किसी सफल सीरीज का सीक्वल बनाना आसान काम नहीं होता है. सीरीज मेकर्स के ऊपर दर्शकों की अपेक्षाओं का बहुत ज्यादा भार होता है. पहले सीजन के मुकाबले दूसरे सीजन को बेहतर बनाना चुनौतीपूर्ण काम होता है. इस परीक्षा में 'महारानी' वेब सीरीज के क्रिएटर सुभाष कपूर डिक्टेशन मार्क्स के साथ पास हुए हैं. उन्होंने इस वेब सीरीज के दूसरे सीजन के पहले से बहुत ज्यादा बेहतर बनाया है. इतना ही नहीं पिछले सीजन में जो कमियां रह गई थी, उसे दूर करते हुए उन्हें सीरीज की ताकत बना दिया है. अपराध और राजनीति के गठजोड़ पर तो ओटीटी पर तमाम कंटेंट मौजूद हैं. एक से बढ़कर एक सीरीज हैं. लेकिन विशुद्ध राजनीति पर बनी सीरीज बहुत कम है. 'महारानी' इस कमी को भी पूरी करती है.
वेब सीरीज 'महारानी' का दूसरा सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर स्ट्रीम हो रहा है. पहले सीजन को करण शर्मा ने निर्देशित किया था, लेकिन दूसरे सीजन की जिम्मेदारी रवींद्र गौतम को दी गई थी. इसकी कहानी सुभाष कपूर, नंदन सिंह और उमा शंकर सिंह ने लिखी है. हुमा कुरैशी, सोहम शाह, अमित सियाल, दिव्येंदु भट्टाचार्य, कनी कुश्रुति, विनीत कुमार, पंकज झा, कनि कुसृति और अनुजा साठे लीड रोल में हैं. पहले सीजन में जंगलराल के बीच बिहार की सियासी उठापटक को दिखाया गया था, तो वहीं दूसरे सीजन में कहानी को विस्तार दिया गया है. इसमें कई नए किरदारों के साथ कलाकारों की एंट्री हुई है, जो कि कहानी को ज्यादा रोचक और दिलचस्प बनाते हैं. 90 के दशक में देश में उपजे कई राजनीतिक मुद्दे जिन्होंने बिहार की राजनीति को प्रभावित किया था, मसलन आरक्षण और अलग झारखंड राज्य की मांग को सीरीज में प्रमुख स्थान दिया गया है.
Maharani 2 Web series की कहानी
'महारानी 2' की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहले सीजन की खत्म हुई थी. पहले सीजन में अनपढ़ रानी को बेबस और लाचार...
किसी सफल सीरीज का सीक्वल बनाना आसान काम नहीं होता है. सीरीज मेकर्स के ऊपर दर्शकों की अपेक्षाओं का बहुत ज्यादा भार होता है. पहले सीजन के मुकाबले दूसरे सीजन को बेहतर बनाना चुनौतीपूर्ण काम होता है. इस परीक्षा में 'महारानी' वेब सीरीज के क्रिएटर सुभाष कपूर डिक्टेशन मार्क्स के साथ पास हुए हैं. उन्होंने इस वेब सीरीज के दूसरे सीजन के पहले से बहुत ज्यादा बेहतर बनाया है. इतना ही नहीं पिछले सीजन में जो कमियां रह गई थी, उसे दूर करते हुए उन्हें सीरीज की ताकत बना दिया है. अपराध और राजनीति के गठजोड़ पर तो ओटीटी पर तमाम कंटेंट मौजूद हैं. एक से बढ़कर एक सीरीज हैं. लेकिन विशुद्ध राजनीति पर बनी सीरीज बहुत कम है. 'महारानी' इस कमी को भी पूरी करती है.
वेब सीरीज 'महारानी' का दूसरा सीजन ओटीटी प्लेटफॉर्म सोनी लिव पर स्ट्रीम हो रहा है. पहले सीजन को करण शर्मा ने निर्देशित किया था, लेकिन दूसरे सीजन की जिम्मेदारी रवींद्र गौतम को दी गई थी. इसकी कहानी सुभाष कपूर, नंदन सिंह और उमा शंकर सिंह ने लिखी है. हुमा कुरैशी, सोहम शाह, अमित सियाल, दिव्येंदु भट्टाचार्य, कनी कुश्रुति, विनीत कुमार, पंकज झा, कनि कुसृति और अनुजा साठे लीड रोल में हैं. पहले सीजन में जंगलराल के बीच बिहार की सियासी उठापटक को दिखाया गया था, तो वहीं दूसरे सीजन में कहानी को विस्तार दिया गया है. इसमें कई नए किरदारों के साथ कलाकारों की एंट्री हुई है, जो कि कहानी को ज्यादा रोचक और दिलचस्प बनाते हैं. 90 के दशक में देश में उपजे कई राजनीतिक मुद्दे जिन्होंने बिहार की राजनीति को प्रभावित किया था, मसलन आरक्षण और अलग झारखंड राज्य की मांग को सीरीज में प्रमुख स्थान दिया गया है.
