दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल प्लेयर्स में शामिल रहे डिएगो माराडोना के निधन के एक साल बाद उनके जीवन पर आधारित बायोपिक वेब सीरीज 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' रिलीज हुई है. इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर 29 अक्टूबर से देखा जा रहा है. इसी दिन माराडोना की 61वीं जयंती मनाई जाती है. माराडोना ने 25 नवंबर 2020 को अपने निधन से पहले इस वेब सीरीज के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. उनकी मौत के लगभग एक साल वेब सीरीज को रिलीज किया जा सका है, जिसमें उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की कहानी को शामिल किया गया है. भारत में फुटबॉल लवर्स के लिए ये वेब सीरीज दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है.
दुनिया के 12-15 देशों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी मुल्कों में क्रिकेट से अधिक लोकप्रियता फुटबॉल की है. इसके खिलाड़ियों में सबसे अधिक मशहूर डिएगो माराडोना रहे हैं. जैसे भारत में सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, वैसे दुनिया भर के फुटबॉल लवर्स उनको इस खेल का गॉड मानते रहे हैं. उनके ऊपर अभी तक अनगिनत किताबें लिखी जा चुकी हैं और न जाने कितनी डॉक्युमेंट्री बन चुकी हैं. इनमें उनके जीवन के हर छोटी से बड़ी घटनाओं को शामिल किया गया है, जिसमें साल 1986 में हुए वर्ल्ड कप से लेकर ड्रग्स और हेल्थ प्रॉबल्म तक को शामिल किया है. लेकिन वेब सीरीज को माराडोना का जीवंत दस्तावेज कहा जा सकता है.
इन चार वजहों से वेब सीरीज 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' फुटबॉल लवर्स को बहुत पसंद आने वाली है...
1. प्रभावशाली कास्टिंग हुई है
किसी भी बायोपिक के लिए सबसे मुश्किल काम होता है, वैसे कलाकार खोजना, जो किरदार के लिहाज से पूरी तरह फिट बैठ सके....
दुनिया के सबसे बेहतरीन फुटबॉल प्लेयर्स में शामिल रहे डिएगो माराडोना के निधन के एक साल बाद उनके जीवन पर आधारित बायोपिक वेब सीरीज 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' रिलीज हुई है. इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर 29 अक्टूबर से देखा जा रहा है. इसी दिन माराडोना की 61वीं जयंती मनाई जाती है. माराडोना ने 25 नवंबर 2020 को अपने निधन से पहले इस वेब सीरीज के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था. उनकी मौत के लगभग एक साल वेब सीरीज को रिलीज किया जा सका है, जिसमें उनके जन्म से लेकर मृत्यु तक की कहानी को शामिल किया गया है. भारत में फुटबॉल लवर्स के लिए ये वेब सीरीज दिवाली गिफ्ट से कम नहीं है.
दुनिया के 12-15 देशों को छोड़ दिया जाए, तो बाकी मुल्कों में क्रिकेट से अधिक लोकप्रियता फुटबॉल की है. इसके खिलाड़ियों में सबसे अधिक मशहूर डिएगो माराडोना रहे हैं. जैसे भारत में सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है, वैसे दुनिया भर के फुटबॉल लवर्स उनको इस खेल का गॉड मानते रहे हैं. उनके ऊपर अभी तक अनगिनत किताबें लिखी जा चुकी हैं और न जाने कितनी डॉक्युमेंट्री बन चुकी हैं. इनमें उनके जीवन के हर छोटी से बड़ी घटनाओं को शामिल किया गया है, जिसमें साल 1986 में हुए वर्ल्ड कप से लेकर ड्रग्स और हेल्थ प्रॉबल्म तक को शामिल किया है. लेकिन वेब सीरीज को माराडोना का जीवंत दस्तावेज कहा जा सकता है.
इन चार वजहों से वेब सीरीज 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' फुटबॉल लवर्स को बहुत पसंद आने वाली है...
1. प्रभावशाली कास्टिंग हुई है
किसी भी बायोपिक के लिए सबसे मुश्किल काम होता है, वैसे कलाकार खोजना, जो किरदार के लिहाज से पूरी तरह फिट बैठ सके. उसमें भी तब दिक्कत ज्यादा आती है, जब किसी मशहूर शख्सियत की बायोपिक बनाने जा रहे हों. बॉलीवुड में पूर्व क्रिकेट कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी की बायोपिक फिल्म में उनका किरदार दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने निभाया था. उनको देखकर किसी को लगा ही नहीं कि वो एमएस धोनी नहीं है. वैसे ही इस वेब सीरीज में भी कलाकारों का चयन बहुत सोच-समझकर किया गया है. वेब सीरीज में डिएगो माराडोना के जीवन के कई पड़ावों को दिखाया गया है. बचपन से लेकर अंतिम समय तक के रोल के लिए अलग-अलग कलाकार कास्ट किए गए हैं. लेकिन सभी ने बहुत ही शानदार अभिनय किया है. उनके फेस से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक, सबकुछ माराडोना की तरह ही लगता है. उनके जीवन के बाद के समय का किरदार कर रहे एक्टर जुआन पालोमिनो ने तो जैसे जान ही डाल दी है. उनको देखकर ऐसे लगता है, जैसे साक्षात माराडोना अभिनय कर रहे हैं.
