बॉलीवुड की 'कंट्रोवर्सी क्वीन' कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को विवादों का तंदूर भड़काए रखना बहुत पसंद है. उनके विद्रोही स्वभाव, बेबाक बोल और हरकतों को देखकर ऐसा लगता है कि अमन-चैन उनको विचलित करता है. वह विवाद के लिए बेकरार रहती हैं. सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput Case) से पहले और बाद के कंगना में बहुत बड़ा अंतर है. पहले वो बिंदास और बेबाक थीं, लेकिन अब बड़बोली और विद्रोही हो गई हैं. उनकी वैचारिक लड़ाई, कब सियासी हो गई, इसकी भनक उनको खुद भी नहीं है. ताजा मामला उनकी दो तस्वीरों से जुड़ा हुआ है, जिसमें वो बिकिनी (Kangana Ranaut Bikini Photos) पहने हुए नजर आ रही हैं.
फिल्म 'मणिकर्णिका' में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टग्राम पर बिकिनी पहने हुए अपनी दो तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों से ज्यादा मारक तो उन्होंने उसका कैप्शन लिखा है. कंगना लिखती हैं, 'लिब्रूस: संघी महिलाएं हॉट नहीं होतीं. मी: जरा मेरी बीयर (इमोजी) पकड़ो.' दूसरी तस्वीर के साथ लिखा है, 'हॉट संघी'. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कंगना इस पोस्ट के जरिए किससे, क्या, कहना चाहती हैं? उन्हें ऐसा लिखने की जरूरत क्यों पड़ गई? दरअसल, सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों के लिए आपत्तिजनक बातें कही गई थीं.
कंगना रनौत के 'हॉट संघी' अवतार की वजह
इस ऑडियो क्लिप में किसी महिला की आवाज थी, जो ये कर रही थी कि संघ से जुड़ी महिलाएं आकर्षक या हॉट नहीं होती हैं. उसने कहा था, 'संघी हॉट नहीं होते'. इसी वायरल वीडियो के जवाब में कंगना ने ये बिकिनी...
बॉलीवुड की 'कंट्रोवर्सी क्वीन' कंगना रनौत (Kangana Ranaut) को विवादों का तंदूर भड़काए रखना बहुत पसंद है. उनके विद्रोही स्वभाव, बेबाक बोल और हरकतों को देखकर ऐसा लगता है कि अमन-चैन उनको विचलित करता है. वह विवाद के लिए बेकरार रहती हैं. सुशांत सिंह राजपूत केस (Sushant Singh Rajput Case) से पहले और बाद के कंगना में बहुत बड़ा अंतर है. पहले वो बिंदास और बेबाक थीं, लेकिन अब बड़बोली और विद्रोही हो गई हैं. उनकी वैचारिक लड़ाई, कब सियासी हो गई, इसकी भनक उनको खुद भी नहीं है. ताजा मामला उनकी दो तस्वीरों से जुड़ा हुआ है, जिसमें वो बिकिनी (Kangana Ranaut Bikini Photos) पहने हुए नजर आ रही हैं.
फिल्म 'मणिकर्णिका' में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका निभाने वाली एक्ट्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टग्राम पर बिकिनी पहने हुए अपनी दो तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों से ज्यादा मारक तो उन्होंने उसका कैप्शन लिखा है. कंगना लिखती हैं, 'लिब्रूस: संघी महिलाएं हॉट नहीं होतीं. मी: जरा मेरी बीयर (इमोजी) पकड़ो.' दूसरी तस्वीर के साथ लिखा है, 'हॉट संघी'. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर कंगना इस पोस्ट के जरिए किससे, क्या, कहना चाहती हैं? उन्हें ऐसा लिखने की जरूरत क्यों पड़ गई? दरअसल, सोशल मीडिया पर पिछले दिनों एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों के लिए आपत्तिजनक बातें कही गई थीं.
कंगना रनौत के 'हॉट संघी' अवतार की वजह
इस ऑडियो क्लिप में किसी महिला की आवाज थी, जो ये कर रही थी कि संघ से जुड़ी महिलाएं आकर्षक या हॉट नहीं होती हैं. उसने कहा था, 'संघी हॉट नहीं होते'. इसी वायरल वीडियो के जवाब में कंगना ने ये बिकिनी पहने हुए अपनी तस्वीरें पोस्ट की हैं. लेकिन यहां दूसरा सवाल ये उठता है कि अक्सर संस्कारों की दुहाई देने वाली कंगना रनौत ने 'संघी औरत भी हॉट होती है' इसे साबित करने के लिए कहीं अपने संस्कारी टैग से समझौता तो नहीं कर लिया है? कोई 'संघी' तो हॉट हो सकता है, लेकिन 'संस्कारी-हॉट' ये कुछ जमता नहीं है. अब इसका जवाब तो एक्ट्रेस ही दे सकती हैं. लेकिन इतना तो समझ आता है कि कुछ लोग परिभाषाएं खुद गढ़ते हैं.
