जैसा की हर बार होता है, इस बार भी फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है. फिल्म पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. इसे लेकर पहले बॉम्बे कोर्ट में केस दर्ज कराया गया, उसके बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. फिल्म की कहानी जिस पर आधारित है, यानी गंगूबाई के परिजनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए उपन्यास 'द माफिया क्वीन्स ऑफ बॉम्बे' के लेखक हुसैन जैदी, फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली को फिल्म की रिलीज से पहले टाइटल बदलने की सलाह दी है.
सुप्रीम कोर्ट में गंगूबाई के दत्तक बेटे बाबू जी शाह की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदिरा बैनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने संजय लीला भंसाली के वकील सिद्धार्थ दवे से कहा कि फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज से पहले इसका टाइटल बदल दिया जाए, ताकि इससे संबंधित विवाद खत्म हो जाए. बाबू जी शाह का आरोप है कि उनकी मां को को फिल्म और किताब में एक वेश्या, वेश्यालय की रखवाली और माफिया क्वीन के तौर पर दिखाया गया है. फिल्म जिस किताब पर बनी है वह मानहानिकारक है. उनकी निजता, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है. फिल्म 25 फरवरी को रिलीज हो रही है.
पहले भी हुई थी टाइटल बदलने की मांग
फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज से एक साल पहले से ही विवाद शुरू हो गया था. इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का टाइटल बदलने की मांग की थी. उनका कहना था कि फिल्म के टाइटल में 'काठियावाड़ी' है, जिससे कि शहर की छवि...
जैसा की हर बार होता है, इस बार भी फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली की फिल्म रिलीज से पहले ही विवादों में घिर गई है. फिल्म पर बैन लगाने की मांग की जा रही है. इसे लेकर पहले बॉम्बे कोर्ट में केस दर्ज कराया गया, उसके बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. फिल्म की कहानी जिस पर आधारित है, यानी गंगूबाई के परिजनों ने इस पर आपत्ति जताते हुए उपन्यास 'द माफिया क्वीन्स ऑफ बॉम्बे' के लेखक हुसैन जैदी, फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली और लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट के खिलाफ केस दर्ज करवाया है. इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संजय लीला भंसाली को फिल्म की रिलीज से पहले टाइटल बदलने की सलाह दी है.
सुप्रीम कोर्ट में गंगूबाई के दत्तक बेटे बाबू जी शाह की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस इंदिरा बैनर्जी और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने संजय लीला भंसाली के वकील सिद्धार्थ दवे से कहा कि फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज से पहले इसका टाइटल बदल दिया जाए, ताकि इससे संबंधित विवाद खत्म हो जाए. बाबू जी शाह का आरोप है कि उनकी मां को को फिल्म और किताब में एक वेश्या, वेश्यालय की रखवाली और माफिया क्वीन के तौर पर दिखाया गया है. फिल्म जिस किताब पर बनी है वह मानहानिकारक है. उनकी निजता, स्वाभिमान और स्वतंत्रता के साथ जीवन जीने के अधिकार का उल्लंघन है. फिल्म 25 फरवरी को रिलीज हो रही है.
पहले भी हुई थी टाइटल बदलने की मांग
फिल्म गंगूबाई काठियावाड़ी की रिलीज से एक साल पहले से ही विवाद शुरू हो गया था. इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने फिल्म का टाइटल बदलने की मांग की थी. उनका कहना था कि फिल्म के टाइटल में 'काठियावाड़ी' है, जिससे कि शहर की छवि खराब होने की आशंका है. काठियावाड़ शहर अब उस तरह का नहीं है जैसा कि यह 1950 के दशक में था. वहां कि महिलाएं अलग-अलग पेशे में बहुत आगे बढ़ रही हैं. इस फिल्म के नाम से काठियावाड़ शहर की छवि खराब होगी. इसलिए फिल्म का नाम बदला जाना चाहिए. अमीन पटेल मुंबई के मुंबादेवी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. हालांकि, उस वक्त उनकी मांग पर किसी ने ध्यान नहीं दिया.
