भारतीय इतिहास में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हैं, जिन्होंने अपने वक्त में पूरे देश को झकझोर दिया था. उन घटनाओं को याद करके भी लोग सहम जाते हैं. उन्हीं घटनाओं को जब रूपहले पर्दे पर पेश किया जाता है, तो मानवता को शर्मसार कर देने वाले वो पल लोगों की जेहन में कौंधने लगते हैं. ऐसी ही एक घटना साल 1984 में हुई थी. इसे सिख विरोधी दंगों के रूप में याद किया जाता है. 84 सिख विरोधी दंगों पर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं. इनमें '31 अक्टूबर' (2015), 'हवाएं' (2003), 'कौम दे हीरे' (2014) और 'सन 84 जस्टिस' (2014) जैसी फिल्मों का नाम प्रमुख है. इसी कड़ी में एक नई फिल्म 'जोगी' 16 सितंबर 2022 को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है, जिसका दिल दहला देने वाला ट्रेलर रिलीज किया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे उस वक्त दिल्ली में रहने वाला सिख समुदाय आग के दरिया में डूबकर निकला था.
फिल्म 'जोगी' का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है. ओटीटी के लिहाज से देखें तो ये उनका दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है. इससे पहले अमेजन प्राइम वीडियो पर राजनीतिक दांव-पेंच पर आधारित उनकी वेब सीरीज 'तांडव' स्ट्रीम हो चुकी है. इस सीरीज पर पूरे देश में बहुत ज्यादा बवाल हुआ था. कई जगह ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ ही फिल्म मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज हुए थे. इसके अलावा अली अब्बास को 'गुंडे', 'सुल्तान', 'टाइगर जिंदा है' और 'भारत' जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए भी जाना जाता है. इस तरह यहां दो बातें तो तय हैं, वो ये कि इस फिल्म की सफलता पर कोई शक नहीं किया जाता, दूसरी ये कि इस फिल्म के विषय को देखते हुए बवाल और विरोध की आशंका जरूर जताई जा सकती है. 'जोगी' में दिलजीत दोसांझ के साथ मोहम्मद जीशान अय्यूब, कुमुद मिश्रा, हितेन तेजवानी, अमायरा दस्तूर और परेश पाहुजा जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में हैं.
भारतीय इतिहास में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हैं, जिन्होंने अपने वक्त में पूरे देश को झकझोर दिया था. उन घटनाओं को याद करके भी लोग सहम जाते हैं. उन्हीं घटनाओं को जब रूपहले पर्दे पर पेश किया जाता है, तो मानवता को शर्मसार कर देने वाले वो पल लोगों की जेहन में कौंधने लगते हैं. ऐसी ही एक घटना साल 1984 में हुई थी. इसे सिख विरोधी दंगों के रूप में याद किया जाता है. 84 सिख विरोधी दंगों पर बॉलीवुड में कई फिल्में बन चुकी हैं. इनमें '31 अक्टूबर' (2015), 'हवाएं' (2003), 'कौम दे हीरे' (2014) और 'सन 84 जस्टिस' (2014) जैसी फिल्मों का नाम प्रमुख है. इसी कड़ी में एक नई फिल्म 'जोगी' 16 सितंबर 2022 को ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने जा रही है, जिसका दिल दहला देने वाला ट्रेलर रिलीज किया गया है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे उस वक्त दिल्ली में रहने वाला सिख समुदाय आग के दरिया में डूबकर निकला था.
फिल्म 'जोगी' का निर्देशन अली अब्बास जफर ने किया है. ओटीटी के लिहाज से देखें तो ये उनका दूसरा बड़ा प्रोजेक्ट है. इससे पहले अमेजन प्राइम वीडियो पर राजनीतिक दांव-पेंच पर आधारित उनकी वेब सीरीज 'तांडव' स्ट्रीम हो चुकी है. इस सीरीज पर पूरे देश में बहुत ज्यादा बवाल हुआ था. कई जगह ओटीटी प्लेटफॉर्म के साथ ही फिल्म मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज हुए थे. इसके अलावा अली अब्बास को 'गुंडे', 'सुल्तान', 'टाइगर जिंदा है' और 'भारत' जैसी फिल्मों के निर्देशन के लिए भी जाना जाता है. इस तरह यहां दो बातें तो तय हैं, वो ये कि इस फिल्म की सफलता पर कोई शक नहीं किया जाता, दूसरी ये कि इस फिल्म के विषय को देखते हुए बवाल और विरोध की आशंका जरूर जताई जा सकती है. 'जोगी' में दिलजीत दोसांझ के साथ मोहम्मद जीशान अय्यूब, कुमुद मिश्रा, हितेन तेजवानी, अमायरा दस्तूर और परेश पाहुजा जैसे कलाकार भी अहम किरदारों में हैं.