तब खुद को सलवार-सूट वाली संस्कारी बताया
अभी ज्यादा दिन नहीं बीते हैं, किसान आंदोलन (Farmers Protest) जब चरम पर था, तो उस वक्त इंटरनेशनल पॉप सिंगर रिहाना (Rihanna Pop Singer) ने उसका समर्थन कर दिया. इस पर कंगना रनौत भड़क उठीं. उन्होंने रिहाना के खिलाफ कई ट्वीट किए, जिसमें उनको खूब भला-बुरा कहा, लेकिन एक ट्वीट ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी. हुआ ये कि कंगना अपनी और रिहाना की तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया. इसमें कंगना सलवार-सूट पहने हुए एक संस्कारी नारी नजर आ रही थी, तो रिहाना न्यूड होकर स्टेज पर परफॉर्म रही थी. इस तस्वीर के साथ बॉलीवुड एक्ट्रेस ने लिखा, 'राइट विंग रोल मॉडल बनाम लेफ्ट विंग रोल मॉडल'.
खुद को 'संघी नारी' साबित करने की मजबूरी
वैसे सुविधानुसार संस्कारी कंगना रनौत खुद को 'संघी नारी' कहने और कहलाने में गर्व महसूस करती हैं. समय-समय पर लोगों को याद दिलाती रहती हैं कि वो सबसे सच्ची भारतीय नारी हैं, लेकिन संघी हैं. संघी यानि भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अनुयायी. रिहाना वाले मामले में ही उन्होंने एक पोस्ट किया था, जिसमें खुद की तुलना रिहाना से की थी, तब उन्होंने लिखा था, 'संघी नारी सबपे भारी बनाम लिब्रु रोल मॉडल्स. सभी भारतीय एकजुट हो जाओ और अपनी ताकत दिखाओ'. अब भला Y प्लस कैटेगरी की हाइटेक सिक्योरिटी के बीच रहने वाली एक एक्ट्रेस का संघी नारी होना कोई गुनाह तो नहीं है.
अपनी 'लाइन-लेंथ' खो चुकी हैं कंगना रनौत?
क्रिकेट मैच के दौरान अक्सर उस बॉलर की बल्लेबाज सबसे ज्यादा धुनाई करते हैं, जो अपनी लाइन-लेंथ खो देते हैं. इनदिनों कंगना का भी हाल कुछ ऐसा ही है. कंगना करना-कहना कुछ चाहती हैं, हो कुछ और जाता है. अब ट्विटर पर बैन वाले प्रकरण को ही देख लीजिए. उन्होंने उस वक्त जो ट्वीट किया, वो था तो बीजेपी के समर्थन में, लेकिन शब्दों के हेरफेर कुछ और ही मतलब निकल गया. वैसे ही जैसे नुक्ते के हेरफेर से खुदा जुदा हो जाता है. उसी तरह कंगना को ट्विटर से जुदा होना पड़ा था. बंगाल चुनाव के वक्त कंगना ने लिखा था, 'ये भयानक है, इस गुंडई को खत्म करने के लिए हमें इससे भी बड़े लेवल पर गुंडई दिखाने की ज़रूरत है. वो (ममता) एक दानव की तरह हैं जिसे खुला छोड़ दिया गया है. मोदी जी, उन्हें काबू करने के लिए कृपया अपना 2000 के दशक की शुरुआत वाला विराट रूप दिखाइए.'
क्या आरएसएस स्वीकार कर पाएगा 'हॉट संघी'
इस बार भी कंगना रनौत कुछ उसी तरह फंस गई हैं. उन्होंने खुद को 'हॉट संघी' कहकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रति अपनी वफादारी तो जाहिर कर दी है, लेकिन क्या वैचारिक रूप से समृद्ध एक संगठन इसे स्वीकार कर पाएगा? क्या संस्कारों की बात कहने और करने वाला RSS खुद को 'हॉट' मान पाएगा? मुझे तो लगता है ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला है. संघ हमेशा संस्कार की ही बात करता रहा है. उसके शब्दकोष में 'हॉट' शब्द नहीं है. 'हॉट संघी' तो बिल्कुल भी नहीं, उसमें भी हाथ में बियर लेकर बात करने वाली भारतीय नारी तो उनकी कल्पना में भी नहीं होगी. कंगना ऐसे ही बिना विचारे बयान देती रहीं या सोशल मीडिया पर लिखती रहीं, तो ट्विटर पर बैन तो अभी शुरूआत है, उन्हें बहुत कुछ गंवाना पड़ सकता है, जो मुश्किलों से कमाया है. इस वक्त वो बड़े वित्तीय समस्याओं का भी सामना कर रही हैं.
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