23 साल पहले 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के जहाज आईसी 814 को पाकिस्तानी आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. ये जहाज काठमांडू से भारत आ रहा था. लेकिन अपरहरणकर्ता आतंकी जहाज को हाईजैक करके अफगानिस्तान ले गए थे. उसके बाद भारत सरकार से 36 आतंकियों की रिहाई और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग की गई थी. काफी कोशिशों के बावजूद भारत सरकार को आतंकियों के सामने झुकना पड़ा था. इसके बाद मौलाना मसूद अजहर, अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे खूंखार आतंकियों को रिहा करना पड़ा था. इसी घटना के साथ वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन 2' की शुरूआत होती है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर स्ट्रीम की जा रही है. इस सीरीज में विमान अपहरण, भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते, शांति सम्मेलन और देश की संप्रभुता पर हमले के बीच के कनेक्शन को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है.
सचिन पाठक के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन 2' में अमित सियाल, अंशुमन पुष्कर, हरलीन सेठी, अक्षा परदसनी, प्रशांत नारायणन, अनुराग अरोड़ा, गोपाल दत्त और जाकिर हुसैन जैसे कलाकार अहम किरदार निभा रहें हैं. इस सीरीज का पहला सीजन पिछले साल रिलीज किया गया था, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया. इसकी बेहतरीन कहानी के बीच अमित सियाल और अंशुमान पुष्कर ने अपनी दमदार अदायगी से समां बांध दिया था. यही वजह है कि इस सीरीज के दूसरे सीजन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. नए सीजन में भी दोनों कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय प्रदर्शन किया है. लेकिन कहानी खींची हुई प्रतीत होती है, जिसकी वजह से कई जगह बोरिंग हो जाती है. हालांकि, निर्देशक ने एपिसोड की संख्या और लंबाई को कम करके इसे बोझिल होने से बचा लिया है. आखिरी के दो एपिसोड में रहस्य और रोमांच जबरदस्त है, जो इसे दर्शनीय बनाता है.
23 साल पहले 24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस के जहाज आईसी 814 को पाकिस्तानी आतंकियों ने हाईजैक कर लिया था. ये जहाज काठमांडू से भारत आ रहा था. लेकिन अपरहरणकर्ता आतंकी जहाज को हाईजैक करके अफगानिस्तान ले गए थे. उसके बाद भारत सरकार से 36 आतंकियों की रिहाई और 20 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मांग की गई थी. काफी कोशिशों के बावजूद भारत सरकार को आतंकियों के सामने झुकना पड़ा था. इसके बाद मौलाना मसूद अजहर, अहमद जरगर और शेख अहमद उमर सईद जैसे खूंखार आतंकियों को रिहा करना पड़ा था. इसी घटना के साथ वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन 2' की शुरूआत होती है, जो ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर स्ट्रीम की जा रही है. इस सीरीज में विमान अपहरण, भारत-पाकिस्तान के बीच समझौते, शांति सम्मेलन और देश की संप्रभुता पर हमले के बीच के कनेक्शन को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया है.
सचिन पाठक के निर्देशन में बनी वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन 2' में अमित सियाल, अंशुमन पुष्कर, हरलीन सेठी, अक्षा परदसनी, प्रशांत नारायणन, अनुराग अरोड़ा, गोपाल दत्त और जाकिर हुसैन जैसे कलाकार अहम किरदार निभा रहें हैं. इस सीरीज का पहला सीजन पिछले साल रिलीज किया गया था, जिसे दर्शकों ने बहुत पसंद किया. इसकी बेहतरीन कहानी के बीच अमित सियाल और अंशुमान पुष्कर ने अपनी दमदार अदायगी से समां बांध दिया था. यही वजह है कि इस सीरीज के दूसरे सीजन का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे. नए सीजन में भी दोनों कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय प्रदर्शन किया है. लेकिन कहानी खींची हुई प्रतीत होती है, जिसकी वजह से कई जगह बोरिंग हो जाती है. हालांकि, निर्देशक ने एपिसोड की संख्या और लंबाई को कम करके इसे बोझिल होने से बचा लिया है. आखिरी के दो एपिसोड में रहस्य और रोमांच जबरदस्त है, जो इसे दर्शनीय बनाता है.
वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन 2' की कहानी पहले सीजन से कनेक्टेड है. इस बार कुछ नए किरदार भी शामिल किए गए हैं, जिसमें वाजिद खान (प्रशांत नारायण) प्रमुख है. शिवानी भटनागर (अक्ष परदसनी) लंदन में एक मीडिया हाउस के लिए काम करती है. सनी शर्मा (अंशुमान पुष्कर) जेल में बंद है. दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर समर कौशिक (अमित सियाल) अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है, जिसके बाद वो एक रेस्टोरेंट चला रहा है. इधर, भारत के जेलों में बंद कई आतंकियों को विमान हाईजैक करके छुड़ा लिया जाता है. इसमें कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड मसूद भी शामिल है. मसूद वाजिद के साथ मिलकर हिंदुस्तान में किसी बड़े हमले की योजना बना रहा होता है. उनका मकसद होता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे शांति समझौते और शांति सम्मेलन को किसी तरह से रोक दिया जाए. इसके लिए दोनों मिलकर बड़ी साजिश रचते हैं.