Maharani 2 Web series की कहानी
'महारानी 2' की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहले सीजन की खत्म हुई थी. पहले सीजन में अनपढ़ रानी को बेबस और लाचार दिखाया जाता है. उसके सिर ताज तो होता है, लेकिन बागडोर पति भीमा भारती (सोहम शाह) के हाथ में होती है. लेकिन सूबे के सिंहासन पर बैठने के बाद जैसे-जैसे उसकी समझ विकसित होती है, वो अपने हाथों में बागडोर लेने के लिए लालायित हो उठती है. इसके लिए सबसे पहले अपने पति भीमा को दाना घोटाले में आरोपी बनाकर जेल में डालती है, उसके बाद अपने हाथों सत्ता हस्तांरित करने लगती है. इधर जेल में बैठा उसका पति दुश्मन बन जाता है. उसके खिलाफ भाषण देता है. जेल से बेल मिलने के बाद बाहर आते ही उसके खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर देता है. पति-पत्नी की इस लड़ाई में सबसे ज्यादा फायदा नवीन कुमार (अमित सियाल) को होता है. सूबे की सियासत में उनका सियासी स्पेस मिलने लगता है. सीएम बनने के लिए बेकरार नवीन कुमार अपनी पार्टी के लिए एक पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट हायर करते हैं.
उसके द्वारा बनाए गए रणनीति पर काम करने लगते हैं. इसका उनको जबरदस्त राजनीतिक फायदा होता है. इधर, भीमा भारती अपने परिवार को छोड़कर एक दूसरी महिला के साथ रहने लगते हैं. उस महिला को अपनी पार्टी का महासचिव बना देते हैं. ये बाद उनके सबसे करीबी सहयोगी सलाहकार मिश्रा जी (प्रमोद पाठक) को खटक जाती है. वो इसका विरोध करते हैं, जिस पर भीमा उनको डांट देते हैं. इससे नाराज मिश्राजी भीमा का साथ छोड़ देते हैं. रानी भारती की सहयोगी आईएएस अफसर कावेरी श्रीधरन (कनि कुसृति) अपनी नौकरी छोड़कर पूरी तरह राजनीति में उतर जाती है. रानी और कावेरी की जोड़ी अपने दम पर चुनाव लड़ती है. चुनाव में 85 सीटें जीतकर पहले स्थान पर आती है. लेकिन सरकार बनाने के लिए नवीन या भीमा की पार्टी का सहयोग चाहिए होता है. इसी बीच भीमा रानी को सपोर्ट करने का फैसला करते हैं. लेकिन होली पार्टी में उनकी रहस्यमयी मौत हो जाती है. इसकी जांच एसआईटी को सौंपी जाती है. आगे क्या होता है, ये जानने के लिए सीरीज देखनी होगी.
सियासी महाभारत में 'महारानी' की जोरदार दस्तक
बिहार के सियासी महाभारत में 'महारानी' रानी भारती यानी हुमा कुरैशी जोरदार दस्तक देती हैं. हुमा कुरैशी का किरदार कहानी के केंद्र में होता है. उनको केंद्र में रखकर ऐसी कहानी रची गई है, जिसमें कई अहम किरदार हैं, हर किरदार का अपना अलग स्थान है. रानी इस सियासी महाभारत की अर्जुन है. उसको राह दिखाने वाली उसकी सारथी यानी श्रीकृष्ण की भूमिका में उसकी सहयोगी कावेरी श्रीधरन (कनि कुसृति) है. इस महाभारत में दुर्योधन की भूमिका में भीमा भारती (सोहम शाह) हैं, तो कर्ण के किरदार में उनके सहयोगी मिश्रा जी (प्रमोद पाठक). इस सियासी खेल के शकुनी सबसे अनुभवी लेकिन बेहद चालाक नेता गौरी शंकर पांडे (विनीत कुमार) हैं. इनके अलावा गोवर्धन दास के किरदार में अतुल तिवारी, कुंवर सिंह के किरदार में सुशील पांडे, शंकर महतो के किरदार में हरीश खन्ना, परवेज़ आलम के किरदार में इनामुलहक़, ख्याति के किरदार तनु विद्यार्थी और कीर्ति सिंह के किरदार में अनुजा साठे की उपस्थिति जोरदार है.
