1) सत्यमेव जयते 2, सत्यमेव जयते का सीक्वल है. दोनों विजिलेंट एक्शन थ्रिलर हैं. बॉलीवुड का इतिहास खंगाले तो हमेशा से विजिलेंट थ्रिलर फिल्मों की कहानियों को दर्शकों ने पसंद किया है. विजिलेंट- व्यवहार के संदर्भ में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है. विजिलेंट का मतलब ऐसे भी समझ सकते हैं कि कोई अपनी पहचान छिपाकर क़ानून हाथ में ले. इस कैटेगरी की फिल्मों में आमतौर पर बदले की कहानियां दिखाई जाती हैं जहां नायक क़ानून हाथ में लेकर गैर कानूनी काम कर रहे लोगों को सबक सिखाता है. सत्यमेव जयते देखने वालों को पता होगा ही कि पहले पार्ट में किस तरह जॉन अब्राहम ने क़ानून हाथ में लेकर करप्शन करने वालों को सबक सिखाया था और अपने पिता की मौत की बदला लिया था. दूसरे पार्ट में भी कुछ इसी तरह की कहानी है.
2) जॉन अब्राहम की अपनी फैन फॉलोइंग है. उन्होंने एक्शन-कॉमेडी-रोमांटिक हर तरह की फ़िल्में की हैं. पिछले पांच-छह सालों में तो मद्रास कैफे, परमाणु: द स्टोरी ऑफ़ पोखरण, सत्यमेव जयते, बाटला हाउस और मुंबई सागा जैसी फिल्मों की वजह से उनका स्टारडम उफान पर है. निश्चित रूप से उनकी कई फ़िल्में मौजूदा पॉलिटिकल सिस्टम में अपील करने वाली मानी जा सकती हैं. सत्यमेव जयते 2 की कहानी भी राष्ट्रवादी भावनाओं से ओतप्रोत है. हाल के दिनों में ऐसी फ़िल्में खूब कामयाब हुई हैं. सत्यमेव जयते 2 के जरिए जॉन करियर में पहली तिहारी भूमिका निभाने जा रहे हैं. जुड़वा भाई और उनके पिता का किरदार. जॉन अब्राहम की फिल्म दर्शकों को सिनेमाघर खींचने में कामयाब हो सकती है.
नीचे ट्रेलर में फिल्म की लगभग पूरी झलक है:-
3) पावरपैक्ड एक्शन एंटरटेनर फ़िल्में बॉलीवुड की विशेषता रही हैं. हमेशा से. मगर पिछले कुछ सालों में एक्शन फिल्मों में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई दी. उनकी जगह रोमांटिक या कॉमेडी ड्रामा नजर आने लगीं. लेकिन रोहित शेट्टी की एक्शन फ़िल्में, टाइगर श्राफ की फ़िल्में, यशराज की धूम और टाइगर फ्रेंचाइजी की फिल्मों और साउथ की एक्शन फ़िल्में जो हिंदी में डब होकर आईं उनकी...
1) सत्यमेव जयते 2, सत्यमेव जयते का सीक्वल है. दोनों विजिलेंट एक्शन थ्रिलर हैं. बॉलीवुड का इतिहास खंगाले तो हमेशा से विजिलेंट थ्रिलर फिल्मों की कहानियों को दर्शकों ने पसंद किया है. विजिलेंट- व्यवहार के संदर्भ में इस्तेमाल होने वाला एक टर्म है. विजिलेंट का मतलब ऐसे भी समझ सकते हैं कि कोई अपनी पहचान छिपाकर क़ानून हाथ में ले. इस कैटेगरी की फिल्मों में आमतौर पर बदले की कहानियां दिखाई जाती हैं जहां नायक क़ानून हाथ में लेकर गैर कानूनी काम कर रहे लोगों को सबक सिखाता है. सत्यमेव जयते देखने वालों को पता होगा ही कि पहले पार्ट में किस तरह जॉन अब्राहम ने क़ानून हाथ में लेकर करप्शन करने वालों को सबक सिखाया था और अपने पिता की मौत की बदला लिया था. दूसरे पार्ट में भी कुछ इसी तरह की कहानी है.
