'मेरा जूता है जापानी ये पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी'... साल 1955 में आई सदाबहार अभिनेता राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' का ये गाना बहुत मशहूर हुआ था. आज भी लोगों को गाहे-बगाहे इस गाने को गुनगुनाते हुए जरूर सुना जा सकता है. इस गाने की बात यहींं रोककर अभी आपको ले जा रहे हैं कनाडा. 6 फरवरी 1992 को यहां एक बच्ची ने जन्म लिया. पिता मोरक्के के थे, मां भारतीय मूल की थीं. बच्ची धीरे-धीरे बड़ी होने लगी. मां को बॉलीवुड की फिल्में बहुत पसंद थीं, इसलिए घर में फिल्मी माहौल था. बच्ची को बॉलीवुड के हीरो-हिरोईन पसंद आने लगे. यदा-कदा घर में हिन्दी फिल्मों के गानों पर डांस भी कर लिया करती. पिता जरा सख्त मिजाज के थे, इसलिए घर में डांस करने की खुली आजादी नहीं थी. लेकिन मां बच्ची के जरिए अपने सपने देखने लगी. यहां तक कहानी बहुत आम सी लगती हैैै. लेकिन, आगे की कहानी में वो संघर्ष है जिसने इस बच्ची को वो नोरा फतेही बनाने में मदद की, जिसे हम और आप बखूबी जानते हैं.
घर की फाइनेंशियल कंडिशन अच्छी नहीं थी. इसलिए स्कूल के दिनों में ही उस बच्ची ने एक मॉल में सेल्स गर्ल का काम शुरू कर दिया. वहां कपड़े के शोरूम में काम करने लगी. कुछ दिनों बाद उसे एक टेली-कॉलर की जॉब मिली, जहां उसने करीब 6 महीने तक काम किया. लेकिन यहां उसका मन नहीं लगता था. कनाडा में मोरक्को के माता-पिता के घर पैदा हुई इस लड़की के दिल में अक्सर 'हिन्दुस्तान' हिलोरे मारता रहता था. फिल्म 'श्री 420' का वो गाना उनकी हालत पर सटीक बैठता है. वह बॉलीवुड में काम करना चाहती थी. देखने में तो खूबसूरत थी ही, डांस भी अच्छा आता था. उसे जल्द ही मॉडलिंग काम मिल गया....
'मेरा जूता है जापानी ये पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी'... साल 1955 में आई सदाबहार अभिनेता राज कपूर की फिल्म 'श्री 420' का ये गाना बहुत मशहूर हुआ था. आज भी लोगों को गाहे-बगाहे इस गाने को गुनगुनाते हुए जरूर सुना जा सकता है. इस गाने की बात यहींं रोककर अभी आपको ले जा रहे हैं कनाडा. 6 फरवरी 1992 को यहां एक बच्ची ने जन्म लिया. पिता मोरक्के के थे, मां भारतीय मूल की थीं. बच्ची धीरे-धीरे बड़ी होने लगी. मां को बॉलीवुड की फिल्में बहुत पसंद थीं, इसलिए घर में फिल्मी माहौल था. बच्ची को बॉलीवुड के हीरो-हिरोईन पसंद आने लगे. यदा-कदा घर में हिन्दी फिल्मों के गानों पर डांस भी कर लिया करती. पिता जरा सख्त मिजाज के थे, इसलिए घर में डांस करने की खुली आजादी नहीं थी. लेकिन मां बच्ची के जरिए अपने सपने देखने लगी. यहां तक कहानी बहुत आम सी लगती हैैै. लेकिन, आगे की कहानी में वो संघर्ष है जिसने इस बच्ची को वो नोरा फतेही बनाने में मदद की, जिसे हम और आप बखूबी जानते हैं.
घर की फाइनेंशियल कंडिशन अच्छी नहीं थी. इसलिए स्कूल के दिनों में ही उस बच्ची ने एक मॉल में सेल्स गर्ल का काम शुरू कर दिया. वहां कपड़े के शोरूम में काम करने लगी. कुछ दिनों बाद उसे एक टेली-कॉलर की जॉब मिली, जहां उसने करीब 6 महीने तक काम किया. लेकिन यहां उसका मन नहीं लगता था. कनाडा में मोरक्को के माता-पिता के घर पैदा हुई इस लड़की के दिल में अक्सर 'हिन्दुस्तान' हिलोरे मारता रहता था. फिल्म 'श्री 420' का वो गाना उनकी हालत पर सटीक बैठता है. वह बॉलीवुड में काम करना चाहती थी. देखने में तो खूबसूरत थी ही, डांस भी अच्छा आता था. उसे जल्द ही मॉडलिंग काम मिल गया. एक एजेंसी के जरिए उसे हिन्दुस्तान आने का मौका मिला, तो कॉन्ट्रैक्ट करके फिल्म इंडस्ट्री में काम करने का सपना लेकर भारत चली आई. बचपन से देखे गए सपने सच जो करना चाहती थी. उसे नोरा फतेही को पहचान जो दिलानी थी. वो एक कामयाब मॉडल, सिंगर, डांसर, और एक्टर सब बनी.
