टेलीविजन के इतिहास के सबसे पुराने और मशहूर सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' के सीजन 12 की ट्रॉफी सिंगर पवनदीप राजन ने जीत ली है. 12 घंटे तक चले मैराथन ग्रैंड फिनाले में पवनदीप राजन की कड़ी टक्कर अरुणिता कांजीलाल, मोहम्मद दानिश, शनमुख प्रिया, निहाल तारो और सायली कांबले से हुई. इस बार कंटेस्टेंट को टॉप 6 में अपनी जगह बनाने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा. इंडियन आइडल के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि टॉप-5 की जगह टॉप-6 कंटेस्टेंट्स शामिल किए गए. पवनदीप के बाद अरुणिता कांजीलाल फर्स्ट रनरअप, सायली कांबले सेकंड रनरअप, मोहम्मद दानिश चौथे, निहाल टोरो पांचवे और शनमुख प्रिया छठे नंबर पर रहीं. पवनदीप इस सीजन के सबसे चर्चित कंटेस्टेंट रहे हैं. उन्होंने शो में एक से बढ़कर एक परफॉर्मेंस देकर पूरे देश का दिल जीत लिया है.
'फिनाले में जगह बनाने वाले सभी प्रतियोगी विजेता हैं. मैं फिनाले के दौरान हुई चीजों के बारे में बहुत ज्यादा नहीं सोच रहा हूं. मेरे दिमाग में केवल यही था कि जो भी जीते, लेकिन ट्रॉफी दोस्तों के बीच में ही आएगी. हम सब एक बड़े परिवार की तरह हैं. यहां तक कि जब मुझे ट्रॉफी दी जा रही थी तब मैं बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं था, क्योंकि हम सब इसके हकदार हैं.' 'इंडियन आइडल' ट्रॉफी जीतने वाले पवनदीप राजन के ये कथन बताते हैं कि वो सिर्फ बड़े गायक ही नहीं बड़े दिलवाले भी हैं. उत्तराखंड के चंपावत में 27 जुलाई 1996 को पैदा हुए पवनदीप के पिता श्री सुरेश राजन भी मशहूर लोक गायक हैं. पवनदीप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा सीनियर सेकेंडरी स्कूल, चंपावत से पूरी करने के बाद कुमाऊं विश्वविद्यालय से स्नातक किया. इसके बाद पूरी तरह गायन के क्षेत्र में उतर आए. उनका अपना एक म्यूजिकल ग्रुप भी है.
'इंडियन आइडल' के सीजन 12 के विनर पवनदीप राजन के बारे में 5 दिलचस्प बातें...
सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' के सीजन 12 के विजेता पवनदीप राजन अपने मां के बहुत करीब हैं.
1. यंगेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर, जिसने 1200 शो किए हैं
उत्तराखंड के रहने वाले सिंगर पवनदीप राजन छोटी उम्र से ही संगीत में सक्रिय हैं. पढ़ाई के साथ ही उन्होंने संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी. कॉलेज में आते-आते उन्होंने अपना एक म्यूजिकल ग्रुप भी तैयार कर लिया था. कॉलेज फंक्शन के जरिए उनको इतनी पॉपुलैरिटी मिली कि जल्दी ही वो दूसरे प्रोग्राम्स में भी बुलाए जाने लगे. इसी बीच साल 2015 में सिंगिंग रियलिटी शो 'द वॉइस इंडिया' के विनर बनने के बाद उनकी डिमांड देश-विदेश में होने लगी. पवनदीप अभी तक 1200 से ज्यादा म्यूजिकल शो कर चुके हैं. उन्होंने अपने देश के 14 राज्यों और 13 अन्य देशों में जाकर म्यूजिक प्रोग्राम किया है. इतना ही नहीं सबसे कम उम्र के यंगेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर भी हैं. उन्होंने मराठी म्यूजिक इंडस्ट्री से डेब्यू किया था. इसके साथ ही बॉलीवुड के कई हिंदी गाने, मराठी, पहाड़ी, कुमाऊंनी और गढ़वाली गीत गा चुके हैं.
2. दादा से लेकर नानी तक, पूरा परिवार ही गायक है!
