डायरेक्टर राजामौली की RRR का इंटरनेशनल फोरम पर तहलका मचाना भर था. फिल्म के एक्टर जूनियर एनटीआर की पांचों अंगुलियां घी और सिर कड़ाई में है. क्योंकि जूनियर एनटीआर की अंग्रेजी अच्छी और बोलने का तरीका मनमोहक है इसलिए गोल्डन ग्लोब और क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड के बाद जो भी इंटरव्यू इस फिल्म को लेकर हुए हैं उनमें जूनियर एनटीआर ही छाए हैं. हाल ही में, आरआरआर अभिनेता ने मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स का हिस्सा बनने में अपनी रुचि व्यक्त की थी. अब जबकि अमेरिका में मार्वल स्टूडियोज की कार्यकारी विक्टोरिया अलोंसो से जूनियर एनटीआर ने मुलाकात की है तो ऐसा लग रहा है कि अपने इरादों की नींव उन्होंने रख दी है. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही जूनियर एनटीआर ने खुलासा किया कि वह मार्वल फिल्म का हिस्सा बनना पसंद करेंगे. और गोल्डन ग्लोब्स 2023 आफ्टरपार्टी में, एक अमेरिकी पत्रकार ने उन्हें मार्वल स्टूडियोज की कार्यकारी, विक्टोरिया अलोंसो से मिलवाया.
अमेरिकी वेबसाइट वैरायटी के मार्क मल्किन के मुताबिक, विक्टोरिया अलोंसो और जूनियर एनटीआर ने कुछ पल साथ बिताए. अपने पसंदीदा कैरेक्टर का जिक्र करते हुए उन्होंने टोनी स्टार्क का नाम लिया और उसे भरोसेमंद बताया. जूनियर एनटीआर के मुताबिक टोनी हमारे जैसा कोई है. उसके पास महाशक्तियां नहीं हैं. वह किसी अलग ग्रह से नहीं आया है. वह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे विज्ञान प्रयोग के माध्यम से हल्क की तरह बनाया गया है.
वैराइटी से बात करते हुए जैसा उत्साह जूनियर एनटीआर का था कोई बड़ी बात नहीं कि हम आने वाले वक़्त में जूनियर एनटीआर को MC में एक्शन करते देख लें. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये उतावलापन सही है?
RRR जैसी फिल्म...
डायरेक्टर राजामौली की RRR का इंटरनेशनल फोरम पर तहलका मचाना भर था. फिल्म के एक्टर जूनियर एनटीआर की पांचों अंगुलियां घी और सिर कड़ाई में है. क्योंकि जूनियर एनटीआर की अंग्रेजी अच्छी और बोलने का तरीका मनमोहक है इसलिए गोल्डन ग्लोब और क्रिटिक्स चॉइस अवार्ड के बाद जो भी इंटरव्यू इस फिल्म को लेकर हुए हैं उनमें जूनियर एनटीआर ही छाए हैं. हाल ही में, आरआरआर अभिनेता ने मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स का हिस्सा बनने में अपनी रुचि व्यक्त की थी. अब जबकि अमेरिका में मार्वल स्टूडियोज की कार्यकारी विक्टोरिया अलोंसो से जूनियर एनटीआर ने मुलाकात की है तो ऐसा लग रहा है कि अपने इरादों की नींव उन्होंने रख दी है. ध्यान रहे कि अभी बीते दिनों ही जूनियर एनटीआर ने खुलासा किया कि वह मार्वल फिल्म का हिस्सा बनना पसंद करेंगे. और गोल्डन ग्लोब्स 2023 आफ्टरपार्टी में, एक अमेरिकी पत्रकार ने उन्हें मार्वल स्टूडियोज की कार्यकारी, विक्टोरिया अलोंसो से मिलवाया.
अमेरिकी वेबसाइट वैरायटी के मार्क मल्किन के मुताबिक, विक्टोरिया अलोंसो और जूनियर एनटीआर ने कुछ पल साथ बिताए. अपने पसंदीदा कैरेक्टर का जिक्र करते हुए उन्होंने टोनी स्टार्क का नाम लिया और उसे भरोसेमंद बताया. जूनियर एनटीआर के मुताबिक टोनी हमारे जैसा कोई है. उसके पास महाशक्तियां नहीं हैं. वह किसी अलग ग्रह से नहीं आया है. वह कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जिसे विज्ञान प्रयोग के माध्यम से हल्क की तरह बनाया गया है.
