीला भंसाली बॉलीवुड के सबसे सफल और शानदार डायरेक्टर हैं. उनकी फिल्में अपने भव्य सेट, रोमांटिक कहानी और मधुर संगीत के लिए जानी जाती हैं. लेकिन भंसाली की फिल्मों का 'विवाद' से चोली और दामन का साथ बन गया है. सलमान खान और ऐश्वर्या राय स्टारर 'हम दिल दे चुके सनम' से लेकर दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर 'पद्मावत' तक, लगभग हर फिल्म पर हंगामा हुआ है. किसी में कंटेंट को लेकर तो किसी फिल्म के नाम पर लोगों की आपत्ति रही है. ताजा मामला आलिया भट्ट स्टारर 'गंगूबाई काठियावाड़ी' से जुड़ा है.
फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का नाम बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म के टाइटल में 'काठियावाड़ी' है, जिससे कि शहर की छवि खराब होने की आशंका है. काठियावाड़ शहर अब उस तरह का नहीं है जैसा कि यह 1950 के दशक में था. वहां कि महिलाएं अलग-अलग पेशे में बहुत आगे बढ़ रही हैं. इस फिल्म के नाम से काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी. इसलिए फिल्म का नाम बदला जाना चाहिए. अमीन पटेल दक्षिण मुंबई के मुंबादेवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
कहते हैं कि 'नाम में क्या रखा है', लेकिन यहां तो 'नाम' पर इतना कोहराम होता है कि फिल्म इंडस्ट्री की नींद, सुकून और चैन, सब प्रभावित हो जाता है. वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है, जब किसी फिल्म और उसके नाम पर बवाल हुआ हो. किसी फिल्म की रिलीज से पहले ही उसका नाम विवादों में घिरा गया हो. इससे पहले संजय लीला भंसाली की ही फिल्म पद्मावत, राम-लीला, बाजीराव-मस्तानी, अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब, शाहरुख खान की फिल्म बिल्लू और जॉन...
इसमें कोई दो राय नहीं है कि संजय लीला भंसाली बॉलीवुड के सबसे सफल और शानदार डायरेक्टर हैं. उनकी फिल्में अपने भव्य सेट, रोमांटिक कहानी और मधुर संगीत के लिए जानी जाती हैं. लेकिन भंसाली की फिल्मों का 'विवाद' से चोली और दामन का साथ बन गया है. सलमान खान और ऐश्वर्या राय स्टारर 'हम दिल दे चुके सनम' से लेकर दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर 'पद्मावत' तक, लगभग हर फिल्म पर हंगामा हुआ है. किसी में कंटेंट को लेकर तो किसी फिल्म के नाम पर लोगों की आपत्ति रही है. ताजा मामला आलिया भट्ट स्टारर 'गंगूबाई काठियावाड़ी' से जुड़ा है.
फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी रिलीज होने से पहले ही विवादों में आ गई है. महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का नाम बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि फिल्म के टाइटल में 'काठियावाड़ी' है, जिससे कि शहर की छवि खराब होने की आशंका है. काठियावाड़ शहर अब उस तरह का नहीं है जैसा कि यह 1950 के दशक में था. वहां कि महिलाएं अलग-अलग पेशे में बहुत आगे बढ़ रही हैं. इस फिल्म के नाम से काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी. इसलिए फिल्म का नाम बदला जाना चाहिए. अमीन पटेल दक्षिण मुंबई के मुंबादेवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं.
कहते हैं कि 'नाम में क्या रखा है', लेकिन यहां तो 'नाम' पर इतना कोहराम होता है कि फिल्म इंडस्ट्री की नींद, सुकून और चैन, सब प्रभावित हो जाता है. वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है, जब किसी फिल्म और उसके नाम पर बवाल हुआ हो. किसी फिल्म की रिलीज से पहले ही उसका नाम विवादों में घिरा गया हो. इससे पहले संजय लीला भंसाली की ही फिल्म पद्मावत, राम-लीला, बाजीराव-मस्तानी, अक्षय कुमार की फिल्म लक्ष्मी बॉम्ब, शाहरुख खान की फिल्म बिल्लू और जॉन अब्राह्म की फिल्म जाफना सहित कई फिल्मों के नाम पर विवाद हो चुका है. उनका नाम भी बदला जा चुका है.