मसूद और वाजिद की साजिश की भनक भारत के एक पत्रकार को लग जाती है. वो लंदन में बैठी शिवानी भटनागर (अक्ष परदसनी) को इसके बारे में सूचित करता है. उसको इससे जुड़े कुछ सबूत भी देता है. इसी बीच उस पत्रकार की कुछ लोग हत्या कर देते हैं. इसके बाद शिवानी भारत आकर सन्नी से तिहाड़ जेल में मिलती है. उसकी सहायता से नेपाल के काठमांडू जाती है, जहां आतंकी साजिश का पता करने की कोशिश करती है. इधर, इंस्पेक्टर समर कौशिक (अमित सियाल) शिवानी और सन्नी की मुलाकात का पता चलते ही ये समझ जाता है कि कुछ बड़ा होने वाला है. वो दिल्ली पुलिस के एक अपने साथी श्रवण मिश्रा (अनुराग अरोड़ा) के साथ काठमांडू पहुंच जाता है. शिवानी को वहां वाजिद के लोगों द्वारा किडनैप कर लिया जाता है. इसकी सूचना मिलते ही सन्नी जेल से भागकर काठमांडू पहुंच जाता है. लेकिन एक बम ब्लास्ट में शिवानी की मौत हो जाती है.
शिवानी की मौत का बदला लेने के लिए सन्नी अपने जानी दुश्मन वाजिद को फोन करता है. वाजिद उसे अपना बनाने के लिए नेपाल में मौजूद अपने आदमी की हत्या सन्नी से करा देता है, जिस पर शिवानी की हत्या आरोप होता है. इसके बाद वाजिद उसे दुबई बुलाकर अपने साथ काम करने के लिए कहता है. सन्नी उसके घर पहुंच जाता है. लेकिन वाजिद की गर्लफ्रेंड उसकी सच्चाई के बारे में सन्नी को बता देती है. दूसरी तरफ सन्नी की मदद से समर आगरा में दो आतंकियों को मारकर वहां होने वाले शांति सम्मेलन में बम हमले की साजिश नाकाम कर देता है. यहां सबसे हैरान की बात ये होती है कि सन्नी और सार्थक दोनों दुश्मन होने के बाद एक-दूसरे की मदद क्यों करते हैं? क्या वाजिद को सन्नी मार पाता है? क्या हिंदुस्तान में जिस बड़ी आतंकी वारदात की साजिश रची जा रही है, उसका खुलासा हो पाता है? इन सभी सवालों के जवाब के लिए वेब सीरीज देखनी होगी.
सिद्धार्थ मिश्रा द्वारा लिखित छह एपिसोड की ये वेब सीरीज मूल रूप से भारत-पाक विवाद और आतंकवाद पर आधारित है. इसमें बहुत सी समानांतर कहानियां एक साथ चल रही होती हैं. काठमांडू से दुबई और आगरा की यात्रा में एक साथ कई घटनाएं घटती हुई दिखाई जाती हैं. इसकी वजह से कई जगह कंफ्यूजन भी होता है. लेकिन कहानी तेज़ी से आगे बढ़ती है और कुछ चौंकाने वाले अप्रत्याशित ट्विस्ट पूरे समय बैठे रहने पर मजबूर करते हैं. हर एपिसोड इंटेंस है. इसमें ड्रामा और एक्शन से भरपूर है. खासकर क्लाइमैक्स ऐसा है, जो सांसे थाम कर देखने को मजबूर कर देता है. इसके साथ ही तीसरे सीजन की गुंजाइश भी छोड़ी गई है. ऐसा लगता है कि तीसरा सीजन ज्यादा रोमांचक होने वाला है. इसके साथ ही सभी कलाकारों ने बेहतरीन अभिनय प्रदर्शन किया हैं, जो इस सीरीज की यूएसपी है. सारे कलाकार मझे हुए हैं, जो अपने-अपने किरदारों में पूरी तरह से घुसे हुए दिखते हैं.
प्रशांत नारायणन का किरदार वाजिद आतंकवादी और माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से प्रेरित है. उसका किरदार एक ऐसे व्यक्ति की शक्ति का प्रदर्शन करता है जो भारत को नष्ट करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. प्रशांत नारायणन इस तरह की निगेटिव भूमिकाएं निभाने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने इस सीरीज में खुद को साबित किया है. अक्षा परदसनी और अंशुमान पुष्कर ने अपने पुराने किरदारों शिवानी और सन्नी को दोबारा निभाया है. पिछले सीजन में रोमांटिक हीरो की तरह नजर आने वाले अंशुमन इस सीजन में एक्शन स्टार की तरह स्टंट करते हुए नजर आते हैं. पुलिस इंस्पेक्टर समर कौशिक के किरदार में अमित सियाल ने जबरदस्त अभिनय किया है. पहले से आखिरी एपिसोड तक वो छाए रहते हैं. उनके संवाद अदायगी की शैली जुदा है. हरलीन सेठी, अनुराग अरोड़ा, गोपाल दत्त और जाकिर हुसैन ने भी अपने-अपने किरदारों में शानदार काम किया है.
कुल मिलाकर, ये कहा जा सकता है कि वेब सीरीज 'काठमांडू कनेक्शन' अपने पहले सीजन जितना रोमांचक तो नहीं है, लेकिन एक स्वतंत्र सीरीज के रूप में बेहतर है. यदि आपको क्राइम थ्रिलर कैटेगरी की वेब सीरीज पसंद हैं, तो आप 'काठमांडू कनेक्शन 2' को ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर देख सकते हैं.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 3 स्टार
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