त्याग, तपस्या, संघर्ष और साधना की मिसाल रही मशहूर गायिका लता मंगेशकर की 6 फरवरी को पुण्यतिथि है. पिछले साल इसी समय वो दुनिया को अलविदा कह गई थीं. मौते से पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने 29 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया था. लेकिन कोरोना और निमोनिया एक साथ होने की वजह से उनकी तबियत ठीक नहीं हो पाई. लता दी को स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद और स्वर कोकिला जैसे अनेकों विशेषणों से विभूषित किया गया है. साल 2001 में उनकी संगीत साधना को देखते हुए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था. वो पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी थीं. उनके नाम कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड और फिल्म फेयर अवॉर्ड भी दर्ज हैं.
लता मंगेशर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था. उनके पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया के जाने पहचाने नाम थे. लेकिन 13 साल की उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए हट गया. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. घर में मां के साथ चार भाई-बहन आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर, हृदयनाथ मंगेशकर मौजूद थे. उन सभी के जीवकोपार्जन के लिए उन्होंने काम करना शुरू कर दिया. संगीत और रंगमंच उनको विरासत में मिला था. इसलिए उसमें काम करना उनके लिए सहज था. इसलिए उन्होंने अभिनय और गायन शुरू कर दिया. साल 1942 में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'पहली मंगला गौड़' के लिए उन्होंने अपना पहला गाना गाया था. इसमें उन्होंने अभिनय भी किया था.
लता दीदी ताउम्र अविवाहित रहीं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह उनका परिवार था. परिवार के पालन-पोषण में वो इतनी व्यस्त रहीं कि उनको शादी का कभी ख्याल ही नहीं आया. कई बार रिश्ते आए, लेकिन जिम्मेदारियों ने उनसे जुड़ने नहीं दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद कहा था, ''पिता जी के जाने के बाद घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी. इस वजह से कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी....
त्याग, तपस्या, संघर्ष और साधना की मिसाल रही मशहूर गायिका लता मंगेशकर की 6 फरवरी को पुण्यतिथि है. पिछले साल इसी समय वो दुनिया को अलविदा कह गई थीं. मौते से पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने 29 दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष किया था. लेकिन कोरोना और निमोनिया एक साथ होने की वजह से उनकी तबियत ठीक नहीं हो पाई. लता दी को स्वर साम्राज्ञी, बुलबुले हिंद और स्वर कोकिला जैसे अनेकों विशेषणों से विभूषित किया गया है. साल 2001 में उनकी संगीत साधना को देखते हुए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था. वो पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी थीं. उनके नाम कई नेशनल फिल्म अवॉर्ड और फिल्म फेयर अवॉर्ड भी दर्ज हैं.
लता मंगेशर का जन्म इंदौर में 28 सितंबर 1929 को हुआ था. उनके पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया के जाने पहचाने नाम थे. लेकिन 13 साल की उम्र में ही उनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए हट गया. पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई. घर में मां के साथ चार भाई-बहन आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर, हृदयनाथ मंगेशकर मौजूद थे. उन सभी के जीवकोपार्जन के लिए उन्होंने काम करना शुरू कर दिया. संगीत और रंगमंच उनको विरासत में मिला था. इसलिए उसमें काम करना उनके लिए सहज था. इसलिए उन्होंने अभिनय और गायन शुरू कर दिया. साल 1942 में रिलीज हुई मराठी फिल्म 'पहली मंगला गौड़' के लिए उन्होंने अपना पहला गाना गाया था. इसमें उन्होंने अभिनय भी किया था.
लता दीदी ताउम्र अविवाहित रहीं. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह उनका परिवार था. परिवार के पालन-पोषण में वो इतनी व्यस्त रहीं कि उनको शादी का कभी ख्याल ही नहीं आया. कई बार रिश्ते आए, लेकिन जिम्मेदारियों ने उनसे जुड़ने नहीं दिया. एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद कहा था, ''पिता जी के जाने के बाद घर के सभी सदस्यों की ज़िम्मेदारी मुझ पर आ गई थी. इस वजह से कई बार शादी का ख़्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी. बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी. बहुत ज़्यादा काम मेरे पास रहता था. यदि मैं शादी कर लेती तो मुझे अपनी जिम्मेदारियों को छोड़कर दूसरे के घर जाना पड़ता. इसलिए जब भी रिश्ता आया, मैंने मना कर दिया.'' लताजी की ही देन है कि उनकी बहन आशा भोसले कामयाब गायिका बन पाई हैं.
