शाहरुख खान की पठान के बहाने भले दावा किया गया कि बॉलीवुड का मौसम बदल चुका है, मगर ऐसा दिख नहीं रहा कहीं. लगता है कि बॉलीवुड के निर्माताओं को अपने कॉन्टेंट पर ही भरोसा नहीं है. असल में करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की रॉकी और रानी की प्रेम कहानी को बहुत पहले ही 28 अप्रैल की तारीख पर रिलीज किया जाना प्रस्तावित था. करण जौहर के सामने बॉलीवुड की कोई और फिल्म भी नहीं थी. रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की जोड़ी है, और खुद करण जौहर किसका निर्देशन कर रहे हैं.
कुछ हफ्ते पहले तक सबकुछ ठीकठाक दिख रहा था. लेकिन करण जौहर की योजनाओं पर मणिरत्नम ने पानी फेर दिया. असल में मणिरत्नम ने 28 अप्रैल को बॉलीवुड के एक सबसे बड़े बैनर की फिल्म होने के बावजूद चोल साम्राज्य पर बनी अपनी पीरियड ड्रामा PS-2 की रिलीज अनाउंस कर दी. PS-2 पैन इंडिया ड्रामा है. पहले पार्ट को हिंदी में रिलीज किया गया था. लेकिन मेकर्स ने ना तो ठीक से फिल्म का प्रमोशन किया था और ना ही फिल्म को पर्याप्त स्क्रीन सिनेमाघरों में मिले थे. बावजूद पहले पार्ट ने हिंदी बेल्ट में 25 करोड़ से ज्यादा की कमाई करने में कामयाबी हासिल की.
बॉलीवुड पर दक्षिण का खौफ साफ़ दिख रहा है, ब्रह्मास्त्र के बाद करण जौहर की स्थिति खराब है मगर दक्षिण का खौफ देखिए. करण जौहर जैसे निर्माता जिन्होंने सबसे पहले डेट लॉक की थी, उन्हें ही कदम पीछे हटाने पड़े. केजीएफ 2 के सामने भी बॉलीवुड की कुछ बड़ी फिल्मों को भी ऐसा ही करना पड़ा था. अब करण जौहर अपनी फिल्म को 28 अप्रैल की बजाए 28 जुलाई को रिलीज करेंगे. यानी यह साफ हो गया कि बॉलीवुड या करण जौहर दक्षिण से सीधे मुकाबले में उतरने लायक नहीं समझ पाए. वैसे कहा यह भी गया था कि हिंदी बेल्ट के मूड को समझते हुए ही दक्षिण के निर्माताओं ने बॉलीवुड के कुछ बैनर्स के सामने ही अपनी फिल्म को रिलीज करना कारोबारी लिहाज से बेहतर पाया था. इससे उनकी फिल्मों का प्रमोशन बेहतर तरीके से होता और बॉलीवुड फिल्म को सबक सिखाने के लिए बहाने दक्षिण के हिस्से कामयाबी...
शाहरुख खान की पठान के बहाने भले दावा किया गया कि बॉलीवुड का मौसम बदल चुका है, मगर ऐसा दिख नहीं रहा कहीं. लगता है कि बॉलीवुड के निर्माताओं को अपने कॉन्टेंट पर ही भरोसा नहीं है. असल में करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन की रॉकी और रानी की प्रेम कहानी को बहुत पहले ही 28 अप्रैल की तारीख पर रिलीज किया जाना प्रस्तावित था. करण जौहर के सामने बॉलीवुड की कोई और फिल्म भी नहीं थी. रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की जोड़ी है, और खुद करण जौहर किसका निर्देशन कर रहे हैं.
कुछ हफ्ते पहले तक सबकुछ ठीकठाक दिख रहा था. लेकिन करण जौहर की योजनाओं पर मणिरत्नम ने पानी फेर दिया. असल में मणिरत्नम ने 28 अप्रैल को बॉलीवुड के एक सबसे बड़े बैनर की फिल्म होने के बावजूद चोल साम्राज्य पर बनी अपनी पीरियड ड्रामा PS-2 की रिलीज अनाउंस कर दी. PS-2 पैन इंडिया ड्रामा है. पहले पार्ट को हिंदी में रिलीज किया गया था. लेकिन मेकर्स ने ना तो ठीक से फिल्म का प्रमोशन किया था और ना ही फिल्म को पर्याप्त स्क्रीन सिनेमाघरों में मिले थे. बावजूद पहले पार्ट ने हिंदी बेल्ट में 25 करोड़ से ज्यादा की कमाई करने में कामयाबी हासिल की.
