19 नवंबर झांसी की रानी लक्ष्मी बाई के जन्मदिवस के अवसर पर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की बहन रंगोली चंदेल ने ट्विटर पर कंगना रनौत के प्रोडक्शन हाउस का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि 'कंगना ने अपने प्रोडक्शन हाउस का नाम 'मणिकर्णिका फिल्म्स' रखा है. और वो ऐसे विषयों पर फिल्में बनाएंगी जिसपर बात करने से भी लोग डरते हैं. जल्दी ही एनाउंसमेंट होगी.'
अब इस ऐलान के बाद ये तो तय था कि Kangana Ranaut कुछ बड़ा करने के बारे में सोच रही हैं. लेकिन ये इतना बड़ा होगा ये नहीं मालूम था. इस ऐलान के 6 दिन बाद ही खबर आई है कि कंगना जिस विषय पर फिल्म बनाने जा रही हैं वो विषय सदियों से विवादित रहा है. कंगना के prodution house में बनने वाली पहली फिल्म ही धमाके दार होने वाली है. फिल्म का नाम है 'अपराजित अयोध्या' (Aparajitha Ayodhya). और जैसा कि नाम से ही जाहिर है, ये फिल्म अयोध्या राम मंदिर मामले पर आधारित है. जिसपर हाल ही में फैसला आया है.
कंगना राम मंदिर जैसे संवेदनशील विषय पर पिल्म बना रही हैं
मुंबई मिरर को दिए गए एक इंटरव्यू में कंगना ने अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया. कंगना इस फिल्म को लेकर कितनी गंभीर हैं वो इस बात से समझा जा सकता है कि फिल्म की कहानी लिखने के लिए उन्होंने केवी विजेंद्र प्रसाद को चुना है. जो बाहुबली सीरीज के क्रिएटर हैं. जब कंगना से इस फिल्म को बनाने का कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि "राम मंदिर सैकड़ों वर्षों से एक ज्वलंत मुद्दा रहा है. 80 के दशक में पैदा हुए एक बच्चे के रूप में मैं जमीन विवाद के कारण अयोध्या का नाम एक नकारात्मक विषय के रूप में सुनती आई हूं. इस केस ने भारतीय राजनीति का चेहरा बदल दिया और इसके फैसले ने भारत की धर्मनिरपेक्ष भावना को मूर्त रूप देते हुए सदियों पुराने विवाद को खत्म कर दिया. अपराजित अयोध्या की इस यात्रा को जो चीज अलग बनाती है वह है एक नास्तिक का आस्तिक बनने तक का सफर. कहीं न कहीं, यह मेरे सफर को भी दर्शाएगा. मैंने तय किया है कि यही मेरे प्रोडक्शन हाउस का सबसे सही विषय होगा."
कंगना ने यह भी कहा कि अपराजित अयोध्या भक्तों के अटूट विश्वास को श्रद्धांजलि अर्पित करेगी और ये भी बताएगी कि कैसे ये देश "आस्थावानों का देश" बना रहा. उन्होंने कहा कि 'मैंने भक्तों को बारिश से बचने से मना करते हुए देखा जो ये तर्क देते कि अगर राम लला बाहर ठंड में भीग रहे हैं तो वो कैसे खुद को सूखा रख सकते हैं'
“हमारी एकता और धर्मनिरपेक्षता की भावना को खत्म करने के सभी प्रयासों के बावजूद, हम आस्थावानों का एक राष्ट्र बने रहे और अपराजित रहे. और इसलिए टाइटल में 'अपराजित' लगाया गया.'
कंगना रनौत इंडस्ट्री के गुण सीख गई हैं
कंगना रनौत के फिल्मी सफर को देखकर कोई ये नहीं कह सकता था कि कंगना एक दिन बॉलीवुड की क्वीन कहलाई जाएंगी. फिल्में उन्होंने काफी की हैं, लेकिन दर्शकों के दिलों में छाप कुछ ही फिल्मों में छोड़ी और यही वो फिल्में थीं जिनके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया. कंगना की मेहनत धीरे-धीरे रंग ला रही थी. लेकिन उनकी अदाकारी से ज्यादा कंगना की बेबाकी लोगों को ज्यादा पसंद आती. कंगना जो बोलती हैं साफ बोलती हैं, बिना ये सोचे कि इससे उनकी इमेज पर क्या असर पड़ेगा. और यही वजह है कि कंगना बिंदास एक्ट्रेस के रूप में जानी जाती हैं. नेपोटिज्म पर चाहे बॉलीवुड के बेहद शक्तिशाली शख्स करण जौहर से पंगा लेना हो, या फिर राष्ट्रवाद को लेकर खुलकर बोलना, कंगना ने हमेशा ये साबित किया है कि वो गलत के खिलाफ हैं और एक सच्ची राष्ट्रवादी भी.
पहाड़ों से आई इस लड़की ने पिछले 13 सालों में बॉलीवुड की नब्ज पकड़ ली है. सिर्फ बॉलीवुड नहीं कंगना दक्षिण की राजनीति और राजनीतिक प्रबावों से भी अच्छी तरह से वाकिफ हैं. यूं ही कोई जयललिता की बायोपिक करने का रिस्क नहीं लेता. लेकिन कंगना जानती हैं कि फिल्म थालाइवी(Thalaivi) करने के बाद कंगना सफलता के एक पायदान और ऊपर चढ़ जाएंगी.
कंगना रनौत थालाइवी के बाद दक्षिण भारतीय फिल्मों की भी क्वीन कहलाएंगी
आज की तारीख में देशभक्ति, बेबाकी, हिंदुत्व और संस्कृति का ही बोलबाला है. कंगना ने भले ही अपनी पिछली फिल्मों में इन सब बातों पर ध्यान न दिया हो लेकिन पिछली कई फिल्मों में यहां तक कि उनके निजी जीवन में भी यही फॉर्मुला दिखाई देता है. बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन अगर कंगना रनौत को बॉलीवुड की नंबर 1 एक्ट्रेस कहते हैं तो वो यूं ही नहीं कहते.
'क्वीन' बनना किसी के लिए भी आसान नहीं होता. कंगना ने अच्छी खासी मेहनत की है. और कंगना हमेशा के लिए क्वीन के सिंहासन पर बने रहने के लिए जो कुछ भी कर रही हैं उससे वो कभी हार नहीं सकतीं. 'अपराजित अयोध्या' की तरह कंगना भी अपराजित हैं.
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