हिंदुस्तान में स्पोर्ट्स बहुत पसंद किया जाता है. यहां हॉकी, फुटबॉल, रेसलिंग, बॉक्सिंग और एथलेटिक्स के बीच किक्रेट बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. इसके प्रति लोगों की दीवानगी का आलम ये है कि क्रिकेट को खेल नहीं धर्म की तरह माना जाता है. भारत में जिस तरह से क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून देखने को मिलता है, उसी तरह दुनिया के अधिकांश देशों में फुटबॉल के प्रति दीवानगी देखने को मिलती है. दुनिया भर में अनेकों फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं, जिनमें फीफा से लेकर ओलंपिक तक मशहूर है. बॉलीवुड में तमाम खेलों को केंद्र में रखकर कई फिल्मों का निर्माण हुआ है, जिसमें क्रिकेट पर ज्यादा फिल्में बनी हैं. लेकिन फुटबॉल पर बहुत ही कम फिल्में बनी हैं. ऐसे में फुटबॉल के एक कोच की जिंदगी पर आधारित फिल्म मैदान 23 जून को पैन इंडिया रिलीज होने जा रही है. इसका प्रभावशाली टीजर रिलीज किया गया है, जिसमें फुटबॉल के गोल्डन एरा की झलक दिखती है.
फिल्म 'मैदान' के टीजर की शुरुआत 1950 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम के परिचय के साथ होती है. इस टीन ने दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. एक कमेंट्री के जरिए कहा जाता है, ''आपका स्वागत करते हैं, हेलसिंकी ओलंपिक स्टेडियम से. लगातार हो रही बारिश के कारण मैदान पानी की चादर से ढंक चुका है. आपको बता दे कि आज भारत की टीम भिड़ेगी अनुभवी युगोस्लाविया की टीम से. भारत एक युवा देश को जो अपनी आजादी के 5वें साल में दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुआ है. भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, इस मैदान में नंगे पांव खेलना.'' इस कमेंट्री के जरिए भारतीय टीम की हकीकत से रूबरू कराया गया है. इसमें बताया गया है कि उस वक्त की टीम के पास जूते तक नहीं थे. खिलाड़ियों को नंगे पांव खेलना पड़ता था. लेकिन उनके जोश और जुनून की दाद देनी होगी कि अभाव में भी वो जी जान से खेलते थे. अपने देश के मान के लिए जान लगा देते थे.
हिंदुस्तान में स्पोर्ट्स बहुत पसंद किया जाता है. यहां हॉकी, फुटबॉल, रेसलिंग, बॉक्सिंग और एथलेटिक्स के बीच किक्रेट बहुत ज्यादा लोकप्रिय है. इसके प्रति लोगों की दीवानगी का आलम ये है कि क्रिकेट को खेल नहीं धर्म की तरह माना जाता है. भारत में जिस तरह से क्रिकेट के प्रति लोगों का जुनून देखने को मिलता है, उसी तरह दुनिया के अधिकांश देशों में फुटबॉल के प्रति दीवानगी देखने को मिलती है. दुनिया भर में अनेकों फुटबॉल टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं, जिनमें फीफा से लेकर ओलंपिक तक मशहूर है. बॉलीवुड में तमाम खेलों को केंद्र में रखकर कई फिल्मों का निर्माण हुआ है, जिसमें क्रिकेट पर ज्यादा फिल्में बनी हैं. लेकिन फुटबॉल पर बहुत ही कम फिल्में बनी हैं. ऐसे में फुटबॉल के एक कोच की जिंदगी पर आधारित फिल्म मैदान 23 जून को पैन इंडिया रिलीज होने जा रही है. इसका प्रभावशाली टीजर रिलीज किया गया है, जिसमें फुटबॉल के गोल्डन एरा की झलक दिखती है.
फिल्म 'मैदान' के टीजर की शुरुआत 1950 के दशक में भारतीय फुटबॉल टीम के परिचय के साथ होती है. इस टीन ने दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है. एक कमेंट्री के जरिए कहा जाता है, ''आपका स्वागत करते हैं, हेलसिंकी ओलंपिक स्टेडियम से. लगातार हो रही बारिश के कारण मैदान पानी की चादर से ढंक चुका है. आपको बता दे कि आज भारत की टीम भिड़ेगी अनुभवी युगोस्लाविया की टीम से. भारत एक युवा देश को जो अपनी आजादी के 5वें साल में दूसरी बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई हुआ है. भारतीय खिलाड़ियों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा, इस मैदान में नंगे पांव खेलना.'' इस कमेंट्री के जरिए भारतीय टीम की हकीकत से रूबरू कराया गया है. इसमें बताया गया है कि उस वक्त की टीम के पास जूते तक नहीं थे. खिलाड़ियों को नंगे पांव खेलना पड़ता था. लेकिन उनके जोश और जुनून की दाद देनी होगी कि अभाव में भी वो जी जान से खेलते थे. अपने देश के मान के लिए जान लगा देते थे.
