हाल ही में मैंने एक खबर पढ़ी. करिश्मा तन्ना (नागिन 3 की तीसरी नागिन) का कहना है कि उनका शो यानी एकता कपूर का 'नागिन' असल में इंटरनेशनल क्वालिटी का है. कई मामलों में ये शो 'गेम ऑफ थ्रोन्स' (मैं मान कर चल रही हूं कि आपको इसके बारे में पता ही होगा) के बराबर है. जी हां, 'नागिन' और दुनिया भर में बहुचर्चित शो 'गेम ऑफ थ्रोन्स' दोनों एक वाक्य में इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
यकीनन ये सुनकर मुझे थोड़ा अचंभा जरूर हुआ (बस थोड़ा ही क्योंकि हिंदुस्तान में लोगों की आदत है बिना मतलब मीडिया में बयान देने की). नागिन अपने आप में एक ऐसा शो है जिसकी कहानी यकीनन 'गेम ऑफ थ्रोन्स' से जोड़ी जा सकती है. प्लॉट गेम ऑफ थ्रोन्स का समझने में भी दिक्कत होती है और नागिन तो खैर उससे दो लेवल ऊपर ही चला जाएगा.
शक्तिमान और चंद्रकांता के बाद एक नागिन ही है जो पूरे देश में इतनी चर्चा बटोर रहा है. हां जब सिमर मक्खी बन गई थी (ससुराल सिमर का सीरियल में) तब भी थोड़ी चर्चा हुई थी, लेकिन नागिन तो उफ्फ. कुछ कहा ही नहीं जा सकता है इसके बारे में.
फिजिक्स और केमेस्ट्री के नियम तो वैसे भी हिंदुस्तानी सीरियल और फिल्मों में फॉलो नहीं किए जाते हैं लेकिन नागिन की बात कुछ और ही है. नियम का पालन करना और अपने अलग नियम बनाना सब अलग है.
वैसे बाकी सीरियल लोक कथाओं के आधार पर बनाए जाते हैं, हमने इच्छाधारी नागिन के बारे में कई बार सुना है, लेकिन नागिन में तो इच्छाधारी नेवला भी है.