वैराइटी से बात करते हुए जैसा उत्साह जूनियर एनटीआर का था कोई बड़ी बात नहीं कि हम आने वाले वक़्त में जूनियर एनटीआर को MC में एक्शन करते देख लें. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये उतावलापन सही है?
RRR जैसी फिल्म है दुनिया के तमाम बड़े निर्देशक एसएस राजामौली का लोहा मान चुके हैं. फिल्म को जो अवार्ड मिले हैं वो स्वतः ही इस बात की तस्दीख कर देते हैं कि न केवल फिल्म की कहानी लाजवाब थी. बल्कि अपने निर्देशन से राजामौली ने उसमें चार चांद लगाए और ये बताया कि आज जिस सिनेमा की दुनिया दीवानी है उसका निर्माण भारत में भी किया जा सकता है. तो सवाल ये है कि आखिर जूनियर एनटीआर को MC का रुख करना ही क्यों है? क्यों नहीं वो आयरन मैन, स्पाइडर मैन, बैटमैन, सुपरमैन टाइप की फिल्म भारत में बना रहे हैं?
यूं भी अंग्रेजी वेबसाइट वैराइटी से हुई बातचीत में RRR में जूनियर एनटीआर के सहयोगी रामचरण इस बात को कह चुके हैं कि हमारे पास भारत में भी अद्भुत सुपरहीरो हैं. तो चाहे वो रामचरण हों या जूनियर एनटीआर यदि उन्हें भारतीय सुपरहीरोज की महत्ता पता है तो क्यों उन्हें विदेश भेजना उन्हें यहीं भारत में रखा जाए और उनपर फिल्म बनाई जाए.
क्योंकि हमारे पास राजामौली जैसे निर्देशक हैं. हमें यकीन हैं कि MC के लेवल की फ़िल्में यदि यहां भारत में बनती हैं तो जो भी परिणाम निकलेगा वो यक़ीनन RRR से कहीं ज्यादा बेहतर होगा. और हो ये भी सकता है कि वो फिल्म भी RRR की तरह ऑस्कर में नॉमिनेट हो और सफलता के वैसे ही मानक स्थापित करे जैसे अभी हम RRRके मामले में देख रहे हैं.
अब अगर जूनियर एनटीआर ने MC में एंट्री का मन बना ही लिया है. तो एक बात हम उनसे जरूर कहना चाहेंगे. बतौर एक्टर उन्हें जरूर इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि अगर MC की फिल्मों में उनकी एंट्री होती है तो स्क्रीन स्पेस 10 -15 मिनट से ज्यादा उन्हें नहीं मिलने वाला. उस अवस्था में शायद ही उनेक द्वारा किये गए काम को कोई याद रखे.
यदि उपरोक्त बातें पढ़कर जूनियर एनटीआर विचलित हो रहे हों तो उन्हें प्रियंका चोपड़ा, अली फजल, दीपिका पादुकोण का रुख ज़रूर करना चाहिए. इन तमाम लोगों ने अलग अलग फिल्मों के जरिये हॉलीवुड में अपनी उपस्थिति तो दर्ज कराई. मगर लोगों को इनका रोल कितना याद है इसपर कुछ कहने बताने की जरूरत नहीं है.
हम फिर इसी बात को दोहराएंगे कि चाहे वो रामचरण तेजा हों या जूनियर एनटीआर. वो हॉलीवुड और MC को हव्वा मानना बंद करें और यहीं हिंदुस्तान में रहकर कुछ ऐसा सिनेमा बनाएं जिसको देखकर हॉलीवुड यहां आने और उनके साथ रोल करने को आतुर हो. और ये चीज इसलिए भी नामुमकिन नहीं है क्योंकि अभी बीते दिनों ही हम जेम्स कैमरून और स्पीलबर्ग जैसे हॉलीवुड के दिग्गजों को राजमौली और उनके काम की तारीफ करते देख चुके हैं.
खुद सोचिये यदि हॉलीवुड से बेहतर सुपर हीरोज की फिल्म यहां भारत में बने तो क्या होगा? क्योंकि अब हिंदुस्तान का सिनेमा काफी हद तक बदल चुका है हमें इस बात का पूरा यकीन है कि क्या देसी या विदेशी सभी तरह की ऑडियंस भारतीय सुपर हीरोज से जुड़ी किसी भारतीय फिल्म को हाथों हाथ लेगी.
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