भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को गंभीरता से लेने में जिन शोज का अहम रोल रहा, उसमें इनसाइड एज भी एक बड़ा शो है. ये शो साल 2017 में अमेजन प्राइम वीडियो पर एक्सक्लूसिव स्ट्रीम हुआ था. इसे ओटीटी के सबसे बेस्ट स्पोर्ट्स शोज में शुमार किया जा सकता है. बुनावट, प्रस्तुतिकरण, स्टारकास्ट और अपील के लिहाज से इनसाइड एज का कोई जवाब नहीं. इसके दो सीजन आ चुके हैं जिसे खूब सराहा गया है. अमेजन ने आधिकारिक रूप से तीसरे सीजन की भी घोषणा कर दी है.
अब तक इनसाइड एज के दो सीजन की कहानी में स्पॉट फिक्सिंग, कॉरपोरेट-माफिया की घुसपैठ, क्रिकेट बिजनेस, उसके पीछे की राजनीति, खिलाड़ियों की मसालेदार निजी जिंदगी, नशाखोरी, खिलाड़ियों के बीच वर्चस्व जैसी तमाम चीजें आईपीएल के पुराने विवादों से हू-ब-हू प्रेरित नजर आती हैं. कभी-कभार खबरों में आने वाले सिलेक्शन और क्रिकेट के भ्रष्टाचार को भी कहानी का हिस्सा बनाया गया है. क्रिकेट में जाति और क्षेत्रवाद किस तरह है उसे भी दिखाया गया है. फ़िल्मी सितारों का टीम मालिक बनना और उनके निजी जीवन की महत्वाकांक्षा को भी बेहतर तरीके से दिखाया गया. जिन्हें भारतीय क्रिकेट में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी होगी, इनसाइड एज के दोनों सीजन उन्हें बांधकर रखने वाले हैं.
दरअसल, शो में प्रस्तुतिकरण इतना असरदार है कि आईपीएल के इवेंट का भ्रम होता है. मानो आईपीएल चल रहा है और उसके आसपास ही तमाम घटनाएं हो रही हैं. कुछ किरदार तो रियल लाइफ क्रिकेटर्स की बरबस याद दिलाते रहते हैं. इसे भव्य तरीके से बनाया गया है. शो की स्टारकास्ट ने लाजवाब काम किया है. पहला सीजन की तरह ही दूसरा सीजन रोमांचक और दिलचस्प नजर आता है. स्वाभाविक है कि अमेजन प्राइम की घोषणा तीसरे सीजन का इंतज़ार कर रहे दर्शकों को रोमांच से भरने वाली है.
इनसाइड एज में पैसा वसूल अभिनय
इनसाइड एज को करण अंशुमान ने क्रिएट किया है. ये भले ही स्पोर्ट्स ड्रामा...
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को गंभीरता से लेने में जिन शोज का अहम रोल रहा, उसमें इनसाइड एज भी एक बड़ा शो है. ये शो साल 2017 में अमेजन प्राइम वीडियो पर एक्सक्लूसिव स्ट्रीम हुआ था. इसे ओटीटी के सबसे बेस्ट स्पोर्ट्स शोज में शुमार किया जा सकता है. बुनावट, प्रस्तुतिकरण, स्टारकास्ट और अपील के लिहाज से इनसाइड एज का कोई जवाब नहीं. इसके दो सीजन आ चुके हैं जिसे खूब सराहा गया है. अमेजन ने आधिकारिक रूप से तीसरे सीजन की भी घोषणा कर दी है.
अब तक इनसाइड एज के दो सीजन की कहानी में स्पॉट फिक्सिंग, कॉरपोरेट-माफिया की घुसपैठ, क्रिकेट बिजनेस, उसके पीछे की राजनीति, खिलाड़ियों की मसालेदार निजी जिंदगी, नशाखोरी, खिलाड़ियों के बीच वर्चस्व जैसी तमाम चीजें आईपीएल के पुराने विवादों से हू-ब-हू प्रेरित नजर आती हैं. कभी-कभार खबरों में आने वाले सिलेक्शन और क्रिकेट के भ्रष्टाचार को भी कहानी का हिस्सा बनाया गया है. क्रिकेट में जाति और क्षेत्रवाद किस तरह है उसे भी दिखाया गया है. फ़िल्मी सितारों का टीम मालिक बनना और उनके निजी जीवन की महत्वाकांक्षा को भी बेहतर तरीके से दिखाया गया. जिन्हें भारतीय क्रिकेट में थोड़ी बहुत भी दिलचस्पी होगी, इनसाइड एज के दोनों सीजन उन्हें बांधकर रखने वाले हैं.
दरअसल, शो में प्रस्तुतिकरण इतना असरदार है कि आईपीएल के इवेंट का भ्रम होता है. मानो आईपीएल चल रहा है और उसके आसपास ही तमाम घटनाएं हो रही हैं. कुछ किरदार तो रियल लाइफ क्रिकेटर्स की बरबस याद दिलाते रहते हैं. इसे भव्य तरीके से बनाया गया है. शो की स्टारकास्ट ने लाजवाब काम किया है. पहला सीजन की तरह ही दूसरा सीजन रोमांचक और दिलचस्प नजर आता है. स्वाभाविक है कि अमेजन प्राइम की घोषणा तीसरे सीजन का इंतज़ार कर रहे दर्शकों को रोमांच से भरने वाली है.
