बचपन के दिन हर इंसान की याद का सबसे हसीन समय होता है. मेरे लिए भी था. आज के बच्चों से इतर हमारा बचपन घर-घर खेलने, हर शुक्रवार को अंताक्षरी देखने, शनिवार को Spiderman, Duck tales का इंतजार करने में बीतता था. इन कार्यक्रमों को देखने के बीच में कई तरह के प्रचार भी आते थे. "दूध सी सफेदी निरमा से आए से लेकर ओहो! दीपिका जी. आपकी पारखी नजर और निरमा सुपर!" इस जैसे कुछ एड ऐसे थे जो आज भी जेहन में ताजा है.
तो चलिए बाल दिवस के दिन उन बच्चों को याद करें जो टीवी से लेकर फिल्मों तक में हमारे फेवरेट रह चुके हैं. और जब भी कोई हमें कहता कि बच्चों वाले एड या फिर फिल्म में क्यूट बच्चे कौन लगे तो सबसे पहले याद उनकी ही आती है.
सबसे पहले बात करते हैं एड की. 80-90 के दशक में ऐसे कई एड बने थे जिनमें बच्चे ही प्रमुख थे और जिन्होंने आजतक हमारी यादों के कोने में अपनी जगह घेर रखी है.
1- जलेबी वाला बच्चा- धारा :
आज भी जलेबी को सामने देखते ही एड के इस बच्चे की तरह ही मेरे मुंह से निकलता है जलेबी! ये मासूमियत हम सभी के दिलो-दिमाग पर घर किए बैठी है. यही क्यूट बच्चा आगे चलकर कुछ कुछ होता है फिल्म में पंजाबी बच्चे के रोल में हमारा दिल जीत ले गया. "तुस्सी जा रे हो? तुस्सी न जाओ." फिल्म के अपने इस एकमात्र डायलॉग के साथ बच्चे ने अपनी पहचान बना ली.
2- कॉमप्लान गर्ल :
बॉलीवुड में लीड एक्टर के तौर पर दस्तक देने से पहले आएशा टाकिया और शाहिद कपूर को हमने इस एड में देखा था. इस एड के आने के बाद हर बच्चे की जुबान पर यही डायलॉग रहता- आई एम अ कॉमप्लान ब्वॉय/ आई एम अ कॉमप्लान गर्ल.
3- सर्फ एक्सेल :
भाई बहन के...
बचपन के दिन हर इंसान की याद का सबसे हसीन समय होता है. मेरे लिए भी था. आज के बच्चों से इतर हमारा बचपन घर-घर खेलने, हर शुक्रवार को अंताक्षरी देखने, शनिवार को Spiderman, Duck tales का इंतजार करने में बीतता था. इन कार्यक्रमों को देखने के बीच में कई तरह के प्रचार भी आते थे. "दूध सी सफेदी निरमा से आए से लेकर ओहो! दीपिका जी. आपकी पारखी नजर और निरमा सुपर!" इस जैसे कुछ एड ऐसे थे जो आज भी जेहन में ताजा है.
तो चलिए बाल दिवस के दिन उन बच्चों को याद करें जो टीवी से लेकर फिल्मों तक में हमारे फेवरेट रह चुके हैं. और जब भी कोई हमें कहता कि बच्चों वाले एड या फिर फिल्म में क्यूट बच्चे कौन लगे तो सबसे पहले याद उनकी ही आती है.
सबसे पहले बात करते हैं एड की. 80-90 के दशक में ऐसे कई एड बने थे जिनमें बच्चे ही प्रमुख थे और जिन्होंने आजतक हमारी यादों के कोने में अपनी जगह घेर रखी है.
1- जलेबी वाला बच्चा- धारा :
आज भी जलेबी को सामने देखते ही एड के इस बच्चे की तरह ही मेरे मुंह से निकलता है जलेबी! ये मासूमियत हम सभी के दिलो-दिमाग पर घर किए बैठी है. यही क्यूट बच्चा आगे चलकर कुछ कुछ होता है फिल्म में पंजाबी बच्चे के रोल में हमारा दिल जीत ले गया. "तुस्सी जा रे हो? तुस्सी न जाओ." फिल्म के अपने इस एकमात्र डायलॉग के साथ बच्चे ने अपनी पहचान बना ली.