2. शो वास्तविकता के बहुत करीब है
सच्ची घटनाओं या बायोपिक पर आधारित फिल्मों या वेब सीरीज में अधिकतर ये कभी दावा नहीं किया जाता कि वो वास्तविक है. उसे अपनी घटना से प्रेरित या आधारित बताया जाता है. लेकिन 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' वेब सीरीज ऐसी नहीं है. यह पूरी तरह रोचक, आकर्षक और अच्छी तरह से निर्मित श्रृंखला वेब सीरीज है, जो फुटबॉल के नायक के जीवन की सच्चाई को दिखाती है. इसे माराडोना का जीवंत दस्तावेज भी कहा जा सकता है. इसके पहले एपिसोड में बाल माराडोना को देख सकते हैं. उसकी विला फिओरिटो में कैसे परवरिश होती है, ये उस पर केंद्रित है. इसके बाद के एपिसोड में उनके उल्लेखनीय खेल करियर की बड़ी उपलब्धियों से लेकर उनके जीवन में ड्रग्स और घोटालों की वजह से हुए विवाद तक को देखा जा सकता है. माराडोना के उत्थान से पतन तक की कहानी इस वेब सीरीज में दिखाई गई है.
3. शो उन्मत्त गति बनाए रखता है
दुनियाभर में मशहूर एक लीजेंड फुटबॉल प्लेयर के 60 वर्षों की कहानियों, अनुभवों और घटनाओं को दिखाना इतना आसान नहीं है. इसके लिए व्यापक रिसर्च वर्क की जरूरत है, क्योंकि यहां पर कल्पना का समावेश नहीं किया जा सकता है. ऐसे में वेब सीरीज के निर्देशक एलेजांद्रो एइमेटा बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने इस शो को भटकने नहीं दिया है, न ही दर्शकों को बोर होने दिया है, बल्कि पूरे 5 एपिसोड तक हर किसी को बांधे रखने की क्षमता इस वेब सीरीज में है. यह एक बड़ी बात है. जीवन से भरपूर, यह खेल के दिग्गजों पर रिलीज हुई अभी तक कि अधिकांश बायोपिक्स से पूरी तरह अलग है. फुटबॉल लवर्स को तो ये बहुत ही पसंद आने वाली है.
4. रिसर्च वर्क अच्छी तरह से किया है
किसी भी बायोपिक फिल्म या वेब सीरीज में रिसर्च वर्क सबसे ज्यादा मायने रखता है. फिल्म मेकर्स के पास जितनी अधिक भरोसेमंद जानकारी होगी, फिल्म उतनी ही ज्यादा प्रभावशाली बन पाएगी. खासकर करके मशहूर शख्सियत के जीवन पर बनने वाली फिल्मों में सावधानी बहुत ज्यादा बरतनी होती है. इसकी दो वजहे हैं. पहली ये कि उनके जीवन पर पहले से बहुत ज्यादा सूचना लोगों के पास उपलब्ध रहती हैं, ऐसे में नया दिखाने की चुनौती रहती है. दूसरी ये कि एक लंबे जीवनकाल को महज 2 घंटे में दिखाना सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता है. क्या रखें, क्या छोड़े, ये तय करना मुश्किल होता है. इस लिहाज से इस वेब सीरीज में बहुत बेहतरीन रिसर्च वर्क किया गया है, जो इसकी हर एपिसोड में दिखता है. माराडोना के जीवन के कई रंग थे. एक बेहतरीन फुटबॉलर, आशिकमिजाज, नशेड़ी और भ्रष्ट, उनके जीवन के कई पहलू थे. इन सभी को तथ्यों के साथ वेब सीरीज में बहुत ही शानदार तरीके से पिरोया गया है.
कुल मिलाकार, महान फुटबॉलर डिएगो माराडोना की बायोपिक वेब सीरीज 'मैराडोना: ब्लेस्ड ड्रीम' को एक बार जरूर देखा जा सकता है. खासकर, फुटबॉल लवर्स को ये वेब सीरीज बहुत पसंद आने वाली है. उनके लिए ये दिवाली गिफ्ट की तरह है.
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