नोरा फतेही (Nora Fatehi Birthday) का आज बर्थडे है. नोरा आज किसी परिचय की मोहताज नहीं है. लेकिन जब मुंबई आईं, तो उनके संघर्ष के दिन बहुत भारी थे. एजेंसी के साथ कॉन्ट्रैक्ट करके नोरा मुंबई तो आ गईं, लेकिन जैसा सोचा वैसा कुछ मिला नहीं. उनको एक छोटे से कमरे में कई लड़कियों के साथ रखा गया. छोटे-छोटे असाइनमेंट दिए जाते रहे. कई गानों में उन्होंने बैकग्राउंड डांसर बनकर भी काम किया. लेकिन उनके मन मुताबिक काम नहीं मिल रहा था. इसलिए उन्होंने एजेंसी के साथ अपना कॉन्ट्रैक्ट तोड़ दिया. इसकी एवज में उनको करीब 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ. अब वह सड़क पर थीं. जहां काम के लिए जातीं, वहां मजाक उड़ाया जाता. हिन्दी नहीं आने की वजह से काम नहीं मिलता. साल 2014 में एक फिल्म आई थी 'रोर: टाइगर्स ऑफ द सुंदरवन'. किसी तरह इसमें नोरा को काम मिल गया.
'रोर' फिल्म के साथ ही नोरा फतेही का ठहरा हुआ फिल्मी करियर चल पड़ा. इसके बाद उन्होंने पुरी जगन्नाथ की तेलुगु फिल्म 'टेम्पर' और इमरान हाशमी की फिल्म 'मि. एक्स' में स्पेशल एपियरेंस दिया. दोनों फिल्मों में आइटम सॉन्ग किया. फिर 'बाहुबली: द बिगनिंग' और 'किक 2' जैसी फिल्में साइन की थीं. 'बाहुबली' में आइटम सॉन्ग 'मनोहरी' से नोरा ने सबका मन मोह लिया. साल 2015 में बिग बॉस के 9वें सीजन में नोरा को वाइल्ड कार्ड एंट्री दी गई. यहां करीब 3 सप्ताह बिताने के बाद जब नोरा बिग बॉस (Bigg Boss) से बाहर निकली, तो एक स्टार बन चुकी थीं. रही सही कसर फिल्म सत्यमेव जयते में दिखाए गए आइटम नंबर "दिलबर" गाने ने पूरी कर दी. रिलीज होने के पहले 24 घंटों में ही YouTube पर 21 मिलियन व्यूज पार कर लिए, जो कि अपने आप एक रिकॉर्ड है. दिलबर गाने के साथ नोरा सबके दिलों में घर कर गईं.
जिस नोरा फतेही को केवल अंग्रेजी जानने की वजह काम नहीं मिलता था, आज वो कई भाषाओं में बात कर सकती हैं. उन्हें अंग्रेजी के साथ हिन्दी, फ्रेंच और अरबी भाषा आती है. एक्टिंग और डांस के साथ ही वह सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती हैं. वह आए दिन अपनी लेटेस्ट तस्वीरें और वीडियो शेयर करती रहती हैं. सोशल मीडिया पर उनके लाखों फैंस हैं. हाल ही में नोरा का नया म्यूजिक वीडियो ‘छोड़ देंगे' रिलीज हुआ है. कुछ ही दिनों पहले उनका गाना ‘नाच मेरी रानी‘ रिलीज हुआ था. इस गाने में उनके साथ गुरू रंधावा नजर आए थे. वह जल्द ही फिल्म ‘भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया' में भी नजर आने वाली हैं. हर सेलेब की तरह नोरा के साथ भी कई विवाद जुड़े हुए हैं. इनमें एक्टर अंगद बेदी के साथ अफेयर से लेकर बिग बॉस में प्रिंस नरुला संग गहरे रिश्ते तक, कई बातें शामिल हैं. हालांकि, नोरा अब बहुत आगे निकल चुकी हैं.
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