निर्माता-निर्देशक करण जौहर का धर्मा प्रोडक्शन महानगरों की कहानियां दिखाने के लिए मशहूर रहा है. आमतौर पर रोमांटिक कहानियां जिसमें हीरो-हीरोइन अमीर घरों से होते हैं. इनमें कोई एक विदेश में सेटल रहता है. उनके चरित्र अमीरी में डूबे नजर आते हैं. कल हो ना हो, कभी अलविदा ना कहना, डुप्लीकेट, दोस्ताना, कभी खुशी कभी गम, कुछ कुछ होता है, ऐ दिल है मुश्किल और डियर जिंदगी जैसी तमाम फ़िल्में धर्मा प्रोडक्शन की ही हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में प्रोडक्शन ने फिल्म मेकिंग के फ़ॉर्मूले में तब्दीलियां की हैं. तब्दीलियां बेवजह नहीं है. दरअसल, हिंदी सिनेमा के दर्शकों का कंटेंट को लेकर टेस्ट बदला और कहानियां महानगरों की चकाचौंध से मुक्त होने लगीं.
पिछले कुछ सालों के भीतर ना सिर्फ धर्मा प्रोडक्शन बल्कि दूसरे अलग-अलग बैनर्स ने भी महानगरों के ऐशो आराम से अलग अन्य विषयों को फोकस करते हुए कहानियां बनाई हैं. इन्हें हाथोंहाथ लिया जा रहा है. इनमें देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना जगाने वाली फ़िल्में भी शामिल हैं. ऐसी जितनी भी फ़िल्में बॉलीवुड की आई हैं लगभग सभी ने व्यावसायिक लिहाज से बॉक्स ऑफिस पर काफी बेहतर प्रदर्शन किया. यहां तक कि धर्मा प्रोडक्शन ने भी कुछ फ़िल्में बनाई और कामयाबी मिली. हाल ही में करण जौहर के बैनर ने सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी को लेकर कारगिल वॉर के हीरो शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर शेरशाह बनाई है. फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है और तारीफ़ भी मिल रही है.
करण जौहर शेरशाह की सफलता से खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. अब उनका बैनर गांधीवादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उषा मेहता के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी में है. बॉलीवुड हंगामा ने इंडस्ट्री सूत्रों के आधार पर बताया कि धर्मा प्रोडक्शन कई स्क्रिप्ट डेवलप कर रहा है इसमें से एक उषा...
निर्माता-निर्देशक करण जौहर का धर्मा प्रोडक्शन महानगरों की कहानियां दिखाने के लिए मशहूर रहा है. आमतौर पर रोमांटिक कहानियां जिसमें हीरो-हीरोइन अमीर घरों से होते हैं. इनमें कोई एक विदेश में सेटल रहता है. उनके चरित्र अमीरी में डूबे नजर आते हैं. कल हो ना हो, कभी अलविदा ना कहना, डुप्लीकेट, दोस्ताना, कभी खुशी कभी गम, कुछ कुछ होता है, ऐ दिल है मुश्किल और डियर जिंदगी जैसी तमाम फ़िल्में धर्मा प्रोडक्शन की ही हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में प्रोडक्शन ने फिल्म मेकिंग के फ़ॉर्मूले में तब्दीलियां की हैं. तब्दीलियां बेवजह नहीं है. दरअसल, हिंदी सिनेमा के दर्शकों का कंटेंट को लेकर टेस्ट बदला और कहानियां महानगरों की चकाचौंध से मुक्त होने लगीं.