'गंगूबाई काठियावाड़ी' से पहले संजय लीला भंसाली की इन फिल्मों पर भी हुआ विवाद...
पद्मावत: करणी सेना ने किया विरोध
यह पहली बार नहीं है जब संजय लीला भंसाली की किसी फिल्म को लेकर इस कदर बवाल मचा हो. इससे पहले भी उनकी कई फिल्मों का पूरे देश में विरोध हो चुका है. साल 2018 में रिलीज हुई दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टारर फिल्म 'पद्मावत' भी विवादों पर रही थी. फिल्म को लेकर भंसाली पर आरोप लगा कि इसमें दिखाए गए कई तथ्य गलत तरीके से पेश किए गए हैं. इतना ही नहीं राजपूत समुदाय को गलत दिखाने की कोशिश की गई है. इसे लेकर राजपूतों के एक संगठन 'करणी सेना' ने पूरे देश में फिल्म बैन करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया था. करीब एक साल तक इस फिल्म का विरोध होता रहा. सड़क से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक यह मामला गूंजता रहा. बाद में इसका नाम बदलकर, विवादित सीन हटाकर रिलीज कर दिया गया. उसी तरह 'गंगूबाई काठियावाड़ी' का टाइटल भी बदलने के लिए कहा जा रहा है.
बाजीराव-मस्तानी: मराठी मानुष का विरोध
फिल्म 'पद्मावत' से ठीक पहले संजय लीला भंसाली की एक दूसरी फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' साल 2015 में रिलीज हुई थी. प्रियंका चोपड़ा, रणवीर सिंह, और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'बाजीराव-मस्तानी' को लेकर मराठी मानुष ने बहुत विरोध किया था. आरोप लगाया कि इस फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से जमकर छेड़छाड़ की गई है. यहां तक कि बाजीराव पेशवा के वंशज प्रसादराव पेशवा ने भी रिलीज से पहले फिल्म की समीक्षा की मांग कर डाली. इतने विवादों से घिरने के बावजूद यह फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई. इसने कमाई के कई सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले थे. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 200 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था.
'रामलीला' बन गई 'गोलियों की रासलीला'
साल 2013 में संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण स्टारर फिल्म 'गोलियों की रासलीलाः राम-लीला' रिलीज हुई थी. इसका पहले 'रामलीला' नाम रखा गया था. इस पर पूरे देश में विवाद हुआ था. आरोप लगा कि फिल्म के नाम से धर्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं. इसे लेकर देशभर में न सिर्फ प्रदर्शन हुए, बल्कि डायरेक्टर और एक्टर्स के खिलाफ केस तक दर्ज कराया गया. विवाद बढ़ने पर इसका नाम राम-लीला कर दिया गया. इसके बाद भी कुछ लोग कोर्ट चले गए. बाद में कोर्ट के निर्देश पर फिल्म का नाम गोलियों की रासलीलाः राम-लीला कर दिया गया. इस तरह नाम बदलते ही विवाद शांत हो गया.
फिल्म पर विवाद से फायदा या नुकसान?
फिल्मों पर विवाद होना अब आम बात हो गई है. कई बार तो फिल्म मेकर्स जानबूझकर ऐसा करते हैं कि कंट्रोवर्सी पैदा हो जाए. अभी तक का रिकॉर्ड देखें, तो विवादों की वजह से फिल्मों का हमेशा ही फायदा ही हुआ है. इससे उनकी कमाई में बड़ा इजाफा हुआ है. संजय लीला भंसाली की तीनों विवादित फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त हिट साबित हुई थीं. पिछले 11 सालों में आई चर्चित फिल्मों के रिकॉर्ड देखने पर साफ पता चलता है कि जिन फिल्मों पर विवाद हुआ है, वे सुपरहिट साबित हुईं. केवल फिल्म 'छपाक' और 'पानीपत' ही ऐसी फिल्में रहीं, जो अपना बजट तक नहीं निकाल पाई. इसके अलावा 10 फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई हैं.
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