बिहार की वास्तविक राजनीति से प्रेरित है सीरीज
वेब सीरीज 'महारानी' बिहार की वास्तविक राजनीति से प्रेरित है. हालांकि, सीरीज के मेकर्स ऐसे किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध से इंकार करते रहे हैं. इस सीरीज में रानी भारती का किरदार राबड़ी देवी, तो भीमा भारती का किरदार लालू प्रसाद यादव से प्रेरित हैं. लालू यादव भी चारा घोटाला, जिसे सीरीज में दाना घोटाला नाम दिया गया है, में फंसने के बाद अपनी पत्नी को बिहार का मुख्यमंत्री बना दिए थे. उस वक्त राबड़ी देवी की स्थिति वही थी जो सीरीज में रानी की दिख रही है. इसमें नवीन कुमार का किरदार बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से प्रेरित नजर आता है. जिस तरह से नीतीश ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की कंपनी का हायर किया था, उसी तरह नवीन कुमार भी एक कंपनी को अपनी इमेज सुधारने और चुनावी रणनीति तैयार करने का जिम्मा देते हैं. इसके अलावा सन्यासी का किरदार लालू के साले साधु, परवेज़ आलम का किरदार मो. शहाबुद्दीन, से प्रेरित है.
Maharani 2 Web series की समीक्षा
सुभाष कपूर ने नंदन सिंह और उमाशंकर सिंह की मदद एक ऐसी पटकथा तैयार की है, जो कि 'महारानी' सीजन 2 को न केवल पहले सीजन से बेहतर बनाती है, बल्कि उसे औसत दर्जे की सीरीज में शामिल होने के डर से भी बचाती है. निर्देशक रवींद्र गौतम ने लेखकों की टीम के साथ हर किरदार को करीने से गढ़ा है. नया हो या पुराना कोई भी किरदार ठूंसा हुआ नहीं लगता, बल्कि सीरीज को दिलचस्प बनाने में मदद करता है. जैसे कि सन्यासी का किरदार जिसे अभिनेता सौरभ कुमार ने निभाया है. इस किरदार को दूसरे सीजन में नहीं रखा जाता, तो भी कहानी पर कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता. लेकिन सन्यासी का किरदार एक उत्पेरक का काम करता है, जिसकी उपयोगिता सीरीज के आखिरी में समझ में आती है. रवींद्र गौतम ने सुभाष कपूर के भरोसे को कायम रखते हुए बेतहरीन निर्देशन किया है. तकनीकी टीम का सहयोग सराहनीय है. इसमें रोहित शर्मा का संगीत समां बांध देता है.
कलाकारों के अभिनय प्रदर्शन की जहां तक बात है तो हुमा कुरैशी अपने किरदार में सबसे मजबूत नजर आई हैं. पहले सीजन की तुलना में दूसरे में उन्होंने अपनी अदाकारी को निखारा है. इस बार उनके ऊपर दबाव ज्यादा था. लोगों की अपेक्षाएं बहुत ज्यादा थीं. इस पर हुमा खरी उतरी हैं. उन्होंने अपने दमदार अभिनय प्रदर्शन की बदौलत पूरी सीरीज को शानदार बनाने में अहम भूमिका निभाई है. लेकिन यहां बात गौर करने वाली है कि सीरीज का सारा भार उनके किरदार पर नहीं है. अमूमन ऐसा होता है कि केंद्रीय पात्र के कंधों पर सारा भार डाल दिया जाता है. लेकिन इसमें हर किरदार को सशक्त बनाया गया है. हर किरदार में हर कलाकार ने अपना उम्दा अभिनय प्रदर्शन किया है. भीमा भारती के रोल में सोहम शाह हमेशा की तरह प्रभावशाली लगे हैं. सिमरन, तुम्बाड और तलवार जैसी फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखा चुके सोहम ने भीमा के किरदार को जीवंत कर दिया है. नवीन कुमार के किरदार में अमित सियाल एक खाटी बिहारी नेता की तरह दिखे हैं. दिव्येंदु भट्टाचार्य, कनी कुश्रुति, विनीत कुमार का अभिनय भी सीरीज में सराहनीय है.
Maharani 2 देखनी चाहिए या नहीं?
इसमें कोई दो राय नहीं है कि 'महारानी 2' एक बेहतरीन उम्दा वेब सीरीज है, जिसमें कहानी से लेकर किरदार तक प्रभावित करता है. यदि आपने इस सीरीज का पहला सीजन देखा है, तो दूसरे में बहुत मजा आने वाला है. नहीं देखा है तो पहला सीजन देखकर ही दूसरा देखने की सलाह दी जाती है. 'महारानी 2' इस वीकेंड बिंज वॉच सीरीज है. इसके साथ ही इसके अगले सीजन का बेसब्री से इंतजार है.
iChowk.in रेटिंग: 5 में से 4 स्टार
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.