फिल्म के ट्रेलर में बताया गया है कि 1952 से 1962 तक का समय, भारतीय फुटबॉल के लिए गोल्डन एरा था. इस दौरान भारतीय फुटबॉल टीम ने कई इंटरनेशनल टूर्नामेंट को जीता था. दो बार ओलंपिक खेला था. वो अलग बात है कि एक बार भी ओलंपिक में गोल्ड मेडल नहीं मिला, लेकिन सेमीफाइनल तक पहुंच कर टीम ने बता दिया कि यदि उनको दूसरी टीमों की तरह सुविधाएं मिली होती, तो निश्चित तौर पर ओलंपिक का गोल्ड भारत को मिला होता. इसके बाद अजय देवगन के किरदार से परिचय कराया जाता है. फिल्म में अजय फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहीम के रोल में हैं. अब्दुल रहीम को 1950 में भारत के नेशनल फुटबॉल टीम का कोच बनाया गया था. उस वक्त फुटबॉल टीम तमाम तरह के अभाव से गुजर रही थी. लेकिन अब्दुल ने अपने संघर्षों की बदौलत पूरी टीम को सुविधाओं से लैस कराया और उन्हें जूते पहनकर फुटबॉल खेलना सिखाया. इस दौरान उनको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा.
Maidaan Movie टीजर देखिए...
'मैदान' फिल्म के ट्रेलर में फुटबॉल कोच सैयद अब्दुल रहीम के संघर्षों की कई झलकियां दिखाई गई है. बताया जाता है कि अब्दुल को कैंसर की बीमारी हो गई थी. इसके बावजूद उन्होंने टीम की कोचिंग नहीं छोड़ी थी. 1962 में जकार्ता एशियन गेम्स खेले जा रहे थे. अब्दुल की बीमारी बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. फाइनल मैच साउथ कोरिया की टीम से होना था. भारतीय टीम को तीन अहम खिलाड़ी बीमार पड़ गए थे. लेकिन अब्दुल ने अपनी टीम की हौसलाफजाई नहीं छोड़ी. वो उनके साथ डटे रहे. तीनों बीमार खिलाड़ी उनके जोश को देखकर मैदान में उतर गए. नतीजा ये रहा कि भारतीय टीम ने मैच जीतते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था. इसके अगले साल ही साल 1963 में अब्दुल रहीम की कैंसर से जूझते हुए मौत हो गई थी. टीजर के आखिरी में अब्दुल का एक डायलॉग है, ''आज मैदान में उतरना 11 लेकिन दिखना 1''. उन्होंने अपनी टीम को ये संदेश दिया था, जो उनकी भावनाएं जाहिर करता है कि एकता में ही शक्ति होती है.
अमित रविंद्रनाथ शर्मा के निर्देशन में बनी फिल्म 'मैदान' का निर्माण बोनी कपूर, अरुणव जॉय सेन गुप्ता और आकाश चावला ने किया है. मुख्य रूप से विज्ञापन फिल्में बनाने के लिए मशहूर अमित शर्मा ने साल 2018 में फिल्म 'बधाई हो' बनाई थी. आयुष्मान खुराना, नीना गुप्ता और गजराज राव स्टारर ये फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. ऐसे में अमित पर इस फिल्म की सफलता के लिए उम्मीदें बहुत ज्यादा हैं. इस फिल्म अजय देवगन के साथ साउथ सिनेमा की एक्ट्रेस प्रियामणि और बॉलीवुड एक्टर गजराज राव भी अहम रोल में हैं. प्रियामणि को मनोज बाजपेयी की वेब सीरीज 'द फैमिली मैन' में देखा जा चुका है. ये फिल्म चूंकि पैन इंडिया हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में रिलीज हो रही है, इसलिए साउथ के एक सितारे का होना जरूरी लगता है. कुल मिलाकर, फिल्म 'मैदान' की पहली झलक प्रभावशाली है. इसकी कहानी चूंकि सच्ची घटना पर आधारित है, ऐसे में इसमें ड्रामा के साथ इमोशन जरूर दिखेगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.