बॉलीवुड पर दक्षिण का खौफ साफ़ दिख रहा है, ब्रह्मास्त्र के बाद करण जौहर की स्थिति खराब है मगर दक्षिण का खौफ देखिए. करण जौहर जैसे निर्माता जिन्होंने सबसे पहले डेट लॉक की थी, उन्हें ही कदम पीछे हटाने पड़े. केजीएफ 2 के सामने भी बॉलीवुड की कुछ बड़ी फिल्मों को भी ऐसा ही करना पड़ा था. अब करण जौहर अपनी फिल्म को 28 अप्रैल की बजाए 28 जुलाई को रिलीज करेंगे. यानी यह साफ हो गया कि बॉलीवुड या करण जौहर दक्षिण से सीधे मुकाबले में उतरने लायक नहीं समझ पाए. वैसे कहा यह भी गया था कि हिंदी बेल्ट के मूड को समझते हुए ही दक्षिण के निर्माताओं ने बॉलीवुड के कुछ बैनर्स के सामने ही अपनी फिल्म को रिलीज करना कारोबारी लिहाज से बेहतर पाया था. इससे उनकी फिल्मों का प्रमोशन बेहतर तरीके से होता और बॉलीवुड फिल्म को सबक सिखाने के लिए बहाने दक्षिण के हिस्से कामयाबी आती.
करण जौहर का पीछे हटना शुभ संकेत नहीं है. असल में करण जौहर ऐसे फिल्म मेकर हैं जो मार्केटिंग के जरिए अपना खराब से खराब प्रोडक्ट भी बेंचने में उस्ताद हैं. यह बात भी नहीं छिपी है कि धर्मा, यशराज फिल्म्स और सलमान खान का बैनर ऐसे बैनर्स में शुमार है फिल्म वितरण में जिनका एकाधिकार है. किस फिल्म को रिलीज होने देना है, किसे रोकना है किसे सिनेमाघरों में कितना स्पेस मिलेगा- सबकुछ बॉलीवुड के कुछ घराने तय करते हैं. हालांकि बॉलीवुड के खिलाफ लंबे वक्त से नकारात्मक माहौल दिख रहा था. ऐसे में पठान के लिए बॉलीवुड और राजनीतिक दलों की तरफ से जोरदार कोशिशें हुईं. आंकड़ों में पठान सफल है. और दावा किया गया कि अब किसी नकारात्मक कैम्पेन का असर नहीं पड़ेगा.
करण जौहर का शेड्यूल बदलना बहुत कुछ कहता है
मगर करण जौहर ने जिस तरह से अपनी फिल्म का शेड्यूल बदला है वह तो एक दूसरी कहानी का ही संकेत देता नजर आ रहा है. बॉलीवुड में हिंदी दर्शकों का डर कायम है. वैसे भी एक लंबे वक्त से बॉक्स ऑफिस पर करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन और उनके चहेते अभिनेता रणवीर सिंह को भारी गुस्से का सामना करना पड़ा है. टिकट खिड़की पर साल 2022 दोनों के लिए भयावह साबित हुआ. भारी बजट में बनी करण जौहर की जुग जुग जियो, लाइगर और ब्रह्मास्त्र जैसी फ़िल्में बड़ा हादसा साबित हुई हैं. एक भी फिल्म लागत तक नहीं वसूल कर पाई है. हालात ऐसे रहें कि 2022 में करण को अपनी दो फ़िल्में गहराइयां और गोविंदा नाम मेरा को ओटीटी पर ही रिलीज करना पड़ा.
ठीक इसी तरह रणवीर सिंह भी कोविड से पहले सफलता के आसमान पर नजर आते हैं. लेकिन रणवीर भी कोविड के बाद सिनेमाघरों में हैट्रिक हादसे दे चुके हैं. उनकी 83, जयेशभाई जोरदार और सर्कस तीनों फ्लॉप साबित हुईं. धर्मा के लिए तो कारोबारी लिहाज से 2022 कभी नहीं भूलने वाला साल साबित हो चुका है. शायद यही वजह है कि अब करण जौहर कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं. यह ठीक भी है. शाहरुख सलमान जैसे बड़े सितारों के सामने कोई एक्टर अपनी फ़िल्में लेकर नहीं आता. उसे अंजाम पता रहता है. मगर इस बार बॉलीवुड के सामने दक्षिण का सबसे बड़ा फिल्ममेकर सामने है. दक्षिण को भला किसकी चिंता.
बावजूद कारोबारी लिहाज से करण जौहर का फैसला सही माना जाएगा. भिड़ंत में फ़िल्में चाहे जितनी बेहतर हों मगर उनका असर एक-दूसरे पर पड़ता है. स्क्रीन के किए मारामारी होती है और दर्शक बंटते हैं. पर शायद करण जौहर और रणवीर सिंह की रॉकी और रानी की प्रेम कहानी को इस तरह के संकट से नहीं गुजरना पड़ेगा.
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