इनसाइड एज में पैसा वसूल अभिनय
इनसाइड एज को करण अंशुमान ने क्रिएट किया है. ये भले ही स्पोर्ट्स ड्रामा है मगर इसमें थ्रिल, रोमांच और तड़क-भड़क की कोई कमी नहीं है. आईपीएल जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट्स के पीछे की राजनीति और फ्रेंचाइजीज की रस्साकसी देखने के लिए शायद ही कोई और शो मिले. शो की अहम स्टारकास्ट में विवेक ओबेरॉय, रिचा चड्ढा, सिद्धांत चतुर्वेदी, तनुज वीरवानी, अंगद बेदी, सयानी गुप्ता, आमिर बशीर, सपना पब्बी, मनु ऋषि, अमित सियाल, करण ओबेरॉय और आशा सैनी जैसे कलाकारों ने उम्दा अभिनय किया है. विवेक ओबेरॉय का कैरेक्टर ग्रे शेड में है. वो ऐसे स्पोर्ट्स माफिया हैं जो क्रिकेट की राजनीति और इवेंट्स को पैसे और रसूख से प्रभावित करते हैं. ऋचा चड्ढा फिल्म एक्ट्रेस हैं जिनका करियर ढलान पर है और टीम फ्रेंचाइजी की मालकिन हैं.
सिद्धांत चतुर्वेदी को इनसाइड एज ने ही स्टार बनाया
रणवीर सिंह की गली बॉय में स्ट्रीट रैपर एमसी शेर की भूमिका में नजर आए सिद्धांत चतुर्वेदी को इसी शो ने फेम दिया था. उन्होंने यूपी के ग्रामीण और दलित पृष्ठभूमि से आए एक तेज गेंदबाज की भूमिका निभाई है. दलित होने की वजह से टीम के ही सवर्ण खिलाड़ी (अमित सियाल) से उन्हें जातिवादी उलाहनों का सामना करना पड़ता है. अमित सियाल ने यूपी से आने वाले अगड़ी जाति के क्रिकेटर की भूमिका निभाई है. अमित सियाल के जातीय कमेंट सिद्धांत का आत्मविश्वास इतना तोड़ देते हैं कि उन्हें उससे निकलने में काफी संघर्ष करना पड़ता है. इनसाइड एज ने ही सिद्धांत के लिए फिल्मों के बंद दरवाजे खोले. अब वो कई बड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा बन रहे हैं. अंगद बेदी, सयानी गुप्ता समेत वेब सीरीज की दूसरी स्टारकास्ट ने भी उम्दा अभिनय किया है.
सिलेक्शन डे भी क्रिकेट की दिलचस्प कहानी
नेटफ्लिक्स पर एक स्पोर्ट्स वेब सीरीज है "सिलेक्शन डे" जिसकी कहानी भी क्रिकेट से जुड़ी है. ये भी एक दिलचस्प शो है मगर इनसाइड एज से बिल्कुल अलग. दरअसल, सिलेक्शन डे साधारण बैकग्राउंड से आने वाले दो बेटों और उनके सनकी पिता (राजेश तैलंग) की कहानी है. पिता क्रिकेट का दीवाना है मगर अपने बच्चों को बुरी तरह कंट्रोल करता है. वो बच्चों की प्रैक्टिस, उनका खेल, उनकी डाईट सबकुछ तय करता है. उसका एक ही मकसद है- बच्चों को डोमेस्टिक क्रिकेट से टीम इंडिया तक पहुंचाना. बच्चों के अपने सपने हैं मगर पिता बेटों के खेल के जरिए अपनी महत्वाकांक्षा पूरी करना चाहता है.
सबकुछ राजेश तैलंग की योजना के अनुसार ही चलता है. क्रिकेट में बच्चे मुकाम हासिल करते जाते हैं और एक दिन मुंबई के उस स्कूल में पहुंच जाते हैं जहां से उन्हें रणजी में घुसने और क्रिकेट में फेम पाने का मौका मिलने लगता है. सिलेक्शन डे में स्कूली क्रिकेट की राजनीति, युवा क्रिकेटर्स के आर्थिक बैकग्राउंड की दिक्कतों को दिखाया गया है. सिलेक्शन डे साल 2018 में नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हुआ था. हालांकि ये भी देखने लायक स्पोर्ट्स शो है मगर विषयवस्तु, प्रस्तुतीकरण और स्टारकास्ट के लिहाज से इनसाइड एज से थोडा अलग शो है. लेकिन जब भी बेस्ट इंडियन स्पोर्ट्स सीरीज की बात आएगी, सिलेक्शन डे को भी इनसाइड एज के साथ ही रखा जाएगा.
भारत में इन शोज की वजह से ओटीटी की ओर दर्शकों ने ध्यान दिया
दरअसल, इनसाइड एज, सिलेक्शन डे ब्रीद, घुल, सैक्रेड गेम्स, मिर्जापुर, फोर मोर शॉट्स, मेड इन हैवेन, फैमिली मैन, क्रिमिनल जस्टिस, दिल्ली क्राइम और पाताललोक को उन शोज में शामिल किया जा सकता है जो बड़े पैमाने पर भारतीय दर्शकों को ओटीटी प्लेटफॉर्म की ओर लेकर आए. इन शोज ने तो ग्लोबल ऑडियंस का ध्यान भी खींचा.
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