हिंदुस्तान के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जिंदगी की दास्तान बयां करने वाली फिल्म 'पृथ्वीराज' 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म की कहानी पृथ्वीराज चौहान के राजकवि चंदबरदाई की किताब 'पृथ्वीराज रासो' से ली गई है. इस किताब में पृथ्वीराज चौहान की स्वाभिमान, वीरता, शौर्य और पराक्रम की कई कहानियां दर्ज हैं. 12वीं सदी में चंदबरदाई 'मत चुके चौहान' नामक रचना की थी. इसमें चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संबोधित करते हुए लिखा था, ''चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान!'' दिल्ली की गद्दी पर बैठने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने मुस्लिम आक्रांता मोहम्मद गोरी को 16 बार युद्ध में हराया था, लेकिन 17वीं बार राजा जयचंद की गद्दारी की वजह से सम्राट हार गए. इसके बाद गोरी ने उनको बंदी बना लिया, उनकी आंखें फोड़ दीं, लेकिन चंदबरदाई की मदद से पृथ्वीराज ने उसे मौत के घाट उतार दिया.
भारतीय इतिहास के किताबों में पृथ्वीराज चौहान के शौर्य के किस्से बहुत कम दर्ज हैं. ऐसे में 18 साल के लंबे शोध के बाद डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी इस पर फिल्म बना रहे हैं. यशराज फिल्म्स के बैनर तले बन रही इस हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म में सुपरस्टार अक्षय कुमार महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान का किरदार निभा रहे हैं. उनके साथ संजय दत्त, मानुषी छिल्लर, सोनू सूद, आशुतोष राणा और साक्षी तंवर जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. फिल्म में पृथ्वीराज की पत्नी संयोगिता का किरदार मिस वर्ल्ड रह चुकी मानुषी छिल्लर, राजकवि चंदबरदाई का किरदार सोनू सूद, मुख्य खलनायक यानी मुहम्मद गौरी का किरदार मानव विज निभा, जयचंद का किरदार आशुतोष राणा और काका कान्हा का किरदार अभिनेता संजय दत्त निभा रहे हैं. मोहम्मद गोरी से पहले कई मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदुस्तान पर हमला किया था, लेकिन यहां के हिंदू शासकों ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया है.
हिंदुस्तान पर हमला करने वाला पहला मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम था. सउदी अरब के रहने वाले कासिम ने 711 ई. में सिंध के राजा...
हिंदुस्तान के अंतिम हिंदू सम्राट पृथ्वीराज चौहान की जिंदगी की दास्तान बयां करने वाली फिल्म 'पृथ्वीराज' 3 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. इस फिल्म की कहानी पृथ्वीराज चौहान के राजकवि चंदबरदाई की किताब 'पृथ्वीराज रासो' से ली गई है. इस किताब में पृथ्वीराज चौहान की स्वाभिमान, वीरता, शौर्य और पराक्रम की कई कहानियां दर्ज हैं. 12वीं सदी में चंदबरदाई 'मत चुके चौहान' नामक रचना की थी. इसमें चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संबोधित करते हुए लिखा था, ''चार बांस चौबीस गज अंगुल अष्ट प्रमाण ता ऊपर सुल्तान है मत चूके चौहान!'' दिल्ली की गद्दी पर बैठने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने मुस्लिम आक्रांता मोहम्मद गोरी को 16 बार युद्ध में हराया था, लेकिन 17वीं बार राजा जयचंद की गद्दारी की वजह से सम्राट हार गए. इसके बाद गोरी ने उनको बंदी बना लिया, उनकी आंखें फोड़ दीं, लेकिन चंदबरदाई की मदद से पृथ्वीराज ने उसे मौत के घाट उतार दिया.
भारतीय इतिहास के किताबों में पृथ्वीराज चौहान के शौर्य के किस्से बहुत कम दर्ज हैं. ऐसे में 18 साल के लंबे शोध के बाद डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी इस पर फिल्म बना रहे हैं. यशराज फिल्म्स के बैनर तले बन रही इस हिस्टोरिकल ड्रामा फिल्म में सुपरस्टार अक्षय कुमार महान योद्धा पृथ्वीराज चौहान का किरदार निभा रहे हैं. उनके साथ संजय दत्त, मानुषी छिल्लर, सोनू सूद, आशुतोष राणा और साक्षी तंवर जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. फिल्म में पृथ्वीराज की पत्नी संयोगिता का किरदार मिस वर्ल्ड रह चुकी मानुषी छिल्लर, राजकवि चंदबरदाई का किरदार सोनू सूद, मुख्य खलनायक यानी मुहम्मद गौरी का किरदार मानव विज निभा, जयचंद का किरदार आशुतोष राणा और काका कान्हा का किरदार अभिनेता संजय दत्त निभा रहे हैं. मोहम्मद गोरी से पहले कई मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदुस्तान पर हमला किया था, लेकिन यहां के हिंदू शासकों ने उनका मुंहतोड़ जवाब दिया है.