फिल्म 'पदमावती', ऐसे बन गई 'पद्मावत'
आइए सबसे पहले चर्चा करते हैं दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म 'पद्मावत' के बारे में, जिसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया था. फिल्म पर आरोप लगा कि इसमें दिखाए गए कई तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं. इतना ही नहीं राजपूत समुदाय को गलत दिखाने की कोशिश की गई है. इसे लेकर राजपूतों के एक संगठन 'करणी सेना' ने पूरे देश में फिल्म बैन करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. करीब एक साल तक इस फिल्म का विरोध होता रहा. सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला गूंजता रहा. बाद में इसका नाम बदलकर, विवादित सीन हटाकर रिलीज किया गया.
'बाजीराव-मस्तानी' के विरोध में मराठी मानुष
फिल्म 'पद्मावत' से ठीक पहले संजय लीला भंसाली की एक दूसरी फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' साल 2015 में रिलीज हुई थी. प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' को लेकर मराठी मानुष ने बहुत विरोध किया था. आरोप लगाया कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से जमकर छेड़छाड़ की गई है. यहां तक कि बाजीराव पेशवा के वंशज प्रसादराव पेशवा ने भी रिलीज से पहले फिल्म की समीक्षा की मांग कर डाली. इतने विवादों से घिरने के बावजूद यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई. इसने कमाई के कई सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे.
'रामलीला' हुई 'गोलियों की रासलीलाः राम-लीला'
साल 2013 में संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'गोलियों की रासलीलाः राम-लीला' रिलीज हुई थी. इसका पहले 'रामलीला' नाम रखा गया था. इस पर पूरे देश में विवाद हुआ था. आरोप लगा कि फिल्म के नाम से धर्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. इसे लेकर देशभर में न सिर्फ प्रदर्शन हुए, बल्कि डायरेक्टर और एक्टर्स के खिलाफ केस तक दर्ज कराया गया. विवाद बढ़ने पर इसका नाम राम-लीला कर दिया गया. इसके बाद भी कुछ लोग कोर्ट चले गए. बाद में कोर्ट के निर्देश पर फिल्म का नाम गोलियों की रासलीलाः राम-लीला कर दिया गया.
जो जितना विवादित हुआ, उसकी उतनी कमाई हुई
फिल्मों पर विवाद होना अब आम बात हो गई है. कई बार तो फिल्म मेकर्स जानबूझकर ऐसा करते हैं कि कंट्रोवर्सी पैदा हो जाए. अभी तक का रिकॉर्ड देखें, तो विवादों की वजह से फिल्मों की कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है. संजय लीला भंसाली की तीनों विवादित फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई थीं. पिछले 11 सालों में आई चर्चित फिल्मों के रिकॉर्ड देखने पर साफ पता चलता है कि जिन फिल्मों पर विवाद हुआ है, वे हिट साबित हुईं. केवल फिल्म 'छपाक' और 'पानीपत' ही ऐसी फिल्में रहीं, जो अपना बजट तक नहीं निकाल पाई. इसके अलावा 10 फिल्में हिट साबित हुई हैं.
'ओह माय गॉड' और 'पीके' की रिकॉड़तोड़ कमाई
सितंबर 2012 में आई फिल्म 'ओह माय गॉड' पर भी हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने के आरोप लगे थे. यह फिल्म 20 करोड़ रुपए में बनी थी, लेकिन इसने बॉक्स ऑफिस पर 121 करोड़ रुपए की रिकॉर्डतोड़ कमाई कर डाली. इस फिल्म ने लागत से करीब 500 फीसदी ज्यादा कमाई की थी. दिसंबर 2014 में रिलीज फिल्म 'पीके' पर धार्मिक संगठनों ने काफी आपत्ति दर्ज की थी. इसमें पहले न्यूड पोस्टर और बाद में हिंदू धर्म का मखौल उड़ाने के चलते आमिर सभी के निशानों पर आए थे. 122 करोड़ रुपए लागत से बनी इस फिल्म ने 616 करोड़ रुपए की कमाई की थी. यानी 405 फीसदी ज्यादा कमाई हुई.
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