चार बार नेशनल अवॉर्ड, दो बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 19 फिल्म फेयर अवॉर्ड पाने वाले पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित सुपरस्टार कमल हासन एक ऐसे बेहतरीन फिल्मी सितारे हैं, जिनके नाम के बिना भारतीय सिनेमा का इतिहास अधूरा है. तमिल फिल्म इंडस्ट्री यानी 'कॉलीवुड' से लेकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी 'बॉलीवुड' तक अपने अभिनय प्रतिभा से हर किसी का मन मोह लेने वाले इस बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता ने महज चार से एक्टिंग शुरू कर दी थी.
उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म 'कलाथुर कनम्मा' से कॉलीवुड में डेब्यू किया था. टैलेंट देखिए छोटी सी उम्र में भी अपने शानदार अभिनय प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया. इस फिल्म के लिए उनको राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
सुपरस्टार कमल हासन को एक्टिंग का 'पावर हाऊस' कहना गलत नहीं होगा. वो मल्टीटैलेंटेड हैं. वो जितने अच्छे निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हैं, उतने ही अच्छे गायक, गीतकार और लेखक भी हैं. लेकिन ये सब उनके लिए इतना आसान नहीं था. तमिल अयंगर परिवार में जन्मे कमल हासन के पिता एक फ्रीडम फाइटर थे. बचपन मुश्किलों में बीता. लेकिन पिता हमेशा उत्सावर्धन किया करते थे. उनके दोस्त उन दिनों तमिल फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों का निर्माण किया करते थे.
उनके कहने पर चार साल की उम्र में कमल हासन को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में कास्ट किया गया था. इसके बाद फिल्म 'कन्नुम करलुम' से उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश कर लिया. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट सफलता मिलने के बाद का समय उनके लिए बहुत संघर्ष भरा रहा था.
बतौर यंग कलाकार डेब्यू करने से पहले कमल हासन ने कई फिल्मों में बैकग्राउंड...
चार बार नेशनल अवॉर्ड, दो बार लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, 19 फिल्म फेयर अवॉर्ड पाने वाले पद्मश्री और पद्मभूषण से सम्मानित सुपरस्टार कमल हासन एक ऐसे बेहतरीन फिल्मी सितारे हैं, जिनके नाम के बिना भारतीय सिनेमा का इतिहास अधूरा है. तमिल फिल्म इंडस्ट्री यानी 'कॉलीवुड' से लेकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री यानी 'बॉलीवुड' तक अपने अभिनय प्रतिभा से हर किसी का मन मोह लेने वाले इस बहुमुखी प्रतिभा के धनी अभिनेता ने महज चार से एक्टिंग शुरू कर दी थी.
उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्म 'कलाथुर कनम्मा' से कॉलीवुड में डेब्यू किया था. टैलेंट देखिए छोटी सी उम्र में भी अपने शानदार अभिनय प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर लिया. इस फिल्म के लिए उनको राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
सुपरस्टार कमल हासन को एक्टिंग का 'पावर हाऊस' कहना गलत नहीं होगा. वो मल्टीटैलेंटेड हैं. वो जितने अच्छे निर्माता, निर्देशक और अभिनेता हैं, उतने ही अच्छे गायक, गीतकार और लेखक भी हैं. लेकिन ये सब उनके लिए इतना आसान नहीं था. तमिल अयंगर परिवार में जन्मे कमल हासन के पिता एक फ्रीडम फाइटर थे. बचपन मुश्किलों में बीता. लेकिन पिता हमेशा उत्सावर्धन किया करते थे. उनके दोस्त उन दिनों तमिल फिल्म इंडस्ट्री में फिल्मों का निर्माण किया करते थे.
उनके कहने पर चार साल की उम्र में कमल हासन को बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में कास्ट किया गया था. इसके बाद फिल्म 'कन्नुम करलुम' से उन्होंने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश कर लिया. बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट सफलता मिलने के बाद का समय उनके लिए बहुत संघर्ष भरा रहा था.
बतौर यंग कलाकार डेब्यू करने से पहले कमल हासन ने कई फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर का काम किया. इसके अलावा उन्होंने साउथ फिल्म इंडस्ट्री की कई फिल्मों में बतौर असिस्टेंट भी काम किया. एक लंबे संघर्ष के बाद उन्हें साल 1974 में रिलीज हुई फिल्म 'कन्याकुमारी' में लीड रोल के लिए साइन किया गया. इस फिल्म में भी उन्होंने शानदार काम किया और अपनी पहली ही फिल्म में फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले पहले अभिनेता बन गए. इसके बाद उनकी दूसरी फिल्म 'अपूर्वा रागंगल' रिलीज हुई थी. इसमें भी उनकी दमदार परफॉर्मेंस को देखते हुए लगातार दूसरे साल फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया था.
साल 1976 में रिलीज हुई एस. पी. मुथुरमन निर्देशित तमिल फिल्म 'ओरु ओधप्पु कान सिमित्तुगिराधु' के लिए उन्हें तीसरी बार फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. साल 1981 में फिल्म 'एक दूजे के लिए' से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया. इस फिल्म में उनके अपोजिट एक्ट्रेस रति अग्निहोत्री थीं. दोनों की जोड़ी को खूब पसंद किया गया.
फिल्म 'एक दूजे के लिए' का एक गाना 'सोलह बरस की बाली उमर को सलाम' इतना पॉपुलर हुआ कि हर युवा का प्रिय बन गया. इस फिल्म को खूब देखा गया. इस फिल्म का अंत दुखद होता है, उसे देखकर उस समय के युवा जोड़े भी खुदकुशी करने लगे. इस तरह के मामले इतने बढ़ गए कि फिल्म मेकर्स को बाद में इसका क्लाइमेक्स तक बदलना पड़ गया. ये था कमल हासन की पहली हिंदी फिल्म का प्रभाव, जिसने रातों-रात उनको बॉलीवुड का सुपरस्टार बना दिया था. इसके बाद उन्होंने कई यादगार फिल्में की हैं, जिसमें चाची 420 का जिक्र भी जरूरी है. फिल्मी दुनिया में कमल हासन का करियर 6 दशक का हो चुका है.
उन्होंने तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़, बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया है. वो आखिरी बार साल 2018 में पर्दे पर नज़र आए थे. लंबे फिल्मी करियर के बाद उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति में कदम रख दिया. उनके राजनीतिक दल का नाम मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) है, जिसकी स्थापना साल 2018 में हुई थी.
कमल हासन बॉलीवुड के खिलाड़ी कुमार यानी अक्षय कुमार की तरह उन कलाकारों की फेहरिस्त में शुमार है, जो अपनी फिल्मों में खतरनाक स्टंट करने के लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. यही वजह है कि एक्शन सीन शूट करते हुए उनकी अब तक 34 हड्डियां फ्रैक्चर हो चुकी हैं, जबकि जैकी चैन की सिर्फ 20 हड्डियां ही टूटी हैं. कमल हसन के पास शूटिंग में सबसे ज्यादा हड्डिया टूटने का रिकॉर्ड है. इसी से उनके अपने काम के प्रति समर्पण पता चलता है.
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