गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर में माहौल बना हुआ है. बॉलीवुड में फैमिली ऑडियंस के लिए बेहतरीन फ़िल्में बनाने वाले रोनी स्क्रूवाला के बैनर से आ रही मिशन मजनू का पब्लिक क्रेज, माहौल देखकर समझा जा सकता है. सोशल मीडिया पर साफ़ दिख रहा कि मिशन मजनू का ट्रेलर देखने के बाद लोग किस शिद्दत से फिल्म का इंतज़ार कर रहे हैं. असल में मिशन मजनू को आज के दिन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जाना है. 24 घंटे पहले तक फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं ज्यादा नहीं दिख रही थीं, मगर आज स्ट्रीमिंग के दिन दर्शक बेकाबू हुए जा रहे हैं.
मिशन मजनू को 20 जनवरी के दिन 12.30 बजे स्ट्रीमिंग किए जाने की खबरें हैं. विश्लेषण लिखे जाने तक फिल्म का इंतज़ार कर रहे दर्शकों की ढेरों प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. एक दर्शक ने लिखा- मैं मिनट दर मिनट गिन रहा हूं. एक जासूस की बेहतरीन कहानी देखने की इच्छा बेकाबू हुई जा रही है. एक दर्शक ने लिखा- ट्रेलर देखने के बाद से ही मैं मिशन मजनू का इंतज़ार कर रहा था. 12 बजे से नेटफ्लिक्स पर बना हूं. लेकिन फिल्म अभी तक स्ट्रीम शुरू नहीं हुई. लोगों ने कहा था कि 12 बजे से स्ट्रीम हो जाएगी. कब फिल्म आएगी? अब इंतज़ार नहीं किया जा रहा. कई सारे दर्शक रिलीज टाइम को लेकर सवाल करते नजर आ रहे. कुछ ने बताने की कोशिश की कि मिशन मजनू 12.30 की बजाए 1.30 बजे के आसपास से स्ट्रीम होगी.
मिशन मजनू सिनेमाघरों में क्यों नहीं, सवाल हो रहे हैं?
कई दर्शक यह शिकायत करते भी नजर आ रहे हैं कि मिशन मजनू सौ प्रतिशत सिनेमाघरों में देखने लायक फिल्म थी. मास एंटरटेनर को आखिर ओटीटी पर क्यों रिलीज किया जा रहा है. मिशन मजनू की रिलीज से पहले ही कई लोग किसे ओटीटी की एक और बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर बता...
गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर में माहौल बना हुआ है. बॉलीवुड में फैमिली ऑडियंस के लिए बेहतरीन फ़िल्में बनाने वाले रोनी स्क्रूवाला के बैनर से आ रही मिशन मजनू का पब्लिक क्रेज, माहौल देखकर समझा जा सकता है. सोशल मीडिया पर साफ़ दिख रहा कि मिशन मजनू का ट्रेलर देखने के बाद लोग किस शिद्दत से फिल्म का इंतज़ार कर रहे हैं. असल में मिशन मजनू को आज के दिन ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया जाना है. 24 घंटे पहले तक फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चाएं ज्यादा नहीं दिख रही थीं, मगर आज स्ट्रीमिंग के दिन दर्शक बेकाबू हुए जा रहे हैं.
मिशन मजनू को 20 जनवरी के दिन 12.30 बजे स्ट्रीमिंग किए जाने की खबरें हैं. विश्लेषण लिखे जाने तक फिल्म का इंतज़ार कर रहे दर्शकों की ढेरों प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. एक दर्शक ने लिखा- मैं मिनट दर मिनट गिन रहा हूं. एक जासूस की बेहतरीन कहानी देखने की इच्छा बेकाबू हुई जा रही है. एक दर्शक ने लिखा- ट्रेलर देखने के बाद से ही मैं मिशन मजनू का इंतज़ार कर रहा था. 12 बजे से नेटफ्लिक्स पर बना हूं. लेकिन फिल्म अभी तक स्ट्रीम शुरू नहीं हुई. लोगों ने कहा था कि 12 बजे से स्ट्रीम हो जाएगी. कब फिल्म आएगी? अब इंतज़ार नहीं किया जा रहा. कई सारे दर्शक रिलीज टाइम को लेकर सवाल करते नजर आ रहे. कुछ ने बताने की कोशिश की कि मिशन मजनू 12.30 की बजाए 1.30 बजे के आसपास से स्ट्रीम होगी.
