अद्वैत चंदन के निर्देशन में बनी लाल सिंह चड्ढा में आमिर खान के अपोजिट करीना कपूर खान हैं. बॉलीवुड के दोनों सितारे इससे पहले थ्री इडियट्स (2009) और तलाश (2012) में साथ काम कर चुके हैं. लाल सिंह चड्ढा, फॉरेस्ट गंप का आधिकारिक अडाप्शन है. जिन्होंने टॉम हैंक्स की फिल्म देखी है- उन्हें पता होगा कि रॉबिन राइट का किरदार जेनी असल में कितना ताकतवर हैं. जेनी फॉरेस्ट गंप का सबसे उलझा हुआ और चुनौतीपूर्ण किरदार है. उसमें बहुत सारे लेयर हैं. ऐसे किरदार करना बढ़िया से बढ़िया एक्टर्स के लिए भी मुश्किल साबित होते हैं.
लाल सिंह चड्ढा में जेनी का किरदार रूपा डीसूजा के रूप में स्थापित किया गया है. आमिर-करीना की फिल्म का ट्रेलर काफी पहले ही आ चुका है तो फिल्म में दोनों एक्टर्स की परफॉर्मेंस की एक झलक और किरदारों के बारे में उन दर्शकों को भी अंदाजा मिल रहा होगा जिन्होंने टॉम हैंक्स और रॉबिन राइट की कालजयी फिल्म ना देखी हो. अब अगर ट्रेलर के आधार पर टॉम हैंक्स और रॉबिन राइट से आमिर और करीना के काम की तुलना की जाए तो यह कहने में कोई संकोच नहीं कि आमिर और करीना, दोनों फॉरेस्ट गंप की परफॉर्मेंस के आसपास भी नहीं दिखते. भले आमिर के पास तीन और करीना के पास दो दशक का एक्टिंग अनुभव हो.
लाल सिंह चड्ढा में किस तरह दिख रही हैं रूपा डीसूजा यानी करीना कपूर?
लाल सिंह चड्ढा के ट्रेलर में रूपा डीसूजा के रूप में करीना के कुछ विजुअल सामने आए हैं. एकाध सीन्स को छोड़ एक्ट्रेस किरदार में बिल्कुल नहीं दिखीं. एक पल के लिए भी उनके चेहरे और शरीर के हावभाव से ऐसा नहीं लगा कि करीना उसी जेनी के अद्भुत किरदार में हैं जिसे रॉबिन राइट ने लगभग अमर कर दिया हो. जेनी से अलग रूपा के चेहरे पर बॉलीवुड की आम नायिका की संतुष्टि और सम्मान नजर आती है जो परिवार, देश, समाज के विरोध के बावजूद अपने नायक को पा लेती है और आखिर में उसे सबको स्वीकारना भी पड़ता है. करीना के चेहरे पर दिख रहे यही भाव रॉबिन राइट की तुलना में उनके औसत होने का सबूत माने जा सकते हैं.
लाल सिंह चड्ढा और फॉरेस्ट गंप के सीन्स.
फॉरेस्ट गंप में जेनी के किरदार के कई रूप रंग हैं और इन्हें देखकर कई बार ऐसा भी महसूस होता है कि मूल फिल्म में रॉबिन राइट का काम कहीं ना कहीं टॉम हैंक्स से भी ज्यादा बड़ा और मुश्किल है. जेनी, फॉरेस्ट के बचपन की दोस्त है. मासूम और मंदबुद्धि के फॉरेस्ट को बचपन में ही जेनी से प्यार हो जाता है. वह जीवनभर जेनी को प्यार करता रहता है. टॉम हैंक्स की फिल्म में फॉरेस्ट और जेनी का प्रेम साधारण नहीं है बल्कि वह बहुत रहस्यमयी, स्वतंत्र और आध्यात्मिकता समेटे हुए है. यहां प्रेम में किसी का किसी के ऊपर नियंत्रण ही नहीं है. मगर किसी बंधन से परे एक-दूसरे के लिए भरोसे और सम्मान का समर्पण खूब है.
असल में जेनी का निजी अनुभव जिस तरह का रहा है उसे किसी पुरुष को प्यार ही नहीं करना था. कम से कम दबंग और हिंसक पुरुषों से कोई जेनी प्यार भी नहीं कर सकती जो रिश्ते में नियंत्रण की डोर किसी ना किसी बहाने अपने हाथ में ही रखते हैं. इसकी वजह है. जेनी को बचपन में ही घरेलू यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है. कहने की बात नहीं कि उसके लिए एक पुरुष का चेहरा हमेशा भयावह ही दिखता होगा. हो सकता है कि फॉरेस्ट का मंदबुद्धि या भोलाभाला होना ही जेनी से उसके दिल का जोड़ता हो.