2) जॉन अब्राहम की अपनी फैन फॉलोइंग है. उन्होंने एक्शन-कॉमेडी-रोमांटिक हर तरह की फ़िल्में की हैं. पिछले पांच-छह सालों में तो मद्रास कैफे, परमाणु: द स्टोरी ऑफ़ पोखरण, सत्यमेव जयते, बाटला हाउस और मुंबई सागा जैसी फिल्मों की वजह से उनका स्टारडम उफान पर है. निश्चित रूप से उनकी कई फ़िल्में मौजूदा पॉलिटिकल सिस्टम में अपील करने वाली मानी जा सकती हैं. सत्यमेव जयते 2 की कहानी भी राष्ट्रवादी भावनाओं से ओतप्रोत है. हाल के दिनों में ऐसी फ़िल्में खूब कामयाब हुई हैं. सत्यमेव जयते 2 के जरिए जॉन करियर में पहली तिहारी भूमिका निभाने जा रहे हैं. जुड़वा भाई और उनके पिता का किरदार. जॉन अब्राहम की फिल्म दर्शकों को सिनेमाघर खींचने में कामयाब हो सकती है.
नीचे ट्रेलर में फिल्म की लगभग पूरी झलक है:-
3) पावरपैक्ड एक्शन एंटरटेनर फ़िल्में बॉलीवुड की विशेषता रही हैं. हमेशा से. मगर पिछले कुछ सालों में एक्शन फिल्मों में बहुत दिलचस्पी नहीं दिखाई दी. उनकी जगह रोमांटिक या कॉमेडी ड्रामा नजर आने लगीं. लेकिन रोहित शेट्टी की एक्शन फ़िल्में, टाइगर श्राफ की फ़िल्में, यशराज की धूम और टाइगर फ्रेंचाइजी की फिल्मों और साउथ की एक्शन फ़िल्में जो हिंदी में डब होकर आईं उनकी कामयाबी ने निर्माताओं को फिर से इस तरफ आकर्षित किया है. सत्यमेव जयते 2 पूरी तरह से एक्शन एंटरटेनर है. हाल में सूर्यवंशी की कामयाबी से अनुमान लगाया जा सकता है कि जॉन की फिल्म को देखने के लिए दर्शक सिनेमाघर तक पहुंचे.
4) वैसे थियेटर तो काफी पहले से ही खुलना शुरू हो रहे थे मगर कोरोना महामारी की वजह से दर्शकों में एक झिझक थी. इसी झिझक में अक्षय कुमार की बेल बॉटम, कंगना रनौत की थलाइवी और अमिताभ बच्चन-इमरान हाशमी की चेहरे को बुरी तरह से नाकाम हो गई थी. हालांकि दीपावली पर रिलीज हुई अक्षय कुमार की सूर्यवंशी ने एक बेहतर शुरुआत की. फिल्म के कारोबार साफ़ बता रहे हैं कि दर्शक सिनेमाघर पहुंच रहे हैं. काफी उम्मीद है कि सूर्यवंशी ने जो सिलसिला शुरू किया है वह 25 नवंबर को रिलीज हो रही सत्यमेव जयते 2 तक पहुंचे.
5) सूर्यवंशी के बाद इसी महीने सैफअली खान रानी मुखर्जी की बंटी और बबली 2 और आयुष शर्मा- सलमान खान की अंतिम: द फाइनल ट्रुथ भी आ रही है. इनमें अंतिम और सत्यमेव जयते 2 एक्शन फ़िल्में हैं. जॉन अब्राहम की फिल्म अंतिम से एक दिन पहले रिलीज हो रही है. यानी दर्शकों को अंतिम से एक दिन पहले जॉन की एक्शन फिल्म देखने का विकल्प मिलेगा. इससे सत्यमेव जयते को फायदा मिल सकता है. एक दिन पहले रिलीज होने के बाद अगर फिल्म का वर्ड ऑफ़ माउथ बेहतर रहा तो जॉन टिकट खिड़की पर बहुत आगे नजर आएंगे.
6) बॉक्स ऑफिस पर पिछले रिकॉर्ड देखें तो जॉन अब्राहम, सलमान खान और आयुष शर्मा से बहुत बेहतर नजर आ रहे हैं. आयुष को तो अभी प्रूव होना है. उनका डेब्यू फ्लॉप था. सलमान खान की पिछली फिल्मों ने भी बैक टू बैक दर्शकों को निराश ही किया है. जबकि जॉन अब्राहम ने लगातार सफलताएं हासिल की हैं. यहां तक कि उनकी मुंबई सागा ने भी तारीफ़ बटोरी. यानी पिछली फिल्मों के आधार पर जॉन मनोरंजन की गारंटी देते नजर आ रहे हैं. यह कुछ फिल्म वेबसाइट्स पर लगे रिलीज कैलेंडर में भी देखा जा सकता है. दोनों फ़िल्में एक दिन के अंतराल पर रिलीज हो रही हैं. मगर ज्यादा दर्शकों ने सत्यमेव जयते 2 देखने में दिलचस्पी दिखाई है.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.