2- कॉमप्लान गर्ल :
बॉलीवुड में लीड एक्टर के तौर पर दस्तक देने से पहले आएशा टाकिया और शाहिद कपूर को हमने इस एड में देखा था. इस एड के आने के बाद हर बच्चे की जुबान पर यही डायलॉग रहता- आई एम अ कॉमप्लान ब्वॉय/ आई एम अ कॉमप्लान गर्ल.
3- सर्फ एक्सेल :
भाई बहन के रिश्ते को इससे ज्यादा प्यारे तरीके से नहीं दिखाया जा सकता. हालांकि ये और बात है कि असल जीवन में भाई अपनी बहन को कीचड़ में गिरा देख पहले पेट पकड़-पकड़ हंसेगे फिर उन्हें ख्याल आएगा कि मासूम को चुप करा दूं! लेकिन जो भी हो ये एड लोगों के दिल को छू जाती है.
चलिए अब बात करते हैं फिल्मों की. फिल्मों में भी कई प्यारे और मासूम बच्चे और उन्होंने अपनी छाप छोड़ी. ऊपर हम धारा किड परजान दस्तूर के फिल्मी सफर के बारे में बता ही चुके हैं. लेकिन उनके अलावा भी कई बच्चे हैं जिन्होंने लोगों को अपना दीवाना बना लिया.
1- उर्मिला मातोंडकर
मासूम फिल्म का मशहूर गाना- 'लकड़ी की काठी'. आज भी लोग लूप पर इस गाने को सुनते हैं. इस गाने में तीन बच्चे थे. बचपन में भी नजाकत और नफासत से डांस करती उर्मिला मातोंडकर थी. बड़ी होकर बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री के रूप में स्थापित भी हुई.
देखिए वो गाना और एक बार फिर बचपन को जी लीजिए.
2- जुगल हंसराज
मासूम फिल्म में मासूम जुगल हंसराज ने अपनी छाप छोड़ी थी.
3- अराधना श्रीवास्तव
इनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. लेकिन लकड़ी का काठी गाने में जो सबसे छोटी और प्यारी बच्ची थी उसका ही नाम है अराधना श्रीवास्तव! सिर्फ इस गाने के साथ ही ये बच्ची 80-90 के दशक के लोगों की याद में अमर हो चुकी है. हालांकि इसके इन्होंने दो और फिल्मों में काम किया लेकिन वो सफल नहीं रही. फिर कुछ एड भी किए पर उसके बाद वो वापस अपनी पढ़ाई में लग गई. आज अराधना बच्चों को संगीत सिखाती हैं.
4- मिस्टर इंडिया की टीना
मिस्टर इंडिया में बच्चों की पूरी फौज थी. छोटे-छोटे मासूम बच्चे, नन्हें-मुन्ने, शरारती. बच्चों की इस फौज में एक प्यारी सी बच्ची थी जिसकी बम ब्लास्ट में मौत हो जाती है. इस बच्ची की ऑनस्क्रीन मौत ने हर किसी की आंख में आंसू ला दिया था. वो बच्ची आज दो बच्चों की मां है और फिल्मी दुनिया से दूर अपनी जिंदगी जी रही हैं.
5- कुणाल खेमू
राजा हिन्दुस्तानी, हम हैं राही प्यार के, क्रिमिनल जैसी सुपर हिट फिल्मों में काम करने वाले कुणाल खेमू आज बॉलीवुड में जाना-माना नाम हैं.
6- आदित्य नारायण
गायक उदित नारायण के बेटे आदित्य नारायण ने परदेस फिल्म से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. मासूम आदित्य, लोगों को काफी पसंद आए. हालांकि कुछ फिल्में करने के बाद उन्होंने गायकी को चुना और उसी में रम गए.
7- हंसिका मोटवानी
कोई मिल गया फिल्म में इन्होंने अपनी छाप छोड़ी थी. साथ ही इन्होंने टीवी सीरियल शाका लाका बूम बूम में भी काम किया था. अभिनय के साथ-साथ हंसिका की प्यारी सूरत ने लोगों का दिल जीत लिया.
8- श्वेता बासु प्रसाद
श्वेता ने फिल्म मकड़ी और इकबाल से बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई थी.
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ये भी एक रिकॉर्ड है कि पैदा होते ही बच्ची बोल पड़ी !
अपना फ़्रस्ट्रेशन अपने तक ही रखें..बच्चों को बख़्शिए!
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