हिंदुस्तान पर हमला करने वाला पहला मुस्लिम आक्रमणकारी मुहम्मद बिन कासिम था. सउदी अरब के रहने वाले कासिम ने 711 ई. में सिंध के राजा दाहिर सेन पर हमला किया था. वहां मौजूद मंदिरों को नष्ट करने के साथ बड़े पैमाने पर नरसंहार और लूटपाट किया था. मुहम्मद बिन कासिम से लेकर 1707 में औरंगजेब की मौत तक भारत को कभी अरब, कभी तुर्की, तो कभी मुगल शासकों की बर्बरता झेलनी पड़ी. ग्यारहवीं शताब्दी में तो बड़े पैमाने पर हिंदुओं का कत्लेआम शुरु हुआ. कासिम के बाद महमूद गजनी, मोहमम्द ग़ोरी, कुत्बूद्दीन ऐबक, इल्तुतमिश, ग्यासुद्दीन बल्बन, अलाउद्दीन खल्जी, मुहम्मद बिन तुगलक, बहलोल लोदी, बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाह जेहान और औरंगजेब जैसे मुस्लिम शासकों ने हिंदुस्तान पर राज किया है. इस दौरान हिंदू राजपूतों और मराठों से उनकी ऐतिहासिक लड़ाई बहुत मशहूर रही है. हिंदू राजाओं ने साहस के साथ इनका मुकाबला किया है.
प्रमुख हिंदी फिल्में जिनमें मुस्लिम आक्रांताओं के खिलाफ हिंदू शासकों की वीरता और शौर्य को दिखाया गया है...
1. फिल्म- पद्मावत
रिलीज डेट- 25 जनवरी 2018
स्टारकास्ट- रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण और शाहिद कपूर
डायरेक्टर- संजय लीला भंसाली
फिल्म मेकर संजय लीला भंसाली बेहतरीन और भव्य फिल्में बनाने के लिए मशहूर हैं. उनकी फिल्मों में सेट से लेकर संगीत तक, सबकुछ मनोहारी होता है. साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म पद्मावत का निर्देशन भी भंसाली ने किया था. इसमें दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर ने मुख्य किरदार में नजर आए थे. इस फिल्म की कहानी रानी पद्मावती पर आधारित है. पद्मावती चित्तौड़गढ़ की रानी थी. अत्याचारी सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी चित्तौड़गढ़ हासिल करना चाहता था. इसके लिए उसने राजा रतन सिंह को बातचीत के लिए बुलाया और धोखे से बंधक बना लिया. इसके बाद उसने चित्तौड़गढ़ पर हमला बोल दिया. मलिक मुहम्मद जायसी की किताब 'पद्मावत' में लिखा है कि खिलजी रतन सिंह की पत्नी पद्मावती की खूबसूरती पर फिदा था. वो किले के साथ रानी को भी पाना चाहता था. लेकिन अफसोस उसके किले पर कब्जे से पहले ही रानी ने तमाम महिलाओं के साथ जौहर कर लिया. फिल्म में दीपिका पादुकोण ने रानी पद्मावती का किरदार, रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी का किरदार और शाहिद कपूर ने राजा रतन सिंह का किरदार निभाया है. रणवीर सिंह ने अत्याचारी सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी के किरदार में दमदार अभिनय किया था. फिल्म के रिलीज को लेकर हुए विवाद के कारण फिल्म का नाम बदलकर पद्मावती से 'पद्मावत' रख दिया गया था.
