एक फिल्म के हिट होने में जहां स्टोरी, और अभिनेता अहम रोल निभाते हैं वहीं एक और चीज भी है जिसका रोल कलाकारों से भी ज्यादा अहम है. जिसके बिना फिल्म के किरदारों का वजूद अधूरा सा लगे वो मेकअप के अलावा और क्या हो सकता है. किरदार को सच के बेहद करीब दिखाने के लिए मेकअप बहुत जरूरी है.
बालों में सफेदी लगाकर और चेहरे पर ब्रश से झुर्रियां बनाकर 85 साल के बूढ़े का किरदार निभाया जाएगा तो फेक ही लगेगा. लेकिन मेकअप अगर सही हो तो बुढ़ापे के हर लक्षण चेहरे पर दिखाई देंगे. ऋषि कपूर आज 63 साल के हैं लेकिन अपनी आने वाली फिल्म 'कपूर एंड सन्स' के लिए उन्हें 85 साल के बूढ़े व्यक्ति का किरदार निभाना था. अपनी उम्र से 22 साल और बूढ़े ऋषि कुछ ऐसे दिखाई देंगे.
इस मेकअप के लिए ऋषि रोजाना 5 घंटे लगातार बैठते थे |
चेहरे की झुर्रियां, ढीली पड़ चुकी खाल, समय के साथ आने वाले दाग-धब्बे, गड्ढ़ों में धंस चुकी आंखों पर पलकों की सिलवटें, सर पर भी चुके गिने चुने सफेद बाल और डबल चिन. ये सब चेहरे पर दिखाने का हुनर एक काबिल मेकअप आर्टिस्ट के पास ही होता है. और ऐसे ही एक मेकअप आर्टिस्ट हैं ग्रेग कैनम. कैनम के कॅरियर का ये दिलचस्प तथ्य ही है कि उनके उन मेकअप को सबसे ज्यादा ख्याति मिली, जिनमें उन्होंने हीरो को बूढ़ा बनाया है.
एक फिल्म के हिट होने में जहां स्टोरी, और अभिनेता अहम रोल निभाते हैं वहीं एक और चीज भी है जिसका रोल कलाकारों से भी ज्यादा अहम है. जिसके बिना फिल्म के किरदारों का वजूद अधूरा सा लगे वो मेकअप के अलावा और क्या हो सकता है. किरदार को सच के बेहद करीब दिखाने के लिए मेकअप बहुत जरूरी है. बालों में सफेदी लगाकर और चेहरे पर ब्रश से झुर्रियां बनाकर 85 साल के बूढ़े का किरदार निभाया जाएगा तो फेक ही लगेगा. लेकिन मेकअप अगर सही हो तो बुढ़ापे के हर लक्षण चेहरे पर दिखाई देंगे. ऋषि कपूर आज 63 साल के हैं लेकिन अपनी आने वाली फिल्म 'कपूर एंड सन्स' के लिए उन्हें 85 साल के बूढ़े व्यक्ति का किरदार निभाना था. अपनी उम्र से 22 साल और बूढ़े ऋषि कुछ ऐसे दिखाई देंगे.
चेहरे की झुर्रियां, ढीली पड़ चुकी खाल, समय के साथ आने वाले दाग-धब्बे, गड्ढ़ों में धंस चुकी आंखों पर पलकों की सिलवटें, सर पर भी चुके गिने चुने सफेद बाल और डबल चिन. ये सब चेहरे पर दिखाने का हुनर एक काबिल मेकअप आर्टिस्ट के पास ही होता है. और ऐसे ही एक मेकअप आर्टिस्ट हैं ग्रेग कैनम. कैनम के कॅरियर का ये दिलचस्प तथ्य ही है कि उनके उन मेकअप को सबसे ज्यादा ख्याति मिली, जिनमें उन्होंने हीरो को बूढ़ा बनाया है.
सिर्फ ऋषि कपूर ही नहीं ग्रेग अपने फन का जादू शाहरुख खान पर भी चला रहे हैं. शाहरुख खान की आने वाली फिल्म 'फैन' को बहुत खास बताया जा रहा है क्योंकि शाहरुख इसमें अपने लुक के साथ एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं. उनका ये नया लुक भी ग्रेग कैनम का ही दिया हुआ है.
कैनम हॉलीवुड के बेहतरीन मेकअपअप आर्टिस्ट हैं और अपने इस हुनर के लिए वो 9 बार एकैडमी अवार्ड के लिए नॉमिनेट हुए और तीन ऑस्कर अपने नाम कर चुके हैं. उम्रदराज मेकअप करने में उन्हें महारथ हासिल है. विशाल भारद्वाज की फिल्म 'सात खून माफ' में प्रियंका चोपड़ा को बूढ़ी औरत का लुक ग्रेग कैनम ने ही दिया था.
उनके काम का एक और नमूना दिखाई दिया था फिल्म टाइटैनिक(1997) में, जिसे शायद ही कोई भूला होगा. फिल्म में 'रोज' को 101 साल की बूढ़ी महिला दिखाया गया था वो लुक भी ग्रेग ने ही दिया था.
ये भी पढ़ें- द रेवेनैंट से टूटेगा लियोनार्डो का ऑस्कर का श्राप? 2008 में रिलीज हुई 'द क्यूरियस केस ऑफ बिंजामिन बटन' में ब्रैड पिट को उम्र के अलग-अलग पड़ावों में दिखाया गया था, जिसके मेकअप के लिए ग्रेग को ऑस्कर दिया गया.
कमल हसन की फिल्म चाची 420 जिस हॉलीवुड फिल्म की रीमेक थी वो फिल्म थी 1993 में बनी 'मिसेज डाउटफायर'. इस फिल्म में एक पुरुष को औरत का किरदार निभाना था, जिसे रॉबिन विलियम्स ने बखूबी निभाया पर अगर मेकअप जानदार न हुआ होता तो फिल्म इतनी प्रचलित न होती. इस फिल्म के लिए भी ग्रेग को ऑस्कर दिया गया. इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे किया जाता है इस तरह का मेकअप. उम्रदराज मेकअप के साथ-साथ ग्रेग डरावना मेकअप भी उतनी ही काबीलियत के साथ करते हैं. 1992 में आई हॉलीवुड फिल्म 'ड्रैकुला' के भी ऑस्कर जीत चुके हैं ग्रेग. उनकी कुछ जानी मानी फिल्में हैं वेयरवुल्फ(1987), द मैन विदाउट ए फेस(1993) द मास्क(1994), बायसेन्टीनियल मैन(1999), पायरेट्स ऑफ कैरीबियन(2003), बिग मॉमाज हाउस-(2000,2006), नाइट एट द मुयूजियम(2009), अब्राहम लिंकन-वैम्पायर हंटर(2012)आदि जिसमें उन्होंने अपने हुनर का कमाल दिखाया है. ये भी पढ़ें- हॉलीवुड 2016: 15 फिल्में जिनका रहेगा इंतजार
हालांकि इस तरह का मेकअप करने में मेहनत के साथ-साथ कई घंटे लगते हैं, लेकिन फिर भी अभिनेता अपने लुक के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते, लिहाजा घंटो मेकअप कराने के बाद जब अभिनेता किरदार में रहकर डॉयलॉग बोलते हैं तो वास्तव में वो खुद की पहचान ही भूल जाते हैं. एक मेकअप आर्टिस्ट के लिए भला इससे शानदार पुरस्कार और क्या होगा.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है. ये भी पढ़ेंRead more! संबंधित ख़बरें |