टायर 3 के हों या टायर 2 शहरों के जैसा यूथ का मिजाज है वो हमेशा ही फैंटसी के प्रति आकर्षित हुए हैं. बात जब-जब रुपहले पर्दे पर फैंटेसी की आएगी तो GOT का जिक होगा . जी हां GOT यानी Games Of Thrones जिसको लेकर हमेशा ही बज रहता है. जिसके सीजंस का इंतजार दर्शक बेसब्री से करते हैं. सवाल ये है कि क्या GOT सभी युवाओं की पसंद है? क्या इसे सबने देखा है? ये तमाम सवाल तब और भी जरूरी हो जाते हैं जब हमारे सामने पोन्नियिन सेलवन I (PS-1) जैसी फिल्म आती है. लंबे इंतजार के बाद मणिरत्नम के निर्देशन में बनी पोन्नियिन सेलवन I (PS-1) सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है. फिल्म, एक हिस्टॉरिकल फिक्शन है जो, कल्कि कृष्णमूर्ति के तमिल साहित्यिक उपन्यास पर आधारित है और चोल राजवंश के गौरवशाली इतिहास को पर्दे पर दिखाती है. जब फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ था तभी इस बात को मान लिया गया था कि फिल्म उन तमाम लोगों को पसंद आएगी जो इतिहास में रूचि रखते हैं, मगर अब जबकि फिल्म रिलीज हो गयी है तो फिल्म को लेकर जैसी प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विशेषकर ट्विटर पर आ रही हैं उनको देखकर ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि फिल्म भारतीय GOT (Games Of Thrones) है.
जी हां बिलकुल सही सुना आपने. फिल्म का जैसा कंटेंट है जैसा ट्रीटमेंट इस फिल्म को दिया गया है इसे देखते हुए कुछ वैसा ही फील एक दर्शक को आएगा जो अनुभूति उन्हें गेम्स ऑफ थ्रॉन्स देखकर होती है. बात पीएस 1 की करें तो पहले ही जो जानकारी फिल्म को लेकर मुहैया कराई गई थी उसके अनुसार फिल्म को दो पार्ट में बनाया जाएगा. फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन, विक्रम, कार्ति, जायम रवि और तृषा कृष्णन जैसे स्टार्स हैं.
जिक्र यदि फिल्म का करें तो फिल्म शुरू होती...
टायर 3 के हों या टायर 2 शहरों के जैसा यूथ का मिजाज है वो हमेशा ही फैंटसी के प्रति आकर्षित हुए हैं. बात जब-जब रुपहले पर्दे पर फैंटेसी की आएगी तो GOT का जिक होगा . जी हां GOT यानी Games Of Thrones जिसको लेकर हमेशा ही बज रहता है. जिसके सीजंस का इंतजार दर्शक बेसब्री से करते हैं. सवाल ये है कि क्या GOT सभी युवाओं की पसंद है? क्या इसे सबने देखा है? ये तमाम सवाल तब और भी जरूरी हो जाते हैं जब हमारे सामने पोन्नियिन सेलवन I (PS-1) जैसी फिल्म आती है. लंबे इंतजार के बाद मणिरत्नम के निर्देशन में बनी पोन्नियिन सेलवन I (PS-1) सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी है. फिल्म, एक हिस्टॉरिकल फिक्शन है जो, कल्कि कृष्णमूर्ति के तमिल साहित्यिक उपन्यास पर आधारित है और चोल राजवंश के गौरवशाली इतिहास को पर्दे पर दिखाती है. जब फिल्म का ट्रेलर लांच हुआ था तभी इस बात को मान लिया गया था कि फिल्म उन तमाम लोगों को पसंद आएगी जो इतिहास में रूचि रखते हैं, मगर अब जबकि फिल्म रिलीज हो गयी है तो फिल्म को लेकर जैसी प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विशेषकर ट्विटर पर आ रही हैं उनको देखकर ये कहना कहीं से भी गलत नहीं है कि फिल्म भारतीय GOT (Games Of Thrones) है.
जी हां बिलकुल सही सुना आपने. फिल्म का जैसा कंटेंट है जैसा ट्रीटमेंट इस फिल्म को दिया गया है इसे देखते हुए कुछ वैसा ही फील एक दर्शक को आएगा जो अनुभूति उन्हें गेम्स ऑफ थ्रॉन्स देखकर होती है. बात पीएस 1 की करें तो पहले ही जो जानकारी फिल्म को लेकर मुहैया कराई गई थी उसके अनुसार फिल्म को दो पार्ट में बनाया जाएगा. फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन, विक्रम, कार्ति, जायम रवि और तृषा कृष्णन जैसे स्टार्स हैं.
जिक्र यदि फिल्म का करें तो फिल्म शुरू होती है अजय देवगन के उस वॉइस ओवर से, जिसमें उन्होंने एक हजार साल पहले की कहानी को बताते हुए तंजोर के सम्राट सुंदर चोल (प्रकाश राज) के दो पुत्र आदित्य करिकालन (विक्रम) और अरुणमोड़ी वर्मन (जयम रवि) का जिक्र किया है. होने को तो फिल्म बदले की कहानी है लेकिन जैसा फिल्म को ट्रीटमेंट दिया गया है यहां वॉर, लव स्टोरी, रिवेंज जैसे सभी एलिमेंट हैं जो एक फिल्म के रूप में पीएस1 को परफेक्ट एंटरटेनर बनाती है.
ऊपर ही अपने इस बात का जिक्र किया है कि फिल्म GOT का भारतीय वर्जन है तो ये बात हमने यूं ही नहीं की. आइये कुछ और कहने या समझने से पहले ट्विटर का रुख करें और देखें कि आखिर वहां पर कैसे पोन्नियिन सेलवन I की तुलना गेम ऑफ थ्रॉन्स से की जा रही है.
ट्विटर पर यूजर्स का कहना है कि जब वो पीएस 1 में ऐश्वर्या राय को पर्दे पर अपना जलवा बिखेरते हुए देख रहे हैं तो उन्हें GOT की फेवरेट पात्र Cersei Lannister की याद आ रही है.
तमाम यूजर्स ऐसे भी थे जिनका मानना है कि जैसी फिल्म पीएस 1 है फिल्म में ऐसे सींस की भरमार है जो गेम ऑफ थ्रॉन्स के मुकाबले कहीं ज्यादा एंगेजिंग है.
यूजर्स मान रहे हैं कि इस फिल्म में एक नहीं कई फैक्टर्स हैं जो पीएस 1 को गेम ऑफ थ्रॉन्स से आगे ले जाते हैं.
बहरहाल अब जबकि फिल्म रिलीज हो गई है. तो वो लोग जिन्होंने किन्हीं कारणों के चलते गेम्स ऑफ थ्रॉन्स नहीं देखा, वो जाएं और इस फिल्म देखें. उन्हें कुछ वैसा ही फील आएगा. वहीं वो लोग जो GOT के लॉयल दर्शक हैं फिल्म देखें और बताएं कि क्या पीएस 1 की गेम ऑफ थ्रॉन्स से तुलना जायज है या नहीं.
ये भी पढ़ें -
खिलजी तक को नायक बनाने पर आमादा बॉलीवुड भूमिपुत्र 'चोलों' से नफरत क्यों करता है?
PS-1 को हल्के में लेते रहिए, जिसने पहले दिन एडवांस में ही 15 CR कमा लिए- बॉलीवुड देखेगा उसकी ताकत!
PS I की रिलीज में महज एक हफ्ते लेकिन हिंदी पट्टी में माहौल नजर नहीं आ रहा!
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.