Jogi Movie का ट्रेलर देखिए...
फिल्म 'जोगी' के 2 मिनट 12 सेकेंड के ट्रेलर में भारतीय इतिहास के काले अध्याय की खौफनाक झलक दिखाई गई है, जिसने उस वक्त के समाज और सियासत को झकझोर दिया था. साल 1984 की एक सुबह दिल्ली में रहने वाला जोगी (दिलजीत दोसांझ) सिख का परिवार हमेशा की तरह नाश्ता कर रहा था. दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाला जोगी कहता है, ''ओ नौ बज गए कितना लेट हो गया पापा जी. परांठे दे दे दीदी.'' मां उसके पिता से कहती हैं, ''शाम को ऑफिस से लौटते हुए परब के लिए एक बड्डा सा गिफ्ट लेकर आना.'' इस पर जोगी कहता है, ''परब से भी बड्डा?'' उसकी गोद में बैठा परब मुस्कराता है. पूरा परिवार ठहके लगाने लगता है. लेकिन अफसोस परिवार की खुशिया शाम होते-होते काफुर हो जाती है. ट्रेलर में तीन गोलियों की आवाज के साथ पूरा माहौल बदल जाता है. हर आगजनी और गोलीबारी होती दिख रही है. सिख परिवारों को निशाना बनाया जाता है.
एक शख्स (कुमुद मिश्रा) फोन पर कहता है, ''वोटर लिस्ट चाहिए मुझे, एक एक का नाम मार्क होना चाहिए.'' इसके बाद तो चुन-चुन कर सरदारों को मौत की नींद सुलाया जाता है. इधर बस में दंगाई जोगी को पकड़ लेते हैं. जोगी पूछता है, ''मेरी गलती क्या है?'' दंगाई कहते हैं, ''तू सरदार है न यही तेरी गलती है.'' जोगी किसी तरह से वहां बचकर अपने घर आता है. अपने परिजनों की बचाने की कोशिश करता है. उसका एक पुलिस दोस्त (मो. जीशान अय्यूब) उसे दिल्ली से पंजाब जाने की सलाह देता है. लेकिन जोगी कहता है कि वो अपने लोगों को छोड़कर भाग नहीं सकता. वो वही रहकर हिंसा करने वालों से मुकाबला करता है. इसके लिए उसे अपनी पहचान बदलती पड़ती है. वो अपने केश तक कटा लेता है. इस दरिंदगी के बीच उसकी दोस्ती उसकी मदद करती है. वो अपने दो दोस्तों की मदद से परिवार और सिख समाज को हिंसा से बचाने की कोशिश करता है.
इस फिल्म के ट्रेलर में अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने अपने दमदार अभिनय से दिल जीत लिया है. एक कॉलेज जाने वाले छात्र से लेकर दंगाईयों से निपटने वाले जोगी के किरदार में उनको देखकर ऐसा लगता है, जैसे कि वो उस खौफनाक मंजर को जी रहे हैं. दिलजीत को अक्सर कॉमेडी फिल्मों में देखा गया है, लेकिन दंगे जैसे गंभीर विषय पर बनी इस फिल्म में उनको देखना एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन की याद आती है, जिनको कॉमेडी हो या सीरियस, हर किरदार में जबरदस्त परफॉर्म करते हुए देखा गया है. दिलजीत मूल रूप से एक गायक हैं, लेकिन पंजाबी फिल्मों में अपने दमदार अभिनय की बदौलत उनको बॉलीवुड फिल्मों में भी काम करने का मौका मिला. उनकी पहली हिंदी फिल्म उड़ता पंजाब है, जो साल 2016 में रिलीज हुई थी. अपनी पहली ही फिल्म में अलहदा अदाकारी से दिलजीत लोगों को दिल जीत लिया. अक्षय कुमार की फिल्म 'गुड न्यूज' में भी नजर आए हैं.
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