आखिरकार सब्र का इम्तिहान खत्म हुआ और संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali Movie) की फिल्म Gangubai Kathiawadi का Teaser देखने को मिला. जिसे देखने के बाद आलिया भट्ट(Alia Bhatt in Gangubai Kathiawadi) के लिए लोग बोल रहे हैं कि she is back. सड़क 2 का जो हादसा मासूम दर्शकों के साथ हुआ था उसका घाव भरना इतना आसान भी नहीं है. वहीं Gangubai Kathiawadi में कई लोगों को आलिया का बोल्ड अंदाज काफी पसंद आया है. जो सड़क 2 के घाव को भरने का काम करेगा. ऊपर से एक से बढ़कर एक धांसू डायलॉग. लोगों का मानना है कि लगता है बॉलीवुड सुधर गया, अब शायद सिनेमा हॉल में जाने का रिस्क ले सकते हैं. वरना जिंदगी सीरीज हो गई है.
एक बात और है जो इस फिल्म को अलग बनाती है वो है किसी महिला डॉन की भूमिका. आपको याद है कि बॉलीवुड में किसी महिला डॉन ने आपके होश उड़ाएं हो? नहीं ना, लेकिन अब बेल्ट पहनकर तैयार हो जाइए अरे भाई गाड़ी की सीट बेल्ट नहीं पहननी है. हम तो बस यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बार महिला डॉन गंगूबाई 30 जुलाई 20201 को आपको हड़काने सिनेमाघरों में आ रही हैं. तो चलिए अब इस फिल्म की कहानी के बारे में आपको बता देते हैं.
हां तो भैया, बात यह है कि क्या आप जानते भी हैं कि जिस बारे में हम चर्चा कर रहे हैं यानी 'गंगूबाई काठियावाड़ी' वो कौन थीं. अगर नहीं जानते तो चुल्लू भर पानी में डूबने की जरूरत नहीं है, बस आगे की कहानी को ध्यान से पढ़ लीजिए. काहे कि हम सभी इंसान है कंप्यूटर तो नहीं जो हर चीज की जानकारी हमारे पास होगी. तो बात यह है कि गंगूबाई का असली नाम हरजीवन दास था. जो गुजरात के एक समृद्ध परिवार से थीं.
वह एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. उन्हें अपने पिताजी के अकाउंटेंट से...
आखिरकार सब्र का इम्तिहान खत्म हुआ और संजय लीला भंसाली (Sanjay Leela Bhansali Movie) की फिल्म Gangubai Kathiawadi का Teaser देखने को मिला. जिसे देखने के बाद आलिया भट्ट(Alia Bhatt in Gangubai Kathiawadi) के लिए लोग बोल रहे हैं कि she is back. सड़क 2 का जो हादसा मासूम दर्शकों के साथ हुआ था उसका घाव भरना इतना आसान भी नहीं है. वहीं Gangubai Kathiawadi में कई लोगों को आलिया का बोल्ड अंदाज काफी पसंद आया है. जो सड़क 2 के घाव को भरने का काम करेगा. ऊपर से एक से बढ़कर एक धांसू डायलॉग. लोगों का मानना है कि लगता है बॉलीवुड सुधर गया, अब शायद सिनेमा हॉल में जाने का रिस्क ले सकते हैं. वरना जिंदगी सीरीज हो गई है.
एक बात और है जो इस फिल्म को अलग बनाती है वो है किसी महिला डॉन की भूमिका. आपको याद है कि बॉलीवुड में किसी महिला डॉन ने आपके होश उड़ाएं हो? नहीं ना, लेकिन अब बेल्ट पहनकर तैयार हो जाइए अरे भाई गाड़ी की सीट बेल्ट नहीं पहननी है. हम तो बस यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि इस बार महिला डॉन गंगूबाई 30 जुलाई 20201 को आपको हड़काने सिनेमाघरों में आ रही हैं. तो चलिए अब इस फिल्म की कहानी के बारे में आपको बता देते हैं.
हां तो भैया, बात यह है कि क्या आप जानते भी हैं कि जिस बारे में हम चर्चा कर रहे हैं यानी 'गंगूबाई काठियावाड़ी' वो कौन थीं. अगर नहीं जानते तो चुल्लू भर पानी में डूबने की जरूरत नहीं है, बस आगे की कहानी को ध्यान से पढ़ लीजिए. काहे कि हम सभी इंसान है कंप्यूटर तो नहीं जो हर चीज की जानकारी हमारे पास होगी. तो बात यह है कि गंगूबाई का असली नाम हरजीवन दास था. जो गुजरात के एक समृद्ध परिवार से थीं.
वह एक्ट्रेस बनना चाहती थीं. उन्हें अपने पिताजी के अकाउंटेंट से प्यार हो गया. फिर क्या दोनों ने शादी कर ली. शादी करने के बाद सुनहरे सपने लेकर वे मुंबई आ गई, लेकिन हकीकत को कुछ और मंजूर था. गंगूबाई पर मुसीबतों का ऐसा पहाड़ टूटेगा जिसकी कल्पना भी उन्होंने नहीं की थी. गंगूबाई के पति ने उन्हें 500 रूपए में कोठे पर बेच दिया.