मिशन मजनू सिनेमाघरों में क्यों नहीं, सवाल हो रहे हैं?
कई दर्शक यह शिकायत करते भी नजर आ रहे हैं कि मिशन मजनू सौ प्रतिशत सिनेमाघरों में देखने लायक फिल्म थी. मास एंटरटेनर को आखिर ओटीटी पर क्यों रिलीज किया जा रहा है. मिशन मजनू की रिलीज से पहले ही कई लोग किसे ओटीटी की एक और बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर बता रहे हैं. लोगों ने लिखा जिस हिसाब से ट्रेलर बना है अगर फिल्म उसके आसपास रही तो सिद्धार्थ मल्होत्रा के करियर में यह शेरशाह के बाद एक और ब्लॉकबस्टर होगी. कई ने लिखा कि सिद्धार्थ और रश्मिका मंदाना के करियर में मिशन मजनू वही रोल निभाने जा रही है जो रोल आलिया भट्ट के करियर में जासूसी की सच्ची कहानी पर आधारित राजी ने निभाया था.
मिशन मजनू की कहानी रॉ के जाबांज जासूस अमनदीप सिंह उर्फ़ तारिक अली की कहानी है. यह पाकिस्तान के साथ 1971 की जंग से पहले देश के एक जरूरी और बहुत बड़े जासूसी मिशन पर आधारित है. बताया जा रहा कि फिल्म की कहानी पाकिस्तान में भारतीय जासूसों की दिलेर और सच्ची कहानियों से प्रेरित है. अमनदीप देश के लिहाज से जरूरी सूचनाएं निकालने के लिए पाकिस्तान जाता है. वहां तारिक अली के नाम से रहता है. वह दरजी और तमाम तरह के काम करते हुए पाकिस्तानी सेना के बड़े अफसरों के घर में घुस जाता है. ट्रेलर से पता चलता है कि तारिक अली वहां एक मुसलमान की तरह रहता है.
उस जासूस की कहानी जो देश के लिए जिंदगी दांव पर लगा देता है
मस्जिद में नमाज करता है और आंख से दिव्यांग एक पाकिस्तानी लड़की नसरीन को दिल दे बैठता है. वह उससे शादी भी कर लेता है. ट्रेलर से पता चलता है कि मिशन मजनू सिर्फ जासूसी की कहानी भर नहीं है बल्कि इसमें एक भावुक प्रेम कहानी भी है. रॉ का जासूस दिल हार जाता है और असमंजस में फंसा नजर आता है. एक तरफ प्रेम है और दूसरी तरफ देश के प्रति जिम्मेदारी. वह जिस मिशन पर है वह कितना खतरनाक है यह भी बताने की जरूरत नहीं. रॉ अफसर चीजों को कैसे मैनेज करता है और वह देश के किस तरह काम आता है- यही फिल्म में दिखाया गया है.
भारत के जासूसों की ऐसी ढेरों कहानियां हैं जो पाकिस्तान में गए. कहा तो यहां तक जाता है कि पाकिस्तान में देश के तमाम जासूसों ने वहां के नागरिक के रूप में अपना जीवन ही गुजार दिया. तमाम जासूसों ने वहीं शादियां कर लीं और उनके घर परिवार भी वही हैं. कहा तो यह भी जाता है कि तमाम भारतीय जासूस वहां आम लोगों की तरह रहते हैं. उन्हें जब टास्क दिया जाता है- उसे पूरा करते हैं. सलमान खान की एक था टाइगर भी एक सच्ची कहानी थी. डीडे और तमाम बॉलीवुड फिल्मों में भारतीय जासूसों की कहानियां दिखाई गई हैं.
मिशन मजनू का निर्देशन शांतनु बागची ने किया है. फिल्म में परमीत सेठी, शारीब हाशमी, मीर सरवर, कुमुद मिश्रा, अर्जन बाजवा, जाकिर हुसैन, और रजित कपूर ने अहम भूमिकाएं निभाई हैं.
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