1000 फिल्मों में 50000 से अधिक गाना गाने वाली लता दीदी ने 80 वर्षों तक सुर साधना की थी. उन्होंने करीब 20 भारतीय भाषाओं में गाने गाए हैं. यह किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है. इसके लिए साल 1974 में उनका नाम गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ था, तब उन्होंने 25 हजार से ज्यादा गाने रिकॉर्ड कर लिए थे. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की इतिहास में एक दौर ऐसा भी था, जब लता मंगेशकर के गानों के बिना फिल्में बनती ही नहीं थी. उनकी आवाज फिल्म की सफलता की गारंटी हुआ करती थी. कई मशहूर अभिनेत्रियों को सफल बनाने में उनकी आवाज की बड़ी भूमिका है. इनमें कामिनी कौशल, दुर्गा खोटे, मधुबाला, आशा पारेख, रेखा, हेमा मालिनी, श्रीदेवी, जया प्रदा, माधुरी दीक्षित, काजोल जैसी अभिनेत्रियों का नाम शामिल है.
आइए उनके 10 सदाबहार गानों के बारे में जानते हैं, जो महासागर में पानी की बूंद सरीखे हैं.
1. प्यार किया तो डरना क्या
इंसान किसी से दुनिया में इक बार मुहब्बत करता है
इस दर्द को लेकर जीता है, इस दर्द को लेकर मरता है
प्यार किया तो डरना क्या, जब प्यार किया तो डरना क्या
प्यार किया कोई चोरी नहीं की, छुप छुप आहें भरना क्या
फिल्म- मुगले आज़म
संगीतकार- नौशाद अली
गीतकार- शकील बदायुनी
गायिका- लता मंगेशकर
2. ऐ मेरे वतन के लोगों
ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का, लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर, वीरों ने है प्राण गंवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो, जो लौट के घर नहीं आए
संगीतकार- सी. रामचंद्र
गीतकार- प्रदीप
गायिका- लता मंगेशकर
3. ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चलें
और बदी से टलें
ताकि हंसते हुए निकले दम
फिल्म- दो आंखें बारह हाथ
संगीतकार- वसंत देसाई
गीतकार- भरत व्यास
गायक- लता मंगेशकर और मन्ना डे
4. सोलह बरस की बाली उमर को सलाम
कोशिश कर के देख ले दरिया सारे नदिया सारी
दिल की लगी नहीं बुझती, बुझती है हर चिंगरी
सोलह बरस की बाली उमर को सलाम
प्यार तेरी पहली नज़र को सलाम
फिल्म- एक दुजे के लिए
संगीतकार- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार- नीरज (गोपालदास सक्सेना)
गायक- लता मंगेशकर और अनूप जलोटा
5. एक प्यार का नगमा है
एक प्यार का नग़मा है, मौजों की रवानी है
ज़िंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है
कुछ पाकर खोना है, कुछ खोकर पाना है
जीवन का मतलब तो, आना और जाना है
दो पल के जीवन से, एक उम्र चुरानी है
फिल्म- शोर
संगीतकार- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार- संतोष आनंद
गायक- लता मंगेशकर और मुकेश
6. तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
हां तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
जब कभी भी सुनोगे गीत मेरे
संग संग तुम भी गुनगुनाओगे
हां तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे
फिल्म- पगला कहीं का
संगीतकार- शंकर-जयकिशन
गीतकार- हसरत जयपुरी
गायक- लता मंगेशकर और मन्ना डे
7. मेरी आवाज ही पहचान है
नाम गुम जायेगा, चेहरा ये बदल जाएगा
मेरी आवाज़ ही, पहचान है
गर याद रहे
वक़्त के सितम, कम हसीं नहीं
आज हैं यहां, कल कहीं नहीं
वक़्त से परे अगर, मिल गए कहीं
फिल्म- किनारा
संगीतकार- राहुल देव बर्मन
गीतकार- गुलजार
गायक- भूपेंद्र और लता मंगेशकर
8. आज फिर जीने की तमन्ना है
कांटों से खींच के ये आंचल
तोड़ के बंधन बांधे पायल
कोई न रोको दिल की उड़ान को
दिल वो चला ह ह हा हा हा हा
आज फिर जीने की तमन्ना है
आज फिर मरने का इरादा है
फिल्म- गाइड
संगीतकार- सचिन देव बर्मन
गीतकार- शैलेन्द्र
गायक- लता मंगेशकर
9. सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुन्दरम
इश्वर सत्य है
सत्य ही शिव है
शिव ही सुन्दर है
सत्यम शिवम सुन्दरम
फिल्म- सत्यम शिवम सुंदरम
संगीतकार- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार- पं. नरेंद्र शर्मा
गायक- लता मंगेशकर
10. हाय-हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी
अरे हाय हाय ये मजबूरी
ये मौसम और ये दूरी
मुझे पल पल है तड़पाये
तेरी दो टकिया दी नौकरी पे
मेरा लाखों का सावन जाए
हाय हाय ये मजबूरी
फिल्म- रोटी कपड़ा और मकान
संगीतकार- लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल
गीतकार- मलिक वर्मा
गायक- लता मंगेशकर
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