Mardaani 2 film review: आप भले ही रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) के बहुत बड़े फैन न हों, लेकिन अगर आपका खून देश में होने वाली बलात्कार की घटनाओं पर खौलता है तो आपको मर्दानी 2 (Mardaani-2) देखनी ही चाहिए. पिछले कोई एक महीने से पूरा देश रेप और फिर हत्या की भयावह घटनाओं से रूबरू हुआ. और उसपर से निर्भया मामले पर फांसी के लिए सुनवाइयों को दौर जारी है. ऐसे समय में जब बलात्कार और बलात्कारियों को लेकर लोगों में आक्रोश हो, तब इसी विषय पर आधारित कोई फिल्म रिलीज हो तो उसे लोगों को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है. कह सकते हैं कि ये फिल्म रिलीज किए जाने के लिए एकदम सही समय था. यूं समझिेए लोहा गर्म था और मर्दानी ने हथौड़ा मार दिया.
फिल्म में खास बात ये भी है कि ये फिल्म महिला प्रधान फिल्म है, इसलिए हीरो नहीं हीरोइन ही प्रमुख है. रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) ने इस पूरी फिल्म को अपने कंधे पर उठाया है. कह सकते हैं कि ये फिल्म सभी महिला प्रधान फिल्मों की मार्दानी है.
Mardaani 2 की कहानी काल्पनिक नहीं हकीकत है
फिल्म बलात्कार की सच्ची घटनाओं पर आधारित है, लेकिन इस फिल्म में इसे राजस्थान के कोटा शहर में केंद्रित बताया गया है. कोटा यानी वो शहर जहां हर साल लाखों बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. घरों से दूर हॉस्टल या पीजी में अकेले रहते हैं. वहां एक छात्रा के साथ बलात्कार और फिर निर्मम हत्या कर दी जाती है. और इस तरह की घटनाओं का सिलसिला बढ़ता रहता है. 'मर्दानी' सीरीज में रानी मुखर्जी महिला पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय के मुख्य किरदार में हैं. इस फिल्म में भी शिवानी की टक्कर एक ऐसे ही खूंखार रेपिस्ट और हत्यारे से दिखाई गई है, जो शिवानी के लिए चुनौती है.
Mardaani 2 film review: आप भले ही रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) के बहुत बड़े फैन न हों, लेकिन अगर आपका खून देश में होने वाली बलात्कार की घटनाओं पर खौलता है तो आपको मर्दानी 2 (Mardaani-2) देखनी ही चाहिए. पिछले कोई एक महीने से पूरा देश रेप और फिर हत्या की भयावह घटनाओं से रूबरू हुआ. और उसपर से निर्भया मामले पर फांसी के लिए सुनवाइयों को दौर जारी है. ऐसे समय में जब बलात्कार और बलात्कारियों को लेकर लोगों में आक्रोश हो, तब इसी विषय पर आधारित कोई फिल्म रिलीज हो तो उसे लोगों को अच्छा रिस्पॉन्स मिलता है. कह सकते हैं कि ये फिल्म रिलीज किए जाने के लिए एकदम सही समय था. यूं समझिेए लोहा गर्म था और मर्दानी ने हथौड़ा मार दिया.
फिल्म में खास बात ये भी है कि ये फिल्म महिला प्रधान फिल्म है, इसलिए हीरो नहीं हीरोइन ही प्रमुख है. रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) ने इस पूरी फिल्म को अपने कंधे पर उठाया है. कह सकते हैं कि ये फिल्म सभी महिला प्रधान फिल्मों की मार्दानी है.
Mardaani 2 की कहानी काल्पनिक नहीं हकीकत है
फिल्म बलात्कार की सच्ची घटनाओं पर आधारित है, लेकिन इस फिल्म में इसे राजस्थान के कोटा शहर में केंद्रित बताया गया है. कोटा यानी वो शहर जहां हर साल लाखों बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं. घरों से दूर हॉस्टल या पीजी में अकेले रहते हैं. वहां एक छात्रा के साथ बलात्कार और फिर निर्मम हत्या कर दी जाती है. और इस तरह की घटनाओं का सिलसिला बढ़ता रहता है. 'मर्दानी' सीरीज में रानी मुखर्जी महिला पुलिस अधिकारी शिवानी शिवाजी रॉय के मुख्य किरदार में हैं. इस फिल्म में भी शिवानी की टक्कर एक ऐसे ही खूंखार रेपिस्ट और हत्यारे से दिखाई गई है, जो शिवानी के लिए चुनौती है.
हो सकता है कि ये आम चोर-पुलिस वाली फिल्मों जैसी लगे, लेकिन रोंगटे खड़े कर देने वाले विजुअल्स और चौंका देने वाला स्क्रीनप्ले फिल्म को एक सशक्त फिल्म की तरह प्रस्तुत करता है. ये झकझोर कर रख देने वाली फिल्म है.
फिल्म का विलेन खास है
मर्दानी 2 का ट्रेलर जब रिलीज किया गया था तो फिल्म के विलेन की एक भी झलक दिखाई नहीं गई थी. उसकी आवाज ही लोगों को डकराने के लिए काफी थी. ये एक सस्पेंस रखा गया था जो फिल्म में खोला गया. असल में फिल्म का विलेन हालिया हालातों वाले क्रिमिनल्स से एकदम मेल खाता है. यानी ये वो क्रिमिनल है जो हम सबके बीच में रहता है और, मासूम भी है और हम उसे पहचान नहीं पाते. फिल्म में साफ-साफ ये संदेश देने की कोशिश की गई है कि खतरे का नाम, पहचान शक्ल या उम्र नहीं होती है. अपराधी मासूम तो दिख सकता है, उसकी उम्र 18 वर्ष से कम भी हो सकती है लेकिन अपराधी अपराधी ही होता है. कम उम्र के इस विलेन का किरदार निभाया है विशाल जेठवा ने. विशाल जेठवा एक टीवी बाल कलाकार हैं जिन्हें आपने सीरियल्स में खूब देखा है. लेकिन विशाल को इस रूप में देखकर आपको निश्चित तौर पर शॉक लगेगा.
Mardaani-2 हिट है
फिल्म के निर्देशक हैं गोपी पूथरन जिन्होंने मर्दानी सीरीज की पहली फिल्म लिखी थी. मर्दानी 2 में गोपी ने डायरेक्शन से लेकर कहानी, स्क्रीनप्ले और डायलॉग सबका काम संभाला है. और कहना गलत नहीं होगा कि वो अपने हर रोल में सफल हैं. कहानी इतनी कसी हुई है कि आप किसी भी जगह बोर नहीं होते, फिल्म आपको बांधकर रखती है. पूथरन ने हर इमोशन्स का इस्तेमाल किया है कि आप सिहर जाते हैं.
थिएटर से फिल्म के लिए अच्छा रिस्पॉन्स आ रहा है. दर्शकों का कहना है कि ये दमदार फिल्म है. Film critics इसकी तारीफ करते नहीं थक रहे और इसे 4 से 4.5 स्टार तक दिए गए हैं.
दर्शकों के विचार जानने हों तो ये देख लें-
हर किसी शख्स को ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए. पैसा वसूल फिल्म है.
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