2. फिल्म- महाराणा प्रताप: द फर्स्ट फ्रीडम फाइटर
रिलीज डेट- 12 अक्टूबर 2012
स्टारकास्ट- कुलदीप चतुर्वेदी
डायरेक्टर- डॉक्टर प्रदीप कुमावत
फिल्म 'महाराणा प्रताप: द फर्स्ट फ्रीडम फाइटर' का निर्माण और निर्देशन डॉक्टर प्रदीप कुमावत ने किया है. 2.30 घंटे की इस फिल्म को बनाने में 5 साल का समय लगा है. फिल्म की कहानी महाराणा प्रताप, मुग़ल बादशाह अकबर और मानसिंह के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें हल्दीघाटी के युद्ध को दिखाया गया है. हल्दीघाटी का युद्ध मुगल बादशाह अकबर और महाराणा प्रताप के बीच 18 जून, 1576 ई. को लड़ा गया था. ऐसा माना जाता है कि हल्दीघाटी के युद्ध में न तो अकबर जीत सका और न ही राणा हारे. मुगलों के पास सैन्य शक्ति अधिक थी तो राणा प्रताप के पास जुझारू शक्ति की कोई कमी नहीं थी. इस युद्ध में अकबर की सेना की कमान राजा मान सिंह के हाथों में थी. मेवाड़ सेना में 20 हजार और मुगल सेना में 50 हजार सैनिक थे. दोनों ओर से 490 सैनिक मारे गए थे. फिल्म में महाराणा प्रताप से जुड़ी 112 घटनाओं का जिक्र किया गया है. गीत-संगीत जगजीत सिंह, भूपेन्द्र, साधना सरगम, रूपकुमार राठौड़ और शैल हाड़ा का है. इस फिल्म को लेकर विवाद हुआ था. फिल्म को राजनीतिक वजहों से लंबे समय तक रिलीज नहीं होने दिया गया. फिल्म निर्माता ने कहा था कि ये देश का दुर्भाग्य है कि एक मल्टीप्लेक्स लॉबी ऐसी फिल्मों को लेने के लिए तैयार नहीं होती है. फिल्म 12 अक्टूबर 2012 को रिलीज हुई थी.
3. फिल्म- पानीपत
रिलीज डेट- 6 दिसंबर 2019
स्टारकास्ट- संजय दत्त, अर्जुन कपूर और कीर्ति सेनन
डायरेक्टर- आशुतोष गोवारिकर
साल 2019 में रिलीज हुई ऐतिहासिक पीरियड ड्रामा फिल्म 'पानीपत' को आशुतोष गोवारिकर ने निर्देशित किया है. यह फिल्म पानीपत की तीसरी लड़ाई पर आधारित है, जो 18वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रमणकारियों और मराठाओं के बीच 14 जनवरी 1761 में लड़ी गई थी. यह लड़ाई अफगानिस्तान के क्रूर राजा अहमद शाह अब्दाली और मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ के बीच पानीपत के मैदान में हुई थी, जो इस समय हरियाणा में है. इसलिए इसे पानीपत का युद्ध कहा जाता है. इस लड़ाई ने हिंदुस्तान में सत्ता के समीकरण बदल दिए. इसमें गार्दी सेना प्रमुख इब्राहीम ख़ां गार्दी ने मराठों का साथ दिया और दोआब के अफगान रोहिला और अवध के नवाब शुजाउद्दौला ने अहमद शाह अब्दाली का साथ दिया था. इस फिल्म में संजय दत्त ने अहमद शाह अब्दाली का किरदार, अर्जुन कपूर ने सदाशिव राव भाऊ का किरदार और कृती सेनन ने सदाशिव राव भाऊ की दूसरी पत्नी पार्वती बाई का किरदार निभाया है. इस फिल्म में सदाशिव सदाशिव राव भाऊ के किरदार के जरिए मराठाओं की महानता और बहादुरी को रुपहले पर्दे पर अनोखे अंदाज में पेश किया गया है.
4. फिल्म- तानाजी: द अनसंग वॉरियर
रिलीज डेट- 10 जनवरी 2020
स्टारकास्ट- अजय देवगन, सैफ अली खान, काजोल, शरद केलकर
डायरेक्टर- ओम राऊत
कोरोना काल शुरू होने से पहले फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' रिलीज हुई थी. यह फिल्म कोंधना जिले के लिए छत्रपति शिवाजी के सूबेदार तानाजी मालुसरे के जीवन पर आधारित है. इसमें अजय देवगन ने तानाजी मालुसरे का किरदार निभाया था. उनके अलावा उदयभान सिंह राठौर का रोल सैफ अली खान, तानाजी की पत्नी सावित्रीबाई मालुसरे का काजोल, छत्रपति शिवाजी महाराज का शरद केलकर, औरंगजेब का ल्यूक केनी, राजमाता जीजाबाई का पद्मावती राव और सूर्यदत्त मालुसरे का रोल देवदत्त नगे ने किया है. यह फिल्म 17 वीं शताब्दी में स्थापित है, जिसमें शिवाजी के कोंधना किले को फिर से हासिल करने के उनके प्रयासों को दर्शाया गया है, जो एक बार मुगल सम्राट औरंगज़ेब के पास जाता है, जो अपने भरोसेमंद संरक्षक उदयभान सिंह राठौड़ के पास अपना नियंत्रण स्थानांतरित करता है. इसमें तानाजी मालुसरे और उदयभान के बीच हुए युद्ध को दिखाया गया है. इस लड़ाई में जीत के बाद छत्रपति शिवाजी ने कहा था, ''गढ़ आला पण सिंह गेला'' (हमने किला तो जीत लिया लेकिन सिंह को गंवा दिया). यहां तानाजी को सिंह कहा गया है.
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