साउथ सिनेमा की सुनामी के बीच बॉलीवुड के सितारे इनदिनों गर्दिश में चल रहे हैं. 'द कश्मीर फाइल्स' और 'भूल भुलैया 2' जैसी कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रही हैं. इनमें कंगना रनौत की 'धाकड़' जैसी फिल्म भी शामिल है, जो डिजास्टर साबित हुई है. 80 करोड़ रुपए के बजट में बनी ये फिल्म 5 करोड़ रुपए भी नहीं कमा पाई है. यहां तक कि कोई भी ओटीटी प्लेटफॉर्म इसे खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहा है. ऐसे निराशा और हताशा भरे माहौल के बीच आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' का ट्रेलर आईपीएल के फाइनल मैच में लॉन्च किया गया है. फिल्म दो महीने बाद रिलीज होनी है, लेकिन अभी से इसका बायकॉट शुरू हो गया है. सड़क से सोशल मीडिया तक लोग फिल्म के साथ आमिर खान को भी बायकॉट करने की अपील कर रहे हैं.
बॉलीवुड का विरोध और बायकॉट क्यों किया जा रहा है, इसकी वजह तो सबको पता है, लेकिन आमिर खान से लोग इतने खफा क्यों हैं, ये समझने वाली बात है. दरअसल, आमिर खान के कुछ बयान और गतिविधियां आज उनके खिलाफ जा रही है. सबको याद होगा कि साल 2015 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनी तो पूरे देश में 'असहिष्णुता' की एक लहर चल पड़ी थी. उस वक्त साहित्यकार और फिल्मकार अपने अवॉर्ड्स सरकार को लौटाने लगे थे. उसी वक्त एक प्रोग्राम में आमिर खान ने कहा था कि एक बार आमिर ने कहा था कि देश में हो रही कुछ घटनाओं की वजह से उनका परिवार डरा हुआ है. उनकी पत्नी किरण राव तो देश छोड़ने की बात सोच रही हैं. आमिर ने कहा था, ''मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?''
Laal Singh Chaddha...
साउथ सिनेमा की सुनामी के बीच बॉलीवुड के सितारे इनदिनों गर्दिश में चल रहे हैं. 'द कश्मीर फाइल्स' और 'भूल भुलैया 2' जैसी कुछ फिल्मों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अपनी लागत तक नहीं निकाल पा रही हैं. इनमें कंगना रनौत की 'धाकड़' जैसी फिल्म भी शामिल है, जो डिजास्टर साबित हुई है. 80 करोड़ रुपए के बजट में बनी ये फिल्म 5 करोड़ रुपए भी नहीं कमा पाई है. यहां तक कि कोई भी ओटीटी प्लेटफॉर्म इसे खरीदने के लिए आगे नहीं आ रहा है. ऐसे निराशा और हताशा भरे माहौल के बीच आमिर खान की फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' का ट्रेलर आईपीएल के फाइनल मैच में लॉन्च किया गया है. फिल्म दो महीने बाद रिलीज होनी है, लेकिन अभी से इसका बायकॉट शुरू हो गया है. सड़क से सोशल मीडिया तक लोग फिल्म के साथ आमिर खान को भी बायकॉट करने की अपील कर रहे हैं.
बॉलीवुड का विरोध और बायकॉट क्यों किया जा रहा है, इसकी वजह तो सबको पता है, लेकिन आमिर खान से लोग इतने खफा क्यों हैं, ये समझने वाली बात है. दरअसल, आमिर खान के कुछ बयान और गतिविधियां आज उनके खिलाफ जा रही है. सबको याद होगा कि साल 2015 में जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनी तो पूरे देश में 'असहिष्णुता' की एक लहर चल पड़ी थी. उस वक्त साहित्यकार और फिल्मकार अपने अवॉर्ड्स सरकार को लौटाने लगे थे. उसी वक्त एक प्रोग्राम में आमिर खान ने कहा था कि एक बार आमिर ने कहा था कि देश में हो रही कुछ घटनाओं की वजह से उनका परिवार डरा हुआ है. उनकी पत्नी किरण राव तो देश छोड़ने की बात सोच रही हैं. आमिर ने कहा था, ''मैं जब घर पर किरण के साथ बात करता हूं, वह कहती हैं कि क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?''
Laal Singh Chaddha फिल्म का ट्रेलर देखिए...
आमिर खान के इस बयान से एक साल पहले 2004 में उनकी फिल्म 'पीके' रिलीज हुई थी. इसमें धार्मिक अंधविश्वास को लेकर कई जगह कटाक्ष किया गया है. हिंदू देवी देवताओं का मजाक उड़ाया गया है. कई लोगों ने फिल्म पर 'लव जिहाद' को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया था. उनका कहना था कि पीके जैसी फिल्में सिर्फ हिंदू धर्म की आलोचना करते हुए बनाई जा सकती हैं. उस वक्त भी सोशल मीडिया पर लोगों ने फिल्म पीके के बहिष्कार की बात कही थी. इसी तरह कहा जाता है कि आमिर खान ने अपने टीवी शो 'सत्यमेव जयते' में एक बार कहा था कि शिव की मूर्ति पर 20 रुपये का दूध चढ़ाने की बजाय किसी बच्चे को खाना खिलाना ज्यादा बेहतर होगा. अब लोगों का कहना है कि 'लाल सिंह चड्ढा' पर 200 से 500 रुपए खर्च करने की जगह किसी गरीब को ये पैसा दे देना चाहिए. फिल्म नहीं देखना चाहिए.
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है, ''आमिर खान ने तुर्की की राष्ट्रपति की वाइफ एमिन एर्दोआन के घर जाकर मुलाकात की थी. जबकि उनको पता है कि तुर्की खुलेआम पाकिस्तान का साथ देता है और कश्मीर में जब धारा 370 हटाया गया, तो इसका विरोध किया था. हिंदुस्तान के दुश्मन मुल्क का दोस्त आमिर का दोस्त कैसे हो गया, आमिर ने देश से धोखेबाजी की है. इसलिए उनकी फिल्म लाल सिंह चड्ढा का बहिष्कार होना चाहिए.'' नितिका सिंह लिखती हैं, ''इस वक्त बॉलीवुड को कोई भाव नहीं दे रहा है. इसलिए लोगों का ध्यान खींचने के लिए आमिर खान को अपनी फिल्म का ट्रेलर आईपीएल के फाइनल मैच में लॉन्च करना पड़ा. ताकि कुछ व्यूज तो मिल जाएं. इसका कोई फायदा नहीं होगा, लोग मदरसाछाप बॉलीवुड को उसकी औकात दिखा देंगे.'' इस तरह सोशल मीडिया पर फिल्म के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग लिख रहे हैं.
सोशल मीडिया पर लोग इस तरह बायकॉट कर रहे हैं...
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