क्या राम रहीम को हमेशा सबसे ऊपर रहना अच्छा लगता था? क्या उसने खुद ही खुद को भगवान मान लिया था? या फिर वो दुनिया को अपने से नीचे रखने का आदी था? मेरे जहन में यह सवाल किन वजहों से आ रहा है, अब यह भी जान लीजिए. जो इंसान चौकड़ी मारकर दुनिया को बड़े-बड़े ज्ञान देता था. दूसरों की समस्याओं को सुलझाने के दावे करता था. आज उसकी समस्या का समाधान निकालने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है. जिससे दिन पर दिन अपने ही द्वारा किए गए कुकर्मों के दलदल में फंसता जा रहा है.
रेपिस्ट राम रहीम के ठिकानों पर पुलिस एक के बाद कई छापे मार चुकी है. और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है. वहीं हरियाणा पुलिस भी अब राम रहीम की खासमखास हनीप्रीत को ढूंढने में लगी है. राम रहीम ने जहां-जहां कदम रखा है पुलिस अब वहां-वहां अपने कदम रख रही है और तफ़्तीश कर रही है. रेपिस्ट राम रहीम के कदम मुम्बई में भी कई बार पड़े और इसीलिए हमने भी राम रहीम के उन कदमो की खाक छानते हुए उसके कई ठिकानों का पता लगाया. इस तफ़्तीश और इस खबर पर रिपोर्टिंग के दौरान जो बातें सामने आई उससे ये तो साफ हो गया कि राम रहीम 'सेल्फ ऑब्सेसड' और 'सेल्फ लवर' था. वो ना सिर्फ अपने प्रवचन और फ़िल्मो के प्रमोशन के दौरान ऊंची स्टेज पर बैठना पसंद करता था. बल्कि ऊपर बैठकर लोगों को संबोधित करते हुए वो खुद को जीता जागता भगवान मानता था. उसने रहने के लिए जिन ठिकानों को मुम्बई में ढूंढा था वो भी किसी ऊंचे स्टेज से कम नहीं थी.
राम रहीम ने रहने के लिए मुम्बई के दो पॉश इलाको को चुना था. पहला घर मुम्बई के जुहू स्तिथ रिवेरा को ऑपरेटिव सोसाइटी में है. इस सात मंज़िला इमारत के 6वीं और 7वीं मंज़िल यानी ऊपर के दो फ्लैट्स राम रहीम ने किराए पर ले रखे थे. इस सी फेसिंग बिल्डिंग के फ्लैट में होने से राम रहीम के भीतर सबसे ऊपर...
क्या राम रहीम को हमेशा सबसे ऊपर रहना अच्छा लगता था? क्या उसने खुद ही खुद को भगवान मान लिया था? या फिर वो दुनिया को अपने से नीचे रखने का आदी था? मेरे जहन में यह सवाल किन वजहों से आ रहा है, अब यह भी जान लीजिए. जो इंसान चौकड़ी मारकर दुनिया को बड़े-बड़े ज्ञान देता था. दूसरों की समस्याओं को सुलझाने के दावे करता था. आज उसकी समस्या का समाधान निकालने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है. जिससे दिन पर दिन अपने ही द्वारा किए गए कुकर्मों के दलदल में फंसता जा रहा है.
रेपिस्ट राम रहीम के ठिकानों पर पुलिस एक के बाद कई छापे मार चुकी है. और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है. वहीं हरियाणा पुलिस भी अब राम रहीम की खासमखास हनीप्रीत को ढूंढने में लगी है. राम रहीम ने जहां-जहां कदम रखा है पुलिस अब वहां-वहां अपने कदम रख रही है और तफ़्तीश कर रही है. रेपिस्ट राम रहीम के कदम मुम्बई में भी कई बार पड़े और इसीलिए हमने भी राम रहीम के उन कदमो की खाक छानते हुए उसके कई ठिकानों का पता लगाया. इस तफ़्तीश और इस खबर पर रिपोर्टिंग के दौरान जो बातें सामने आई उससे ये तो साफ हो गया कि राम रहीम 'सेल्फ ऑब्सेसड' और 'सेल्फ लवर' था. वो ना सिर्फ अपने प्रवचन और फ़िल्मो के प्रमोशन के दौरान ऊंची स्टेज पर बैठना पसंद करता था. बल्कि ऊपर बैठकर लोगों को संबोधित करते हुए वो खुद को जीता जागता भगवान मानता था. उसने रहने के लिए जिन ठिकानों को मुम्बई में ढूंढा था वो भी किसी ऊंचे स्टेज से कम नहीं थी.