करीना के चेहरे पर खुद से भागती लड़की की पीड़ाएं नहीं दिखतीं
जेनी, फॉरेस्ट को चाहती है. फॉरेस्ट भी उसे उतना ही प्यार करता है. लेकिन बचपन के अनुभवों में जेनी अंदर से इतना खोखला बन चुकी है कि उसमें अजीब तरह का उचाट, अकेलापन पसरा है. वह डिप्रेशन की शिकार है. उसे नशे की लत लग चुकी है. वह एक अंतहीन रेस में खुद से ही भाग रही है. फॉरेस्ट चाहकर भी उसे रोक नहीं पाता. जेनी दुनिया और अपनी नज़रों से छिपने के लिए हिप्पियों में शामिल हो जाती है. जेनी और फॉरेस्ट की जिंदगी में कोई मकसद नहीं है. एक लड़की खुद से भाग रही है.
अमेरिकी समाज में 60 और 70 के दशक में युवाओं में हिप्पी संस्कृति खूब लोकप्रिय हुई थी. हिप्पी संस्कृति में लड़के-लड़कियाँ, ड्रग नशेबाजी और बिना किसी लाग लपेट के लिए उन्मुक्त सेक्सुअल रिलेशन के लिए बदनाम थे. कुछ स्टडीज में सामने आया है कि हिप्पी प्रभाव में आने वाले बहुतायत लड़के लड़कियों के बचपन के अनुभव और उनके सामाजिक पारिवारिक बैक ग्राउंड का उसमें बहुत बड़ा रोल था.
आमिर खान
फॉरेस्ट गंप में जेनी का प्रसंग आता जाता रहता है. वह एक बार स्क्रीन से चली जाती है तो लगता है कि उसका किरदार ख़त्म हो गया अब नहीं नजर आएगी. लेकिन अचानक ट्विस्ट और टर्न्स दिखते हैं. जेनी नमूदार हो जाती है. लगता है कि अब जेनी-फॉरेस्ट के जीवन में चीजें सामान्य हो जाएंगी, मगर फिर दिखता है कि जेनी कहीं दूर चली गई है. अचानक से वह एक रेस्तरां में पूरी तरह बिना कपड़ों के गिटार बजाते हुए लोगों का मनोरंजन कर रही है. जेनी की नजरें जब फॉरेस्ट गंप से मिलती हैं- उसे गिटार के बहाने नंगे बदन की नुमाइश करने में उसी तकलीफ का सामना करना पड़ता है जो बचपन में सेक्सुअल अब्यूज के अनुभव की तरह हैं.
आमिर रूपा का रोल अगर इन एक्ट्रेस को देते तो अलग रंग जम सकता था
कहीं भी लाल सिंह चड्ढा में करीना के चेहरे पर खुद से भागती लड़की का दर्द और उदासी नहीं दिखता. ट्रेलर में उनकी जितनी भी छवि नजर आई, उसे देखकर यही लगता है कि या तो किरदार के लिए वे परफेक्ट नहीं थीं, या उन्होंने इसके लिए वाजिब तैयारी नहीं की. कम से कम मुझे नहीं लगता कि जेनी (रूपा डीसूजा) के किरदार के लिए करीना सबसे बेहतर विकल्प थीं. यह किरदार तो आलिया भट्ट पर बहुत शूट करता. उड़ता पंजाब और हाईवे में काम कर चुकी आलिया इसे बहुत सहजता से निभा लेती. आलिया के अलावा, भूमि पेडणेकर और सान्या मल्होत्रा भी जेनी के लिए एक बहुत बेहतर विकल्प साबित हो सकती थीं. कंगना रनौत के भी किरदार के मूड में रंग जातीं. हालांकि आमिर उन्हें प्रपोज करते ही करते इसकी कोई संभावना नहीं दिखती. अगर प्रपोज भी करते तो शायद ही मेल डोमिनेंट फिल्मों से एलर्जी रखने वाली कंगना उसमें रुचि लेती ही.
रूप डी सूजा के दिलचस्प और उलझाऊ किरदार के बहाने करीना के चेहरे पर जो मुस्कान, संतुष्टि और जीवन के प्रति सम्मान दिख रहा है असल में यही चीजें उन्हें फॉरेस्ट गंप में रॉबिन राइट की तुलना में औसत साबित कर जाती हैं. चूंकि अभी ट्रेलर आया है. हम तो यही करेंगे कि 11 अगस्त को फिल्म में करीना पूरी तरह से किरदार में रची बसी साबित नजर आए.
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