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पवनदीप राजन गॉड गिफ्टेड टैलेंट हैं. उनको संगीत विरासत में मिली है. उनके पिता सुरेश राजन, ताऊ सतीश राजन, दादा स्व. रति राजन, बहन ज्योतिदीप और नानी, सभी गायक हैं. उनके दादा और नानी तो अपने जमाने के मशहूर लोक गायक और गायिका रह चुके हैं. पिता सुरेश राजन कुमाऊं के मशहूर लोकगायक हैं. सोचिए, जिस घर का माहौल ही गायन का हो, वहां भला कोई बच्चा करियर के दूसरे क्षेत्र में जाने की कैसे सोच सकता है. वैसे पवनदीप राजन ने बचपन से लेकर अबतक संगीत की तालीम हासिल करने के लिए बहुत मेहनत की है. वो आज भी हर दिन म्यूजिक से जुड़ी कोई नई चीज सीखने की कोशिश करते हैं.
3. तबला से लेकर हारमोनियम तक, सब बजा लेते हैं!
गाना और बजाना दो अलग-अलग विधा मानी जाती है. संगीत के क्षेत्र में ऐसे बहुत कम लोग देखे जाते हैं जो अच्छा गाने के साथ कोई म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजा पाते हों, लेकिन पवनदीप राजन 'इंडियन आइडल 12' के इकलौते ऐसे कंटेस्टेंट रहे हैं जो हर तरह का गाना गाने के साथ-साथ लगभग हर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट भी बजा लेते हैं. उनके इस टैलेंट से खुश होकर दिग्गज सिंगर बप्पी लहिरी ने उन्हें अपना तबला गिफ्ट किया था. ये तबला बप्पी लहिरी को उनके गुरू ने दिया था. इसी से अंदाजा लगाइए कि पवनदीप राजन कितने टैलेंटेड है. वैसे ये जानकार और ज्यादा हैरानी होगी कि पवनदीप महज 2 साल की उम्र से तबला बजाते हैं. उन्होंने सबसे कम उम्र के तबला वादक का पुरस्कार भी जीता है. पवनदीप ने बचपन से ही तबला बजाना शुरू कर दिया, तो इस हुनर को देख पिता सुरेश राजन ने तबला बजाने के लिए मोटिवेट किया. आज पवनदीप राजन पियानो, हारमोनियम, ढोलक, ड्रम, कीबोर्ड और गिटार जैसे कई म्यूजिकल इंस्ट्रमेंट बजा लेते हैं और साथ में आसानी से गा भी लेते हैं.
4. सिंगिंग शो द वॉयस इंडिया के विजेता रह चुके हैं!
सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल' की ट्राफी जीतने से पहले पवनदीप राजन साल 2015 में एक अन्य प्रमुख सिंगिंग रियलिटी शो 'द वॉइस इंडिया' के भी विजेता बन चुके हैं. इस शो में उन्होंने ट्रॉफी के साथ 50 लाख रुपए का इनाम जीता था. इसके साथ उन्हें ऑल्टो K10 कार भी मिली थी. इसके अलावा उन्होंने यूनिवर्सल म्यूजिक ग्रुप के साथ अपना पहला गाना रिलीज करने का कॉन्ट्रैक्ट भी साइन किया था. अपने जीते हुए कॉन्ट्रैक्ट से पवनदीप ने अपने डेब्यू गाने 'यकीन' को 2015 में रिलीज किया था. साल 2016 में पवनदीप ने एरोन हारुन राशिद के साथ काम किया था और उनकी एल्बम Chholiyar में दो गाने रिलीज किए थे. 2017 में पवनदीप राजन ने फिल्म रोमियो एन बुलेट में 'तेरे लिए' नाम का गाना गाया था. 'द वॉयस इंडिया' को हिमेश रेशमिया, सुनिधि चौहान, शान और मीका सिंह जज करते रहे हैं.
5. उत्तराखंड का पहला गायक, जो दो शो का विनर बना
पवनदीप राजन की इस सफलता से देवभूमि उत्तराखंड के लोग बेहद खुश हैं. उनके इस शो के विजेता बनते ही उनके प्रशंसकों ने पटाखे भी फोड़े. हर जगह उनकी जीत का जश्न मनाया गया. वो उत्तराखंड के पहले ऐसे गायक हैं, जिन्होंने टेलीविजन के दो बड़े रियलिटी सिंगिंग शो जीते हैं. उनकी इस जीत पर सूबे से सीएम सहित कई दिग्गजों ने बधाई दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर लिखा, 'उत्तराखंड के सपूत को जीत की शुभकामनाएं. बाबा केदार से आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं. आपने देशभर के लोगों का दिल जीतने के साथ ही उत्तराखंड का नाम रोशन किया है.' 'द वॉइस इंडिया' शो जीतने के बाद साल 2016 में पवनदीप राजन को उत्तराखंड सरकार ने युवा ब्रांड एंबेसडर बनाया था. तब से लेकर अभी तक वो उत्तराखंड के युवा ब्रांड एंबेसडर बने हुए हैं.
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