राम रहीम ने रहने के लिए मुम्बई के दो पॉश इलाको को चुना था. पहला घर मुम्बई के जुहू स्तिथ रिवेरा को ऑपरेटिव सोसाइटी में है. इस सात मंज़िला इमारत के 6वीं और 7वीं मंज़िल यानी ऊपर के दो फ्लैट्स राम रहीम ने किराए पर ले रखे थे. इस सी फेसिंग बिल्डिंग के फ्लैट में होने से राम रहीम के भीतर सबसे ऊपर होने का ऐहसास आता था. और खुद के अंदर के छुपे शैतान जिसे उसके भक्त भगवान मानते है उसे खुश करता था. इस बिल्डिंग के लोगो ने पहले ही इस रेपिस्ट को नोटिस थमाया था. क्योंकि राम रहीम जब भी रिवेरा बिल्डिंग में रहने आता तो पूरे ताम झाम के साथ आता था. जैसे कोई नया नवेला दूल्हा बारात लेकर ससुराल पहुँचता हो. इसी ताम झाम (रेपिस्ट के सिक्योरिटी गार्ड्स) पर सोसाइटी वालो ने आपत्ति जताई थी.
इस ठिकाने के बाद राम रहीम ने अपना दूसरा ठिकाना मुम्बई के बान्द्रा इलाके में बनाया था. जहां शाहरुख सलमान से लेकर बी टाउन के कई कलाकार रहते हैं. जाहिर है रेपिस्ट राम रहीम भी धीरे-धीरे हीरो बनने की राह पर चलने लगा था. इसे देखते हुए उसने ठिकाना भी बी टाउन के सेलेब्स की तरह चुना. बांद्रा वेस्ट के प्लैटिनम बिल्डिंग में भी राम रहीम ने दुनिया से ऊपर रहनेवाला वही पैंतरा अपनाया. ये इमारत 12 मंजिला इमारत है और यहां भी राम रहीम ने ऊपर के दो फ्लैट्स यानी 11वीं और 12वीं मंज़िल पर फ्लैट्स ले रखा था.
जुहू से लेकर बान्द्रा तक राम रहीम हरियाणा की तरह मुम्बई पर राज करना चाहता था. यही वजह थी कि शायद वो हमेशा ऊपर के दो फ्लैट्स किराए पर लिया करता था. बांद्रा वाले फ्लैट में हमें राम रहीम की एक कार भी मिली. कार लेक्सस 470, फिलहाल तो पार्किंग की शोभा बढ़ा रही है. यह कार वहां खड़ी अन्य गाड़ियों से बिल्कुल अलग दिखाई देती है. लेकिन अब इस कार का कोई मालिक नहीं है. इस कार को हनीप्रीत भी वापस लेने नहीं आई. राम रहीम मुंबई में जहां-जहां गया हर जगह हनीप्रीत भी साए की तरह उसके साथ रही. यही वजह है कि पुलिस भी हर वो ठिकानों पर हनीप्रीत को ढूंढ रही है, जहां राम रहीम के साथ वो होती थी. खैर दुनिया से ऊपर रहने वाला राम रहीम खुद तो जेल की हवा खा रहा है. लेकिन उसके साथ साये की तरह रहने वाली हनीप्रीत अब कहां है? क्या उसे अपने बाबा की याद नहीं आती?
क्या अब हनीप्रीत उन ऊंची इमारतों में जिस तरह बाबा का साथ निभाती थी अब उस तरह जेल में बाबा का साथ नहीं निभाएगी? हनीप्रीत कहां हो तुम? बाबा ने अपनी ऊंची इमारतों और अपने दिल मे तुम्हें जगह दी थी. क्या अब तुम जेल में उनका साथ नहीं दोगी? बाबा अब भी तुम्हारे इंतेज़ार में आंसू बहा रहे है. क्या तुम्हें दया नहीं आती? लौट आओ हनीप्रीत !
ये भी पढ़ें:-
एक 'गैर इस्लामिक' गाना जिसने की रिकॉर्ड 235 करोड़ रु. की कमाई
मुंबई का एक फ़ाइव स्टार होटल गुरमीत राम रहीम को कभी नहीं भूलेगा...
दुर्भाग्य यह है कि लोग धर्मगुरुओं और बाबाओं में फर्क नहीं कर पा रहे हैं
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.