गंगू बाई काठियावाड़ी रेड लाइट एरिया से निकलकर किस तरह प्रेसिडेंट बनती हैं इस कहानी को संजय लीला भंसाली ने अपने अंदाज में फिल्माया है. गंगूबाई को ‘मुंबई की माफिया क्वीन’ नाम से मशहूर थीं. जिनका किरदार आलिया भट्ट निभा रही हैं. हर एक्ट्रेस की ख्वाहिश होती है कि वह एक बार वह लीला भंसाली के साथ काम जरूर करे. किसी हिरोइन की असली खूबसूरती को संजय लीला भंसाली ही पर्दे पर दिखाते हैं. यह भी बता दें कि यह फिल्म लेखक एस हुसैन जैदी की किताब 'माफिया क्वीन्स ऑफ मुंबई' के आधार पर बनाई गई है.
इतना समझ लीजिए कि 60 के दशक की इस कहानी को संजय लीला भंसाली ने अपने कमाल की सिनेमेटोग्राफी से दर्शाने की कोशिश की है. अब रिलीज पोस्टर में आप ध्यान से देखेंगे तो आलिया से लेकर पीछे के दिवार तक के लिए एक ही रंग की लाइट और शेड का इस्तेमाल किया गया है, अब संजय की लीला ही ऐसी है कि ये काम कोई और नहीं कर सकता. अब बाजीराव मस्तानी और गोलियों की रासलीला और पद्मावत तो आपको याद ही होगी. हम सिनेमा के अंदर एक साधारण सी कहानी की कल्पना करके अंदर जाते हैं और बाहर कितना कुछ दिमाग में लेकर लौटते हैं.
फिल्म पास होगी या फेल
टीजर की शुरुआत ‘कमाठीपुरा में कभी अमावस्या की रात नहीं होती क्योंकि वहां गंगू रहती है..' के साथ होती है. जो दर्शकों को उत्साहित करने का काम करती है. यह डायलॉग सुनते ही लगता है चलो टीजर में दम है बॉस. वहीं आलिया का डायलॉग, मैं गंगूबाई... 'कुंवारी आपने छोड़ा नहीं, श्रीमती किसी ने बनाया नहीं' पर सिनेमा घरों में सीटी और ताली तो बज ही जाएगी.
वहीं वो कहती हैं- गंगू चांद थी और चांद ही रहेगी. हम आपको चकरी की तरह ज्यादा घुमाए बिना साफ-साफ शब्दों में कहते हैं कि आलिया ने इस फिल्म के लिए मेहनत की है जो की साफ दिखती है. उनका हाव-भाव, टोन और अंजाद सबकुछ आपको अलग लगेगा. मतलब यह है कि आलिया टीजर में छाई हुईं हैं. यह फिल्म आपको 60 के दशक के क्लासी दौर में ले जाएगी जब मुंबई को बॉम्बे कहा जाता था. लोगों को एक बार फिर बॉलीवुड पर यकीन हो रहा है. टीजर देखकर और लोगों के रिएक्शन से तो फिलहाल यही कहा जा सकता कि फिल्म जबरदस्त होगी.
नेगेटिव क्या है
आलिया का सड़क 2 वाला हादसे के बाद लोगों का नेगेटिव होना बनता है. कुछ का कहना है कि आलिया ने सड़क 2 से सबक लेकर खुद को सुधारा है और नई शुरुआत की है. वहीं कुछ को लगता है कि कैरेक्टर की कॉस्टिंग गलत हो गई है. ऊपर से नेपोटिज्म जैसी बातें. अब फिल्म कैसी है यह तो देखने के बाद ही पता चलेगी. इसके अवाला बाहुबली कहे जाने वाले स्टार प्रभास की फिल्म राधेश्याम भी 30 जुलाई 2021 यानी उसी दिन रिलीज हो रही है. ऐसे में मुकाबला तगड़ा है. टीजर ने फिल्म से लोगों की उम्मीद तो बढ़ा दी लेकिन सवाल अब भी वही है कि, क्या आलिया अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीतने में कामयाब होंगी हैं या फिर दिल तोड़ने में?
हां आलिया के अलावा इस फिल्म में विजय राज, हुमा कुरैशी, शांतनु माहेश्वरी और सीमा पहवा भी नजर आएंगे. वहीं अजय देवगन और इमरान हाशमी का कैमियो भी है. चलिए जाते-जाते आपको एक टिप देते हैं, इस फिल्म में गंगूबाई मुंबई के माफिया डॉन को राखी बांधते हुए नजर आती हैं. अब कहानी क्या मोड़ लेती है यह तो फिल्म देखने पर ही पता चलेगा. तब तक आप अपनी कल्पना जारी रखिए...
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.