पिछले कुछ सालों के भीतर ना सिर्फ धर्मा प्रोडक्शन बल्कि दूसरे अलग-अलग बैनर्स ने भी महानगरों के ऐशो आराम से अलग अन्य विषयों को फोकस करते हुए कहानियां बनाई हैं. इन्हें हाथोंहाथ लिया जा रहा है. इनमें देशभक्ति और राष्ट्रवाद की भावना जगाने वाली फ़िल्में भी शामिल हैं. ऐसी जितनी भी फ़िल्में बॉलीवुड की आई हैं लगभग सभी ने व्यावसायिक लिहाज से बॉक्स ऑफिस पर काफी बेहतर प्रदर्शन किया. यहां तक कि धर्मा प्रोडक्शन ने भी कुछ फ़िल्में बनाई और कामयाबी मिली. हाल ही में करण जौहर के बैनर ने सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी को लेकर कारगिल वॉर के हीरो शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर शेरशाह बनाई है. फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हो रही है और तारीफ़ भी मिल रही है.
करण जौहर शेरशाह की सफलता से खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. अब उनका बैनर गांधीवादी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उषा मेहता के जीवन पर फिल्म बनाने की तैयारी में है. बॉलीवुड हंगामा ने इंडस्ट्री सूत्रों के आधार पर बताया कि धर्मा प्रोडक्शन कई स्क्रिप्ट डेवलप कर रहा है इसमें से एक उषा मेहता पर आधारित है. उषा मेहता पर स्क्रिप्ट अमात्य गोराडिया के लिखे नाटक "खर खर" पर आधारित है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धर्मा के प्रोजेक्ट को कन्नन अय्यर निर्देशित करेंगे. प्रोजेक्ट में स्वतंत्रता से पहले की कहानी दिखाई जाएगी.
कौन हैं उषा मेहता?
उषा मेहता को गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी के रूप में याद किया जाता है. अंग्रेजी शासन के दौरान क्विट इंडिया मूवमेंट के वक्त उषा मेहता सुर्ख़ियों में थीं. दरअसल, उस दौरान उन्होंने भूमिगत रहते हुए कांग्रेस रेडियो चलाया था. एक महिला होने के बावजूद स्वतंत्रता संग्राम में सालों पहले उन्होंने जिस तरह का साहसिक काम किया उसे भुलाया नहीं जा सकता. इसी योगदान की वजह से आजादी के बाद उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. धर्मा प्रोडक्शन की राजी ऐसी ही एक बहादुर और असाधारण महिला की कहानी है जिसने देश के लिए अतुलनीय काम किया.
क्यों देशभक्ति फ़िल्में बना रहे हैं करण जौहर?
फिलहाल देश की राजनीति में राष्ट्रवाद की भूमिका काफी अहम हो गई है. फिल्म इंडस्ट्री भी इसके प्रभाव से बच नहीं पाई है. देशप्रेम और राष्ट्रवाद की भावना जगाने वाली अब तक जितनी भी फ़िल्में आई हैं कमोबेश सभी ने सफलता हासिल की है. करण जौहर के प्रोडक्शन ने भी शेरशाह से पहले कुछ फ़िल्में बनाई. इनमें मेघना गुलज़ार के निर्देशन में आई राजी और अनुराग सिंह के निर्देशन में बनी केसरी अहम है. दोनों फिल्मों ने जबरदस्त कामयाबी हासिल की थी. राजी में आलिया भट्ट और केसरी में अक्षय कुमार ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं. 35 से 40 करोड़ के बजट में बनी राजी ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 125 करोड़ से ज्यादा कमाए थे. जबकि करीब 80 करोड़ के बजट में बनी केसरी ने भी 150 करोड़ से ज्यादा का कलेक्शन निकाला था.
धर्मा के अलावा दूसरे प्रोडक्शन ने भी तान्हाजी, उरी द सर्जिकल स्ट्राइक और गाजी अटैक जैसी फिल्मों ने दर्शकों को प्रभावित किया. बॉक्स ऑफिस पर तान्हाजी और उरी के कारोबार ने तो फिल्म विश्लेषकों को भी हैरान कर दिया था. उरी महज 25 करोड़ में बनी थी और 300 करोड़ से ज्यादा कमाई करने में कामयाब रही. यही वजह है कि अब लगभग सभी छोटे बड़े बैनर राष्ट्रवाद और देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत फ़िल्में बना रहे हैं. बॉलीवुड की ऐसी कई फ़िल्में मेकिंग प्रोसेस में हैं.
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