'मेरी मम्मी कहती थी कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है, पेट भले ही भर जाए, मन नहीं भरता है''...फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में आमिर खान का किरदार जब ये डायलॉग बोलता है, तो पूरी जिंदगी का सार कम शब्दों में समझा देता है. एक इंसान की जिंदगी किस तरह संघर्षों से भरी होती है, ये हर कोई जानता है. लेकिन बहुत कम लोग इस जिंदगी को अपने साहस और जज्बे की बदौलत अपने अनुकूल करके जीने की कला जानते हैं. फिल्म के ट्रेलर में जो पहली झलक दिखी है, उसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार भी आमिर अपनी पिछली फिल्मों की तरह जिंदगी की कोई बड़ी सीख देने वाले हैं. आमिर खान प्रोडक्शंस, वायकॉम18 स्टूडियोज और पैरामाउंट पिक्चर्स द्वारा निर्मित इस फिल्म में आमिर खान, करीना कपूर खान, नागा चैतन्य और मोना सिंह अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म का निर्देशन अद्वैत चंदन ने किया है. फिल्म 11 अगस्त, 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी.
फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के 2 मिनट 45 सेकेंड के ट्रेलर में जीवन के कई रंग दिखते हैं. रिश्तों की कई परिभाषा दिखती है. इसमें मां का प्यार है, एक बच्चे का जुनून है, एक मासूम प्रेम कहानी है, दोस्ती का रिश्ता है, तो देशप्रेम का जज्बा भी है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक छोटा बच्चा जिसका पैर खराब हैं. वो बहुत मुश्किल से चल पाता है, लेकिन कभी खुद को कमजोर नहीं समझता. हमेशा उसके पीछे उसकी मां चट्टान की तरह मौजूद रहती है. मां के जज्बे का संचार बच्चे में इस तरह से होता है कि वो एक दिन अपने खराब पैरों पर ही दौड़ने लगता है. ऐसा दौड़ लगाता है कि भारतीय सेना में उसे नौकरी मिल जाती है. वहां उसकी मुलाकात एक दूसरे फौजी से होती है. दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं. लेकिन आतंकवादियों के साथ एक लड़ाई में उसका दोस्त शहीद हो जाता है. अपने दोस्त के साथ देखे सपने को पूरा करने के लिए वो रिटायरमेंट के बाद उसके गांव जाता है.
'मेरी मम्मी कहती थी कि जिंदगी गोलगप्पे जैसी होती है, पेट भले ही भर जाए, मन नहीं भरता है''...फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' में आमिर खान का किरदार जब ये डायलॉग बोलता है, तो पूरी जिंदगी का सार कम शब्दों में समझा देता है. एक इंसान की जिंदगी किस तरह संघर्षों से भरी होती है, ये हर कोई जानता है. लेकिन बहुत कम लोग इस जिंदगी को अपने साहस और जज्बे की बदौलत अपने अनुकूल करके जीने की कला जानते हैं. फिल्म के ट्रेलर में जो पहली झलक दिखी है, उसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार भी आमिर अपनी पिछली फिल्मों की तरह जिंदगी की कोई बड़ी सीख देने वाले हैं. आमिर खान प्रोडक्शंस, वायकॉम18 स्टूडियोज और पैरामाउंट पिक्चर्स द्वारा निर्मित इस फिल्म में आमिर खान, करीना कपूर खान, नागा चैतन्य और मोना सिंह अहम भूमिकाओं में हैं. फिल्म का निर्देशन अद्वैत चंदन ने किया है. फिल्म 11 अगस्त, 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज की जाएगी.
फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' के 2 मिनट 45 सेकेंड के ट्रेलर में जीवन के कई रंग दिखते हैं. रिश्तों की कई परिभाषा दिखती है. इसमें मां का प्यार है, एक बच्चे का जुनून है, एक मासूम प्रेम कहानी है, दोस्ती का रिश्ता है, तो देशप्रेम का जज्बा भी है. ट्रेलर में दिखाया गया है कि एक छोटा बच्चा जिसका पैर खराब हैं. वो बहुत मुश्किल से चल पाता है, लेकिन कभी खुद को कमजोर नहीं समझता. हमेशा उसके पीछे उसकी मां चट्टान की तरह मौजूद रहती है. मां के जज्बे का संचार बच्चे में इस तरह से होता है कि वो एक दिन अपने खराब पैरों पर ही दौड़ने लगता है. ऐसा दौड़ लगाता है कि भारतीय सेना में उसे नौकरी मिल जाती है. वहां उसकी मुलाकात एक दूसरे फौजी से होती है. दोनों अच्छे दोस्त बन जाते हैं. लेकिन आतंकवादियों के साथ एक लड़ाई में उसका दोस्त शहीद हो जाता है. अपने दोस्त के साथ देखे सपने को पूरा करने के लिए वो रिटायरमेंट के बाद उसके गांव जाता है.
Laal Singh Chaddha फिल्म का ट्रेलर देखने के लिए यहां क्लिक कीजिए
फिल्म में मोना सिंह ने लाल सिंह चड्ढा (आमिर खान) की मां का रोल किया है. करीना कपूर प्रेमिका और साउथ के कलाकार नागा चैतन्य फौजी दोस्त के किरदार में है. फिल्म के ट्रेलर में आमिर खान पूरी तरह छाए हुए हैं. उनको देखकर उनकी ही फिल्म 'तारे जमीं पर' और 'पीके' की याद आ जाती है. याद कीजिए कैसे 'तारे जमीं पर' में मानसिक रूप से पीड़ित एक बच्चा सही मार्गदर्शन और समर्थन की वजह से अपने हुनर का बेहतरीन नमूना पेश करता है. 'पीके' में आमिर एक दूसरे ग्रह के निवासी के किरदार में हैं. उस फिल्म में उनकी बॉडी लैंग्वेज और बातचीत जिस तरह से है, वैसे ही कुछ फिल्म लाल सिंह चड्ढा में भी दिखाई देती है. करीना कपूर बिल्कुल वैसी ही लगी हैं जैसे गर्म दिन में ठंडी हवा का एहसास होता है. 'थ्री इडिएट्स' और 'तलाश' फिल्म में आमिर और करीना के बीच जो केमेस्ट्री देखने को मिली थी, कुछ वैसी ही इस फिल्म में भी दिख रही है.
फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' हॉलीवुड फिल्म 'फॉरेस्ट गंप' की रीमेक है, जिसमें टॉम हैंक्स ने मुख्य भूमिका निभाई थी. यह फिल्म साल 1994 में रिलीज हुई थी. इस अमेरिकी कॉमेडी-ड्रामा फिल्म का निर्देशन रॉबर्ट जेमेकिस ने किया था. इसकी पटकथा इरिक रोथ ने लिखी है, जिसकी कहानी 'फॉरेस्ट गंप' उपन्यास पर आधारित है. इस फिल्म का हिंदी अडाप्टेशन अतुल कुलकर्णी ने किया है. अतुल बधाई के पात्र हैं क्योंकि उन्होंने जिस खूबसूरती और सफाई से इस कहानी को भारतीय परिवेश में ढाला है, वो बहुत मुश्किल काम होता है. हॉलीवुड फिल्मों का हिंदी रीमेक बनाने के चक्कर में कई फिल्में इसलिए भी फ्लॉप हुई हैं क्योंकि उसका अडाप्टेशन सही तरीके से नहीं हो पाया है. फिल्म 'लाल सिंह चड्ढा' का ट्रेलर देखकर ये बिल्कुल भी नहीं लगता कि उसकी कहानी किसी हॉलीवुड फिल्म से प्रेरित है. बस एक चीज खटकती रही है, वो ये कि पंजाबी भाषा का इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया गया है. मुझे ये नहीं समझ आता है कि ओरिजनल दिखाने के चक्कर में मेकर्स हिंदी भाषा की फिल्म में दूसरी भाषा के डायलॉग इतने ज्यादा क्यों भर देते हैं.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.